1.मुग़ल सम्राज्य का पतन एवं क्षेत्रीय राज्य Show
2.भारत में यूरोपीय वाणिज्य का प्रारंभ
3.ब्रिटिश साम्राज्य का विस्तार
4.भारत में ब्रिटिश शासन का आर्थिक प्रभाव
5.ब्रिटिश भारत का सीमावर्ती देशों के साथ सम्बन्ध
6.ब्रिटिश भारत में अंग्रेजी शिक्षा पद्धति तथा उसका प्रभाव
7.ब्रिटिश शासनकाल में भारत में प्रशासन
8.देशी रियासतों के प्रति अंग्रेजों की नीति
9.भारत में ब्रिटिश शासन के प्रधान
10.राष्ट्रीय आन्दोलन ब्रिटिश शासन के विरुद्ध प्रारंभिक विद्रोह
धार्मिक एवं सामाजिक सुधार आन्दोलन
राष्ट्रवाद का उदय
स्वतंत्रता संघर्ष की शुरुआत प्रारम्भिक चरण - 1885- 1918
गाँधी युग 1919- 1945
स्वतंत्रता प्राप्ति का अंतिम चरण
कृषक आन्दोलन- 1857- 1947
जनजातीय आन्दोलन
विशिष्ट आन्दोलन से सम्बद्ध व्यक्तित्व
भारत की स्वतन्त्रता से 1964 ई. तक
Videos Related To Subject TopicComing Soon.... सहायक संधि का जनक कौन है?सहायक संधि (Subsidiary alliance) भारतीय उपमहाद्वीप भारत में सहायक संधि का प्रारम्भ डुप्ले प्रथम यूरापिये ने किया था लार्ड वेलेजली (1798-1805) ने भारत में अंग्रेजी राज्य के विस्तार के लिए सहायक संधि का प्रयोग किया। यह प्रकार की संधि है जो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और भारतीय रियासतों के बीच में हुई थी।
सहायक संधि कब व किसके द्वारा तैयार की गई?सहायक संधि मूल रूप से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और भारतीय रियासतों के बीच एक संधि थी, जिसके आधार पर भारतीय राज्यों ने अंग्रेजों के हाथों अपनी संप्रभुता खो दी थी। यह एक बड़ी प्रक्रिया थी जिसके कारण भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का निर्माण हुआ। इसे 1798 से 1805 तक भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड वेलेजली द्वारा बनाया गया था।
सहायक संधि को स्वीकार करने वाला पहला भारतीय शासक कौन था?लार्ड वेलेजली की सहायक संधि को स्वीकार करने वाला प्रथम भारतीय शासक हैदराबाद के निज़ाम था। निज़ाम ने सन् 1798 में लार्ड वेलेजली की सहायक संधि को स्वीकार किया था।
पहली सहायक संधि कौन सी है?पहली सहायक संधि कौन सी हैं? - Quora. प्रथम सहायक संधि 1765 में अवध से की गई जब कंपनी ने निश्चित धन के बदले उसकी सीमाओं की रक्षा करने का वचन दिया और अवध ने एक अंग्रेज रेजिडेंट को लखनऊ में रखना स्वीकअर किया। नोट:यदि वेलेजली की सहायक संधि की बात की जाए तो हैदराबाद होगा।
|