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अध्याय-राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ

ट्रिस्ट विद डेस्टिनी

भाग्य वधु से चिर प्रतीक्षित भेंट.
14-15 अगस्त की मध्यरात्रि को देश आजाद हुआ.
नेहरु जी ने संविधान सभा को संबोधित करते हुए एक प्रसिद्ध भाषण दिया .
जो भाग्य वधु से चिर प्रतीक्षित भेंट या ट्रिस्ट विद डेस्टिनी के नाम से जाना जाता है .
आजादी के बाद किन दो बातो पर सबकी सहमती थी ?
1) शासन लोकतान्त्रिक सरकार के द्वारा चलाया जायेगा.
2) सरकार सभी के भले के लिए काम करेगी.
1947 का साल कैसा था ?
1) हिंसा और विस्थापन की त्रासदी भरा साल.
2) लाखो लोग मारे गए, बेघर हुए.

राष्ट्र निर्माण की प्रमुख तीन चुनौतियों को लिखो ?

1) एकता के सूत्र में बांधना.
2) लोकतंत्र स्थापित करना.
3) पूरे समाज का भला करना.

दो – राष्ट्र  सिद्धांत क्या है

मुस्लिम लीग द्वारा दिया गया सिद्धांत था .
इसके तहत इंडिया दो कौमो का देश था .
इन्होने मुसलमानों के लिए एक अलग देश की मांग की .
कांग्रेस ने इसका विरोध किया .

विभाजन में आई मुख्य समस्याए ?

1) मुस्लिम पूरे देश में थे पूरे देश को बाँटना आसान नहीं था .
2) ऐसे दो इलाके थे जहा मुस्लिम बहुसंख्यक थे .
3) दोनों इलाको को मिलाकर जोड़ना मुमकिन नहीं था .
4) सभी मुस्लिम पकिस्तान जाने को तैयार नहीं थे .
5) पंजाब और बंगाल में कुछ इलाको में मुस्लिम ज्यादा थे
6) फिर वह जिले के आधार पर बंटवारा किया गया .
7) अल्पसंख्यकों की समस्या .
8) चंद घंटो में देश खाली करने की समस्या .

विभाजन के परिणाम बताओ ?

साम्प्रदायिक हिंसा हुई.
अचानक स्थानांतरण हुआ.
मजबूरन शरणार्थी शिविर में रहना पड़ा.
महिलाओ के साथ बलात्कार, हत्या, जबरन शादी की गई.
संपत्ति का बंटवारा.
80 लाख लोगो ने घर छोड़ा .

आजादी के जश्न में गांधी जी ने हिस्सा नहीं लिया ?

महत्मा गांधी देश में हो रही हिंसा से दुखी थे.
वो उन दिनों कलकत्ता गए .
हिंसा रोकने की अपील की .
फिर गांधी जी दिल्ली आये .
1948 में उपवास रखा .
उनके उपवास से हिंसा और तनाव कम हुआ .
30 जनवरी 1948 को नाथूराम विनायक गोडसे ने .
गांधीजी की हत्या कर दी .

रजवाड़े से क्या अभिप्राय है ?

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रजवाड़ो की समस्या बताओ ?

देश में 565 रियासते थी .
ऐसे में देश के टूट जाने का खतरा था .
क्योकि अंग्रेजो ने घोषणा की थी कि .
ब्रिटिश प्रभुत्व के बाद रजवाड़े भी आजाद हो जायेंगे .
सबसे पहले त्रावनकोर के राजा ने अपने राज्य को आजाद रखने का ऐलान कर दिया था .
अगले दिन हैदराबाद के निजाम ने भी घोषणा कर दी .
देश टूटने का खतरा सामने आ रहा था .

रजवाड़ो के विलय में पटेल जी की भूमिका ?

देश में रजवाडो की समस्या को देखकर ऐसा लगा जैसे देश टूट जायेगा.
ऐसे में वल्लभ भाई पटेल ने अपनी समझदारी दिखाकर.
रजवाडो को भारतीय संघ में शामिल करने के लिए राजी कर लिया.
उनसे इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ एक्सेसन सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवा लिए

नागपुर अधिवेशन के बारे में विस्तार से बताइए ?

नागपुर अधिवेशन 1920 में हुआ.
यहां कांग्रेस ने यह मान लिया था कि राज्यों का पुनर्गठन भाषा के आधार पर होग.
आजादी के बाद स्थिति और माहौल बदलादेश का बंटवारा हो गया.
नेताओं को ऐसा लगा अगर भाषा के आधार पर राज्यों को पुनर्गठन हुआ तो देश में अव्यवस्था फैल जाएगी.
देश के टूटने का खतरा पैदा हो जाएगा.
इसलिए सरकार कुछ फैसला लेने से डर रही थी.

भाषा के आधार पर बना पहला राज्य –आंध्र प्रदेश

पुराने मद्रास में तेलुगु भाषी क्षेत्र में विरोध उठा.
मद्रास में वर्तमान के तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक राज्य शामिल थे.
यह विशाल आन्दोलन आंध्र प्रदेश नाम का एक अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर था.
तेलुगु भाषी क्षेत्र को अलग कर आंध्र प्रदेश जाये.
पोट्टी श्री रामुलु अनिश्चित्काल भूख हड़ताल पर बैठ गए .
56 दिन के बाद उनकी मौत हो गयी .
हिंसक आन्दोलन, घटनाये लोग सड़क पर आ गये, विधायको ने इस्तीफ़ा दे दिया .
अंत में नेहरु जी ने आंध्र प्रदेश की मांग मान ली.
सरकार ने राज्य पुनर्गठन आयोग -1953 बनाया.

राज्य पुनर्गठन आयोग तथा इसकी सिफारिशे 

1) राज्य पुनर्गठन आयोग 1953 में बना था.
2) राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 में पारित हुआ.
3) इसने अपनी सिफारिश में ये मान लिया की राज्यों का पुनर्गठन भाषा के आधार पर कर दिया जाना चाहिए.
किन चार रियासतों के विलय में दिक्कत आयी ?
1) कश्मीर.
2) मणिपुर .
3) हैदराबाद.
4) जूनागढ़.

कश्मीर की रियासत के विलय में क्या दिक्कत आई ?

1) कश्मीर के राजा हरी सिंह इसे स्वतंत्र रखना चाहते थे.
2) पकिस्तान कश्मीर को अपना मानता था और उसे अपने में शामिल करना चाहता था.
3) पकिस्तान ने दबाव भी बनाया और कश्मीर में अपनी सेना भेज दी यह सोचकर की वहां के मुस्लिम जनसँख्या उनका साथ देगी.
4) फिर वह के राजा ने भारत से मदद मांगी और भारत ने मदद की इसी के साथ कश्मीर रियासत को भारत में मिला लिया गया.
5) कश्मीर को विशेष अधिकार भी दे दिए भारत का रुख लचीला था.

हैदराबाद रियासत का भारत में विलय किस प्रकार हुआ ?

1) हैदरबाद के राजा को निजाम कहा जाता था वो दुनिया के सबसे अमीर लोगो में शुमार होता था .
2) वो किसानो और महिलाओ का शोषण करता था.
3) निजाम के खिलाफ लोगो ने आन्दोलन किया और निजाम ने उस आन्दोलन को कुचलने के लिए अपने गुंडे रजाकार भेजे .
4) रजाकार बहुत साम्प्रदायिक थे और गैर मुसलमानों को अपना निशाना बनाने लगे .
5) रजाकारो ने लूटपाट मचाई ,हत्या ,बलात्कार पर उतारू हो गए .
6) फिर भारत ने अपनी सेना भेजी सेना ने उन्हें हरा दिया .
7) इस प्रकार हैदराबाद का विलय हो गया .
(नए राज्यों का निर्माण)
1960 – में - गुजरात और महाराष्ट्र
– में – पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश
2000 – में – छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, झारखण्ड

मणिपुर रियासत का विलय कैसे हुआ ?

1) मणिपुर के राजा बोधचन्द्र सिंह ने भारत के साथ विलय के सहमती पत्र पर हस्ताक्षर किए.
2) इसके बदले में उसकी स्वायत्तता बरकरार रखने का आश्वासन दिया गया.
3) मणिपुर भारत का पहला राज्य है जहा सर्भौमिक वयस्क मताधिकार का प्रयोग जून 1948 किया गया.
4) मणिपुर की कोंग्रेस चाहती थी की मणिपुर का विलय भारत में हो जाये.
5) लेकिन वह की जनता नहीं चाहती थी की मणिपुर का विलय भारत में हो .
6) मणिपुर का विलय भारत में हो गया लेकिन आज भी वह की जनता इस से खुश नहीं थी.

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राष्ट्र निर्माण की प्रमुख चुनौतियां कौन सी है?

🔹 मुख्य तौर पर भारत के सामने तीन तरह की चुनौतियाँ थी । 🔹 भारत अपने आकार और विविधता में किसी महादेश के बराबर था । यहाँ विभिन्न भाषा , संस्कृति और धर्मो के अनुयायी रहते थे , इन सभी को एकजुट करने की चुनौती थी । 🔹 भारत ने संसदीय शासन पर आधारित प्रतिनिधित्व मूलक लोकतंत्र को अपनाया है ।

राष्ट्र निर्माण कितने प्रकार के होते हैं?

सामान्यत: निर्माण के तीन प्रकार हैं:.
भवन निर्माण.
भारी/सिविल निर्माण.
औद्योगिक निर्माण.

राष्ट्र निर्माण के प्रमुख आधार क्या है?

व्यक्ति, समाज व राष्ट्र निर्माण का सबसे मजबूत आधार शिक्षा ही है. समुचित शिक्षा जन-जन तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने का काम शिक्षा व्यवस्था का है. आज हमारी आवश्यकता है एक प्रभावपूर्ण शिक्षा व्यवस्था की. शिक्षा व्यवस्था ही हमें वैसा भविष्य दे सकती है, जैसा हम चाहते हैं.

राष्ट्र निर्माण से आप क्या समझते हैं?

राज्य की शक्ति का उपयोग करते हुए राष्ट्रीय पहचान का निर्माण करना ही राष्ट्रनिर्माण (Nation-building) है।