विषयसूची रीढ़ की हड्डी के लेखक कौन है?इसे सुनेंरोकेंकृतिका पुस्तक में संकलित पाठ 3 ” रीढ़ की हड्डी ” एकाकी लेखक ‘ जगदीशचंद्र माथुर ‘ को पढे और आपने एकाकी – Brainly.in. प्रेमा किसकी पुत्री है? यह १९०७ ई। में मूलतः उर्दू में प्रकाशित हुआ था। इस उपन्यास में १२ अध्याय हैं। यह विधवा विवाह पर केंद्रित है।…
रीढ़ की हड्डी क्या है एक कहानी एक कविता एक यात्रा वृतांत एक एकांकी? इसे सुनेंरोकेंउत्तर – ‘रीढ़ की हड्डी’ एक उद्देश्यपूर्ण एकांकी है। इस एकांकी में लेखक ने स्पष्ट किया है कि लड़के और लड़की में भेदभाव करना उचित नहीं है। लड़की भी उच्च शिक्षा के साथ-साथ सम्मान की अधिकारिणी है। पाठ रीढ़ की हड्डी का मुख्य विषय क्या है?इसे सुनेंरोकेंइस शीर्षक में समाज की सड़ी-गली मानसिकता को व्यक्त किया गया है तथा उसपर प्रहार किया है। क्योंकि रीढ़ शरीर का मुख्य हिस्सा होता है, वही उसको सीधा रखने में मदद करता है। उसमें लचीलापन होता है, जो शरीर को मुड़ने, बैठने, झुकने कूदने में मदद करता है। इस लचीलेपन के कारण ही शरीर हर कार्य करने में सक्षम है। रीढ़ की हड्डी कौन सी विधा है? इसे सुनेंरोकेंउत्तर: ‘रीढ़ की हड्डी’ नामक एकांकी के माध्यम से समाज में व्याप्त दहेज की समस्या, लड़कियों को शिक्षा से दूर रखने की साजिश, लड़की के पिता की विवशता, लड़के के पिता की दहेज लोलुपता, युवाओं में शिक्षा एवं चरित्र की मजबूती के प्रति घटती रुचि आदि समस्याओं को उभारने का प्रयास किया गया है। प्रेमा कौन थी? इसे सुनेंरोकेंरीढ़ की हड्डी पाठ में प्रेमा उमा की माता थीं . रीड की हड्डी एकांकी का क्या उद्देश्य है लिखिए?इसे सुनेंरोकें1) औरतों की दशा को सुधारना व उनको उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कराना है। 2) लड़कियों के विवाह में आने वाली समस्या को समाज के सामने लाना। 3) स्त्री -शिक्षा के प्रति दोहरी मानसिकता रखने वालों को बेनकाब करना। 4) स्त्री को भी अपने विचार व्यक्त करने की आज़ादी देना। रीढ़ की हड्डी में कितने पात्र है? इसे सुनेंरोकेंप्रस्तुत एकांकी ‘रीढ़ की हड्डी’ श्री जगदीश चन्द्र माथुर द्वारा रचित है। यह एकांकी लड़की के विवाह की एक सामाजिक समस्या पर आधरित है। इस एकांकी में कुल छह पात्र हैं-रामस्वरूप, उनका नौकर रतन, रामस्वरूप की पत्नी प्रेमा, उनकी बेटी उमा, शंकर के पिता गोपाल प्रसाद तथा शंकर। रीढ़ की हड्डी पाठ के प्रमुख पात्र कौन है? इसे सुनेंरोकेंरीढ़ की हड्डी’ पाठ की प्रमुख पात्र है *उमा प्रेमा शंकर गोपाल प्रसाद रीढ़ की हड्डी एकांकी का क्या उद्देश्य है लिखिए 5?`’ रीढ़ की हड्डी पाठ में उमा की माँ का क्या नाम था?`? इसे सुनेंरोकेंAnswer. ✎… ‘रीढ़ की हड्डी’ पाठ में उमा की माँ प्रेमा उस समाज का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें स्त्रियों पिछड़ी दशा के लिए स्त्री भी जिम्मेदार हैं। रीड की हड्डी एकांकी भें दो प्रमुख ऩत्र कौन हैं? इसे सुनेंरोकेंइस एकांकी में एक ओर रामस्वरूप, उसकी पत्नी प्रेमा और बेटी उमा तथा दूसरी और गोपाल प्रसाद और उनका पुत्र शंकर है। गोपाल प्रसाद ने अपनी जवानी के दिनों की कौन कौन सी बातें रामस्वरूप को बताई?इसे सुनेंरोकेंजहाँ एक ओर माता-पिता का सम्मान रखते हुए वह गोपाल प्रसाद जी व उनके लड़के शंकर के सम्मुख खड़ी हो जाती है, उनके कहने पर वह गीत भी गाती है तो दूसरी तरफ़ निर्भयता पूर्वक गोपाल जी को उनकी कमियों का एहसास कराते हुए तनिक भी नहीं हिचकती। उसमें आत्मसम्मान की भावना है। उसी आत्मसम्मान के लिए वह अपना मुँह भी खोलती है। विषयसूची रीढ़ की हड्डी एकांकी का प्रमुख पात्र कौन है *?इसे सुनेंरोकेंरीढ़ की हड्डी’ एकांकी का प्रमुख पात्र कौन है? उमा इस एकांकी की प्रमुख पात्र है। रीढ़ की हड्डी किसकी नहीं थी?इसे सुनेंरोकेंरीढ़ की हड्डी किसकी नहीं है? (च) – रामस्वरूप। रीढ़ की हड्डी नाटक में कितने पात्र हैं *? इसे सुनेंरोकेंप्रस्तुत एकांकी ‘रीढ़ की हड्डी’ श्री जगदीश चन्द्र माथुर द्वारा रचित है। यह एकांकी लड़की के विवाह की एक सामाजिक समस्या पर आधरित है। इस एकांकी में कुल छह पात्र हैं-रामस्वरूप, उनका नौकर रतन, रामस्वरूप की पत्नी प्रेमा, उनकी बेटी उमा, शंकर के पिता गोपाल प्रसाद तथा शंकर। रामस्वरूप की पुत्री का क्या नाम था? इसे सुनेंरोकेंबेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरुप अपनी बेटी उमा से सीधी-साधी, कम पढ़ी लिखी और कम बोलने वाली लड़की की तरह व्यवहार करने की अपेक्षा कर रहे थे। रामस्वरूप के अनुसार कचौड़ियाँ उस जमाने में पैसे की कितनी आती थीं?इसे सुनेंरोकेंरामस्वरूप : कचौड़ियाँ भी तो उस ज़माने में पैसे की दो आती थीं। गो. प्रसाद : जनाब, यह हाल था कि चार पैसे में ढेर-सी बालाई आती थी। और अकेले दो आने की हज़म करने की ताकत थी, अकेले! रीढ़ की हड्डी कथावस्तु के आधार पर आप किसे एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्यों?इसे सुनेंरोकेंAnswer: कथावस्तु के आधार पर तो हमें उमा ही इस एकांकी की मुख्य पात्र लगती है। पूरी एकांकी ही उमा के इर्द-गिर्द घूमती है। लेखक समाज की सड़ी गली मानसिकता को उमा के माध्यम से व्यक्त करना चाहता है। रीढ़ की हड्डी पाठ साहित्य की कौन सी विधा है? इसे सुनेंरोकेंसंस्मरण – Brainly.in. शंकर को कहाँ घूमते हुए भगाया गया था? इसे सुनेंरोकेंगोपाल प्रसाद अपने बेटे का रिश्ता तय करने से पहले उमा से तरह तरह के प्रश्न पूछते हैं। उमा खुद को अपमानित महसूस करती है। वह शंकर को भी पहचान लेती है । शंकर का चरित्र ठीक नहीं था वह लड़कियों के छात्रावास के आसपास घूमता रहता था और कई बार वहां से भगाया भी गया था। रीढ़ की हड्डी के लेखक कौन हैं?इसे सुनेंरोकेंरीड की हड्डी के लेखक का नाम क्या- हैजगदीश चंद्र माथुर रीड की हड्डी पाठ की नायिका कौन है?इसे सुनेंरोकेंलेखक ने कहानी की नायिका उमा को पढ़ी-लिखी और स्वाभिमानी लड़की के रूप में दिखाया है। वह अपने सम्मान के साथ समझौता नहीं करना चाहती हैं। और उसने जो भी किया वह उसके भविष्य के लिए न्यायोचित भी हैं। रीड की हड्डी पाठ में कौन सी विधा है *?रीढ़ की हड्डी' पाठ के लेखक का नाम है ? फणीश्वरनाथ रेणु,जगदीश चंद्र माथुर,विद्यासागर नौटियाल,शमशेर बहादुर सिंह।
रीढ़ की हड्डी पाठ से क्या शिक्षा मिलती है?Answer: यह शीर्षक एकांकी की भावना को व्यक्त करने के लिए बिल्कुल सही है। इस शीर्षक में समाज की सड़ी-गली मानसिकता को व्यक्त किया गया है तथा उसपर प्रहार किया है। क्योंकि रीढ़ शरीर का मुख्य हिस्सा होता है, वही उसको सीधा रखने में मदद करता है।
रीढ़ की हड्डी पाठ का उद्देश्य क्या है?1) औरतों की दशा को सुधारना व उनको उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कराना है। 2) लड़कियों के विवाह में आने वाली समस्या को समाज के सामने लाना। 3) स्त्री -शिक्षा के प्रति दोहरी मानसिकता रखने वालों को बेनकाब करना।
रीढ़ की हड्डी पाठ अपने पाठकों को क्या संदेश देना चाहता है?➲ 'रीढ़ की हड्डी' एकांकी के द्वारा लेखक ने ये संदेश देने का प्रयत्न किया है कि दहेज की प्रथा समाज के ये लिए कलंक के समान है। एक लड़की को उसके गुणों के आधार पर सम्मान देना चाहिए। लड़की कोई बाजार की वस्तु नही जिसका मोलभाव किया जाये। रीड की हड्डी शीर्षक की सार्थकता क्या है?
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