स्टैचू ऑफ यूनिटी कौन से गांव में है? - staichoo oph yoonitee kaun se gaanv mein hai?

इन 6 गांव केवड़िया, वाघड़िया, लिमड़ी, नवगाम, गोरा, कोठी के लोग 1961-62 में नर्मदा डैम के लिए उनसे ली गई 927 एकड़ जमीन को वापस पाने के लिए सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड (SSNNL) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. SSNNL गुजरात सरकार के स्वामित्व वाली पब्लिक लिमिटिड कंपनी है और सरदार सरोवर प्रोजेक्ट का प्रबंधन देखती है.

दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनकर तैयार है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को इस प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे. यह मूर्ति सरदार वल्लभ भाई पटेल की है, जो हमेशा जमीन से जुड़े रहे और अब वे आसमान की भी शोभा बढ़ाएंगे. आइए जानते हैं इस मूर्ति की 11 खास बातें, जो आप शायद ही जानते होंगे...

- मूर्ति की लंबाई 182 मीटर है और यह इतनी बड़ी है कि इसे 7 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता है. बता दें कि 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' ऊंचाई में अमेरिका के 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' (93 मीटर) से दोगुना है.

- इस मूर्ति में दो लिफ्ट भी लगी है, जिनके माध्यम से आप सरदार पटेल की छाती पहुंचेंगे और वहां से आप सरदार सरोवर बांध का नजारा देख सकेंगे और खूबसूरत वादियों का मजा ले सकेंगे. सरदार की मूर्ति तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए पुल और बोट की व्यवस्था की जाएगी.

फौलादी है 'सरदार' का स्टैच्यू, सह सकता है भूकंप के इतने झटके

- इंजीनियर्स ने इस मूर्ति के कंस्ट्रक्शन को चार चरणों में पूरा किया गया है. जो इस प्रकार है:- (1)मॉक-अप, (2)3डी (3)स्कैनिंग तकनीक, (4)कंप्यूटर न्यूमैरिकल कंट्रोल प्रोडक्शन तकनीक. वहीं मूर्ति के नीचे के हिस्से को ऊपर के हिस्से की तुलना में थोड़ा पतला किया गया है. मूर्ति के निर्माण में सबसे बड़ी चुनौती इसे भूकंप और अन्य आपदा से बचाव करना था.

- आपको बता दें, यह स्टैच्यू 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा में भी स्थिर खड़ा रहेगा. यह 6.5 तीव्रता के भूकंप को भी सह सकता है. इस मूर्ति के निर्माण में भारतीय मजदूरों के साथ 200 चीन के कर्मचारियों ने भी हाथ बंटाया है. इन लोगों ने सितंबर 2017 से ही दो से तीन महीनों तक अलग-अलग बैचों में काम किया.

महंगा है '60 मंजिला' ऊंची पटेल मूर्ति का दीदार, ये हैं टिकट के दाम

- बता दें, इसके लिए मूर्ति के 3 किलोमीटर की दूरी पर एक टेंट सिटी भी बनाई गई है. जो 52 कमरों का श्रेष्ठ भारत भवन 3 स्टार होटल है. जहां आप रात भर रुक भी सकते हैं. वहीं स्टैच्यू के नीचे एक म्यूजियम भी तैयार किया गया है, जहां पर सरदार पटेल की स्मृति से जुड़ी कई चीजें रखी जाएंगी.

- मूर्ति के निर्माण के लिए केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद अक्टूबर 2014 मेंलार्सन एंड टूब्रो कंपनी को ठेका दिया गया था. माना जा रहा है कि इसके निर्माण में करीब 3000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. आपको बता दें, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के ऊपर जाने के लिए लिफ्ट लगेगी.

- 5700 मीट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18500 मीट्रिक टन रिइनफोर्समेंट बार्स से बनी इस मूर्ति में लेजर लाइटिंग लगेगी, जो इसकी रौनक हमेशा बनाए रखेगी. इस मूर्ति तक आपको नांव के जरिए पहुंचना होगा. एक दैनिक अखबार के मुताबिक, इसका दीदार करने के लिए 300 रुपये फीस का भुगतान भी करना होगा.

- सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस मूर्ति में 4 धातुओं का उपयोग किया गया है जिसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी. स्टैच्यू में 85 फीसदी तांबा का इस्तेमाल किया गया है.

सीने तक जाएगी लिफ्ट, ऐसी है सरदार पटेल की प्रतिमा और ऐसा है नजारा

- दिखने में जितनी खास ये प्रतिमा है, उतनी ही खास इसकी बनावट है. यह कॉम्पोजिट प्रकार का स्ट्रक्चर है और सरदार पटेल की मूर्ति के ऊपर ब्रॉन्ज की क्लियरिंग है. इस प्रोजेक्ट में एक लाख 70 हजार क्यूबिक मीटर कॉन्क्रीट लगा है. साथ ही दो हजार मीट्रिक टन ब्रॉन्ज लगाया गया है.

- इसके अलावा 5700 मीट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18500 मीट्रिक टन रिइनफोर्समेंट बार्स भी इस्तेमाल किया गया है. यह मूर्ति 22500 मीट्रिक टन सीमेंट से बनी है. इस विशाल प्रतिमा की ऊंचाई 182 मीटर है. इस मूर्ति को बनाने में करीब 44 महीनों का वक्त लगा है.

- इस लौह पुरुष की मूर्ति के निर्माण में लाखों टन लोहा और तांबा लगा है और कुछ लोहा लोगों से मांगकर लगाया है. इस मूर्ति को बनाने के लिए लोहा पूरे भारत के गांव में रहने वाले किसानों से खेती के काम में आने वाले पुराने और बेकार हो चुके औजारों का संग्रह करके जुटाया गया. इसके लिए एक ट्रस्ट भी बना "सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट". इसकी नींव 2013 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी.

नई दिल्ली. गुजरात के केवड़िया में नर्मदा नदी के तट पर दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण हो गया है. यह आम लोगों के लिए शनिवार से खुल रहा है. आजकल स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की चर्चा खूब हो रही है. यह देश का सबसे हॉट स्पॉट बन गया है. गुजरात सरकार को यहां रोजाना करीब 15,000 पर्यटकों के आने की उम्मीद है. अगर आप भी इसे देखने के लिए जाना चाहते हैं तो हम आपकी मदद कर कर रहे हैं.

दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा तक कैसे पहुंचे?
सरदार पटेल की यह प्रतिमा गुजरात में वडोदरा से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित है. राज्य राजमार्ग 11 और राज्य राजमार्ग 63 के माध्यम से मूर्ति तक पहुंचा जा सकता है. यदि आप मुंबई से आ रहे हैं, तो राष्ट्रीय राजमार्ग 48 के रास्ते उत्तर दिशा की ओर बढ़ें और मुलुंड उपनगर के पास राज्य राजमार्ग 64 पकड़ लें. मुंबई से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की सड़क यात्रा लगभग 420 किमी लंबी होगी. यदि आप अहमदाबाद से आ रहे हैं, तो आपको स्पॉट तक पहुंचने के लिए 200 किमी की दूरी तय करनी होगी.

टिकट कैसे प्राप्त करें?
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के दर्शन के लिए ऑनलाइन टिकट शनिवार से www.soutickets.in पर उपलब्ध होंगे. यह स्थान आम लोगों के लिए 3 नवंबर, 2018 से खुलेगा. इसके अलावा, पर्यटक श्रेष्ठ भारत भवन परिसर में भी टिकट खरीद सकते हैं, जो कि मूर्ति के पास स्थित है.

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120 रुपये का है टिकट
व्यस्कों के लिए प्रवेश शुल्क 120 रुपये है. बच्चों (3 से 15 वर्ष के बच्चों के लिए)- यह 60 रुपये है. इस टिकट के जरिये 'फूलों की घाटी', स्मारक, संग्रहालय और एक ऑडियो-विज़ुअल गैलरी, एसओयू और सरदार सरोवर बांध का लुत्फ उठाया जा सकता है. हालांकि, अगर अगर दर्शक प्रतिमा के आसपास का पूरा नजारा (विहंगम दृश्य) देखना चाहते हैं तो ऑब्जर्वेशन डेक के लिए थोड़ा महंगा टिकट खरीदना होगा. इसकी कीमत 350 रुपये है. 3 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रवेश निःशुल्क है.

बस सेवा का लाभ उठाने के लिए टिकटों की कीमत वयस्कों के लिए 30 रुपये और बच्चों के लिए केवल 1 रुपये है. अगर आप 350 रुपये वाला टिकट खरीदने वाले हैं तो अलग से बस का टिकट खरीदने की जरूरत नहीं होगी.

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फूलों की घाटी और टेंट सिटी की सैर करें
यहां सरदार पटेल की विशालकाय प्रतिमा के अलावा अन्य प्रमुख आकर्षणों में 17 किमी लंबी फूलों की घाटी भी है. मूर्ति के पास पर्यटकों के लिए एक टेंट सिटी और पटेल के जीवन को समर्पित एक संग्रहालय भी है.

स्टेच्यू ऑफ यूनिटी से 4 किमी दूर स्थित टेंट सिटी बनाई गई है. यहां एक समय में 500 से अधिक पर्यटकों रुक सकते हैं. इस मूर्ति के अंदर 153 मीटर की ऊंचाई पर एक गैलरी बनाई गई है, जहां से पर्यटकों को 1,210 मीटर लंबी कंक्रीट का सरदार सरोवर बांध, 3.2 किमी लंबा किनारा और मूर्ति के आसपास के सतपुड़ा और विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं का नजारा भी देखने को मिलेगा.

स्टेचू ऑफ यूनिटी कौन से गांव में है?

गुजरात के नर्मदा जिल्ले में सरदार सरोवर डेम के पास साधु बेट के पास बना हुआ है। इसकी height 182 मीटर है। दुनिया का सबसे ऊंचा स्टेचू है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के आस-पास कहाँ-कहाँ घूम सकते हैं?

अहमदाबाद से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी कैसे जाएं?

अहमदाबाद-केवड़िया किराया 120 रुपये से लेकर 885 रुपये तक है. ट्रेन अहमदाबाद से केवड़िया तक रास्ते में वडोदरा स्टेशन से होकर गुजरेंगी. ट्रेन संख्या 09247 सुबह 7.55 पर अहमदाबाद स्टेशन से छूटेगी, वहीं ट्रेन संख्या 09249 रोज दोपहर 3.20 पर निकलेगी.

स्टेचू ऑफ यूनिटी का टिकट कितना है?

ऑब्जर्वेशन डेक व्यू के लिए एक व्यक्ति को 350 रुपए का टिकट लेना होगा। जबकि एंट्री टिकट के लिए 3-15 साल वाले बच्चों को 60 रुपए और वयस्कों को 120 रुपए का टिकट लेना पड़ेगा।

विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा का क्या नाम है?

दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, की है जो भारत के लौह पुरुष, सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति है. ... .
यह भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे पसंदीदा परियोजनाओं में से एक है. ... .
यह स्टैच्यू ऑफ यूनिटी वडोदरा शहर के पास सरदार सरोवर बांध के पार बनाई गई है..