चंद्रमा को अर्घ्य देते समय क्या बोलना चाहिए? - chandrama ko arghy dete samay kya bolana chaahie?

चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं / चंद्रमा को अरग देने का मंत्र – करवा चौथ तथा संकट चतुर्थी या पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अरग देने का नियम हैं. इसके अलावा भी आप अपनी इच्छा अनुसार चंद्रमा को अरग दे सकते हैं. चंद्रमा को अरग देने से मनुष्य के जीवन में काफी लाभ होते हैं. करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अरग देने से पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता हैं.

चंद्रमा को अर्घ्य देते समय क्या बोलना चाहिए? - chandrama ko arghy dete samay kya bolana chaahie?

संकट चतुर्थी आदि दिनों में चंद्रमा को अरग देने से दीर्धायु तथा संतान की प्राप्ति होती हैं. ऐसे काफी अन्य लाभ चंद्रमा को अरग देने से मिलते हैं. लेकिन काफी लोगो को यह नहीं पता होता है. की चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलना हैं. अगर आपको भी नहीं पता है. तो हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं तथा चंद्रमा को अरग कैसे देते हैं. इसके अलावा चंद्रमा को अरग देने का मंत्र तथा चंद्रमा को अर्घ्य देने के फायदे भी बताने वाले हैं.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

  • चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं / चंद्रमा को अरग देने का मंत्र
    • चंद्रमा को अरग देने का मंत्र 
  • चंद्रमा को अर्घ्य देने के फायदे
  • चंद्रमा को अरग कैसे देते हैं
  • निष्कर्ष

चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं / चंद्रमा को अरग देने का मंत्र

चंद्रमा को अरग देते समय कुछ मंत्र बोलने होते हैं. जिन मंत्रो के बारे में काफी कम लोग जानते होगे. हमने चंद्रमा को अरग देने के कुछ मंत्र नीचे बताए हैं.

चंद्रमा को अरग देने का मंत्र 

गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते। गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक

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एहि चन्द्र सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते

अनुकम्प्यम माम देव ग्रहाण अर्घ्यम सुधाकर

सुधाकर नमस्तुभ्यम निशाकर नमोस्तुते

यह मंत्र आप करवा चौथ व्रत के दिन चंद्रमा को अरग देते समय बोल सकते हैं. इसके अलावा आप जब भी चंद्रमा को अरग दे. इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं. चंद्रमा को अरग देने के यह बहुत ही प्रभावशाली मंत्र माने जाते हैं.

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चंद्रमा को अर्घ्य देने के फायदे

ऐसा माना जाता है की चांदी के पात्र में थोडा सा जल और दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देने से मनुष्य को अपने जीवन में काफी लाभ मिलते हैं. संध्या समय चंद्रमा को अर्घ्य देने का नियम हैं.

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इस समय चंद्रमा को अर्घ्य देने से हमारे मन में आ रही नकारात्मक विचारो से हमें मुक्ति मिलती हैं.  इसके अलावा चंद्रमा को अर्घ्य देने से हमारा स्वास्थ्य अच्छा बना रहता हैं. चंद्रमा को अर्घ्य देने से चंद्र की स्थिति मजबूत बनती हैं.

संकट चतुर्थी के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से संतान सुख प्राप्त होता हैं. तथा हमारा दुर्भाग्य भाग्य में परिवर्तन हो जाता हैं. संकट चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने से धन, सुख तथा समृद्धि की प्राप्ति होती हैं. तथा जातक की आर्थिक परेशानी दूर होती हैं.

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चंद्रमा को अरग कैसे देते हैं

चंद्रमा को अरग देने की विधि हमने नीचे बताई हैं.

  • सबसे पहले आपको जल भरने के लिए शुद्ध पात्र लेना हैं. अगर आपके पास चांदी का पात्र है. तो बहुत अच्छी बात हैं. अगर चांदी का पात्र नहीं है. तो आप तांबा या अन्य धातु का पात्र ले सकते हैं.
  • अब आपको पात्र में शुद्ध जल भरना हैं. ध्यान रहे जल अशुद्ध बिलकुल भी नहीं होना चाहिए.
  • अब पात्र में जल के साथ दूध, मिश्री, चंदन, सफ़ेद फुल, इत्र आदि मिला लेना हैं.
  • अब इस जल से चंद्रमा को अरग देना हैं.
  • अगर आप करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अरग दे रहे है. तो अपने एक हाथ से साबुत सुपारी, पान तथा अपने केश का कोना पकड़कर दुसरे हाथ से चंद्रमा को अरग देना चाहिए.
  • इसके पश्चात पति के हाथ से जल ग्रहण किया जाता हैं. जल ग्रहण के बाद व्रत के लिए पारण किया जाता हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं तथा चंद्रमा को अरग कैसे देते हैं. इसके अलावा चंद्रमा को अरग देने का मंत्र तथा चंद्रमा को अर्घ्य देने के फायदे भी आपको बताए हैं. हम उम्मीद करते है. की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ है. तो आगे जरुर शेयर करे.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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चंद्रमा को अरग देते समय कौन सा मंत्र बोले?

चंद्रमा को अर्घ्य देने का मंत्र गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते। गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥

चंद्रमा को अरग कैसे दिया जाता है?

चंद्रमा को अर्घ्य देते समय "ज्योत्‍सनापते नमस्तुभ्‍यं नमस्ते ज्योतिषामपतेः नमस्ते रोहिणिकांतं अर्ध्‍यं मे प्रतिग्रह्यताम". ये मंत्र बोलें. इसके बाद छलनी से पहले चांद को और फिर पतिदेव का दर्शन करें. फिर दूसरे करवे से पहले पति को पानी पिलाएं और फिर पति के हाथ से उसी करवे से जल पीएं.

चंद्रमा को अर्घ्य देने से क्या होता है?

ऐसा करने से सभी फलों की प्राप्ति होती है. करवा चौथ के दिन व्रत अर्घ्य देकर ही खोला जाता है. जानते हैं कि अर्घ्य देते समय क्या गलती नहीं करनी चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, अगर आप चतुर्थी के चंद्रमा को देखते हैं तो आप अपयश के शिकार हो सकते है.

चंद्रमा की पूजा करने से क्या होता है?

चंद्र पूजा के लाभ चंद्र पूजा से आपके आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा आपको हानि नहीं पहुंचा सकती। चंद्र पूजा की मदद से महिलाओं की मासिक धर्म की समस्याओं का निवारण होता हैं। चंदमा की पूजा से आपकी आँखों की रोशनी बढ़ती हैं। चंद्र पूजा से आपको भावनात्मक शांति प्राप्त होती हैं।