स्तनपान Show
स्तनपान: मां का दूध सबसे अच्छा माना जाता है और इसे छोटे बच्चे के लिए सबसे पौष्टिक आहार माना जाता है। आपको बता दें कि पहले छह महीनों तक शिशुओं को केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए, क्योंकि यह ऊर्जा और पोषक तत्वों का सबसे अच्छा स्रोत है। इतना ही नहीं, स्तनपान भी नई मां के लिए फायदेमंद होता है। स्तनपान कराने वाली मां को अपने आहार में स्वस्थ खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए-हां, ऐसा इसलिए है क्योंकि आप और आपका शिशु दोनों स्वस्थ भोजन का सेवन करने से स्वस्थ रहते हैं। इसके साथ ही अगर डिलीवरी के बाद आपका वजन बढ़ गया है तो उचित आहार की मदद से आप इसे कम कर सकते हैं। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कौन से फल खाने चाहिए और कौन से नहीं? also read: गर्मियों में लें पान ठंडाई का आनंद, बनाना है बेहद आसान हरा पपीता – दरअसल हरा पपीता खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगता है दूसरी ओर, हरे पपीते को galactagogues माना जाता है और galactagogues ऐसे पदार्थ होते हैं जो स्तन दूध उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। हां और यह स्तनपान कराने वाली मां के लिए फायदेमंद हो सकता है। आपको बता दें कि हरा पपीता खाने से आपको फायदा होगा-दरअसल, यह कब्ज को दूर कर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इतना ही नहीं आप इस फल को स्मूदी के रूप में भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। also read: गर्मी में घर पर लें शिकंजी के मजे, ऐस बनाएं चना – छोले में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जो स्तनपान कराने वाली मां के लिए बहुत जरूरी है। दरअसल चीकू खाने से आप ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बर्न हुई कैलोरी वापस हासिल कर सकती हैं और साथ ही चीकू में फाइबर, विटामिन और कई मिनरल पाए जाते हैं। अंजीर- अंजीर सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इसमें मैंगनीज, मैग्नीशियम, तांबा, कैल्शियम, लोहा और पोटेशियम जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। जी हां और इसके अलावा अंजीर फाइबर, विटामिन के और विटामिन बी6 का भी अच्छा स्रोत है। इस वजह से यह मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। केला- केला शरीर को पोषण प्रदान करने के लिए सबसे अच्छे भोजन में से एक माना जाता है। दरअसल केले में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो कब्ज को ठीक करने में मदद करता है। किन फलों का सेवन नहीं करना चाहिए-आपको बता दें कि स्तनपान के दौरान किसी भी फल से परहेज करने की जरूरत नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि फल एक स्तनपान कराने वाली मां और उसके बच्चे के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत हैं। इस वजह से आप बिना किसी डर के अपने आहार में कई तरह के फलों को स्तनपान के दौरान शामिल कर सकती हैं। हालांकि, अगर कोई विशेष फल आपको या बच्चे को परेशानी का कारण बन रहा है, तो पेट खराब, जलन या कब्ज हो सकता है। या अगर आपको रैशेज, सूजन और उल्टी जैसी किसी भी तरह की एलर्जी है तो आपको तुरंत उस फल का सेवन बंद कर देना चाहिए। – कशिश राजपूत मां का दूध सबसे अच्छा माना जाता है और इसे छोटे बच्चे के लिए सबसे पौष्टिक आहार माना जाता है। बता दें कि पहले छह महीनों तक शिशुओं को केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए, क्योंकि यह ऊर्जा और पोषक तत्वों का सबसे अच्छा स्रोत है। स्तनपान भी नई मां के लिए फायदेमंद होता है। स्तनपान कराने वाली मां को अपने आहार में स्वस्थ खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। क्योंकि आप और आपका शिशु दोनों स्वस्थ भोजन का सेवन करने से स्वस्थ रहते हैं। जिसके साथ ही यदि डिलीवरी के बाद आपका वजन बढ़ गया है तो उचित आहार की मदद से आप इसे कम कर सकते हैं। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कौन से फल खाने चाहिए और कौन से नहीं? हरा पपीता - आपकी जानकारी के लिए बता दे की हरा पपीता खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगता है. स्तनपान कराने वाली मां के लिए फायदेमंद हो सकता है। बता दें कि हरा पपीता खाने से आपको फायदा होगा। दरअसल, यह कब्ज को दूर कर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। आप इस फल को स्मूदी के रूप में भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। चना - छोले में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जो स्तनपान कराने वाली मां के लिए बहुत जरूरी है। चीकू खाने से आप ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बर्न हुई कैलोरी को वापस हासिल कर सकती हैं और साथ ही चीकू में फाइबर, विटामिन और कई मिनरल पाए जाते हैं। अंजीर- अंजीर सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। मैंगनीज, मैग्नीशियम, तांबा, कैल्शियम, लोहा और पोटेशियम जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। जिसके अलावा अंजीर फाइबर, विटामिन के और विटामिन बी6 का भी अच्छा स्रोत है। इस वजह से यह मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। केला- केला शरीर को पोषण प्रदान करने के लिए सबसे अच्छे भोजन में से एक माना जाता है। केले में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो कब्ज को ठीक करने में मदद करता है। किन फलों का सेवन नहीं करना चाहिए- आपको बता दें कि स्तनपान के दौरान किसी भी फल से परहेज करने की जरूरत नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि फल एक स्तनपान कराने वाली मां और उसके बच्चे के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत हैं। इस वजह से आप बिना किसी डर के अपने आहार में कई तरह के फलों को स्तनपान के दौरान शामिल कर सकती हैं। यदि कोई विशेष फल आपको या बच्चे को परेशानी का कारण बन रहा है, तो पेट खराब, जलन या कब्ज हो सकता है। या अगर आपको रैशेज, सूजन और उल्टी जैसी किसी भी तरह की एलर्जी है तो आपको तुरंत उस फल का सेवन बंद कर देना चाहिए। दूध पिलाने वाली माँ को क्या खाना चाहिए?स्तनपान कराने वाली मां के तौर पर मेरे लिए कौन से पोषक तत्व जरुरी हैं?. स्टार्चयुक्त भोजन, जैसे कि चावल, ब्रेड, पूर्ण अनाज से बनी रोटी, आलू, जई (ओट्स), सूजी और पास्ता। ... . कुछ डेयरी उत्पाद, जैसे कि एक गिलास दूध, दही या योगर्ट। ... . कुछ प्रोटीन जैसे कि दाल-दलहन, अंडे, मछली और वसा रहित मांस।. पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियां।. दूध पिलाने वाली माँ को क्या नहीं खाना चाहिए?शिशु को दूध पिलाने वाली मांओं को जंक और मसालेदार चीजें नहीं खानी चाहिए। ये चीजें दूध के जरिए शिशु के शरीर में पहुंचकर, उसकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं। आप ज्यादा मीठी चीजें और गैस पैदा करने वाली चीजें जैसे कि गोभी भी न खाएं। कच्ची चीजें जैसे कि अंडा और सीफूड न खाएं।
एक दूध पिलाने वाली माता को पहले 6 महीने प्रतिदिन के आहार में कितना अतिरिक्त प्रोटीन देना चाहिए?डिलिवरी के बाद एक मां को पहले 6 महीने तक 80 ग्राम और 6-12 महीने तक तकरीबन 70 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। खुराक में प्रोटीन होना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ये बच्चे की कोशिकाओं व मांसपेशियों के विकास और उसके वजन को बढ़ाने के लिए मां के दूध की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं।
बच्चों को लेटकर दूध पिलाने से क्या होता है?दरअसल लेटकर दूध पिलाने से बच्चे के फेफड़ों में दूध जाने की संभावना काफी अधिक होती है। यह शिशुओं के लिए घातक हो सकता है इसलिए, लेटकर स्तनपान की सलाह बहुत ज्यादा नहीं की जाती है।'' इस स्थिति में दूध पिलाने की सलाह केवल उन माताओं को दी जाती है, जिनकी 24 घंटों के अंदर सी-सेक्शन सर्जरी हुई।
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