रसगुल्ला भारतीय उपमहाद्वीप की एक रसीली मिठाई है जो बहुत ही लोकप्रिय है। यह छेना (एक भारतीय आमिक्षा) और सूजी के आटे के गेंद के आकार के वड़े/गोले से बनाया जाता है, जिसे शक्कर से बने हल्के मीठे रस में पकाया जाता है। यह तब तक किया जाता है जब तक कि रस गोले में प्रवेश न कर जाए। Show विधि[संपादित करें]रसगुल्ला बनाने के लिये मुख्य सामग्री छैना है, जिसे बना-बनाया बाहर से ला सकते हैं अथवा दूध से इसे घर पर बना सकते हैं। यदि छैना घर पर बनाना हैं तो सबसे पहले रसगुल्ले बनाने के लिये छैना बनायें। छैना बनाने के लिये दूध को किसी भारी तले वाले पात्र में निकाल कर घर्म कीजिये। दूध में उबाल आने पर नींबू का रस डालते हुये चमचे से चलाइये। दूध जब पूरा फट जाय, दूध में छैना और पानी अलग दिखाई देने लगे तो तुरन्त आग बन्द कर दीजिये। छैना को कपड़े में छानिये और ऊपर से ठंडा पानी डाल दीजिये जिससे नींबू का स्वाद छैना में न रहे। कपड़े को हाथ से दबा कर अतिरिक्त पानी निकाल दीजिये। रसगुल्ला बनाने के लिये छैना बन गया है। छैना को बड़ी थाली में निकाल लीजिये, एरोरूट/सूजी आदि मिला कर छैना को अच्छी से मथिये. छैना को इतना मथिये कि वह चिकना गुथे हुये आटे जैसा दिखाई देने लगे। इस छैने से थोड़ा थोड़ा छैना निकाल कर पौने इंच से लेकर एक इंच व्यास के छोटे छोटे गोले बना कर प्लेट में रख लीजिये। सारे रसगुल्ले के लिये गोले ऐसे ही बना लीजिये और इन्हें आधे घंटे के लिये किसी गीले कपड़े से ढक कर रख दीजिये। 300 ग्राम शक्कर और 1 लीटर पानी किसी पात्र में डाल कर घर्म कीजिये। जब पानी उबलने लगे तो छैने से बने गोले पानी में डाल दीजिये। पात्र को ढक दीजिये, इन छैना के गोलों को, 20 मिनिट तक मध्यम आँच पर उबलने दीजिये। रसगुल्ले पक कर फूल जायेंगे, आँच बन्द कर दें। रसगुल्ले रस में ही ठण्डे होने दें। चित्र[संपादित करें]
सावधानियां[संपादित करें]
रसगुल्ले का असली नाम क्या है?इसलिए रसगुल्ले का इंग्लिश नाम है सिरप फील्ड रोल. यानी चाशनी से भरा हुआ रोल.
रसगुल्ले को इंग्लिश में क्या बोला जाता है?आपको जानकर हैरानी होगी कि रसगुल्ले को इंग्लिश में सिरप फील्ड रोल (Syrup Filled Roll) कहते हैं. ये बात अलग है कि आज भी गूगल पर रसगुल्ले को (Rasgulla) ही बताया जाता है.
कहाँ का रसगुल्ला प्रसिद्ध है?दरअसल, बिहार का ये छोटा सा कस्बा पड़ोसी राज्यों में भी रसगुल्ले के लिए मशहूर है. यहां के रसगुल्ले की मांग काफी रही है.
रसगुल्ला का जन्म कब हुआ था?पश्चिम बंगाल जो इस मिठाई के लिए बहुत लोकप्रिय है, भी यही दावा करता है कि रसगुल्ला उनका है। उनका दावा रहा कि इसे 1868 में कलकत्ता के एक सज्जन नबीन चंद्र दास द्वारा बनाया गया था और आज भी उनके परिवार की अगली पीढ़ियां उनकी लेगेसी को बढ़ा रही हैं।
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