साबुत दाल कौन कौन सी होती है? - saabut daal kaun kaun see hotee hai?

साबुत दाल कौन कौन सी होती है? - saabut daal kaun kaun see hotee hai?

सभी दालों के नाम फोटो के साथ

दाल के फायदे दुनिया में सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं। इस आर्टिकल से आप सभी प्रकार की दालें और इनकी फोटो के साथ जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

रोजाना सबसे मुश्किल सवाल यह होता है कि खाने में क्या बनाएं? और इस सवाल का सबसे आसान जवाब है- दाल। जब समझ नहीं आता है कि खाने में क्या बनाएं तो दाल सबसे आसान, क्विक, सेहतमंद और स्वादिष्ट ऑप्शन होता है। भारत में कई प्रकार की दाल (types of pulses in india) पाई जाती हैं और अधिकतर हिंदुस्तानी घर में दाल हर दूसरे दिन बनाई जाती है। मार्केट में आपको कई तरह की दाल मिल जाएंगी जैसे कि मूंग दाल, मसूर दाल, लाल मसूर दाल, उड़द दाल, काली दाल आदि।

जहां तक पोषण की बात है, प्रोटीन से भरपूर दाल होने के कारण यह बहुत पॉपुलर है। इसके लिए सही दाल सही तरीके से डाइट में शामिल करना जरूरी है। मार्केट में दाल के प्रकार (different types of pulses) कई सारे हैं और इसके लिए आपको हर दाल के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

यहां से दाल के प्रकार (dal kitne prakar ke hote hain), दाल के नाम इनकी फोटो के साथ जानकारी विस्तार रूप से प्राप्त कर सकते हैं। इसकी मदद से आप हर प्रकार की दाल के नाम (types of dal with name) इनकी फोटो के साथ याद कर सकते हैं।

दाल कई प्रकार की होती हैं और इन सभी दालों के नाम (dalon ke naam) इनकी फोटो के साथ जानना जरूरी है। क्योंकि हर दाल में पोषण अलग होता है जैसे कि मूंग दाल आसानी से पच जाती है, चने की दाल प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती है वहीं मसूर की दाल से पेट और आंत स्वस्थ रहती है। आपको किसी प्रकार की दाल डाइट में शामिल करनी चाहिए के लिए सभी दालों के नाम (types of lentils in hindi) जानने जरूरी हैं।

1. मूंग दाल = Moong Dal

भारत में विभिन्न प्रकार की दाल मिलती हैं। आपको बता दें कि एक प्रकार की दाल में भी 3-4 प्रकार की दालें होती हैं जैसे कि मूंग दाल में भी आपको कई प्रकार मिल जाएंगे। इससे जुड़ी विस्तार से जानकारी आप नीचे से प्राप्त कर सकते हैं।

1. मूंग हरी दाल = Green Gram Dal in Hindi

मूंग दाल बनाने में सबसे आसान होने के साथ- साथ पोषण से भरपूर होती है। बीमार होने पर मूंग दाल की खिचड़ी स्वस्थ होने में मदद कर सकती है। 100 ग्राम मूंग दाल में 24 ग्राम प्रोटीन, 13% कैल्शियम, 37% आयरन, 47% मैग्नीशियम, 16 ग्राम फाइबर के साथ बहुत सारे पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। आपको बता दें कि मूंग दाल आसानी से पच जाती है इसलिए जिन लोगों को पेट से जुड़ी परेशानी अकसर रहती है वो लोग मूंग दाल डाइट में आसानी से शामिल कर सकते हैं।

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मूंग दाल

2. मूंग पीली दाल = Moong Yellow Dal

हरी मूंग दाल के साथ- साथ पीली मूंग दाल भी बेहद सेहतमंद होती है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो मूंग दाल डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसके साथ ही मूंग दाल के फायदे दिल स्वस्थ रखने में भी मदद कर सकते हैं। मूंग दाल से कई डिश बनाई जा सकती हैं जैसे कि मूंग दाल तड़का, मूंग दाल चीला, मूंग दाल के पकौड़े, मूंग दाल का हलवा आदि।

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पीली मूंग दाल

3. साबुत मूंग = Green Gram

मूंग और मोठ का नाम अकसर एक साथ लिया जाता है। मोठ दाल के परिवार से ही है जिसे कई फायदो के कारण जाना जाता है। मोठ एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो बीमारियों से बचाव करने में मदद करता है। इसके साथ ही मोठ के फायदे खराब कोलेस्ट्रॉल कम और दिल सेहतमंद बनाए रखने में लाभदायक है। 100 ग्राम मोठ में 24 ग्राम प्रोटीन और 16 ग्राम फाइबर पाया जाता है। इसके अलावा मोठ में विटामिन ए, बी-6, सी, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम भी पाया जाता है। मोठ से कई डिश बना सकते हैं जैसे कि मोठ की दाल, मोठ को अंकुरित कर भी कई डिश बना सकते हैं।

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साबुत हरा मूंग

2. मसूर दाल = Masoor Dal

आपको बता दें कि मसूर दाल भी कई प्रकार में उपलब्ध है जैसे कि सिंपल मसूर दाल, लाल मसूर, साबुत मसूर जिससे जुड़ी जानकारी आप यहां से प्राप्त कर सकते हैं।

1. मसूर छिलका दाल = Masoor Chilka Dal

भारत और कनाडा में सबसे ज्यादा मसूर की दाल प्रोड्यूज की जाती है। 100 ग्राम मसूर की दाल में 9 ग्राम प्रोटीन और 8 ग्राम फाइबर पाया जाता है। दाल मखनी बनाने की सामग्री में मसूर की दाल भी शामिल है। लाजवाब तड़के के साथ मसूर दाल खाने में स्वादिष्ट लगती है।

2. लाल मसूर दाल = Red Lentil

लाल दाल को सूप में इस्तेमाल करने के लिए खासतौर पर जाना जाता है। लालदाल पकने के बाद डिश स्मूद बनती है। बच्चों के लिए लाल दाल के फायदे कई सारे हैं। लाल मसूर दाल प्रोटीन, आयरन, फाइबर आदि से भरपूर है जो बच्चों को सेहतमंद तरीके से बढ़ने में मदद करती है। बढ़ते बच्चों की डाइट में लाल दाल जरूर शामिल करने की कोशिश करनी चाहिए।

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लाल मसूर धुली हुई

3. मसूर की साबुत दाल = Whole Red Lentil

बाकी सभी दाल के मुकाबले के साबुत लाल दाल को पकने में समय लगता है। लाल दाल दो प्रकार की होती हैं- छिलके वाली और बिना छिलके वाली। छिलके वाली दाल को पकने में समय लगता है और पकने के बाद इनकी आकार बना रहता है। वहीं बिना छिलके वाली लाल दाल जल्दी पक जाती है और पकने से पहले वाला आकार नहीं रहता है इसलिए लाल दाल को अकसर सूप बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

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साबुत धुली हुई मसूर दाल

3. उड़द दाल = Urad Dal In Hindi

उड़द दाल कई प्रकार में उपलब्ध है जिससे जुड़ी जानकारी आप यहां से प्राप्त कर सकते हैं।

1. उड़द की दाल = Black Gram

उड़द दाल पोषण से भरपूर दाल है। यह दाल प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, विटामिन बी आदि से भरपूर है जिस कारण इसे डाइट में शामिल करना जरुरी हो जाता है। उड़द दाल के फायदे गर्भवति महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं और इसके साथ ही स्वस्थ डाइजेशन, एनर्जी बढ़ाने में, सेहतमंद त्वचा आदि के लिए भी जाने जाते हैं। इसका उपयोग कई डिश बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और साउथ इंडियन डिश में खासतौर पर इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि डोसा, वडा आदि।

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उड़द दाल

2. काली उड़द की दाल = Black Gram Split

उड़द की दाल की तरह काली उड़द की दाल भी खाने में स्वादिष्ट और आसानी से बन भी जाती है। उड़द दाल के फायदे कई सारे हैं जिस कारण से इसे डाइट में शामिल करना आसान हो जाता है।

3. साबुत धुली हुई उड़द की दाल = Urad Dal White Lentil

उड़द दाल में भी आपको तीन प्रकार मिल जाते हैं- उड़द, काली उड़द और धुली हुई उड़द। जब काली उड़द का छिलका उतार दिया जाता है तो वो धुली हुई उड़द कहलाती है। काली उड़द के मुकाबले धुली हुई उड़द को बनने में कम समय लगता है।

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धुली साबुत उड़द दाल

4. चना दाल = Chickpeas

अन्य दाल की तरह चना दाल के भी कई प्रकार होते हैं जिससे जुड़ी जानकारी यहां से प्राप्त कर सकते हैं।

1. चने की दाल = Chickpeas Split

सभी दालों में अधिकतर लोगों की पसंद चने की दाल होती है। चने की दाल अकेले तो बनाई जा सकती है इसी के साथ इसको बाकी चीजों के साथ मिलाकर भी बना सकते हैं जैसे कि घीया-दाल आदि। चने की दाल को बारीक पीसकर बेसन बनाया जाता है।

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चना दाल

2. छोले/ काबुली चना = Chickpeas

आपको छोले कैसे पसंद हैं? छोले- चावल, छोले, कुलछे, छोले- भटूरे। छोले चाहें किसी भी रूप में हो, अच्छे ही लगते हैं। स्वादिष्ट तड़के साथ बनाए गए छोलों का जवाब नहीं है। छोले के फायदे लेने के लिए इनका सेवन सही मात्रा में ही करें।

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काबुली चना

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3. काले चने = Black Chickpeas/ Kala Chana

काले चने में प्याज, टमाटर, नींबू का रस काटकर खाने से बचपन के दिनों की याद आ जाती है। नवरात्र में अधिकतर सभी के घरों में पूजा करने के लिए काले चने बनाए जाते हैं। आपको बता दें कि काले चने आप डाइट में भी शामिल कर सकते हैं और फायदे ले सकते हैं।

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5. राजमा = Rajma

राजमा के फायदे कई प्रकार में डाइट में शामिल किए जा सकते हैं जिससे जुड़ी जानकारी यहां से प्राप्त कर सकते हैं।

1. राजमा  Kidney Beans

राजमा का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। राजमा का स्वाद चावल के साथ तो और भी बढ़ जाता है। राजमा ऐसी चीज है जिसे कोई भी मना नहीं कर सकता है। सही मात्रा में राजमा खाने से राजमा के फायदे कई सारे मिल सकते हैं। राजमा को खासतौर पर स्वस्थ डाइजेशन के लिए जाना जाता है। पेट की परेशानी से गुजर रहे लोगों को राजमा अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।

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लाल राजमा

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2. सफेद लोबिया = Black Eyes Beans/ CowPea

सफेद राजमा के फायदे भी कई सारे हैं जैसे कि वेट लॉस में मदद, सेहतमंद दिल, स्वस्थ डाइजेशन आदि। सफेद राजमा की सबसे अच्छी बात यह कि इनको किसी भी डिश में आसानी से शामिल किया जा सकता है जिससे उस डिश का स्वाद बढ़ जाता है।

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सफेद लोबिया

6. तुअर दाल = Toor Dal

तुअर दाल कई प्रकार में उपलब्ध है जिससे जुड़ी जानकारी यहां से प्राप्त कर सकते हैं।

1. अरहर की दाल = Red Gram/ Pigeon Pea

अरहर की दाल (arhar dal in hindi) भी अधिकतर लोगों को पसंद आती है। आपको बता दें कि 100 ग्राम अरहर दाल में 22 ग्राम प्रोटीन, 15 ग्राम फाइबर, 1.5 ग्राम फैट, 63 ग्राम कार्बोहाइड्रेट आदि पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। अरहर दाल और तुअर दाल एक ही होती हैं।

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2. कुलथी दाल = Horse Gram

कहा जाता है कि पृथ्वी पर मौजूद सभी दालों में से कुलथी दाल में सबसे ज्यादा मात्रा में पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। इसके साथ ही कुलथी दाल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। इसलिए इसे प्रोटीन लेने का सबसे अच्छा आधार भी कहा जाता है। कुलथी से कुलथी दाल, सूप, पराठे आदि डिश बना सकते हैं।

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कुलथी दाल

7. मटर = Peas

मटर के फायदे बहुत आसानी से साथ डाइट में शामिल किए जा सकते हैं। मटर के प्रकार से जुड़ी जानकारी यहां से प्राप्त कर सकते हैं।

1. हरी मटर = Green Peas

रसीली हरी मटर किसी भी डिश को स्वादिष्ट बना सकती हैं। सर्दियों के मौसम में हरी मटर के फायदे अच्छे से लेने चाहिए। हरी मटर के फायदे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, वेट लॉस में मदद, सामान्य ब्लड शुगर लेवल, स्वस्थ इम्युनिटी आदि करने में मदद करते हैं। हरी मटर का इस्तेमाल कई डिश में किया जाता है।

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हरी मटर

2. सफेद मटर = Dry Peas/ White Peas

हरी मटर सिर्फ अपने मौसम में आती हैं। जब हरी मटर नहीं हैं तो सफेद मटर का इस्तेमाल किया जा सकता है। मटर पनीर बनाने के लिए भी सफेद मटर का इस्तेमाल किया जा सकता है। हरी मटर के मुकाबले इनको लंबे समय के लिए स्टोर किया जा सकता है।

3. सोयाबीन = Soybean

100 ग्राम सोयाबीन में 63 पानी, 16.6 ग्राम प्रोटीन, 6 ग्राम फाइबर आदि के साथ कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा सोयाबीन के फायदे मजबूत हड्डियां, स्वस्थ डाइजेशन, वेट लॉस, सामान्य कोलेस्ट्रॉल आदि के लिए भी जाना जाता है। साबूदाना से पकौड़े, कोफ्ते, चावल, कबाब आदि डिश बना सकते हैं।

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कटोरी में सोयाबीन

4. साबूदाना = Sago

साबूदाना के फायदे गर्मी दूर करने के लिए, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, सेहतमंद दिल, सामान्य ब्लड प्रेशर आदि के लिए जाने जाते हैं। साबूदाना से कई स्वादिष्ट डिश बनाई जा सकती हैं जैसे कि साबूदाना खिचड़ी, साबूदाना की खीर, साबूदाना के पापड़ आदि। साबूदाना के फायदे लेने के लिए इसे डाइट में आसानी से शामिल किया जा सकता है।

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साबूदाना

5. सेम = Lima Beans/ Vaal Dal

सेम को बहुत कम लोगों की डाइट में देखा जाता है। लेकिन आपको बता दें कि 100 ग्राम सेम में 8 ग्राम प्रोटीन, 21 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 7 ग्राम फाइबर आदि पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। अगर आपको भी यह सारे पौष्टिक चाहिए हैं तो इसे डाइट में आसानी से शामिल कर सकते हैं।

FAQs

सभी दालों से जुड़े दिलचस्प सवालों के जवाब यहां से प्राप्त कर सकते हैं।

तीन प्रकार की उड़द दाल होती हैं- साबुत उड़द दाल, छिलका उड़द दाल और धुली हुई उड़द दाल।

पीली रंग की दाल कई सारी होती हैं- चना दाल, अरहर दाल, मूंग दाल।

काली उड़द दाल (छिलका) में सबसे ज्यादा मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जिसे दाल मखनी बनाई जाती है। इसके अलावा चना दाल, तुअर दाल, मूंग दाल, मसूर दाल में भी हाई प्रोटीन पाया जाता है।

हर दाल के अपने- अपने फायदे मौजूद होते हैं। सभी दाल डाइट में जरूर शामिल करनी चाहिए जिससे हर दाल के फायदे मिल सकें। कई प्रकार की दाल डाइट में शामिल कर सकते हैं जैसे कि मूंग दाल, चना दाल, अरहर दाल, उड़द दाल आदि।

छिलके वाली कई दाल हैं जैसे कि मूंग दाल, सफेद उड़द दाल, मसूर दाल, काली उड़द दाल, मोठ आदि।

आखिर में

दाल, हर भारतीय की जिंदगी का अहम हिस्सा है। दाले के फायदे सही तरीके से लेने के लिए इन्हें डाइट में शामिल करना जरूरी है। इस आर्टिकल की मदद से आप अलग- अलग दालों के नाम (pulses name in hindi) याद रख सकते हैं और दाल के फायदे से जुड़ी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।

अगर ऐसी कोई दाल है जो आप इस्तेमाल करते हैं लेकिन ऊपर दी गई लिस्ट में शामिल नहीं है तो हमें कमेंट में जरूर बताएं।

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सबसे गर्म दाल कौन सी होती है?

मूंग दाल में आयरन, पोटैशि‍यम, कैल्शियम, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और प्रोटीन जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की कमजोरी को दूर करने और एनर्जी को बूस्ट करने में मदद कर सकते हैं. शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर मूंग दाल का सेवन लाभकारी माना जाता है। गर्मियों में आप चने की दाल को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।

कौन सी दाल ठंडी होती है?

मूंग दाल- मूंग दाल की तासीर ठंडी होती है. मूंग दाल में विटामिन ए, बी, सी, विटामिन ई, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, कॉपर, मैग्नीशियम और फाइबर जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं.

सबसे ज्यादा ताकतवर दाल कौन सी है?

उड़द दाल प्रोटीन और विटामिन बी के सबसे समृद्ध स्रोतों में से एक है. फैट और कैलोरी में कम, उड़द की दाल आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम में भी समृद्ध है.

साबुत मूंग का मतलब क्या होता है?

मूँग साबुत हो या धुली, पोषक तत्वों से भरपूर होती है। अंकुरित होने के बाद तो इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों केल्शियम, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन्स की मात्रा दोगुनी हो जाती है। मूँग शक्तिवर्द्धक होती है। ज्वर और कब्ज के रोगियों के लिए इसका सेवन करना लाभदायक होता है