Show
ब्लड शुगर लेवल अत्यधिक बढ़ने से हाथ पैरों में सूजन भी आ सकती है.out of control diabetes symptoms: जब ब्लड शुगर लेवल खतरनाक स्तर पर पहुंच जाए तो यह जानलेवा हो सकता है. ऐसी कंडीशन में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इसके लक्षणों के बारे में सभी को जान लीजिए.
हाइलाइट्सचक्कर आना या कांपना लो ब्लड शुगर या हाइपोग्लाइसीमिया का संकेत हो सकता है.ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से आपकी किडनी पर प्रेशर बढ़ जाता है, जो खतरनाक है.How to Control Diabetes: टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों को ब्लड शुगर कंट्रोल रखने के लिए बेहतर डाइट, एक्सरसाइज और दवा लेने की सलाह दी जाती है. कई बार लोग इन सभी बातों का ध्यान नहीं रख पाते और ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ जाता है. कभी-कभी यह खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और लोगों की कंडीशन गंभीर हो जाती है. इससे बचने के लिए डायबिटीज के मरीजों को हर दिन ब्लड शुगर लेवल चेक करना चाहिए. कुछ लक्षणों से भी आप अत्यधिक ब्लड शुगर की पहचान कर सकते हैं. ये लक्षण रेड अलर्ट हो सकते हैं, इसलिए सभी के लिए यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है. बार-बार प्यास लगना और यूरिन आना यह भी पढ़ेंः क्या हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों से घट रहा जिम का क्रेज? हकीकत जान लीजिए अत्यधिक थकान महसूस करना यह भी पढ़ेंः अब टोमेटो फीवर का कहर, जानें इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब चक्कर
आना और कंपकंपी होना हाथ-पैरों में सूजन आना विजन कम होना ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Blood Sugar, Diabetes, Health, Lifestyle, Trending news FIRST PUBLISHED : August 26, 2022, 06:02 IST डायबिटीज एक स्थायी रोग (Chronic Disease )है यानी ऐसी बीमारी जो लम्बे समय तक रहे और पूरी तरीके से ठीक होने मे मुश्किल हो। जब शरीर मे पैंक्रियाज, इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाता या शरीर इंसुलिन का उपयोग पूरी तरीके से नहीं करता तब खून में ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ने लगती है, जो की डायबिटीज का मुख्य कारण बनता है।WHO के अनुसार दुनिया में लगभग 422 मिलियन लोग डायबिटीज से जूझ रहे है। ये बीमारी कोरोना काल में और भी रफ़्तार पकड़ ली है, जो लोग कोरोना से ठीक हो चुके है उनमे डायबिटीज का खतरा बढ़ गया है। यहाँ देखेंगे की कैसे आप शुरुआत के दिनों के लक्षण पहचान डायबिटीज का पता लगा सकते है, और खुद को आने वाली बड़ी स्वास्थ्य परेशानी से बचा सकते है - डायबिटीज के शुरुआती लक्षण (Early symptoms of diabetes in hindi )डायबिटीज टाइप-1 में लक्षण जल्दी दिखते है और डायबिटीज टाइप-2 के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते है। जब खून में शुगर लेवल ज्यादा होने लगे तब इसके लक्षण हो सकते है -:
इसके अलावा थकान, सिर दर्द, धुंधलापन दिखना, रेकर्रेंट संक्रमण
(इम्युनिटी सिस्टम का कमज़ोर होना), प्राइवेट पार्ट में दिक्कत और दिल की धड़कन तेज डायबिटीज का शुरूआती लक्षण है। इनमे से कोई भी एक लक्षण या एक ज्यादा लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें अन्यथा बाद में परेशानी बढ़ सकती है। Read more - शुगर लेवल कम करने के घरेलू उपाय जब खून में शुगर लेवल कम हो तब इसके शुरुआती लक्षण हो सकते है -
:
कुछ गंभीर केसेस में ये लक्षण भी आ सकते है :-
डायबिटीज के अग्रिम लक्षण (Advance symptoms of diabetes in Hindi ) -आँखों पर बुरा प्रभाव - लम्बे समय तक हाई ब्लड ग्लूकोज़ के कारण होने के कारण आँखों के लेंस में अवशोषण हो सकता जो इसके साइज और नज़र में बदलाव लाता है । डायबिटिक डर्माड्रोम (Diabetic dermadromes) - मधुमेह के कारण होने वाले त्वचा पर चकत्ते का एक सामूहिक नाम है। डायबिटीज कीटोएसिडोसिस - इसका मतलब की मेटाबोलिक प्रोसेस में गड़बड़ी जिसके कारण उलटी, पेट दर्द, घबराहट, गहरी सांस, थोड़ी बेहोशी जैसी स्थिति होती है। जो लोग डायबिटीज टाइप-1 से जूझ रहे वो
इसे अनुभव करते है। पेरीफेरल डायबिटिक न्यूरोपैथी - ये खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने के कारण होता है जिस से नशों को नुकसान पहुँचता है। पैरो में सुई चुभने जैसा झनझनाहट होता है या चलने पर परेशानी होता है। डायबिटिक रेटिनोपैथी - डायबिटीज के कारण आँख पर बुरा प्रभाव पड़ता है। रेटिना के अंदर स्थित ब्लड वेसल को डैमेज कर देता है, जिसके कारण ब्लाइंडनेस भी हो सकता है। मानसिक स्वास्थ्य - डायबिटीज टाइप-2 के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा
प्रभाव डालता है जिसके कारण वो इंसान डिप्रेशन, और एंग्जाइटी का शिकार हो जाता है। मानसिक संतुलन के लिए ज़रूरी है की खून में शुगर लेवल की मात्रा सही हो। ह्यपरसोमोलर नॉन-केटोटिक - ये स्थिति सामान्य डायबिटीज टाइप-2 के मरीज़ में देखा जाता है। ये पानी के कमी (dehydration) के कारण होता है , इसलिए डायबिटीज में पानी की कमी शरीर में बिलकुल न होने दे, इसके कमी के कारण कई और दूसरी बीमारी को जगह मिल सकती है। Also know - डायबिटीज डाइट प्लान बच्चों में डायबिटीज के शुरुआती लक्षण -
ये तो हो गया डायबिटीज के लक्षण, जिनको लक्षण आ रहे वो जांच कराएँगे या डॉक्टर से सलाह लगे पर, जिनमे डायबिटीज लक्षण नहीं दीखते वो कैसे जाने। 50 फीसदी लोग है जिनमे कोई लक्षण नहीं दिखता लेकिन अगर वो किसी वजह से जांच कराए तो शुगर पॉजिटिव आता है , कैसे ? बिना किसी लक्षण के डायबिटीज का कैसे पता करे -अमेरिकन डायबिटिक एसोसिएशन गाइडलाइन के मुताबिक डायबिटीज का स्क्रीनिंग करना (जाँच) चाहिए उन लोगों को जिनमे कुछ रिस्क फैक्टर है स्वास्थ्य से जुड़ा-
इन लोगों को 25 वर्ष के बाद डायबिटीज का टेस्ट कराना चाहिए, साल में कम से कम एक बार ज़रूर। और जिस इंसान में ये रिस्क फैक्टर नहीं है या कोई भी रिस्क फैक्टर या लक्षण नहीं दिखता है, उन्हें 40 के बाद साल में एक बार शुगर की जांच ज़रूर कराए। आखिर बचाव ही सबसे अच्छा इलाज है। शुगर बढ़ने पर क्या महसूस होता है?पैरों में दर्द, झुनझुनी और सुन्न होना है डायबिटीज के लक्षण
इसके अलावा, यह पाचन तंत्र, मूत्र पथ में परेशानी, रक्त वाहिकाओं और हृदय से संबंधित समस्याएं भी पैदा करती है। जबकि कुछ लोग केवल हल्के लक्षणों से पीड़ित होते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं जिनके लक्षण काफी दर्दनाक और कमजोर करने वाले होते हैं।
शुगर बढ़ जाने के क्या लक्षण है?वज़न का अचानक कम होना, अधिक प्यास लगना, भूख का बढ़न जाना, यूरिन से महक आना, धुंधला दिखाई देना, थकान ब्लड शुगर के बढ़ने के आम संकेत हैं। इसके अलावा ब्लड शुगर बढ़ने से ओरल हेल्थ से रिलेटेड दिक्कतें भी होने लगती हैं। इससे मुंह में दर्द, इंफेक्शन जैसी परेशानियां शुरू हो जाती हैं।
हाई शुगर कितनी होती है?यदि जिस व्यक्ति का फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 130 mg/ dL से अधिक आए और खाने के 1-2 घंटे बाद ब्लड शुगर लेवल 180 mg/ dL से अधिक आए तो इसका मतलब ब्लड शुगर लेवल हाई है और आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
शुगर लेवल को तुरंत कैसे कम करें?नुस्खा नंबर- 2. सफेद चीनी, मैदा (प्रोसेस्ड फूड), दही और ग्लूटेन (गेहूं से बनी चीजें) से परहेज करें।. फलों और सब्जियों में मौजूद नेचुरल शुगर ले सकती हैं।. गाय के दूध और घी को भी कम मात्रा में ले सकती हैं।. ज्वार, रागी, अमरनाथ जैसे बाजरा भी डाइट में शामिल हो सकते हैं।. |