स्वतंत्र भारत के समक्ष विकास के कौन कौन से मॉडल थे? - svatantr bhaarat ke samaksh vikaas ke kaun kaun se modal the?

भारत के सामने आज़ादी के बाद विकास के कौन-कौन से मॉडल थे?...


स्वतंत्र भारत के समक्ष विकास के कौन कौन से मॉडल थे? - svatantr bhaarat ke samaksh vikaas ke kaun kaun se modal the?

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आजादी के बाद हिंदुस्तान के सामने विकास के दो मॉडल के पहला था उदारवादी दूसरा तक पूंजीवादी मॉडल

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स्वतंत्र भारत के समक्ष विकास के कौन कौन से मॉडल थे? - svatantr bhaarat ke samaksh vikaas ke kaun kaun se modal the?

1 जवाब

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भारत में नियोजित अर्थव्यवस्था चलाने का विचार ग्रहण किया गया था:

(क) बॉम्बे प्लान से
(ख) सोवियत खेमे के देशों केअनुभवों से
(ग) समाज के बारे में गाँधीवादी विचार से
(घ) किसान संगठनों की माँगो से

  • सिर्फ (ख) और (घ)

  • सिर्फ (क) और (ख)

  • सिर्फ (घ) और (ग)

  • उपर्युक्त सभी


भारत ने शुरूआती दौर में विकास की जो नीति अपनाई उसमें निम्नलिखित में से कौन-सा विचार 'शामिल नहीं था?

  • नियोजन

  • उदारीकरण

  • सहकारी खेती

  • आत्म-निर्भरता


आज़ादी के समय विकास के सवाल पर प्रमुख मतभेद क्या थे? क्या इन मतभेदों को सुलझा लिया गया?


राष्ट्रवादी नेताओं के मन में यह बात बिलकुल साफ थी कि आज़ाद भारत की सरकार के आर्थिक सरोकार अंग्रेजी हुकूमत के आर्थिक सरोकारों से एकदम अलग होंगे तथा वे उनको पूरा करने के लिए आर्थिक प्रणालियाँ अपनाएँगे। विकास के मॉडल को लेकर भारतीय नेताओं में मतभेद था कि विकास का कौन-सा मॉडल अपनाया जाए। आजादी के वक्त हिंदुस्तान के सामने विकास के दो मॉडल थे। पहला उदारवादी-पूंजीवादी मॉडल था। यूरोप के अधिकतर हिस्सों और संयुक्त राज्य अमरीका में यही मॉडल अपनाया गया था और वहाँ यह मॉडल कारगर साबित हुआ। इस मॉडल एक मुख्य विशेषता यह होती हैं की आर्थिक क्रियाओं में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। अत:भारत के कई राजनेता व विचारक भारत को आधुनिक बनाने के लिए विकास के इसी मॉडल को अपनाने के पक्ष में थे।

इसके विपरीत दूसरा मॉडल था: समाजवादी मॉडल, यह मॉडल समाजवादी मार्क्सवादी विचारधारा पर आधारित था। इसमें आर्थिक क्रियाओं में राज्य या सरकार का हस्तक्षेप होता है। इसे सोवियत संघ ने अपनाया था। भारतीय नेतृत्व में इस बात को लेकर मतभेद था कि विकास के किस मॉडल को अपनाया जाए। कुछ लोग पश्चिमी देशों की तरह आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को अपनाने के पक्ष में थे तो कुछ लोग समाजवादी मॉडल को अपनाने के पक्ष में थे। इस प्रकार कुछ लोग औद्योगीकरण को उचित रास्ता मानते थे और इसके माध्यम से भारत को विकास की दशा की और मोड़ना चाहते थे। और कुछ लोगों की नजर में कृषि का विकास करना और ग्रामीण क्षेत्र की गरीबी को दूर करना सर्वाधिक जरूरी था।

भारतीय नेतृत्व में दूसरा मतभेद निजी क्षेत्र तथा सार्वजनिक क्षेत्र की प्राथमिकताओं को लेकर था। कुछ लोग निजी क्षेत्र को तथा कुछ लोग सार्वजनिक क्षेत्र को प्राथमिकता देने के पक्ष में थे। इन सभी विचारों को लेकर सरकार असमंजस में थी कि विकास के किस मॉडल को और किस क्षेत्र को पहले प्राथमिकता दी जाए। अंत में इन मतभेदों को बातचीत के द्वारा हल लिया गया। फलस्वरूप भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था के मॉडल को अपनाया गया है जिसमें निजी व सार्वजनिक क्षेत्र दोनों आते हैं। औद्योगीकरण और कृषि दोनों को समान रूप से महत्त्व देने का निर्णय लिया गया।


निम्नलिखित का मेल करें

A. चरणसिंह (i) औद्योगिकरण
B. पी०सी० महालनोबिस (ii) जोनिंग
C. बिहार का अकाल (iii) किसान
D. वर्गीज कूरियन (iv) सहकारी डेयरी


A.

चरणसिंह

(i)

किसान

B.

पी०सी० महालनोबिस

(ii)

औद्योगिकरण

C.

बिहार का अकाल

(iii)

जोनिंग

D.

वर्गीज कूरियन

(iv)

सहकारी डेयरी


'बॉम्बे प्लान' के बारे में निम्नलिखित में कौन-सा बयान सही नहीं है?

  • यह भारत के आर्थिक भविष्य का एक ब्लू-प्रिंट था।

  • इसमें उद्योगों के ऊपर राज्य के स्वामित्व का समर्थन किया गया था।

  • इसकी रचना कुछ अग्रणी उद्योगपतियों ने की थी।

  • इसमें नियोजन के विचार का पुरज़ोर समर्थन किया गया था।


B.

इसमें उद्योगों के ऊपर राज्य के स्वामित्व का समर्थन किया गया था।


स्वतंत्र भारत के समक्ष विकास के कौन से दो मॉडल थे?

आजादी के वक्त हिंदुस्तान के सामने विकास के दो मॉडल थे। पहला उदारवादी-पूंजीवादी मॉडल था। यूरोप के अधिकतर हिस्सों और संयुक्त राज्य अमरीका में यही मॉडल अपनाया गया था और वहाँ यह मॉडल कारगर साबित हुआ। इस मॉडल एक मुख्य विशेषता यह होती हैं की आर्थिक क्रियाओं में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता।

विकास के मॉडल कौन कौन से हैं?

सड़क कहाँ बने, स्थानीय बसों या मेट्रो का मार्ग कौन-सा हो, मैदान या विद्यालय कहाँ पर हो, किसी गाँव को चेक डैम की ज़रूरत या इंटरनेट कैफे की, इस तरह के फ़ैसले उन्हीं लोगों द्वारा किए जाने चाहिएँ । समस्याओं का समाधान का सर्वोत्तम तरीका एक और केवल एक ही है।

स्वतंत्रता के बाद भारत में कौन सा मॉडल अपनाया?

स्‍वतंत्रता प्राप्‍ति‍ के पश्‍चात भारत सरकार देश में औद्योगि‍कीकरण के तीव्र संवर्द्धन की दृष्‍टि‍ से वि‍भि‍न्‍न नीति‍गत उपाय करती रही है । इस दि‍शा में प्रमुख कदम के रूप में औद्योगि‍क नीति‍ संकल्‍प की उदघोषणा करना है जो 1948 में पारि‍त हुआ और उसके अनुसार 1956 और 1991 में पारि‍त हुआ ।

स्वतंत्रता के समय भारत के समक्ष विकास के कितने मॉडल मौजूद थे?

भारत की आर्थिक विकास दर चालू वित्त वर्ष में 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो दुनिया की समस्‍त बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं में सर्वाधिक है। देश की अर्थव्‍यवस्‍था महामारी के प्रतिकूल प्रभावों से उभरकर जिस तरह से समग्र रूप से बड़ी तेजी के साथ रिकवर कर रही है वह हमारे देश की दमदार मजबूती को दर्शाती है।