Show रावण की सोने की लंका का कलात्मक चित्रण लंका एक पौराणिक द्वीप है जिसका उल्लेख रामायण और महाभारत आदि हिन्दू ग्रन्थों में मिलता है[1] है। इसका राजा रावण था। यह 'त्रिकुट' नामक तीन पर्वतों से घिरी थी। रामायण के अनुसार, जब रावण ने हनुमान को दण्ड देने के लिए उनकी पूँछ में कपड़े लपेटकर उसको तेल में भिगोकर आग लगा दी थी तब हनुमान ने पूरी लंका में कूद-कूदकर उसे जला दिया था। जब राम ने रावण का वध किया तब उसके भाई विभीषण को लंका का राजा बनाया। आज का श्री लंका ही पौराणिक लंका माना जाता है। पाण्डवों के समय रावण के वंशज ही लंका पर राज्य कर रहे थे। महाभारत के अनुसार, युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ की पूर्ति के लिए सहदेव अश्व लेकर लंका गये थे। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
रावण की लंका कौन से राज्य में है?लंका एक पौराणिक द्वीप है जिसका उल्लेख रामायण और महाभारत आदि हिन्दू ग्रन्थों में मिलता है है। इसका राजा रावण था। यह 'त्रिकुट' नामक तीन पर्वतों से घिरी थी।
रावण की लंका अभी भी है क्या?रामायण काल में सोने की लंका की भव्यता के चर्चे दूर-दूर तक थे। एक बार रावण वहां से गुजरा तो स्वर्ण नगरी को देखकर मोहित हो गया।
रावण का जन्म कौन से देश में हुआ था?रावण लंका का राजा था। रावण श्री राम के परम शत्रु थे अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था, जिसके कारण उसका नाम दशानन (दश = दस + आनन = मुख) भी था परंतु आदिवासी सभ्यता के अनुसार रावण मतलब राजा।
आज का रावण कौन सा देश है?उत्तर प्रदेश में है एक ऐसी ही जगह
बिसरख यानी कि ऋषि विश्रवा जो कि रावण के पिता थे। उन्हीं के नाम पर इस स्थान का नाम बिसरख पड़ा। बिसरख में ही रावण का जन्म हुआ और उनहें यहां महा ब्राह्मण माना जाता है। मान्यता है कि विश्रवा ने बिसरख में ही स्वयंभू शिवलिंग की खोज की थी।
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