र की मात्रा को क्या कहते है? - ra kee maatra ko kya kahate hai?


र की मात्रा को क्या कहते है? - ra kee maatra ko kya kahate hai?

शब्दों में ‘र’ की स्थिति

स ¸ ति¸ रार्त   -  शब्द के आरंभ में ‘र’ का प्रयोग |

ना¸ डना¸ कना - र्­ शब्द के मध्य में ‘र’ का प्रयोग |

मो¸ नह¸ ती -  ­शब्द के अंत में ‘र’ का प्रयोग |

हिन्दी वर्णमाला में ‘र्’ एक अल्पप्राण¸ घोष¸ अंतस्थतथामूर्धन्य ध्वनि है।इस व्यंजन की विशेषता है कि यह मात्रा के रूप में दूसरे व्यंजन से जुड़ता है।

1. स्वर रहित‘र्’

स्वर रहित ‘र्’ को व्याकरण की भाषा में रेफ कहते हैं।जब यह दो वर्णों के बीच में आता है तो यह अपने आगे वाले वर्ण के ऊपर लग जाता है या चला जाता है। जैसे - 

र् म      =  धर्मर् म     = कर्म

यदि आगे वाला वर्ण मात्रायुक्त होता है तो ‘र्’ उस आगे वाले वर्ण की मात्रा में जुड़ता है। जैसे ­- 

प्रा चा र् या      =  प्राचार्याह  र्  षि त     =  हर्षित

2. स्वर सहित 'र'

'र' से पहले यदि स्वर रहित व्यंजन हो तो यह अपने पहले वाले वर्ण के साथ अर्थात् स्वर रहित व्यंजन के साथ जोड़ा जाता है और इसके उस व्यंजन के पैर में लगने के कारण इसे व्याकरण की भाषा में पदेन कहा जाता है। जैसे -

इसका प्रयोग दो प्रकार से किया जाता है।

1. पाई वाले स्वर रहित व्यंजनों के साथ इसका प्रयोग एक तिरछी ( / ) रेखा के रूप में होता है।

पाई से तात्पर्य है खड़ी लाइन  ( ा ) जब ऐसी खड़ी लाइन वाले आधे व्यंजनों के साथ ‘र’ जुड़ता है तो वह ( \ ) इस प्रकार तिरछी रेखा के रूप में जोड़ा जाता है। जैसे ­ -

छोटी पाई वाले स्वर रहित व्यंजन ‘र’ उलटे वी (  ्र )   के आकार में लगाया जाता है। जैसे ­ -

ट् +  = ट्रड् + र = ड्र

महत्त्वपूर्ण बातें ­-

1- ‘द् में तिरछी रेखा के रूप में जुड़ता है।

2- ह् के साथ ‘र’ की स्थिति इस प्रकार होती है।

3- त् तथा श् के साथ ‘र’ की स्थिति इस प्रकार होती है।

  त् +   =  त्र  श् +   =  श्र  ड् +   =  ड्र

र की मात्रा को क्या कहते हैं?

रेफ र की मात्रा | Ref Ki Matra '' में से 'अ' निकालने के बाद 'र्' हो जाता है। इस रूप को व्याकरण की भाषा में रेफ र कहते हैं। इसकी उच्चारण ध्वनि उस अक्षर से पहले होती है जिस पर यह लगा होता है।

र पदेन क्या होता है?

के ऊपर भी रेफ का प्रयोग किया जाता है, जैसे- खर्र-खर्र, टर्र-टर्र आदि। क्र या ट्रे - के इस रूप को "पदेन" कहा जाता है। यह का स्वर सहित रूप है। जिस वर्ण को बोलने में अ आता है, वह का स्वर सहित रूप है, जैसे- क बोलने में अ आता है।

र कितना होता है?

कहीं का प्रयोग स्वर के साथ होता है तो कहीं बिना स्वर के। आइए देखते हैं कि "" के विभिन्न रूप कौन-कौन से हैं। , रा, रि, री, रु, रू, रे, रै, रो, रौ ! के बाकी रूपों को लोग लिखने में गलती नहीं करते हैं लेकिन में उ और ऊ कार की मात्रा में कई बार दुविधा हो जाती है।

र के तीन रूप कौन से हैं?

र के विभिन्न रूप- R ke Vibhinn Roop.
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स्वर सहित रूप.
अनुस्वार वाले शब्दों का वर्ण विच्छेद.
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विदेशी स्वर वाले शब्दों का वर्ण -विच्छेद.
संयुक्त व्यंजन वाले शब्दों का वर्ण -विच्छेद.
रेफ़ और पदेन वाले शब्दों का वर्ण -विच्छेद.