संकल्प कितने प्रकार के होते हैं? - sankalp kitane prakaar ke hote hain?

संकल्प का अर्थ है किसी अच्छी बात को करने का दृढ निश्चय करना। सनातन धर्म में किसी भी पूजा-पाठ, अनुष्ठान या जाप करने से पहले संकल्प करना अति आवश्यक होता है, और बिना संकल्प के शास्त्रों में पूजा अधूरी मानी गयी है। मान्यता है कि संकल्प के बिना की गई पूजा का सारा फल इन्द्र देव को मिल जाता है। इसलिए पहले संकल्प लेना चाहिए, फिर पूजन करना चाहिए।

संकल्प लेने का अर्थ

संकल्प लेने का अर्थ यह है कि हम इष्टदेव और स्वयं को साक्षी मानकर संकल्प लें कि यह पूजन कर्म विभिन्न इच्छाओं की पूर्ति के लिए कर रहे हैं और इस संकल्प को पूरा जरूर करेंगे। संकल्प लेते समय हाथ में जल लिया जाता है। श्रीगणेश को सामने रखकर संकल्प लिया जाता है ताकि श्रीगणेश की कृपा से पूजन कर्म बिना किसी बाधा के पूरा हो जाए। इस परंपरा से हमारी संकल्प शक्ति मजबूत होती है। व्यक्ति को विपरित परिस्थितियों का सामना करने का साहस प्राप्त होता है।

संकल्प के परम्परागत रूप[संपादित करें]

लघु संकल्प[संपादित करें]

ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः अद्यैतस्य (रात में : अस्यां रात्रौ कहें) मासानाम् मासोतमे मासे .आसोज........ २ मासे शुक्ले....... ३ पक्षे ........चोदस.... ४ तिथौ ..... बुधवार....५ वासरे ....उपमन्य........ ६ त्रोत्पन्नः ....महेश बाजपेई........ ७ सपरिवारस्य सर्वारिष्ट निरसन पूर्वक सर्वपाप क्षयार्थं, दीर्घायु शरीरारोग्य कामनया धन-धान्य-बल-पुष्टि-कीर्ति-यश लाभार्थं, श्रुति स्मृति पुराणतन्त्रोक्त फल प्राप्तयर्थं, सकल मनोरथ सिध्यर्थं ....श्री लक्ष्मी नारायण ........... ८ करिष्ये।

विशेष संकल्प[संपादित करें]

ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णु: । श्रीमद्भगवतो महापुरुषस्य विष्णोराज्ञया प्रवर्तमानस्य अद्यैतस्य ब्रह्मणोह्नि द्वितीये परार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे युगे कलियुगे कलिप्रथमचरणे भूर्लोके भारतवर्षे जम्बूद्विपे भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर्गतब्रह्मावर्तस्य ... राजस्थान......... क्षेत्रे .... बिकानेर........ मण्डलान्तरगते ........रावतमर खोड़ा.... नाम्निनगरे (ग्रामे वा) श्रीगड़्गायाः ............ (उत्तरे/दक्षिणे) दिग्भागे देवब्राह्मणानां सन्निधौ श्रीमन्नृपतिवीरविक्रमादित्यसमयतः संख्या -परिमिते प्रवर्त्तमानसंवत्सरे प्रभवादिषष्ठि -संवत्सराणां मध्ये .2079. नामसंवत्सरे, .नल. अयने, . दक्षिण. ऋतौ, वर्षा.. मासे, .. अश्वनी.. पक्षे, दद्वितीय. तिथौ, सोमवार. वासरे, नक्षत्रे, .. योगे, .करणे, . राशिस्थिते चन्द्रे, . राशिस्थितेश्रीसूर्ये, देवगुरौ शेषेशु ग्रहेषु यथायथा राशिस्थानस्थितेषु सत्सु एवं ग्रहगुणविशेषणविशिष्टायां शुभपुण्यतिथौ गोत्रोत्पन्नस्य शर्मण: (वर्मण:, गुप्तस्य वा) सपरिवारस्य ममात्मन: श्रुति-स्मृति-पुराणोक्त-पुण्य-फलावाप्त्यर्थं ममऐश्वर्याभिः वृद्धयर्थं अप्राप्तलक्ष्मीप्राप्त्यर्थं प्राप्त लक्ष्म्याश्चिरकाल संरक्षणार्थं सकलमनः - इप्सितकामना संसिद्धयर्थं लोके वा सभायां राजद्वारे वा सर्वत्र यशोविजयलाभादि प्राप्त्यर्थं समस्त-भय-व्याधि-जरा-पीडा-मृत्यु परिहारद्वारा आयुरारोग्यैश्वर्याद्यभिवृद्धर्थं तथा च मम जन्मराशे: साकाशाद्ये केचिद्विरुद्ध-चतुर्थाष्टम-द्वादश-स्थानस्थिता: क्रूरग्रहा: तै: संसूचितं सूचयिष्यमाणञ्च यत्सर्वारिष्टं तद्विनाशद्वारा सर्वदा तृतीयैकादश-स्थान-स्थितवच्छुभ-फल-प्राप्त्यर्थं पुत्र-पौत्रदि- सन्ततेरविच्छिन्न वृद्धयर्थम्! आदित्यादिन्नवग्रहानूकूलता-सिद्धयर्थं इन्द्रादि -दशदिक्पाल-प्रसन्नता-सिद्धयर्थम्। आधिदैविक-आधिभौतिक-आध्यात्मिका-त्रिविधतापोपशमनार्थं धर्मार्थ-काम-मोक्ष-फलावाप्त्यर्थं यथा-ज्ञानं यथा-मिलितोपचारद्रव्यै: ............ देवस्य पूजनं/पाठं/.......मन्त्रं ....... संख्याकं जपं करिष्ये।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • संकल्प
  • इच्छाशक्ति

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • संकल्प शक्ति (Resolution Power) से बढकर दूसरी कोई शक्ति नही होती
  • शिव संकल्प सूत्र : शयन कालीन मंत्र
  • संकल्प शक्ति की प्रचण्ड प्रतिक्रिया (गायत्री परिवार)
  • ईश्वर पर विश्वास

Sankalp kya hota hai ।। संकल्प कैसे करते है। साधना से पहले संकल्प करना क्यों जरुरी होता है।Sankalp Kaise Lena Chaahiye

आज के इस आर्टिकल में हम आपको जानकारी देने वाले हैं कि संकल्प क्या होता है।अगर आप यह जानना चाहते हैं कि संकल्प का मतलब क्या होता है अथवा संकल्प क्या होता है और संकल्प कैसे लिया जाता है, तो हमारा यह आर्टिकल आपके लिए सहायक साबित होगा।इस आर्टिकल में आप निम्न सवालों के जवाब प्राप्त करेंगे।

• संकल्प क्या होता है Sankalp kya Hota hai

• संकल्प का पौराणिक इतिहास क्या है Sankalp ka Itihass

• संकल्प कितने प्रकार के होते हैं Sankalp kitne prakar ke Hote Hai

• संकल्प मंत्र Sankalp Mantra in Hindi

• संकल्प का अर्थ Sankalp ki paribhasha

• संकल्प करने के लाभ Sankalp karne ke Laabh

• संकल्प से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी Sankalp ki Jankari

• संकल्प का मतलब क्या है Sankalp ka Matlab kya Hai

संकल्प कितने प्रकार के होते हैं? - sankalp kitane prakaar ke hote hain?

  • संकल्प क्या होता है Sankalp kya Hota hai What Is Sankalp in Hindi
    • संकल्प का पौराणिक इतिहास Sankalp ka Itihas History of Sankalp
      • संकल्प कितने प्रकार के होते है Sankalp Kitne Prakar ke Hote Hai Types of Sankalp in Hindi

संकल्प क्या होता है Sankalp kya Hota hai What Is Sankalp in Hindi

जब कोई व्यक्ति किसी भी काम को करने के लिए पक्के मन से निर्णय कर लेता है तो उसे संकल्प कहा जाता है।हमारे हिंदू धर्म में किसी भी धार्मिक काम को स्टार्ट करने से पहले जैसे कि जप अनुष्ठान करने से पहले, पूजा पाठ करने से पहले, किसी भी प्रकार की सिद्धि को करने से पहले संकल्प लेना काफी ज्यादा इंपॉर्टेंट माना गया है और बिना संकल्प के की गई पूजा को अधूरी माना जाता है।

संकल्प का पौराणिक इतिहास Sankalp ka Itihas History of Sankalp

हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि देवराज इंद्र को हमेशा इस बात का डर रहता है कि कोई उनसे उनका स्वर्ग का आसन ना छीन ले और इसी के कारण जब कोई व्यक्ति बिना संकल्प के कोई भी पूजा करता है, तो उसका सारा श्रेय देवराज इंद्र को ही जाता है,जिसके कारण व्यक्ति को अपनी पूजा का लाभ नहीं मिलता है। इसलिए संकल्प करके की गई पूजा ज्यादा अच्छी मानी जाती है।संकल्प करके की गई पूजा उस व्यक्ति को फलीभूत होती है, जो संकल्प करके पूजा करता है।

संकल्प कितने प्रकार के होते है Sankalp Kitne Prakar ke Hote Hai Types of Sankalp in Hindi

संकल्प कितने प्रकार के होते हैं इसके जवाब में हम आपको बता दें कि संकल्प दो प्रकार के होते हैं, जो निम्नानुसार है।

• साधारण संकल्प Sadharan Sankalp Normal Sankalp

साधारण संकल्प लेने के लिए आपको जिस किसी भी देवता अथवा देवी की पूजा करनी होती है उनकी फोटो के सामने बैठकर आपको सबसे पहले अपने हाथ में चावल और पानी लेना होता है। इसके बाद आपको देवी देवता का ध्यान करते हुए बोलना होता है कि हे देव मैं आपकी पूजा मेरी विभिन्न प्रकार की इच्छा की पूर्ति के लिए कर रहा हूं। इसके बाद आपको अपना नाम, गोत्र, अपने पिता का नाम और अपने जिले का नाम और अपने राज्य का नाम बोलना होता है और इसके बाद आपको चावल और जल को जिस देवता कि आप पूजा कर रहे हैं उनके चरणों में समर्पित कर देना होता है। इस प्रकार से आपका साधारण संकल्प संपूर्ण हो जाता है।

• विषेश संकल्प Visesh Sankalp Special Sankalp

विशेष संकल्प लेने के लिए आपको सबसे पहले सुपारी और मौली धागा से गणेश जी को निर्मित करना होता है। इसके अलावा आप चाहे तो गणेश जी की फोटो के सामने भी संकल्प ले सकते हैं। यह संकल्प आपको ब्राह्मण के द्वारा करवाया जाता है, क्योंकि इसमें विशेष संकल्प मंत्र का इस्तेमाल किया जाता है और गणेश भगवान को साक्षी मानकर संकल्प लिया जाता है।

इस प्रकार के संकल्प को करने के लिए सबसे पहले आपको अपने हाथ में चावल, दक्षिणा, फूल और जल लेना होता है और आपको यह कहना होता है कि गणेश भगवान जी मैं विभिन्न देवता की पूजा करना चाहता हूं और मैं आपको साक्षी बना रहा हूं। आप मेरी पूजा को बिना किसी भी समस्या के सफल बनाएं।

संकल्प मंत्र क्या है Sankalp Mantra kya Hai what is Sankalp Mantra

नीचे दिया गया मंत्र संकल्प मंत्र है, जिसका इस्तेमाल आप तब कर सकते हैं,जब आप विशेष संकल्प लें।

ॐ विष्णवे नम:, ॐ विष्णवे नम:, ॐ विष्णवे नम:। ॐ अध्य ब्रह्मणोह्रि द्वितीयपरार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे ,वैवस्वतमन्वन्तरेष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे बौध्दावतारे भूर्लोके जम्बूद्वीपे भरतखण्डे भारतवर्षे ….क्षेत्रे, नगरे, ग्रामे….नाम-संवत्सरे….मासे (शुक्ल-कृष्ण) पक्षे…., तिथौ…., गोत्र:…., गुप्तोहम् प्रात: (मध्य-सायं) सर्वकर्मसु शुध्दयर्थ श्रुतिस्मृतिपुराणोक्तफलप्राप्त्यर्थं श्रीभगवत्प्रीत्यर्थ च अमुक कर्म करिष्ये।

संकल्प का अर्थ Sankalp ka Arth Sankalp Meaning in Hindi

संकल्प लेने का हिंदी में मतलब होता है कि हम अपने इष्ट देवता, कुल देवी देवता और खुद को साक्षी मानकर यह पूजा कर रहे हैं, जो हमारी इच्छाओं की पूर्ति के लिए हम कर रहे हैं और हम अपने संकल्प को अवश्य पूरा करेंगे। ऐसा करने से हमारे काम करने की शक्ति में बढ़ोतरी होती है।

संकल्प करने के लाभ Sankalp karne ke fayde Benifiets of Doing Sankalp

किसी भी धार्मिक काम को करने से पहले या फिर पूजा-पाठ को स्टार्ट करने से पहले अगर आप संकल्प लेते हैं,तो आपको उसका फल जल्दी मिलता है और आपका काम जल्दी हो जाता है। आपको अपने जाप और व्रत का पूरा फल संकल्प लेने के बाद मिलता है, क्योंकि आप जिस किसी भी भगवान को साक्षी मानकर संकल्प लेते हैं, वह आपकी पूजा के साक्षी हो जाते हैं। संकल्प एक प्रकार के लाइसेंस की तरह होता है, इसलिए हर पूजा में संकल्प लेना आवश्यक है।

महत्वपूर्ण जानकारी संकल्प से संबंधित Sankalp ki Jankari Information About Sankalp in Hindi

हमने आपको ऊपर जिस संकल्प मंत्र के बारे में जानकारी दी है वहां पर आपको कुछ बदलाव अवश्य करने हैं।जैसे जहां पर क्षेत्र या फिर नगर आता है वहां पर आपको अपने शहर अथवा गांव का नाम लेना है। इसके अलावा आपको मास के स्थान पर कौन सा महीना चल रहा है उसका नाम लेना है।

पक्ष की जगह पर आपको शुक्ल पक्ष या फिर कृष्ण पक्ष जो भी पक्ष चल रहा हो, उसका नाम लेना है। तिथि के स्थान पर कौन सी तारीख है,गोत्र के स्थान पर अपना गोत्र का नाम आपको लेना है। इसके अलावा जिस देवी देवता कि आप पूजा या फिर साधना कर रहे हैं, उसका नाम आपको लेना है।

Conclusion

हमें उम्मीद है कि अब आप यह जान गए होंगे कि Sankalp kya Hota Hai अथवा Sankalp Kise Kahte Hai और संकल्प कैसे लिया जाता है। अगर आपको Sankalp ka Arth पता चल गया हो तो आप संकल्प लेकर अपनी पूजा कर सकते हैं। अगर आपको Sankalp Kaise Liya Jata Hai इसके बारे में इंफॉर्मेशन प्राप्त करनी है तो आप कमेंट बॉक्स में अपना सवाल पूछ सकते हैं।हम जल्दी आपका रिप्लाई करेंगे।

पूजा में संकल्प कैसे किया जाता है?

- संकल्प लेते समय हाथ में जल, चावल और फूल लिए जाते हैं, क्योंकि इस पूरी सृष्टि के पंचमहाभूतों (अग्रि, पृथ्वी, आकाश, वायु और जल) में भगवान गणपति जल तत्व के अधिपति हैं। अत: श्रीगणेश को सामने रखकर संकल्प लिया जाता है। ताकि श्रीगणेश की कृपा से पूजन कर्म बिना किसी बाधा के पूर्ण हो जाते हैं।

संकल्प का मंत्र क्या है?

संकल्प का मंत्र ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णु:, ॐ अद्य ब्रह्मणोऽह्नि द्वितीय परार्धे श्री श्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे, अष्टाविंशतितमे कलियुगे, कलिप्रथम चरणे जम्बूद्वीपे भरतखण्डे भारतवर्षे पुण्य (अपने नगर/गांव का नाम लें) क्षेत्रे बौद्धावतारे वीर विक्रमादित्यनृपते : 2071, तमेऽब्दे प्लवंग नाम संवत्सरे दक्षिणायने …….

संकल्प में क्या बोला जाता है?

संकल्प लेने का हिंदी में मतलब होता है कि हम अपने इष्ट देवता, कुल देवी देवता और खुद को साक्षी मानकर यह पूजा कर रहे हैं, जो हमारी इच्छाओं की पूर्ति के लिए हम कर रहे हैं और हम अपने संकल्प को अवश्य पूरा करेंगे। ऐसा करने से हमारे काम करने की शक्ति में बढ़ोतरी होती है।

संकल्प क्यों किया जाता है?

शास्त्रों के अनुसार संकल्प लेने का अर्थ है कि इष्टदेव और स्वयं को साक्षी मानकर संकल्प लिया जाता है कि हम यह पूजन कर्म विभिन्न मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कर रहे हैं और इस पूजन को पूर्ण अवश्य करेंगे।