Pco2 का ऑक्सीजन के परिवहन पर क्या प्रभाव पड़ता है? - pcho2 ka okseejan ke parivahan par kya prabhaav padata hai?

Solution : `pCO_2` का ऑक्सीजन के परिवहन में निम्न प्रभाव होता है - `CO_2` का आंशिक दाब `O_2` के परिवहन में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। कूपिकाओं (alveoli) में जहाँ उच्च `PO_2`, निम्न `pCO_2`, कम `H^(+)` सान्द्रता और निम्न तापक्रम होता है। उक्त सभी कारक ऑक्सीहीमोग्लोबिन के निर्माण में सहायक होते हैं।
ऑक्सीजन ऑक्सीहीमोग्लोबिन के रूप में ऊतकों (Tissues) में परिवहन होता है, ऊतकों में निम्न `PO_2`, उच्च `pCO_2`, उच्च `H^(+)` सान्द्रता और उच्च तापक्रम की स्थितियाँ ऑक्सीहीमोग्लोबिन से `O_2` के वियोजन के लिए अनुकूल होती है।
इस प्रकार `CO_2` कम आंशिक दाब ऑक्सीजन के परिवहन में सहायता करता है।

Solution : ऐल्विओलर कोशिकाओं में उपस्थित ऑक्सीजन रहित (Deoxygenated) रुधिर के `pCO_(2)` मान 46 mm Hg होता है, जो कि ऐल्विओलर वायु के `pCO_(2)(40 mm Hg)` से अधिक होता है | अतः `pCO_(2)` के मान में इस अंतर के कारण `CO_(2)` ऐल्विओलर कोशिकाओं में विसरित होकर एल्विओलाई (Alveoli) में चली जाती है तथा क्रिया तब तक होती है, जब तक कि रक्त का `pCO_(2)` मान घटकर 40 mm Hg तक नहीं हो जाता है |

Solution : कृपकाओं में जहाँ, `pO_(2)` उच्च तथा `pCO_(2)` न्यून होता है वहा `H^(+)` सांद्रता कम तथा ताप कम होने पर ऑक्सीहीमोग्लोबीन बनता है। ऊतकों में जहाँ `pO_(2)` उच्च होता है वहाँ `H^(+)` सांद्रता अधिक तथा ताप भी अधिक होता है ऑक्सीहीमोग्लोबीन का विघटन होता है तथा `O_(2)` मुक्त हो जाती है। इसका अर्ध है `O_(2)` फेफड़ों की सतह पर हीमोग्लोबिन के साथ मिलती है तथा ऊतकों में अलग हो जाती है। सामान्य है `O_(2)` फेफड़ों की सतह पर हीमोग्लोबिन के साथ मिलती है तथा ऊतकों में अलग हो जाती है। सामान्य परिस्थिति में 5 mol `O_(2)` ऊतकों को प्रति 100 ml ऑक्सीजिजनित रुधिर से मिलती है।

कूपिकाओं में जहाँ pO2 उच्च तथा pCO2 न्यून होता है H+ सांद्रता कम तथा ताप कम होने पर ऑक्सीहीमोग्लोबिन बनता है। ऊतकों में जहाँ pO2 न्यून तथा pCO2 उच्च होता है H+ सांद्रता अधिक तथा ताप अधिक होता है।ऑक्सीहीमोग्लोबिन का विघटन होता है तथा 0, मुक्त हो जाती है। इसका अर्थ है O2 फेफड़े की सतह पर हीमोग्लोबिन के साथ मिलती है तथा ऊतकों में अलग हो जाती है। सामान्य परिस्थिति में 5 मिली O2 ऊतकों को प्रति 100 मिली ऑक्सीजनित रक्त से मिलता है।

pCO का ऑक्सीजन के परिवहन में क्या प्रभाव है?

Video Solution: pCO_(2) का ऑक्सीजन के परिवहन पर क्या प्रभाव होता है? UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW! Solution : कृपकाओं में जहाँ, `pO_(2)` उच्च तथा `pCO_(2)` न्यून होता है वहा `H^(+)` सांद्रता कम तथा ताप कम होने पर ऑक्सीहीमोग्लोबीन बनता है।

pCO2 का ऑक्सीजन में क्या प्रभाव पड़ता है?

विसरण दर 02 (pO2 ) और CO, (pCO2) के आंशिक दाब प्रवणता उनकी घुलनशीलता और विसरण सतह की मोटाई पर निर्भर है। ये कारक हमारे शरीर में कूपिका से ऑक्सीजन का विऑक्सीजनित रक्त में तथा रक्त से ऊतकों में 277 2022-23 Page 10 278 विसरण सुगम + बनाते हैं। ये कारक CO, के अर्थात् ऊतकों से कूपिका में विसरण के लिए भी अनुकूल होते हैं ।

हमारे शरीर में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड के परिवहन के लिए कौन सा तंत्र उत्तरदायी है?

➲ श्वसन तंत्रहमारे शरीर में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड के परिवहन के लिए श्वसन तंत्र उत्तरदाई होता है। श्वसन तंत्र हमारे शरीर का वो तंत्र जो जो हमारे शरीर में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड के परिवहन का कार्य करता है।

श्वसन के दौरान गैसों का विनिमय कहाँ होता है?

सही उत्तर फेफड़े और एल्वियोली है। श्वसन प्रक्रिया में, गैसों का विनिमय फेफड़ों और एल्वियोली में होता है।