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शेयर करें November 19, 2021 कई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है! रेगुलर वैजाइनल डिस्चार्ज (regular vaginal discharge) एक स्वस्थ महिला प्रजनन प्रणाली का संकेत है. सामान्य वैजाइनल डिस्चार्ज सर्वाइकल म्यूकस, वैजाइनल फ्ल्यूड, डेड सेल्स और बैक्टीरिया का मिश्रण होता है. कामोत्तेजना या ओव्यूलेशन के दौरान महिलाओं को हैवी वैजाइनल डिस्चार्ज हो सकता है. हालांकि दुर्गंध के साथ बहुत ज्यादा वैजाइनल डिस्चार्ज होना या असामान्य दिखना किसी गंभीर स्थिति की ओर संकेत हो सकता है. इस लेख में जानेंगे सफेद पानी यानि व्हाइट वैजाइनल डिस्चार्ज किस कमी के कारण होता है. (और पढ़ें - सफेद पानी का आयुर्वेदिक इलाज)
सफेद पानी किसकी कमी से आता है के डॉक्टर व्हाइट डिस्चार्ज किन कमियों के कारण होता है - What deficiency causes white discharge in Hindiव्हाइट डिस्चार्ज किन कमियों के कारण होता है - विटामिन सी की कमीविटामिन सी की कमी व्हाइट वैजाइनल डिस्चार्ज का कारण बन सकती है. दरअसल, यीस्ट इन्फेक्शन (yeast infection) एक फंगल इन्फेक्शन है जो जलन और खुजली के अलावा व्हाइट वैजाइनल डिस्चार्ज का कारण बनता है. कई बार इंफेक्शन बढ़ने से सफेद पानी अधिक मात्रा में निकलने लगता है. ऐसी स्थिति में विटामिन सी कारगर होता है. विटामिन सी आमतौर पर प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है. एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली किसी भी इंफेक्शन को बार-बार आने से रोकने या कम करने में मदद कर सकती है. विटामिन सी की वजह से होने वाले इंफेक्शन को ना सिर्फ रोका जा सकता है बल्कि इससे व्हाइट डिस्चार्ज को भी नियंत्रित किया जा सकता है. खट्टे फल और टमाटर विटामिन सी से भरपूर होते हैं और विटामिन सी की कमी दूर करने के लिए सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं. (और पढ़ें - प्रेगनेंसी में सफेद पानी आने के कारण) विटामिन डी की कमीबदबूदार और अधिक मात्रा में व्हाइट डिस्चार्ज निकलने का सबसे बड़ा कारण विटामिन डी की कमी है. विटामिन डी डेफिशियेंसी के कारण डिस्क्वामेटिव इंफ्लेमेटरी वेजिनाइटिस (Desquamative inflammatory vaginitis (DIV)) डिसऑर्डर हो सकता है, जिसके कारण वैजाइनल डिस्चार्ज अत्यधिक मात्रा में निकलने लगता है. इसके अलावा इस डिसऑर्डर के होने के कारण यैलो वैजाइनल डिस्चार्ज, वल्वोवैजाइनल बर्निंग (vulvovaginal burning), प्रुरिटस (pruritus) और डिस्परेयूनिया (dyspareunia) जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं. इस डिसऑर्डर का कारण ज्ञात नहीं है लेकिन ये माना जाता है कि ये संक्रामक, हार्मोंस के असंतुलन या इंफ्लेमेट्री एटियोलॉजी (inflammatory etiology) के कारण होता है. शोधों में ये बात साबित हो चुकी है कि जिन महिलाओं को डीआईवी डिसऑर्डर होता है उनमें अधिकांश में विटामिन डी की कमी पाई जाती है. रिसर्च में ये भी पाया गया कि जब 25-हाइड्रोक्सी विटामिन डी (25-एचडी) (25-hydroxyvitamin D (25-HD)) का स्तर सामान्य हुआ तो ये समस्या भी समाप्त हो गई. शोध के निष्कर्षों में पाया गया कि डीआईवी विटामिन डी की कमी से जुड़ा हो सकता है और डीआईवी के लक्षणों में भारी मात्रा में व्हाइट डिस्चार्ज होना सामान्य है. विटामिन डी एक आवश्यक पोषक तत्व है जिसका मुख्य सोर्स सूरज की रोशनी माना जाता है. यदि आप सूरज की रोशनी से विटामिन डी किन्हीं कारणों से अवशोषित नहीं कर पा रहे तो कुछ अन्य खाद्य पदार्थों से विटामिन डी की कमी को पूर्ण कर सकते हैं, जैसे -
(और पढ़ें - योनि से बदबू आने के कारण) एस्ट्रोजन डेफिशियेंसीव्हाइट वैजाइनल डिस्चार्ज का एक कारण एस्ट्रोजन डेफिशियेंसी भी है. महिलाओं में एस्ट्रोजन डेफिशियेंसी कई कारणों से हो सकती है. उनमें से एक कारण है ईटिंग डिसऑर्डर एनोरेक्सिया (anorexia). एनोरेक्सिया आमतौर पर जिंक, विटामिन डी, कॉपर, सेलेनियम और विटामिन बी1 की कमी के कारण होता है. इन पोषक तत्वों की कमी का संबंध व्हाइट वैजाइनल डिस्चार्ज से भी है क्योंकि ये एस्ट्रोजन डेफिशियेंसी के कारण हो सकता है. ऐसे में आपको उन खाद्य पदार्थों का सेवन करना आवश्यक है जो कि जिंक, विटामिन डी, कॉपर, सेलेनियम और विटामिन बी1 जैसे विटामिन और मिनरल्स से भरपूर हो, जैसे -
(और पढ़ें - सफेद पानी में क्या खाना चाहिए) वैजाइनल पीएच लेवल का बढ़ा हुआ स्तरहाई वैजाइनल पीएच लेवल यदि 4.5 से अधिक होता है तो अनहेल्दी बैक्टीरिया को पनपने में मदद करता है. एक संतुलित वैजाइनल पीएच लेवल 3.8 से 4.5 के बीच होता है. हाई वैजाइनल पीएच होने से बैक्टीरियल वेजिनोसिस (बीवी) (Bacterial vaginosis (BV)) जैसे इंफेक्शन होने का खतरा रहता है जो कि ग्रे, सफेद या पीले बदबूदार वैजाइनल डिस्चार्ज का कारण बनता है. हाई वैजाइनल पीएच लेवल कई पोषक तत्वों की कमी से हो सकता है. यदि आप डायट में कुछ हेल्दी सुपरफूड्स को शामिल करते हैं तो हाई वैजाइनल पीएच लेवल के कारण होने वाले वैजाइनल डिस्चार्ज को नियंत्रित कर सकते हैं. जैसे -
(और पढ़ें - बैक्टीरियल वेजिनोसिस का इलाज) सफेद पानी आने के अन्य कारण - Other causes of white discharge in Hindiसारांशवैजाइना से रिसाव होने वाला सफेद पानी यौन अंगों को साफ करने और उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करता है. अधिकांश महिलाओं को हार्मोनल परिवर्तनों के कारण पूरे महीने योनि स्राव का अनुभव होता है. यह गर्भावस्था या संक्रमण का संकेत भी हो सकता है. यदि आपको सामान्य डिस्चार्ज की मात्रा, प्रकार, रंग या गंध में बदलाव दिखाई देता है तो इसके नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. व्हाइट डिस्चार्ज के रंग, स्थिरता या गंध में कोई बदलाव होता है, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. (और पढ़ें - ल्यूकोरिया का होम्योपैथिक इलाज) शहर के ऑब्स्टट्रिशन एंड गयनेकोलॉजिस्ट खोजें
सफेद पानी किसकी कमी से आता है के डॉक्टरसम्बंधित लेखडॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ सफेद पानी किसकी वजह से आता है?योनि से सफेद, चिपचिपा और बदबूदार डिस्चार्ज आना लिकोरिया कहलाता है। निजी अंगों की साफ-सफाई न रखने और यौन मार्ग में संक्रमण आदि की वजह से योनि से सफेद पानी आने लगता है। आयुर्वेद में इसे श्वेद प्रदर कहा जाता है।
सफेद पानी आने से क्या नुकसान होता है?इससे शरीर कमजोर होता है और कमजोरी से श्वेत प्रदर बढ़ता है। इसके प्रभाव से हाथ-पैरों में दर्द, कमर में दर्द, पिंडलियों में खिंचाव, शरीर भारी रहना, चिड़चिड़ापन रहता है। इस रोग में स्त्री के योनि मार्ग से सफेद, चिपचिपा, गाढ़ा, बदबूदार स्राव होता है, इसे वेजाइनल डिस्चार्ज कहते हैं।
सफेद पानी गिरने का क्या लक्षण है?लिकोरिया का लक्षण. कमजोरी महसूस करना. चक्कर आना. योनि में तेज खुजली होना. शरीर में भारीपन महसूस होना. बार-बार पेशाब लगना. भूख न लगना. जी मिचलाना. आंखों के सामने अंधेरा छाना. सफेद पानी आए तो क्या करना चाहिए?केला - सफेद पानी यानी व्हाइट वेजाइनल डिस्चार्ज की परेशानी को दूर करने के लिए केले का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए रोजाना सुबह 1 केले का सेवन करें। बेहतर रिजल्ट के लिए आप इसमें घी मिक्स कर लें। इसके अलावा केले का साथ गुड़ का भी सेवन किया जा सकता है।
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