धारा 3 और 4 क्या है? - dhaara 3 aur 4 kya hai?

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इसे सुनेंरोकें“भारत से परे किए गए अपराध के लिए जो कोई व्यक्ति किसी भारतीय विधि के अनुसार विचारण का पात्र हो, भारत से परे किए गए किसी कार्य के लिए उससे इस संहिता के उपबन्धों के अनुसार ऐसे निपटा जाएगा, मानो वह कार्य भारत के भीतर किया गया था”।

गांजा रखने पर कौन सी धारा लगती है?

इसे सुनेंरोकेंधारा 42 के तहत जांच अधिकारी को बगैर किसी वारंट या अधिकार पत्र के तलाशी लेने, मादक पदार्थ जब्त करने और गिरफ्तार करने का भी अधिकार है. एनडीपीएस एक्ट के तहत राज्य की पुलिस भी कार्रवाई कर सकती है.

अफीम पकड़ने पर कौन सी धारा लगती है?

इसे सुनेंरोकेंइसलिए अभियुक्त नंदलाल के विरुद्ध आरोप पर विचार किया जा सके। इसलिए अभियुक्त नंदलाल को धारा 8/18, 29,25 एनडीपीएस एक्ट 1985 के आरोप से बरी किया जाता है। एनडीपीएसकोर्टने अफीम तस्करी के एक चर्चित मामले में पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने के कारण एक आरोपी को आरोप मुक्त कर दिया।

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गांजा में कौन सा धारा लगता है?

इसे सुनेंरोकेंअभियोजन द्वारा एनडीपीएस कानून के आज्ञात्मक प्रावधानों का पालन किए जाने के संबंध में संदेह से परे साक्षियों के कथन अदालत में प्रस्तुत किए। जब्त गांजे को एफएसएल से भी प्रमाणिक कराया। अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए आरोपी को एनडीपीएस की धारा 8/20 के तहत दोषी पाया। सजा सुनाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया।

धारा 3 4 5 7 क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइस अधिनियम के अंतर्गत वेश्यावृत्ति के लिए प्रलोभन देना या उकसाने को भी अपराध बनाया गया है जो कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को वेश्यावृत्ति हेतु प्रभावित करता है यह सार्वजनिक स्थानों पर उसको इस हेतु प्रदर्शन करता है उसे 6 माह की अवधि के कारावास या ₹500 तक के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किए जाने का प्रावधान है और दोबारा फिर …

धारा 3 25क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय दंड संहिता की धारा 3 के अनुसार, भारत से परे किए गए अपराध के लिए जो कोई व्यक्ति किसी भारतीय विधि के अनुसार विचारण का पात्र हो, भारत से परे किए गए किसी कार्य के लिए उससे इस संहिता के उपबन्धों के अनुसार ऐसे निपटा जाएगा, मानो वह कार्य भारत के भीतर किया गया था।

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धारा 12 का क्या है?

इसे सुनेंरोकेंधारा 12(2) के प्रावधान में कहा गया कि जब किसी पीड़ित व्यक्ति के पक्ष में कोई अदालत मुआवजे और क्षति की कोई राशि की डिक्री का आदेश देती है तो अधिनियम के अंतर्गत मजिस्ट्रेट द्वारा आदेश के अनुरुप भुगतान की गई या भुगतान की जाने वाली राशि ऐसी डिक्री के अंतर्गत भुगतान की जाने वाली राशि के बदले अलग कर दी जाएगी और शेष राशि, यदि …

धारा 12 क्या है?

इसे सुनेंरोकेंधारा 12 का विवरण भारतीय दंड संहिता की धारा 12 के अनुसार, जनता / सामान्य जन का कोई भी वर्ग या कोई भी समुदाय “जनता / सामान्य जन” शब्द के अन्तर्गत आता है।

आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 3 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे  कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 3 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? इसके पहले हमने आपको भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 1 क्या है, अभी लास्ट वीक ही जानकारी दे दी थी उसी क्रम में अब आगे (IPC) की धारा 3 के बारे में यहाँ जानेंगे |

धारा 3 और 4 क्या है? - dhaara 3 aur 4 kya hai?

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इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 3 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |

आईपीसी धारा 1 क्या है


धारा 3 और 4 क्या है? - dhaara 3 aur 4 kya hai?

IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 3 के अनुसार :-

भारत से परे किए गए किन्तु उसके भीतर विधि के अनुसार विचारणीय अपराधों का दण्ड –

“भारत से परे किए गए अपराध के लिए जो कोई व्यक्ति किसी भारतीय विधि के अनुसार विचारण का पात्र हो, भारत से परे किए गए किसी कार्य के लिए उससे इस संहिता के उपबन्धों के अनुसार ऐसे निपटा जाएगा, मानो वह कार्य भारत के भीतर किया गया था”।

S. 3 – “Punishment of offences committed beyond, but which by law may be tried within India”-

“Any person liable, by any Indian Law, to be tried for an offence committed beyond India shall be dealt with according to the provisions of this Code for any act committed beyond India in the same manner as if such act had been committed within India”.

आईपीसी धारा 2 क्या है

IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 3 का अर्थ

इस धारा का अर्थ है कि यदि भारत के बाहर किए गए अपराध के लिए कोई व्यक्ति अगर किसी भारतीय विधि के अनुसार मुकदमा चलाने योग्य है तो फिर भारत के बाहर किए गए किसी कार्य के लिए उससे इस संहिता अर्थात भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के उपबन्धों के अंतर्गत ऐसे कार्यवाही की जाएगी मानो जैसे वह कार्य भारत के अंदर ही किया गया हो”।

मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 3 के बारे में जानकारी हो गई होगी | इसमें क्या अपराध बनता है कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इस अपराध को कारित करने पर क्या सजा होगी ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  हमें  कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |

धारा 3 में क्या प्रावधान है?

आईपीसी धारा 3: भारत से परे किए गए किन्तु उसके भीतर विधि के अनुसार विचारणीय अपराधों का दण्ड भारत से परे किए गए अपराध के लिए जो कोई व्यक्ति किसी 2भारतीय विधि के अनुसार विचारण का पात्र हो, भारत से परे किए गए किसी कार्य के लिए उससे इस संहिता के उपबन्धों के अनुसार ऐसा बरता जाएगा, मानो वह कार्य 1भारत के भीतर किया गया था।

धारा 4 क्या होता है?

क्या होती है आईपीसी (IPC) की धारा 4 (Section 4) अगर कोई भारतीय नागरिक विदेश में अपराध करता है. या कोई विदेशी नागरिक भारत की सीमा में अपराध करता है. तब आईपीसी की धारा 4 के तहत भारतीय एजेंसियों और न्यायिक संस्थाओं को ऐसे लोगों पर मुकदमा चलाने और इनके अपराधों की जांच करने का अधिकार है.

किसी को गाली देने पर कौन सी धारा लगती है?

क्यों है ये दंडनीय अपराध गाली गलौज करना एक दूसरे को अश्लील गालियां देना भारतीय दंड संहिता की धारा 294 में दंडनीय अपराध है.

धारा 6 में क्या है?

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 6 (Section 6) के मुताबिक, इस धारा में सर्वत्र, अपराध की हर परिभाषा, हर दंड उपबंध और हर ऐसी परिभाषा या दंड उपबंध का हर दृष्टांत, साधारण अपवाद शीर्षक वाले अध्याय में अन्तर्विष्ट अपवादों के अध्यधीन समझा जाएगा, चाहे उन अपवादों को ऐसी परिभाषा, दंड उपबंध या दृष्टांत में दुहराया न ...