संवेग क्या हैं? – संवेग किसे कहते हैं (samveg kise kahate hain – samveg kya hai) – संवेग का SI मात्रक क्या होता हैं? (samveg ka si matrak) – भौतिक विज्ञान का असर हमारे जीवन प्रत्येक कार्य पर होता हैं. हम अपने दैनिक जीवन में जितने भी मशीन का उपयोग करते हैं जैसे मोबाइल, कंप्यूटर, गाड़ी, साइकिल इत्यादि यह सभी भौतिक विज्ञान के सिदान्त पर ही बने होते हैं. इस आर्टिकल में भौतिक विज्ञान के सबसे महत्वपूर्ण पाठ संवेग के बारे में जानकारी प्राप्त करेगे. इस आर्टिकल में हम संवेग के साथ संवेग का SI मात्रक भी जानेगे. Show
किसी वस्तु का संवेग उस वस्तु के द्रव्यमान और वेग का गुना होता हैं. संवेग एक सदिश राशि हैं. क्योंकि संवेग की दिशा और परिमाण दोनों होता हैं. संवेग की दिशा वस्तु के वेग की दिशा दोनों समान होती हैं. संवेग को p से इंकित किया जाता हैं. संवेग ज्ञात करने का सूत्र निम्न-अनुसार हैं: संवेग = द्रव्यमान x वेग चूँकि की संवेग को p, द्रव्यमान को m और वेग को v से इंकित करते हैं. अंत संवेग का सूत्र: P = m x v संवेग का उदाहरन क्या हैं दीजिए?संवेग को ओर अधिक अच्छे से समझने के लिए एक उदाहरन लेते हैं जैसे की हमे पता हैं. हाथी शरीर से भारी होता हैं. और हाथी का वजन इतना होता हैं की उसे अपनी वर्तमान अवस्था से हिलाने के लिए ज्यादा मात्रा में बल लगाना पड़ता हैं. यहा हाथी का द्रव्यमान वेग से ज्यादा हैं. दोनों का गुना भी ज्यादा ही होगा. बल का एस आई मात्रक क्या हैं – bal ka SI matrak – बल किसे कहते हैं अब हम बन्दुक की गोली का उदाहरन लेते हैं. बंदूक की गोली का द्रव्यमान कम होता हैं. लेकिन बन्दुक से निकलने के बाद उसका वेग बहुत अधिक होता हैं. जिसके कारन उसको रोकना संभव नहीं हैं. अंत हमने देखा की सिर्फ द्रव्यमान से संवेग को परिभाषित नहीं किया जाता हैं. संवेग द्रव्यमान और वेग का गुना हैं. Slide Master kya hai? इसका उपयोग कैसे करे! संवेग का SI मात्रक क्या होता हैं? (samveg ka si matrak – samveg ka matrak)संवेग का SI मात्रक किलोग्राम-मीटर/सेकंड होता हैं. जिसे kg-mtr-s-1 से इंकित करते हैं. संवेग सरक्षण का नियम क्या हैं?संवेग सरक्षण के नियम के अनुसार एक वस्तु का संवेग तब तक अपरिवर्तित होता हैं. जब तक वस्तु पर कोई बाह्य बल नहीं लगाया जाता हैं. यह बाह्य बल वस्तु के संवेग के विपरीत दिशा में लगाना होता हैं. तभी वस्तु और बाह्य बल का संवेग आपस में विपरीत दिशा में समान होता हैं. जिससे वस्तु की स्थिति में परिवर्तन संभव हैं. जब बन्दुक से गोली निकलती हैं. तो गोली आगे की ओर जाती हैं. और बन्दुक को पीछे की ओर धकेलती हैं. अगर बन्दुक भारी हैं तो पीछे की ओर धक्का कम लगता हैं. वही अगर बन्दुक हल्की हैं तो पीछे की ओर धक्का ज्यादा लगता हैं. सवेग सरक्षण के नियम के अनुसार यह होता हैं. किसी एक या एक से अधिक वस्तु की स्थिति में परिवर्तन के लिए बाह्य बल भी वस्तु के संवेग के विपरीत दिशा में बाह्य वस्तु के द्रव्यमान के अनुसार लगाना होता हैं. ई-सिगरेट क्या है? भारत में ई-सिगरेट पर पाबन्दी क्यों है! निष्कर्षइस आर्टिकल (संवेग क्या हैं? – संवेग किसे कहते हैं (samveg kise kahate hain – samveg kya hai) ) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको सरल भाषा में संवेग की परिभाषा और उदाहरण समझाना हैं. संवेग का SI मात्रक किलोग्राम-मीटर/सेकंड होता हैं. आपको यह आर्टिकल (संवेग का SI मात्रक क्या होता हैं? (samveg ka si matrak)) कैसा लगा हैं. यह हमे तभी पता चलेगा जब आप हमे निचे कमेंट करके बताएगे. यह आर्टिकल विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओ की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण हैं. इसलिए इस आर्टिकल को उन लोगो और दोस्तों तक पहुचाए जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. क्योंकि ज्ञान बाटने से हमेशा बढ़ता हैं. धन्यवाद. समान द्रव्यमान के दो पिण्डों (m1 = 4 kg, u1 = 5 m/s, m2 = 4 kg, u2 = 0 m/s) के प्रत्यास्थ संघट्ट ; संघट्ट के पूर्व सम्पूर्ण संवेग प्रथम पिण्ड में है, संघट्ट के बाद वह सारा संवेग दूसरे पिण्ड में चला जाता है। दो अत्यधिक असमान द्रव्यमान वाले पिण्डों (m1 = 1000 kg, u1 = 5 m/s, m2 = 0,1 kg, u2 = 0 m/s) का प्रत्यास्थ संघट्ट ; इस संघट्ट में संवेग का बहुत कम अन्तरण (ट्रान्सफर) होता है क्योंकि हल्का पिण्ड थोड़ा सा संवेग पाकर ही तेज गति से निकल जाता है। बड़े द्रव्यमान वाले पिण्ड का संवेग बहुत कम परिवर्तित होता है। समान द्रव्यमान वाले दो पिण्डों का अप्रत्यास्थ संघट्ट पूल (क्यू खेल) में, रेखीय संवेग संरक्षण संरक्षित रहता है; जैसे कि, जब संघट के बाद जब एक गेंद रुकती है, दूसरी गेंद समान संवेग के साथ दूर चली जाती है। यदि गतिशील गेंद गति करे या सामान्य से थोडी मुड़ जाती है तो दोनों गेंदे संघट्ट के बाद अपने आंशिक संवेग के साथ गतिशील रहेंगी। किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को संवेग (momentum) कहते हैं: संवेग एक सदिश राशि है क्योंकि इसका एक परिमाण होता है और एक दिशा भी होती है। एक संबंधित राशि कोणीय संवेग है। संवेग एक संरक्षित राशि है। अर्थात किसी वियुक्त निकाय में कुल संवेग स्थिर रहता है। रेखीय संवेग का संरक्षण[संपादित करें]रेखीय संवेग का संरक्षण का नियम (law of conservation of linear momentum) प्रकृति का मूलभूत सिद्धान्त है। इसके अनुसार, पिण्डों के किसी बन्द निकाय (सिस्टम) पर कोई वाह्य बल न लगाया जाय तो उस निकाय का कुल संवेग नियत बना रहता है। इस नियम का एक परिणाम यह है कि वस्तुओं के किसी भी निकाय का द्रव्यमान केन्द्र (center of mass) एक नियत वेग से चलता रहेगा जब तक उस पर कोई वाह्य बल न लगाया जाय।संवेग की एक विशेष बात यह है कि यह सभी स्थितियों में संरक्षित रहता है - यहाँ तक कि संघट्टों (collisions) में, तथा विस्फोटक बलों के कारण होने वाली गति की दशा में भी। जबकि गतिज ऊर्जा संघट्ट की दशा में संरक्षित नहीं होती है यदि संघट्ट अप्रत्यास्थ (inelastic) होंगे। चूंकि संवेग संरक्षित रहता है, इस तथ्य का उपयोग संघट्ट के उपरान्त वस्तुओं के वेग ज्ञात करने के लिये किया।
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]संवेग का S1 मात्रक क्या है?सही उत्तर kg ms-1 है। संवेग का SI मात्रक kg ms-1 है।
संवेग क्या होता है इसका सूत्र एवं SI मात्रक भी लिखिए?संवेग = द्रव्यमान x वेग
इसे 'डाइन-सेकण्ड' भी लिख सकते हैं। एम० के० एस० प्रणाली में संवेग का मात्रक 'किग्रा-मीटर/सेकण्ड' है। इसे 'न्यूटन-सेकण्ड' भी लिख सकते हैं। संवेग एक सदिश राशि है तथा इसकी दिशा वही होती है जो कि वेग की दिशा है।
संवेग का एसआई क्या है?संवेग (Momentum) का एसआई मात्रक (SI Unit) kg m/s होता है।
5 संवेग की परिभाषा दें इसका SI मात्रक क्या है?दो अत्यधिक असमान द्रव्यमान वाले पिण्डों (m1 = 1000 kg, u1 = 5 m/s, m2 = 0,1 kg, u2 = 0 m/s) का प्रत्यास्थ संघट्ट ; इस संघट्ट में संवेग का बहुत कम अन्तरण (ट्रान्सफर) होता है क्योंकि हल्का पिण्ड थोड़ा सा संवेग पाकर ही तेज गति से निकल जाता है। बड़े द्रव्यमान वाले पिण्ड का संवेग बहुत कम परिवर्तित होता है।
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