संवाद के औपचारिक और अनौपचारिक रूपों पर प्रकाश डालिए - sanvaad ke aupachaarik aur anaupachaarik roopon par prakaash daalie

विषयसूची

  • 1 औपचारिक और अनौपचारिक भाषा क्या है?
  • 2 भाषा प्रयुक्ति के कितने रूप हैं?
  • 3 औपचारिक भाषा से क्या तात्पर्य है?
  • 4 अनौपचारिक भाषा क्या होती है?
  • 5 औपचारिक नियंत्रण से आप क्या समझते हैं?
  • 6 औपचारिक शिक्षा का अर्थ क्या है?
  • 7 औपचारिक बातचीत क्या होती है?
  • 8 औपचारिक को हिंदी में क्या बोलते हैं?

औपचारिक और अनौपचारिक भाषा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंऔपचारिक भाषा वह है जो हम एक स्कूल में सीखते हैं जब हम पहली बार सभी व्याकरण के नियमों के साथ एक भाषा सीख रहे होते हैं। दूसरी ओर अनौपचारिक भाषा, वह भाषा है जिसका उपयोग लोग अपने दैनिक जीवन में करते हैं।

भाषा प्रयुक्ति के कितने रूप हैं?

इसे सुनेंरोकेंविशिष्ट भाषा के रूप में विकसित होने की प्रक्रिया ‘विशिष्टीकरण’ कहलाती है। ‘भाषा प्रयुक्ति’ भी कामकाजी हिंदी में प्रयोग के स्तर पर दो प्रकार के स्वरूप ले लेती है- भाषा प्रयुक्ति शैली तथा भाषा प्रयुक्ति ।

औपचारिक स्थिति क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकिसी विशिष्ट कार्य को पूरा करने के उद्देश्य से संगठन द्वारा बनाए गए समूह को औपचारिक समूह के रूप में जाना जाता है। कर्मचारियों द्वारा स्वयं के लिए बनाए गए समूह, अपने स्वयं के लिए अनौपचारिक समूहों के रूप में जाने जाते हैं। तुलनात्मक रूप से छोटा। समूह के प्रकार पर निर्भर करता है।

भाषा प्रयुक्ति से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंभाषाविज्ञान में भाषा प्रयुक्ति (register) किसी भाषा की वह भाषिका (variety, lect) होती है जो किसी विशेष सामाजिक परिस्थिति, सामाजिक वर्ग या लक्ष्य के लिए प्रयोग हो।

औपचारिक भाषा से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंगणित, कम्प्यूटर विज्ञान और भाषाविज्ञान में औपचारिक भाषा (formal language) चिन्हों के स्ट्रिंगों का एक समुच्चय (सेट) होता है जिनके साथ एक सम्बन्धित नियमों की सूची भी सम्मिलित हो। ऐसी औपचारिक भाषा की वर्णमाला चिन्हों व अक्षरों का वह समुच्चय होता है जिसके साथ उस भाषा के स्ट्रिंग बनाए जा सकें।

अनौपचारिक भाषा क्या होती है?

इसे सुनेंरोकेंअनियमित शिक्षा को अनौपचारिक शिक्षा कहा जाता है। इस तरह की शिक्षा में किसी चीज की निश्चितता नहीं होती है। इसलिए इसे आकस्मिक और अनियोजित शिक्षा भी कहा जाता है।

प्रयुक्ति के चार आधार कौन से है?

इसे सुनेंरोकेंक) साहित्यिक प्रयुक्ति। (ख) वाणिज्यिक प्रयुक्ति। (ग) कार्यालयी प्रयुक्ति। (घ) राजभाषा प्रयुक्ति।

लेखन शैली क्या है?

इसे सुनेंरोकेंलेखन-शैली संज्ञा अर्थ : वाक्य रचना का वह विशिष्ट प्रकार जो लेखक की भाषा-संबंधी निजी विशेषताओं का सूचक होता है। उदाहरण : हर एक लेखक की अपनी अलग लेखन शैली होती है।

औपचारिक नियंत्रण से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसामाजिक नियंत्रण के औपचारिक साधन – समाज द्वारा अराजकता या विसंगति की स्थापना को रोकने के लिए सरकार द्वारा लागू बाहरी प्रतिबंध। कुछ सिद्धांतवादी, जैसे कि एमिले डर्कहेम, विनियमन के रूप में नियंत्रण के इस रूप को संदर्भित करते हैं।

औपचारिक शिक्षा का अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंनियमित शिक्षा प्रक्रिया को औपचारिक शिक्षाकहते है | इस प्रक्रिया मे छात्र/छात्रा को नियमित रूप से शिक्षा संस्थान में शिक्षा प्राप्त करने जाना होता हैं। अध्यापक भी नियमित रूप से छात्रों को शिक्षा प्रदान करतें हैं।

औपचारिक शिक्षा से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंऔपचारिक शिक्षा की परिभाषा औपचारिक शिक्षा वह है जो निश्चित स्थान पर, निश्चित लोगों द्वारा प्रदान की जाती है, इसमें पाठ्यक्रम, विषय तथा समय भी पूर्व निश्चित होता है। इस शिक्षा का सबसे मुख्य स्थान विद्यालय परिसर है। इसके अतिरिक्त पुस्तकालय, चित्र भवन, चर्च ये औपचारिक शिक्षा के साधन हैं।

औपचारिक शिक्षा क्या है in Hindi?

औपचारिक बातचीत क्या होती है?

औपचारिक को हिंदी में क्या बोलते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमात्र दिखावे के लिए किया जाने वाला (नियम, रीति या शिष्टाचार)। उपचार के रूप में होनेवाला। (ऐसा आचरण या व्यवहार) जो वास्तविक या हार्दिक न हो,परन्तु केवल दिखाने भर ो किया गया हो अथवा किसी नियम या रीति आदि के पालन स्वरूप किया गया हो।

औपचारिक और अनौपचारिक बातचीत क्या है?

इसे सुनेंरोकेंऔपचारिक संचार एक है जो पूरे संगठन में संचार के पूर्वनिर्धारित चैनलों से गुजरता है। इसके विपरीत,अनौपचारिक संचार संचार के रूप को संदर्भित करता है जो हर दिशा में बहता है, अर्थात यह संगठन में स्वतंत्र रूप से चलता है।

भाषा शैली कितने प्रकार की होती है?

भाषा शैली के प्रकार

  • विवरात्मक शैली
  • मूल्यांकन शैली
  • व्याख्यात्मक शैली
  • विचारात्मक शैली

उत्तर :

उत्तर की रूपरेखा:

  • राजनीतिक दल और दबाव समूह में अंतर को स्पष्ट करें।
  • भारत में दवाब समूह के प्रकारों पर प्रकाश डालें।

राजनीतिक दल नागरिकों का एक ऐसा समूह है जो समान सिद्धांतों पर विश्वास करते हुए चुनाव के माध्यम से सत्ता प्राप्त करने का प्रयास करते हैं, जबकि दबाव समूह  साझे हितों से संचालित लोगों का संगठन है जो अपने साधनों की प्राप्ति के लिये राजनीति को प्रभावित करते हैं। राजनीतिक दल और दबाव समूह मैं अंतर को निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है-

  • राजनीतिक दल औपचारिक संगठन होते हैं जबकि दबाव समूह औपचारिक तथा अनौपचारिक दोनों प्रकार के संगठन हो सकते हैं।
  • राजनीतिक दल चुनाव के माध्यम से सत्ता प्राप्त कर अपने सिद्धांतों का क्रियान्वयन करने का प्रयास करते हैं जबकि दबाव समूह प्रत्यक्षतः सरकार में शामिल होने के लिये चुनाव नहीं लड़ते।
  • एक व्यक्ति एक ही राजनीतिक दल का सदस्य हो सकता है जबकि एक व्यक्ति एक समय में अनेक दबाव समूहों का सदस्य हो सकता है।
  • राजनीतिक दलों में विचारधारा का महत्त्व अत्यधिक होता है। किसी राजनीतिक दल में शामिल होने वाले सभी व्यक्ति एक विचारधारा पर सहमत होते हैं  जबकि दबाव समूह में विचारधारा का महत्त्व अपेक्षाकृत कम होता है। 
  • राजनीतिक दल सामान्यतः लोकतांत्रिक देशों की विशेषता है किंतु दबाव समूह सभी प्रकार की शासन प्रणाली में पाए जाते हैं। 

भारतीय राजनीति में दबाव समूह को निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है-

सामाजिक पहचान पर आधारित दवाब समूह 
ऐसे समूह धर्म, जाति, भाषा अथवा क्षेत्र के आधार पर सामुदायिक हितों से जुड़े होते हैं। सामान्यतः इनकी सदस्यता जन्म से निर्धारित होती है। उदाहरण के लिये बजरंग दल तथा जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठन धर्म पर आधारित दबाव समूह हैं।

व्यावसायिक संघ
यह सब अपने संयुक्त व्यवसायिक हितों के लिये एकत्रित होते हैं और सरकार पर अपने हितों के लिये नियम बनाने का दबाव डालते हैं। मज़दूर संघ व्यापार संस्थाएँ इसी प्रकृति के दबाव समूह में शामिल है। फिक्की, एन.एस.यू.आई जैसे संगठन व्यवसायिक दबाव समूहों के उदाहरण हैं।

संस्थात्मक दबाव समूह
यह सरकारी कर्मचारियों तथा अधिकारियों द्वारा निर्मित दबाव समूह है। उदाहरण के लिये सरकारी चिकित्सकों का संगठन तथा IAS अधिकारियों का संगठन इसके उदाहरण है।

उद्देश्य समूह 
इनका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण, मानव अधिकार जैसे सामाजिक विषयों से संबंधित सामाजिक हितों की रक्षा करना है। इसके लिये यह मानव अधिकारों के पक्ष में कार्य करने के लिये सरकार पर दबाव डालते हैं। नर्मदा बचाओ आंदोलन तथा नाज फाउंडेशन जैसे संगठन उद्देश्य समूह के उदाहरण हैं। 

प्रदर्शनात्मक समूह
यह प्रदर्शन तथा हिंसा के माध्यम से दबाव डालकर अपने हितों की प्राप्ति का प्रयास करते हैं पीपुल्स वार ग्रुप जैसे संगठन ऐसे ही संगठन है।

तदर्थ दबाव समूह 
किसी विशेष कार्य के लिये बनते हैं और कार्य में सफलता के साथ ही समाप्त हो जाते हैं।

इस प्रकार हम देखते हैं अपनी प्रकृति के आधार पर दबाव समूहों को कई भागों में बाँटा जा सकता है। उद्देश्य समूह जैसे कई संगठन मानव हितों को उठाकर लोकतांत्रिक शासन  में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते हैं।

औपचारिक एवं अनौपचारिक भाषा से आप क्या समझते हैं?

औपचारिक भाषा वह है जो हम एक स्कूल में सीखते हैं जब हम पहली बार सभी व्याकरण के नियमों के साथ एक भाषा सीख रहे होते हैं। दूसरी ओर अनौपचारिक भाषा, वह भाषा है जिसका उपयोग लोग अपने दैनिक जीवन में करते हैं।

अनौपचारिक संवाद क्या है?

अनौपचारिक संवाद में भाषा व्याकरण की सीमा में कैद नहीं रहती। इसमें 'बोलचाल की भाषा' प्रयुक्त होती है। अतः इसमें स्थानीयता होती है और स्थानीय बोलियों का प्रभाव भी इस पर होता है। इस प्रकार औपचारिक और अनौपचारिक संवाद की संरचना ही अलग नहीं होती, उनका स्वरूप भी अलग होता है, भाषा के गठन में भी फर्क आ जाता है ।

औपचारिक संवाद क्या है?

अध्यक्ष किसी कार्यालय की बैठक संगठित, औपचारिक संवाद है। इसकी एक कार्य-सूची होती है, जिसमें चर्चा योग्य साकरी बातों को सूचीबद्ध किया जाता है।

औपचारिक और अनौपचारिक पत्र में क्या अंतर होता है?

वो पत्र औपचारिक पत्र कहलाता है, जो एक पेशेवर भाषा में लिखा गया हो, जो एक औपचारिक उद्देश्य के लिए निर्धारित प्रारूप के साथ हो जबकि अनौपचारिक पत्र वो पत्र होते हैं, जिन्हे किसी ऐसे व्यक्ति के लिए लिखा जाता है, जिसके साथ हमारा इनफॉर्मल रिलेशन होता है.