अमीबा में क्या क्या पाया जाता है? - ameeba mein kya kya paaya jaata hai?

Free

150 Questions 150 Marks 150 Mins

Last updated on Sep 26, 2022

The Uttar Pradesh Basic Education Board (UPBEB) is all set to invite fresh applications for the UP SUPER TET (Teacher Eligibility Test) Exam. The said exam is conducted to recruit candidates for the post of Assistant Teacher & Principal in Junior High Schools across the state of Uttar Pradesh. The vacancy is expected to be somewhere around 17000. The minimum eligibility criteria for the Assistant Teacher posts is graduation whereas for the posts of Principal it shall be graduation accompanied by 5 years of teaching experience. The willing candidates can go through the UP SUPER TET Syllabus and Exam Pattern from here.

Ace your General Science and Biology preparations for Zoology with us and master Animal Nutrition for your exams. Learn today!

अमीबा (Amoeba) जीववैज्ञानिक वर्गीकरण में एक वंश है तथा इस वंश के सदस्यों को भी प्रायः अमीबा कहा जाता है। अत्यंत सरल प्रकार का एक प्रजीव (प्रोटोज़ोआ) है जिसकी अधिकांश जातियाँ नदियों, तालाबों, मीठे पानी की झीलों, पोखरों, पानी के गड्ढों आदि में पाई जाती हैं। कुछ संबंधित जातियाँ महत्त्वपूर्ण परजीवी और रोगकारी हैं।

जीवित अमीबा बहुत सूक्ष्म प्राणी है, यद्यपि इसकी कुछ जातियों के सदस्य 1/2 मि.मी. से अधिक व्यास के हो सकते हैं। संरचना में यह जीवरस (प्रोटोप्लाज्म) के छोटे ढेर जैसा होता है, जिसका आकार निरंतर धीरे-धीरे बदलता रहता है। कोशिकारस बाहर की ओर अत्यंत सूक्ष्म कोशाकला (प्लाज़्मालेमा) के आवरण से सुरक्षित रहता है। स्वयं कोशारस के दो स्पष्ट स्तर पहचाने जा सकते हैं-बाहर की ओर का स्वच्छ, कणरहित, काँच जैसा, गाढ़ा बाह्य रस तथा उसके भीतर का अधिक तरल, धूसरित, कणयुक्त भाग जिसे आंतर रस कहते हैं। आंतर रस में ही एक बड़ा केंद्रक भी होता है। संपूर्ण आंतर रस अनेक छोटी बड़ी अन्नधानियों तथा एक या दो संकोची रसधानियों से भरा होता है। प्रत्येक अन्नधानी में भोजनपदार्थ तथा कुछ तरल पदार्थ होता है। इनके भीतर ही पाचन की क्रिया होती है। संकोचिरसधानी में केवल तरल पदार्थ होता है। इसका निर्माण एक छोटी धानी के रूप में होता है, किंतु धीरे-धीरे यह बढ़ती है और अंत में फट जाती है तथा इसका तरल बाहर निकल जाता है।

गॉल्जी उपकरण लाइसोसोम सेन्ट्रियोलप्लाज्मालीमा

Answer : C

Solution : अमीबा में स्यूडोपोडिया, प्लाज्मालेमा, केन्द्रक, संकुचनशील रिक्तकायें, जल की बूंदें, एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम, राइबोसोम, गॉल्जी बॉडी, माइटोकोन्ड्रिया, लाइसोसोम तथा माइक्रोट्ब्यूल्स आदि संरचनाएँ पायी जाती है।

आज का हमारा प्रश्न है अमीबा का भोजन क्या है अमीबा में पोषण का वर्णन करें अमीबा एक प्रोटोजोआ संघ का जीव है जो कि एक कोशिकीय जीवो का समूह होता है ठीक ही कोष के जीवो का समूह होता है अब जितने भी प्रोटो जोंस हैं यानी कि प्रोटोजोआ संघ के जीव हैं जैसे कि अमीबा अमीबा को हम लोग पूर्ण भौजी ठीक है क्या कहते हैं हम लोग पूर्ण भौजी जीव कहते हैं पूर्ण भौजी या इसको जंतु शंभुजी या सर्वाहारी जीव भी कहा जाता है अब इसको जंतु

भौजी का क्यों कहा जाता है तो जंतु शंभू जी का मतलब है कि जंतुओं के समान यह भोजन को ग्रहण करता है और जंतुओं के समान रूप से यह भोजन को ग्रहण कर रहा है इसलिए यहां पर अगर इसको देखें तो यह भोज्य पदार्थ ठोस रूप में ग्रहण करता है यानी कि इसका जो भोजन होगा वह कैसा होगा किस रूप में होगा तो वह उस रूप में होगा ठीक है और जो भी भोज्य पदार्थ यह ग्रहण करता है उस में मुख्यतः यह ग्रहण करता है जीवाणु को अपना भोजन बनाता है जीवाणुओं के साथ-साथ यह डायट अमस्ड आइटम्स को भी बनाता है अपना भोजन अन्य प्रोटोजोआ को भी बना

अन्य प्रोटोजोआ का भी यह भक्षण करता है यानी कि उनको भी खाता है ठीक और साथ ही साथ यह भोजन के रूप में शैवाल को भी ग्रहण करता है तो यह एक आपका ऐसा जीव है जो कि सर्वाहारी सर्वाहारी जीव या जंतु शंभुजी जीव के रूप में इसको जाना जाता है जब भी कभी अमीबा भोजन को ग्रहण करता है यानी कि कोई भी भोज्य पदार्थ अगर इसके शरीर के निकट आता है जैसे मान लीजिए यह कोई भोज्य पदार्थ है और यह अमीबा का शरीर है तो सबसे पहले यह उसको क्या करेगा उसको अपने अंदर समाहित करने की कोशिश करेगा और इसके लिए यह निर्माण करता है

खाद्य रितिका का ठीक है किसका निर्माण करता है तो खाद्य रितिका का निर्माण करता है ठीक है यह एक तरीके का पैकेट बना लेता है जिसमें कि वह भोज्य पदार्थ अंदर पहुंच जाता है और जो कोशिका द्रव्य इसके शरीर के अंदर होगा उससे विभिन्न प्रकार के एंजाइम निकलते हैं यानी कि पाचक रस निकलते हैं जो कि इस भोज्य पदार्थ को पचाने में मदद करते हैं अब इसके पोषण की प्रक्रिया की बात की जाए तो जंतु शंभुजी होने के कारण यानी कि अन्य जीवो की ही तरह भोजन का पाचन के लिए इसमें दो अवस्थाएं होती हैं पहली अवस्था जोकि कहलाती है अम्लीय अवस्था ठीक है पहली अवस्था क्या कहलाती है अम्लीय

अवस्था और दूसरी अवस्था होती है क्षारीय अवस्था ठीक है दूसरी अवस्था क्या होती है इसकी क्षारीय अवस्था होती है ठीक है और इसी प्रकार से अब जहां पर जब अम्लीय और क्षारीय अवस्थाएं होती हैं तो इसमें जो खाद्य रितिका का निर्माण हुआ है इसी खाद रितिका में जो इसका कोशिका द्रव्य होता है उसके द्वारा कई सारे एंजाइम जैसे कि ट्रिप्सिन पेप्टाइड एग प्रोटीन इज लाइफ इज इन सभी एंजाइम को भोज्य पदार्थों के ऊपर क्रियान्वित किया जाता है और इनके पाचन के द्वारा यानी कि भोज्य पदार्थ के टूटने के द्वारा ही अमीबा को पोषण प्राप्त होता है उम्मीद करते हैं आप सभी लोगों को समझ में आया होगा धन्यवाद

अमीबा में क्या पाया जाता है?

अमीबा (Amoeba) जीववैज्ञानिक वर्गीकरण में एक वंश है तथा इस वंश के सदस्यों को भी प्रायः अमीबा कहा जाता है। अत्यंत सरल प्रकार का एक प्रजीव (प्रोटोज़ोआ) है जिसकी अधिकांश जातियाँ नदियों, तालाबों, मीठे पानी की झीलों, पोखरों, पानी के गड्ढों आदि में पाई जाती हैं। कुछ संबंधित जातियाँ महत्त्वपूर्ण परजीवी और रोगकारी हैं।

अमीबा में कौन सी कोशिका पाई जाती है?

अमीबा निराकार सूक्ष्म एककोशिकीय जीव है। कोशिकांग (आर्गेनिलीस) और कोशिका द्रव्य को घेरने वाली इसकी कोशिका झिल्ली (मेम्बोरेन) छिद्रित होती है।

अमीबा की विशेषता क्या है?

अमीबा को सूक्ष्मदर्शी में देखने पर अमीबा का रंग पारदर्शी दिखाई देता है। अमीबा जेली के समान होता है किंतु इसकी संरचना अनियमित होती है। अमीबा एक रोग कारक परजीवी (Disease causative parasite) है, जो विभिन्न प्रकार के रोग जीवो में तथा वनस्पतियों में उत्पन्न करता है।

अमीबा परिभाषा क्या है?

अमीबा (Amoeba) एक एककोशिकीय जीव है जो पादाभ (pseudopodia) की मदद से भोजन के छोटे कणों को निगल लेता है। यह अपने आकार को बदलने की क्षमता रखता है। वे आम तौर पर झीलों, तालाबों, नदियों और अन्य ताजे पानी की सतहों जैसे जल निकायों के पास पाए जाते हैं।