सवाल: साधारण बहुमत तथा विशेष बहुमत में क्या अंतर है? Show किसी संसदीय व्यवस्था में संसद या विधानसभा में सबसे अधिक सदस्यों वाली पार्टी के द्वारा पूर्ण बहुमत द्वारा बनाई गई सरकार को बहुमत की सरकार कहा जाता है। सामान्य बहुमत का अर्थ है सदन में उपस्थित 50 परसेंट से अधिक सदस्यों का बहुमत मिलना। यदि सदन में पूरे सदस्य नहीं है तो 50 परसेंट से अधिक सदस्यों का ही बहुमत माना जाता है। विशेष बहुमत को स्पेशल मेजॉरिटी कहा जाता है । विशेष बहुमत का उपयोग सदन में मुख्य रूप से 2 कारणों के लिए किया जाता है। पहला उस समय जब संविधान में कोई संशोधन लाना हो। और दूसरा जब महाभियोग लाना हो। अनुच्छेद नंबर 249 के अनुसार विशेष बहुमत सदन में उपस्थित किया मतदान देने वाले सदस्यों का दो तिहाई भाग माना जाता है। बहुमत शब्द का इस्तेमाल वोंटिंग के सन्दर्भ में किया जाता है। सामान्यतः जो उम्मीदवार सबसे अधिक मतों सी विजयी होता है उसे ‘बहुमत मिला है‘ कहते हैं। किसी संसदीय व्यवस्था मे संसद या विधानसभा में सबसे अधिक सदस्यों वाले दल द्वारा पूर्ण बहुमत से बनाई गई सरकार को बहुमत की सरकार कहते हैं, इसलिए आप भी जान लीजिये सामान्य और विशेष बहुमत में क्या अंतर हैं? Advertisement इसे भी पढ़े: Lucknow Lok Sabha Result 2019 | लखनऊ लोकसभा सीट से कौन जीत रहा है राजनाथ सिंह, पूनम सिन्हा या प्रमोद आचार्य सामान्य बहुमत सामान्य बहुमत सदन में उपस्थित सदस्यों का 50% से ज्यादा होता है, उदहारण के तौर पर किसी समय निम्न सदन अर्थात लोकसभा में 543 सदस्य पूरे मौजूद नहीं है, तो उस समय उपस्थिति सदस्यों के 50% से अधिक को ही बहुमत माना जाता है, और यह सामान्य बहुमत कहलाता है | सामान्य बहुमत को निकालने का फार्मूला उपस्थित सदस्यों की संख्या / 2 + 1 विशेष बहुमत विशेष बहुमत को स्पेशल मेजोरिटी कहा जाता है, विशेष बहुमत का प्रयोग सदन में मुख्य रूप से दो कारणों के लिए किया जाता है | पहला संविधान में संशोधन करने के लिए तथा दूसरा महाभियोग लाने के लिए किया जाता है | विशेष बहुमत साधारण बहुमत से बिलकुल अलग होता है, और किसी भी सदन में कुल सदस्यों की संख्या के दो तिहाई को विशेष बहुमत कहा जाता है | विशेष बहुमत का फार्मूला पहले कुल सदस्यों को 3 से भाग दीजिए लोकसभा कुल सदस्य: 543 543/3 = 181 अब 181 को 2 से गुणा कर दीजिए 181 X 2 = 362 लोकसभा विशेष बहुमत 362 है विशेष और साधारण बहुमत में अंतर विशेष बहुमत के अंतर्गत संविधान में संशोधन करना तथा महाभियोग लगानें हेतु किया जाता है, तथा विधान मंडल या संसद अथवा सदन के कुल व उपस्थित सदस्य संख्या के दो-तिहाई सदस्यों के समर्थन से कोई विधेयक पारित किया जाता है | जबकि साधारण बहुमत में सभी सदस्यों की उपस्थिति न होने पर भी किसी भी कार्य को करनें में उनकी उपस्थिति 50% माना जाता है, अर्थात 50%+1 का नियम लागू होगा | इसे भी पढ़े: हिमाचल प्रदेश लोकसभा चुनाव 2019: यहाँ की चारों सीटों पर बीजेपी चल रही है आगे, कांग्रेस को झटका Advertisement साधारण बहुमत व विशेष बहुमत में …CBSE, JEE, NEET, NDAQuestion Bank, Mock Tests, Exam Papers NCERT Solutions, Sample Papers, Notes, Videos साधारण बहुमत व विशेष बहुमत में क्या अंतर है? Posted by Lucky Rai Rai 1 year, 11 months ago
सामान्य बहुमत सदन में उपस्थित सदस्यों का 50% से ज्यादा होता है, उदहारण के तौर पर किसी समय निम्न सदन अर्थात लोकसभा में 543 सदस्य पूरे मौजूद नहीं है, तो उस समय उपस्थिति सदस्यों के 50% से अधिक को ही बहुमत माना जाता है, और यह सामान्य बहुमत कहलाता है | विशेष बहुमत को स्पेशल मेजोरिटी कहा जाता है, विशेष बहुमत का प्रयोग सदन में मुख्य रूप से दो कारणों के लिए किया जाता है | पहला संविधान में संशोधन करने के लिए तथा दूसरा महाभियोग लाने के लिए किया जाता है | विशेष बहुमत साधारण बहुमत से बिलकुल अलग होता है, और किसी भी सदन में कुल सदस्यों की संख्या के दो तिहाई को विशेष बहुमत कहा जाता है | Posted by Pinky Salvi 1 month, 3 weeks ago
Posted by Mohd Sahil 2 weeks, 5 days ago
Posted by Tushar Sharma 6 months ago
Posted by Mohd Sahil 2 weeks, 5 days ago
Posted by Imratlal Solanki 1 month, 2 weeks ago
Posted by Teena Gautam 1 month, 3 weeks ago
Posted by Nandini Yadav 1 week, 2 days ago
Posted by Official Duo Gᴀᴍᴇʀ Yt 4 days, 1 hour ago
Posted by Teena Gautam 1 month, 3 weeks ago
Posted by Shahid Ansari 6 months ago
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Test GeneratorCreate papers at ₹10/- per paper साधारण बहुमत तथा विशेष बहुमत से क्या अंतर है?बहुमत (plurality या majority) शब्द का प्रयोग मतदान (वोंटिंग) के सन्दर्भ में किया जाता है। सामान्यतः जो प्रत्याशी सर्वाधिक मत प्राप्त करता है उसे 'बहुत मिला है' कहते हैं।
विशेष बहुमत क्या होती है लिखिए?कुल सदस्यों का 2/3 होता है। लोकसभा विशेष बहुमत 362 है।
बहुमत कितने प्रकार के होते हैं?जहां संक्षिप्त नाम ( खण्ड 1 ) में अधिनियम के प्रारम्भ होने के बारे में उपबन्ध होता है, वहां इसे भी विशेष बहुमत से स्वीकार किया जाता है । 134 LO Page 10 12. खण्डों और अनुसूचियों में संशोधन किसी भी अन्य विधेयक के मामले की तरह साधारण बहुमत से विनिश्चित किए जाते हैं।
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