राष्ट्र के शरीर कहने से आपके मन में किसका चित्र आता है - raashtr ke shareer kahane se aapake man mein kisaka chitr aata hai

Bihar Board Class 6 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 1 Chapter 6 तुम कल्पना करो Text Book Questions and Answers and Summary.

Bihar Board Class 6 Hindi तुम कल्पना करो Text Book Questions and Answers

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से –

प्रश्न 1.
पाठ के आधार पर आप किस प्रकार की कल्पना कीजिएगा?
उत्तर:
पाठ के आधार पर हम अपनी कल्पना करना कि पुरानी नीतियों, रीतियों एवं पुरानी कुरीतियों से दूर होकर हरेक क्षेत्र में नवीनता की कल्पना करेंगे।

राष्ट्र के शरीर कहने से आपके मन में किसका चित्र आता है - raashtr ke shareer kahane se aapake man mein kisaka chitr aata hai

प्रश्न 2.
‘राष्ट्र के शरीर’ कहने से आपके मन में किसका चित्र आता
उत्तर:
‘राष्ट्र के शरीर’ कहने से हमारे मा में भारत माता का चित्र मन में आता है।

प्रश्न 3.
चित्तौड़ के ‘प्रताप’ की कहानी हमें क्या सिखलाती है?
उत्तर:
चित्तौड़ के प्रताप’ की कहानी हमें सिखलाती है कि गुलामी हम . कभी स्वीकार नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 4.
इस कविता के माध्यम से हमें क्या-क्या करने की बात कही गई है?
उत्तर:
इस कविता के माध्यम से हमें नवीन कल्पना, राष्ट्रशक्ति के लिए नवीन कामना, दरिद्रता दूर करने के लिए सूर्य-चन्द्रमा से समृद्धि और ऋद्धि-सिद्धि याचना तथा स्वतंत्र योजना बनाने की बात कही गई है।

प्रश्न 5.
नीचे लिखी गई पंक्तियों को पूरा कीजिए –
प्रश्नोत्तरजंजीर टूटती कभी न अश्रु-धार से,
दुख-दर्द दूर भागते नहीं दुलार से।
हटती न दासता पुकार से, गुहार से,
इस गंग-तीर बैठ आज राष्ट्र-शक्ति की।
तुम कामना करो, किशोर कामना करो,
तुम कामना करो।

राष्ट्र के शरीर कहने से आपके मन में किसका चित्र आता है - raashtr ke shareer kahane se aapake man mein kisaka chitr aata hai

पाठ से आगे –

प्रश्न 1.
आकाश को स्वतंत्र क्यों कहा गया है ?
उत्तर:
आकाश पर किसी का प्रभुत्व नहीं है। इसलिए उसे स्वतंत्र कहा गया है।

प्रश्न 2.
कविता को पढ़ने के बाद अपने मन में कौन-सा भाव उत्पन्न होता है?
उत्तर:
कविता को पढ़ने के बाद हमें स्वतंत्र होने तथा स्वतंत्र नवीन कल्पना करने का भाव उत्पन्न होता है।

प्रश्न 3.
इस पाठ के प्रत्येक पद में एक-एक काम करने के लिए कहा गया है। उन्हें खोजिए और प्रत्येक के संबंध में पाँच पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर:
प्रथम पद में नवीन कल्पना करने को कहा गया है। नवीन कल्पना से ही नया समाज, नया राष्ट्र का निर्माण सम्भव है। नवीन कल्पना के माध्यम से हम पुरानी नीतियों, रीतियों और कुरीतियों को दूर कर सकते हैं। जब पुरानी परम्परा रीति-रिवाज आदि दूर होगा तो हममें नई धारणाएँ नई सोच उत्पन्न होगा।

दूसरे पद में किशोर (नवीन) कामना की बात कही गई है। वस्ततः में नई कामना (इच्छाएँ) से ही समाज में या देश में बदलाव सम्भव है। जो किसी के सामने आँसू बहाने या पुचकारने या किसी का गुहार लगाने से सम्भव नहीं है। नई कामना पूरी होने के लिए हमें पूज्य होना होगा। तभी हमारी – इच्छा पूर्ण हो सकता है।

तीसरे पद में याचना करने की बात कही गई है। वस्तुत: पूर्ण से ही पूर्णता की याचना करना चाहिए । सूर्य चन्द्रमा जो पूर्ण है। हमें उससे समृद्धि आदि की याचना करना चाहिए जिससे हमारा समाज या हमारा देश सब प्रकार से समृद्ध होगा। हमारे देश से गरीबी दूर होगी।

चौथे पद में स्वतंत्र योजना बनाने के लिए कहा गया है। स्वतंत्र योजना से हम कोई कार्य को भलीभाँति कर सकते हैं। स्वतंत्र योजना से ही समृद्धिशाली समाज या देश बन सकता है। स्वतंत्र योजना ही सफलता का कारण है। यदि हमारी योजना में किसी का दखलअंदाजी होता है तो योजना के तरफ से मन टूटता नजर आता है।

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प्रश्न 4.
इस कविता को पढ़ने से मेरा मन ………….. से भर गया।
(प्रेम, श्रद्धा, उत्साह, देश-प्रेम) उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थान को भरिए तथा इसके लिए अपना तर्क दीजिए।
उत्तर:
इस कविता को पढ़ने से मेरा मन उत्साह से भर गया।

व्याकरण

प्रश्न 1.
रके भिन्न-भिन्न रूपों का प्रयोग करते हुए पाँच-पाँच शब्द लिखिए।
(क) उम्र …….. …….. …….. ……..
(ख) कर्म …….. …….. …….. ……..
(ग) ट्रक …….. …….. …….. ……..
उत्तर:
(क) उम्र, कब्र, कद्र, नम्र, भद्र ।
(ख) कर्म, दर्द, फर्क, मर्द, दर्द।
(ग) ट्रक, ट्रस्ट, राष्ट्र, ड्राम, ट्राम।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित उपसर्गों से दो-दो शब्द बनाइए।
प्र – प्रहार प्रबल परि …….. ……..
कु – ………. ………. पर …….. ……..
उप – ………. ………. स्व …….. ……..
अ – ………. ……….. प्रति …….. ……..
यहाँ प्र, क, उप, अ, परि, स्व, प्रति इत्यादि शब्दांश शब्द के शुरू में जुड़कर शब्द के अर्थ में विशेषता लाते हैं। इस प्रकार के वाक्यांश उपसर्ग कहलाते हैं।
उत्तर:
प्र- प्रहार, प्रबल।
परि – परिश्रम, परिवार ।
कु – कुकर्म, कुपुत्र । पर – परोपकार, पराधीन।
उप – उपयोग, उपमान । स्व-स्वकर्म, स्वतंत्र ।
अ – अविचल, अचल । प्रति – प्रतिदिन, प्रत्येक।

कुछ करने को –

प्रश्न 1.
आप एक अच्छे विद्यालय की कल्पना कीजिए और बताइए कि विद्यालय में क्या होना चाहिए?
उत्तर:
एक अच्छे विद्यालय में खेल का मैदान, पुष्पवाटिका, खेल का उपकरण, प्रयोगशाला, सभा भवन, शौचालय, पुस्तकालय और वाचनालय होना चाहिए।

प्रश्न 2.
आप अपने समाज की किन-किन प्रथाओं को समाप्त करना चाहते हैं और क्यों?
उत्तर:
हम अपने समाज से छुआ-छूत, श्राद्ध आदि अवसर पर अधिक खर्च इत्यादि प्रथाओं को दूर करना चाहते हैं इसलिए कि छुआ-छुत से समाज बढ़ता है तथा प्रथाओं के हि अधिक खर्च करना हम अनुचित समझते हैं।

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तुम कल्पना करो Summary in Hindi

अर्थ-लेखन

तुम कल्पना ……………………………… तुम कल्पना करो।

अर्थ – अब नवीन कल्पना का समय आ गया है। अब समाज की तमाम . नीतियाँ घिस गई हैं, पुरानी रीतियाँ घिस गई है। कुरीतियाँ अब चुनौतियाँ दे रही हैं। अब अपने देश भारत माता के शरीर सिंगार के लिए नवीन कल्पना करो।

जंजीर टूटती ……………………………… किशोर कामना करो, तुम कामना करो।

अर्थ – आँसू बहाने से गुलामी की जंजीर नहीं टूटती । दुलार करने से दुख-दर्द नहीं भागता । पुकार और गुहार से .दासता नहीं हटती । इसलिए तुम गंगा के किनारे लौटकर आज राष्ट्र-शक्ति की कामना करो। नई कामना करो।

राष्ट्र के शरीर कहने से आपके मन में किसका चित्र आता है - raashtr ke shareer kahane se aapake man mein kisaka chitr aata hai

जो तुम गए, स्वदेश ……………………………… दरिद्र याचना करो, तुम याचना करो। .

अर्थ – यदि तुम कामना करने में चुक गये तो स्वदेश की जवानियाँ चली जायेंगी। चित्तौड़ के महाराणा प्रताप की वीरता की कहानी मिट जायेगा । आजाद भारत का रक्त बहाव रूक जायेगी। अब सूर्य-चन्द्रमा से भारत की समृद्धि तथा ऋद्धि-सिद्धि की याचना तुम करो। तुम गरीब हो, इसलिए याचना करो।

आकाश है स्वतंत्र ……………………………… योजना करो, तुम योजना करो।

अर्थ – आकाश स्वतंत्र है, भारत की मेखला (करधनी) गंगा-यमुना आदि नदियाँ स्वतंत्र हैं। पर्वत के शिखर भी स्वतंत्र रूप में खड़े हैं, ढलकाऊँ बनाकर झरना, पर्वत की चोटियों के सदैव स्वतंत्रतापूर्वक काटती रहती। इसलिए स्वतंत्रतापूर्वक तुम भी आनन्द या शोक, जन्म या मृत्यु के लिए अपनी स्वतंत्र योजना बनाओ।

राष्ट्रीय के शरीर कहने से आपके मन में किसका चित्र आता है?

तीसरे प्रकार के प्रश्न रचना के हैं।

चित्तौड़ की कहानी हमें क्या सिखाती है?

अथवा चित्तौड़ के "प्रताप" की कहानी हमें क्या सिखलाती है ?

आकाश को स्वतंत्र क्यों कहा जाता है?

किसी भी खगोलीय पिण्ड (जैसे धरती) के वाह्य अन्तरिक्ष का वह भाग जो उस पिण्ड के सतह से दिखाई देता है, वही आकाश (sky) है। अनेक कारणों से इसे परिभाषित करना कठिन है।

कविता में किशोर कामना की बात क्यों की गई है?

इस कविता के कवि बालचंद्रन चुल्लिक्काड हैं।