Bihar Board Class 6 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 1 Chapter 6 तुम कल्पना करो Text Book Questions and Answers and Summary. Show Bihar Board Class 6 Hindi तुम कल्पना करो Text Book Questions and Answersप्रश्न-अभ्यास पाठ से – प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. पाठ से आगे – प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. दूसरे पद में किशोर (नवीन) कामना की बात कही गई है। वस्ततः में नई कामना (इच्छाएँ) से ही समाज में या देश में बदलाव सम्भव है। जो किसी के सामने आँसू बहाने या पुचकारने या किसी का गुहार लगाने से सम्भव नहीं है। नई कामना पूरी होने के लिए हमें पूज्य होना होगा। तभी हमारी – इच्छा पूर्ण हो सकता है। तीसरे पद में याचना करने की बात कही गई है। वस्तुत: पूर्ण से ही पूर्णता की याचना करना चाहिए । सूर्य चन्द्रमा जो पूर्ण है। हमें उससे समृद्धि आदि की याचना करना चाहिए जिससे हमारा समाज या हमारा देश सब प्रकार से समृद्ध होगा। हमारे देश से गरीबी दूर होगी। चौथे पद में स्वतंत्र योजना बनाने के लिए कहा गया है। स्वतंत्र योजना से हम कोई कार्य को भलीभाँति कर सकते हैं। स्वतंत्र योजना से ही समृद्धिशाली समाज या देश बन सकता है। स्वतंत्र योजना ही सफलता का कारण है। यदि हमारी योजना में किसी का दखलअंदाजी होता है तो योजना के तरफ से मन टूटता नजर आता है। प्रश्न 4. व्याकरण प्रश्न 1. प्रश्न 2. कुछ करने को – प्रश्न 1. प्रश्न 2. तुम कल्पना करो Summary in Hindiअर्थ-लेखन तुम कल्पना ……………………………… तुम कल्पना करो। अर्थ – अब नवीन कल्पना का समय आ गया है। अब समाज की तमाम . नीतियाँ घिस गई हैं, पुरानी रीतियाँ घिस गई है। कुरीतियाँ अब चुनौतियाँ दे रही हैं। अब अपने देश भारत माता के शरीर सिंगार के लिए नवीन कल्पना करो। जंजीर टूटती ……………………………… किशोर कामना करो, तुम कामना करो। अर्थ – आँसू बहाने से गुलामी की जंजीर नहीं टूटती । दुलार करने से दुख-दर्द नहीं भागता । पुकार और गुहार से .दासता नहीं हटती । इसलिए तुम गंगा के किनारे लौटकर आज राष्ट्र-शक्ति की कामना करो। नई कामना करो। जो तुम गए, स्वदेश ……………………………… दरिद्र याचना करो, तुम याचना करो। . अर्थ – यदि तुम कामना करने में चुक गये तो स्वदेश की जवानियाँ चली जायेंगी। चित्तौड़ के महाराणा प्रताप की वीरता की कहानी मिट जायेगा । आजाद भारत का रक्त बहाव रूक जायेगी। अब सूर्य-चन्द्रमा से भारत की समृद्धि तथा ऋद्धि-सिद्धि की याचना तुम करो। तुम गरीब हो, इसलिए याचना करो। आकाश है स्वतंत्र ……………………………… योजना करो, तुम योजना करो। अर्थ – आकाश स्वतंत्र है, भारत की मेखला (करधनी) गंगा-यमुना आदि नदियाँ स्वतंत्र हैं। पर्वत के शिखर भी स्वतंत्र रूप में खड़े हैं, ढलकाऊँ बनाकर झरना, पर्वत की चोटियों के सदैव स्वतंत्रतापूर्वक काटती रहती। इसलिए स्वतंत्रतापूर्वक तुम भी आनन्द या शोक, जन्म या मृत्यु के लिए अपनी स्वतंत्र योजना बनाओ। राष्ट्रीय के शरीर कहने से आपके मन में किसका चित्र आता है?तीसरे प्रकार के प्रश्न रचना के हैं।
चित्तौड़ की कहानी हमें क्या सिखाती है?अथवा चित्तौड़ के "प्रताप" की कहानी हमें क्या सिखलाती है ?
आकाश को स्वतंत्र क्यों कहा जाता है?किसी भी खगोलीय पिण्ड (जैसे धरती) के वाह्य अन्तरिक्ष का वह भाग जो उस पिण्ड के सतह से दिखाई देता है, वही आकाश (sky) है। अनेक कारणों से इसे परिभाषित करना कठिन है।
कविता में किशोर कामना की बात क्यों की गई है?इस कविता के कवि बालचंद्रन चुल्लिक्काड हैं।
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