हिंदी न्यूज़ विदेशप्रतिबंध झेल रहे रूस ने मांगी भारत से मदद! निवेश में बढ़ोतरी की अपील Show
प्रतिबंध झेल रहे रूस ने मांगी भारत से मदद! निवेश में बढ़ोतरी की अपीलयूक्रेन से जारी युद्ध के बीच रूस ने भारत से मदद की अपील की है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट बताती है कि रूस ने भारत से अपील की है कि वह प्रतिबंध से प्रभावित मॉस्को के तेल और गैस क्षेत्र में...Aditya Kumarरॉयटर्स,नई दिल्लीSun, 13 Mar 2022 11:56 AM यूक्रेन से जारी युद्ध के बीच रूस ने भारत से मदद की अपील की है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट बताती है कि रूस ने भारत से अपील की है कि वह प्रतिबंध से प्रभावित मॉस्को के तेल और गैस क्षेत्र में अपने निवेश को बढ़ाए। रूस एशिया के तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश भारत में रूसी कंपनियों के बिक्री नेटवर्क का विस्तार करने का इच्छुक है। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद से रूस की इकॉनमी सबसे गहरे संकट का सामना कर रही है क्योंकि पश्चिमी देशों ने यूक्रेन पर आक्रमण करने की वजह से मॉस्को पर गंभीर प्रतिबंध लगाए हैं। कुछ पश्चिमी देशों ने भारत से यूक्रेन में रूसी कार्रवाइयों की निंदा करने को कहा है कि लेकिन भारत अब तक रूस के खिलाफ बोलने से बचता रहा है। रूस चाहता है कि भारत बढ़ाए अपना निवेश रूस के उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा है कि भारत में रूस के तेल और पेट्रोलियम उत्पाद का निर्यात 1 बिलियन डॉलर के करीब पहुंच गए हैं, और इस आंकड़े को बढ़ाने के स्पष्ट अवसर हैं। नोवाक ने भारतीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी से कहा कि हम रूसी तेल और गैस क्षेत्र में भारतीय निवेश को और आकर्षित करने और भारत में रूसी कंपनियों के बिक्री नेटवर्क का विस्तार करने में रुचि रखते हैं। वैश्विक ऊर्जा बाजार होगी बाधित अमेरिका ने इसी सप्ताह रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगा दिया और ब्रिटेन ने कहा है कि वह साल के अंत तक चरणों में प्रतिबंध लगाएगा। चूंकि रूस कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। ऐसे में पश्चिमी देशों के फैसलों से वैश्विक ऊर्जा बाजार और बाधित होने की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि भारत द्वारा संचालित कंपनियां रूसी तेल और गैस क्षेत्रों में हिस्सेदारी रखती हैं, जबकि रोसनेफ्ट (आरओएसएन.एमएम) सहित रूसी संस्थाओं की भारतीय रिफाइनर नायरा एनर्जी में बहुमत की हिस्सेदारी है। कुछ भारतीय कंपनियां रूसी तेल भी खरीदती हैं। Russia Ukraine War Latest Updates: यूक्रेन में रूसी हमले के बीच ये सवाल काफी अहम हो गया है कि भारत किसके पक्ष में है. भारत ने अब तक इस मामले पर अपनी निष्पक्षता बरकरार रखी है. एक तरफ जहां अधिकतर देश रूस के हमले की निंदा कर रहे हैं, भारत ने अभी तक रूसी हमले के खिलाफ कुछ नहीं बोला है. इसी बीच अमेरिका में भी अब ये सवाल खड़े होने लगे हैं कि भारत अमेरिकी पाले में है या रूस के समर्थन में है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से गुरुवार को ये सवाल भी किया गया जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद पैदा हुए संकट पर अमेरिका भारत के साथ बातचीत करेगा. पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन संकट पर व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों ने बाइडन से सवाल किया कि क्या रूसी हमले के खिलाफ भारत अमेरिका के साथ है? जवाब में बाइडन ने कहा, 'हम भारत के साथ यूक्रेन के संकट पर विचार-विमर्श करने जा रहे हैं. इस मसले पर अभी तक पूर्ण रूप से कोई हल नहीं निकला है.' कहा जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति विभाग, विदेश विभाग और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से लेकर विभिन्न स्तरों पर बाइडन प्रशासन यूक्रेन के संकट पर भारत से पूर्ण समर्थन की मांग कर रहा है और कई स्तरों पर भारतीय समकक्षों से बात की जा रही है. इसी बीच अमेरका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर यूक्रेन संकट पर बातचीत की है. ब्लिंकन ने भारतीय विदेश मंत्री से बातचीत में कहा कि रूसी हमले की निंदा करने, यूक्रेन से रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी और युद्धविराम का आह्वान करने के लिए एक मजबूत सामूहिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है. फोन पर हुई बातचीत के बाद एस जयशंकर ने एक ट्वीट भी किया जिसमें उन्होंने बस ये बताया कि यूक्रेन संकट को लेकर अमेरिका के विदेश मंत्री से बातचीत हुई है.
गुरुवार तड़के व्लादिमीर पुतिन ने किया था यूक्रेन पर सैन्य हमले का ऐलान गुरुवार को एक टेलीविजन संबोधन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में रूसी सैन्य अभियान शुरू करने की घोषणा की थी. इसके बाद रूसी सैनिक यूक्रेन में तीन तरफ से घुसने लगे और गोलीबारी की आवाजें आने लगीं. अपने संबोधन में पुतिन ने दूसरे देशों को भी चेतावनी भी दी कि यदि उन्होंने रूसी सैन्य अभियान में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया तो उन्हें तत्काल और करारा जवाब मिलेगा. यूक्रेन पर रूसी हमले से भारत धर्म संकट में यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच भारत धर्म संकट में पड़ गया है कि वो किसका पक्ष ले. हालांकि, भारत पहले भी रूस संबंधी मामलों में निष्पक्ष रहा है लेकिन अब भारत के लिए इस मुद्दे पर तटस्थ बने रहना आसान नहीं रह गया है. रूस के साथ भारत के ऐतिहासिक मित्रता रही है. भारत रूस के साथ सबसे मजबूत रक्षा संबंध रखता है. साथ ही, पिछले डेढ़ दशक में अमेरिका के साथ भी भारत की रणनीतिक साझेदारी अभूतपूर्व रूप से बढ़ी है. इधर, चीन की बढ़ती आक्रमकता को रोकने के लिए भी भारत को अमेरिका के साथ की जरूरत है. अमेरिका इस मामले पर लगातार भारत के पक्ष में बोलता भी रहा है. भारत के रुख पर नाराज अमेरिका भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर सभी पक्षों से तनाव कम करने की अपील की है. भारत कहता रहा है कि कूटनीतिक तरीके से ही इस मसले को हल किया जा सकता है. एक तरफ जहां अधिकतर देश यूक्रेन में रूसी हमले को उसकी संप्रभुता का उल्लंघन मानकर रूस की आलोचना कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ भारत ने सुरक्षा परिषद में न तो रूस की आलोचना की है और न ही यूक्रेन के संप्रभुता की बात की है. भारत के रुख पर अमेरिका ने खुलकर तो कुछ नहीं कहा है लेकिन बताया जा रहा है कि अमेरिकी अधिकरियों ने अपने भारतीय समकक्षों से भारत के रुख को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. एक अमेरिकी अधिकारी से पत्रकारों ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के रुख पर सवाल भी किया जिसे उन्होंने टाल दिया. मोदी की पुतिन से फोन पर बातचीत भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत भी की. इस दौरान उन्होंने भारत-रूस के पुराने संबंधों पर बातचीत की. उन्होंने पुतिन से कहा कि रूस और नेटो समूह के बीच मतभेदों को केवल बातचीत के जरिए ही हल किया जा सकता है. विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि पुतिन से बातचीत में प्रधानमंत्री ने हिंसा को तत्काल समाप्त करने की अपील की और राजनयिक वार्ता के लिए सभी पक्षों से ठोस प्रयास करने का आह्वान किया. यूक्रेन ने मांगी है भारत से मदद भारत में यूक्रेन के राजदूत आइगर पोलिखा ने गुरुवार को कई बार भारत से अपील की कि एक विश्व शक्ति होने के नाते भारत उनका समर्थन करे. उन्होंने पीएम मोदी से हस्तक्षेप की अपील करते हुए कहा कि रूस के साथ भारत के अच्छे संबंध है और भारत सरकार स्थिति को नियंत्रित करने में बड़ी भूमिका निभा सकती है. अमेरिका की तरह यूक्रेन ने भी हालिया स्थिति पर भारत के रुख पर नाराजगी जताई है. आइगर पोलिखा ने कहा, 'भारत कहता है कि वो कीव (यूक्रेन की राजधानी) की स्थिति पर नजर बनाए हुए है. लेकिन हम भारत के रुख से बेहद नाराज हैं. हम इस मामले में भारत से एक मजबूत समर्थन की अपील करते हैं. इस मामले में भारत के प्रधानमंत्री को रूसी राष्ट्रपति और हमारे राष्ट्रपति को संबोधित कर सकते हैं....यही वक्त की सच्चाई है.' ये भी पढ़ें
भारत रूस की मदद करेगा क्या?भारत के रूस के साथ ऐतिहासिक संबंध दोनों ही देशों के चीन के खिलाफ संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं और इसलिए ही ये संबंध बेहद अहम हैं।" भारत के सामने सवाल ये भी है कि यदि चीन के साथ तनाव बढ़ा तो क्या अमेरिका उसकी मदद के लिए आगे आएगा?
रूस की मदद कौन करेगा?रिपोर्ट में ये भी अनुमान लगाया गया था कि चीन इस मामले में रूस की मदद कर सकता है. लेकिन, अमेरिका ने रूस की मदद करने को लेकर चीन को चेतावनी दी है. चीन की तरफ़ से भी इस मामले पर जवाब आया है.
रूस भारत की मदद क्यों कर रहा है?चीन और भारत रूसी तेल ख़रीद रहे हैं और इससे उसे वित्तीय मदद मिल रही है. रूस दोनों देशों को सस्ता तेल दे रहा है. चीन राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए अपनी तेल आपूर्ति का दायरा बढ़ा रहा है जबकि भारत रूसी तेल को रिफाइंड कर बेच रहा है. कहा जा रहा है कि भारत और चीन के कारण रूस को अलग-थलग करने की कोशिश नाकाम हो रही है.
रूस ने भारत के लिए क्या कहा?रूस ने कहा कि दोनों देश "अधिक न्यायपूर्ण" और "बहुकेंद्रीय"" विश्व व्यवस्था कायम करने का समर्थन करते हैं. Russia And India: रूस और भारत एक 'अधिक न्यायपूर्ण' और 'बहुकेंद्रित' विश्व व्यवस्था के गठन के लिए एक साथ खड़े हैं और दोनों पक्षों में सबसे अधिक दबाव वाले मुद्दों पर निकटता दिखाई दी है.
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