संविदा नौकरी क्या है in English - sanvida naukaree kya hai in ainglish

आपने कई बार समाचार पत्रों और न्यूज़ में संविदा कर्मी (Samvida Karmi) के बारे में पढ़ा होगा या सुना होगा और यहाँ तक की सरकार द्वारा भर्ती विज्ञापन में भी संविदा कर्मी की नियुक्ति (Appointment) के बारे में वर्णन होता है | यदि आपको संविदा कर्मी के बारे में मालूम नहीं है कि संविदा क्या है और संविदा पर भर्ती (Samvida Bharti) का क्या मतलब होता है, तो आज आप इसके बारे में समस्त जानकारी प्राप्त करेंगे |

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क्या है संविदा और संविदा कर्मी (Contract Employee)

  • क्या है संविदा और संविदा कर्मी (Contract Employee)
    • संविदा कर्मी भर्ती के बारे में जानकारी
    • संविदा कर्मी के नियम

संविदा को अंग्रेजी में कॉन्ट्रैक्ट और हिंदी में अनुबंध कहते है | सरकार या किसी संस्था द्वारा जब किसी कर्मचारी की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट पर की जाती है जिसकी कुछ शर्ते होती है, तब उस कर्मी को संविदा कर्मी कहते है | इनकी नियुक्ति के लिए कोई निश्चित मानक नहीं है, यह कॉन्ट्रैक्ट नियोजन (Recruitment on Contract) करने वाले पर ही निर्भर करता है कि किस प्रकार के अभियार्थी उसके कार्य हेतु योग्यता रखते है | अर्थात् संविदा का मतलब मात्र एक अनुबंध है जो उस कर्मचारी और नियोजन करने वाले के बीच में होता है |

संविदा कर्मी भर्ती के बारे में जानकारी

  • निश्चित रूप से यह देखा गया है कि प्राइवेट कंपनी के साथ साथ अब सरकार भी अनुबंध आधारित नियुक्ति में तेज़ी ला रही है, जैसे आपने रेल सर्विस में प्राइवेट सेवा का नाम सुना होगा | आईआरसीटीसी ने एक ट्रेन तेजस चलायी है जिसमे कुल कर्मचारी संविदा पर आधारित है | इस प्रकार संविदा के आधार पर सरकार कम खर्च में अधिक रोजगार और सेवा में गुणवत्ता पर कार्य करती है |
  • सरकार कई तरह के नियोजन में संविदा कर्मी ही नियुक्त करती है जैसे सफाई, सड़को की देख-रेख, विद्युत सेवा आदि | इस तरह है इस प्रकार का नियुक्ति का चलन अस्तित्व में आया है और साथ प्राइवेट कंपनी एक एग्रीमेंट के आधार पर अभियार्थी की नियुक्ति करती है जोकि एक आम प्रचालन है |
  • लेकिन निम्न की नौकरी में कांट्रेक्टर कर्मचारी (Employee) से बिना शर्त (Condition) के भी काम कराते है और उन्हें उनके अधिकार स्वरुप वेतन (Salary) भी नहीं देते है या साफ़ कहे तो उनका शोषण करते है | यह स्थिति कर्मचारी के ज्यादा पढ़े लिखे न होने के कारण होती है, इस लिए हमारे समाज में शिक्षा को महत्व दिया गया है | अच्छी शिक्षा से अच्छी नौकरी या बिज़नेसभी खड़ा किया जा सकता है |

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संविदा कर्मी के नियम

समय समय पर संविदा कर्मी को संविदा से सरकारी पे स्केल पर भी अपग्रेड दिया जाता है | इसके लिए जब भी कोई सरकार संविदा भर्ती का विज्ञापन जारी करती है तो उसमे सभी नियम व शर्ते भी होती है | जैसे अगर सरकार 5 साल से कार्यरत किसी भी संविदा कर्मी को सरकारी स्तर पर नियोजित कर सकती है अगर ऐसी सूचना उसने अपने विज्ञापन में पहली दी हैतो यह सम्भव है |

कई चुनावी वादे पूरा करने के लिए भी राज्य सरकार इसे अपना एजेंडा बनाती है और सरकार बनने पर संविदा कर्मी को परमानेंट सरकारी कर्मचारी में अपग्रेड कर देती है | इस प्रकार संविदा नियमतिकरण के विषय में अधिकार सरकार के पास ही है |

संविदा कर्मी अपना संघ बनाकर सरकारी नियुक्ति के लिए धरना प्रदर्शन (संविधान में प्रदत अधिकार) भी करते है जिसके बाद उनकी नियुक्ति सरकारी कर्मचारी के तौर पर कर दी जाती है |

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अब हमारे प्रिय पाठको को संविदा और संविदा कर्मी के विषय में सारी जानकारी प्राप्त हुई होंगी, ऐसा हमारा विश्वाश है और hindiraj.com का यह लेख अच्छा लगने पर आगे शेयर जरूर करे |

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विस्तार

प्रदेश सरकार समूह ‘ख’ व समूह ‘ग’ की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है। प्रस्तावित व्यवस्था में चयन के बाद शुरुआती पांच वर्ष तक कर्मियों को संविदा के आधार पर नियुक्त किया जाएगा। इस दौरान उन्हें नियमित सरकारी सेवकों को मिलने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे। पांच वर्ष की कठिन संविदा सेवा के दौरान जो छंटनी से बच पाएंगे उन्हें ही मौलिक नियुक्ति मिल सकेगी। शासन का कार्मिक विभाग इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष विचार के लिए लाने की तैयारी कर रहा है। इस प्रस्ताव पर विभागों से राय मशविरा शुरू कर दिया गया है।

वर्तमान में सरकार अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया से रिक्त पदों पर लोगों को चयन के बाद संबंधित संवर्ग की सेवा नियमावली के अनुसार एक या दो वर्ष के प्रोबेशन पर नियुक्ति देती है। इस दौरान कर्मियों को नियमित कर्मी की तरह वेतन व अन्य लाभ दिए जाते हैं। इस दौरान वह वरिष्ठ अफसरों की निगरानी में कार्य करते हैं। नियमित होने पर वह नियमानुसार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं। पर, प्रस्तावित पांच वर्ष की संविदा भर्ती और इसके बाद मौलिक नियुक्ति की कार्यवाही से समूह ‘ख’ व ‘ग’ की पूरी भर्ती प्रक्रिया ही बदल जाएगी। नई व्यवस्था में तय फार्मूले पर इनका छमाही मूल्यांकन होगा। इसमें प्रतिवर्ष 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले सेवा से बाहर होते रहेंगे। जो पांच वर्ष की सेवा तय शर्तों के साथ पूरी कर सकेंगे, उन्हें मौलिक नियुक्ति दी जाएगी।

पीसीएस, पीपीएस व पीसीएस-जे ही बाहर
प्रस्तावित नियमावली सरकार के समस्त सरकारी विभागों के समूह ख व समूह ग के पदों पर लागू होगी। यह सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली, 1974 पर भी लागू होगी। इसके दायरे से केवल प्रादेशिक प्रशासनिक सेवा (कार्यकारी एवं न्यायिक शाखा) तथा प्रादेशिक पुलिस सेवा के पद ही बाहर होंगे।

एमकेपीआई के आधार पर होगा मूल्यांकन

  • समूह ख व ग संवर्ग के पदों पर नियुक्त लोगों का संविदा अवधि में ‘मिजरेबल की परफार्मेंस इंडीकेटर’ (एमकेपीआई) के आधार पर उनके प्रदर्शन व संतोषजनक कार्य का प्रत्येक 6 माह में मूल्यांकन होगा। एमकेपीआई का फार्मूला भी तय किया जा रहा है।
  • संविदा अवधि के 4 वर्ष पूर्ण होने के बाद एमकेपीआई के आधार पर चयनित व्यक्तियों को समय का अनुपालन करने, अनुशासित रहने, देशभक्ति एवं नैतिकता का मापांक रखते हुए 5 वें वर्ष में विभागों द्वारा छह माह का इस संबंध में अनिवार्य प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • संविदा के दौरान संबंधित पद की संगत सेवा नियमावली में उल्लिखित पदनाम के पहले सहायक पद नाम से नियुक्ति की जाएगी।
  • संविदा अवधि में प्रत्येक वर्ष एमकेपीआई के आधार पर कार्य कर रहे कुल व्यक्तियों में से 2 छमाही के प्राप्तांक का योग 60 प्रतिशत से कम होने पर सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
  • संविदा कर्मी के कार्य को देखते हुए नियमावली के साथ निर्धारित एमकेपीआई अंकित कर नियुक्त प्राधिकारी चयन प्रस्ताव भेजेंगे। छमाही समीक्षा केवल इन्हीं एमकेपीआई पर की जाएगी ताकि पारदर्शिता रहे। यह एमकेपीआई नियुक्ति पत्र का भी अंश होंगे।
  • एमकेपीआई के आधार पर छमाही समीक्षा की कार्यवाही नियुक्ति पदाधिकारियों (कार्यालयाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष व शासन) के स्तर पर आधारित समितियां करेंगी।
  • समीक्षा समिति द्वारा प्रत्येक छमाही के बाद प्रदर्शित किए गए अंक को नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा बंद लिफाफे में रखा जाएगा।


ये प्रावधान लागू नहीं होंगे

  • संविदा पर नियुक्त व्यक्ति पर यूपी सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली-1999 लागू नहीं होगी।
  • संविदा पर नियुक्त व्यक्ति को शासकीय कार्य से यात्रा पर भेजे जाने पर ही यात्रा व अन्य भत्ते दिए जाएंगे।
  • संविदा पर नियुक्ति अवधि में कर्मी को नियमित सरकारी सेवकों को अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं दिए जाएंगे।
  • संविदा पर नियुक्त व्यक्ति की संबंधित पद की अर्हतओं व आरक्षण आदि से संबंधित प्रमाण पत्र आदि फ र्जी पाए जाने पर सेवा समाप्त कर दी जाएगी

संविदा कर्मी का मतलब क्या होता है?

संविदा नौकरी एक प्रकार का अस्थायी सरकारी रोजगार है जिसमें आवेदक को नौकरी की शुरुआत में एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करना होता है, जिसके अनुसार उसे संविदा में उल्लिखित सभी नियमों और शर्तों से सहमत होकर उस कार्य को करने के लिए अपनी सहमति देनी होती है।

संविदा का मतलब क्या होता है?

दो या अधिक व्यक्तियों, या पक्षों, के बीच ऐसा ऐच्छिक समझौता जिसके अनुसार किसी पक्ष द्वारा प्रतिज्ञात कृत्य, व्यवहार, या क्रिया निषेध के बदले में दूसरे पक्ष पर कुछ देने, करने, सहने, या किसी विशिष्ट प्रकार का व्यवहार करने का दायित्व हो और जो उन पक्षों के बीच तद्विषयक कानूनी संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से किया गया हो, " ...

संविदा को इंग्लिश में क्या बोलेंगे?

संविदा (contract) के पर्यायवाची शब्द इजारा, व्यवस्था, पण, ठीका या ठेका, शर्तनामा तथा समझौता हैं। कानूनी क्षेत्र में यह शब्द संविदा के अर्थ में ही प्रयुक्त होता है।