Nerve Treatment मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से आपकी नस पर नस चढ़ जाती है। जिस हिस्से की मांसपेशियों में खिचाव है उस जगह की तुरंत मसाज करें दर्द से राहत मिलेगी। Show नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। बिना इलाज के छोटी सी परेशानी भी बड़ी मुसीबत का सबब बन जाती है। नस पर नस का चढ़ना एक छोटी सी परेशानी है लेकिन अगर इसे नजरअंदरा कर दिया जाए तो ये आपको लंबे समय तक बीमार कर सकती है। कई बार काम करते समय या फिर मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से आपकी नस पर नस चढ़ जाती है। नस पर नस चढ़ने की स्थिति दो तरह की हो सकती है। पहली स्थिति में आपको तत्काल दर्द होग और ठीक हो जाएगा। जबकि दूसरी स्थिति गंभीर और दर्दनाक हो सकती है जो आपको लाचार भी बना सकती है। अक्सर जांघ, पैर, हाथ, गर्दन, बाजू, पेट, पस्लियों के आस-पास की नस पर नस चढ़ती है। जब भी बॉडी के जिस अंग की नस पर नस चढ़ती है तो प्रभावित मांसपेशियों का हिस्सा 15 मिनट तक के लिए सख्त हो जाता है। उस हिस्से पर कुछ दर्द की दवाई लगाने से राहत भी मिल जाती है। आइए जानते है कि नस पर नस चढ़ने का क्या कारण है और इसका उपचार कैसे किया जाए। नस पर नस चढ़ने का कारण:
इस बीमारी से कैसे बचा जाए:
Written By Shahina Noor Edited By: Shilpa Srivastava नसों से संबंधित समस्याओं को नजरअंदाज करना दिक्कत दे सकता है। कमर सिर हाथ-पैर गर्दन आदि के दर्द की समस्या ज्यादातर नसों से संबंधित होती हैं। इससे संबंधित समस्याओं पर लोगों के सवालों के जवाब जेएनएमसी के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एम अहमद अंसारी बता रहे हैं। अलीगढ़, जागरण संवाददाता: अनेक लोग कमर, सिर, हाथ-पैर, गर्दन आदि के दर्द से परेशान रहते हैं। यह समस्या ज्यादातर नसों से संबंधित होती हैं। दर्द के सही कारण का पता चल जाए तो उपचार आसान हो जाता है। कई बार लोग शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द या नसों में खिंचाव होने पर स्वयं या फिर किसी के कहने पर लंबे समय तक दवा का सेवन करते रहते हैं, जो रोग का समाधान नहीं है। किसी भी समस्या में विशेषज्ञ से जांच कराएं। उचित दवा, व्यायाम या आपरेशन से ही समस्या खत्म होगी। यह सलाह जेएन मेडिकल कालेज के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. एम अहमद अंसारी ने बुधवार को दैनिक जागरण के ‘हेलो डाक्टर’ कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए दी। जनपदभर से रोगियों ने नसों की बीमारी से संबंधित सवाल पूछे। मेरी गर्दन में काफी दर्द रहता है। खिंचाव महसूस होने से बैठने में समस्या होती है। बहुत परेशान हूं। - अमित कुमार, इगलास। चिंता न करें। कई बार गर्दन में नसों का गुच्छा बन जाने से भी ऐसी समस्या होती है। आधा-पौन घंटा से ज्यादा एक ही मुद्रा (अवस्था) में न रहें। सोते समय गर्दन के नीचे तौलिया तह कर लगा लें, ताकि गर्दन पीछे की तरफ रहे। मोबाइल पर ज्यादा समय न बिताएं। फिलहाल, डाक्टर की सलाह से कुछ दिन दर्द निवारक लें। लाभ न मिलें तो विशेषज्ञ को दिखाएं। यह सर्वाइकल स्पांडलाइटिस की समस्या हो सकती है। छह माह पूर्व पेड़ से टकराकर गिर गया था। गर्दन को झटका भी लगा। तभी से गर्दन में दर्द रहता है। - यूनुस खां, नगलिया। बाजार से साफ्ट सर्वाइकल कालर खरीदकर लगाएं। कुछ दिन दर्द निवारक लें। आंखों की जांच कराएं। लाभ न मिलें तो गर्दन का एक्स-रे या एमआरआइ कराकर विशेषज्ञ से मिलें। करीब 20-25 दिनों से भाई के कान के नीचे गांठ बन गई है। बुखार भी है। कोई खतरे की बात तो नहीं। - धर्मेंद्र, हिरनौट। गांठ कैसी है, ये देखने के बाद ही पता चलेगा। गर्दन में संक्रमण से भी समस्या हो सकती है। कोई ट्यूमर भी हो सकता है। ज्यादा देर न करें। विशेषज्ञ से संपर्क करके जांच कराएं। मेरी आयु 55 वर्ष है। दो माह हो गए, मेरे कूल्हे से लेकर पैर तक दर्द है। कोई समझान बताएं। - ओम प्रकाश, मजूपुर। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि रीढ़ के छल्ले अपनी जगह से हट गए हैं, जिससे नस पर दबाव पड़ रहा। जमीन पर उकड़ू या पालती मारकर न बैठें। कमर सीधी रखें। चारपाई या फोल्डिंग पर न सोएं। सीढ़ी पर चढ़ने से परहेज करें। कोई जैल लगाकर सेंकाई करें। तीन-चार माह से कमर में दर्द है। उठने-बैठने में समस्या हो रही है। दर्द पैरों तक पहुंच रहा है। सोते समय दिक्कत होती है। - यशोदा, तुर्कमान गेट। खराब जीवनशैली, संतुलित आहार न लेने, पुरानी चोट आदि से रीढ़ की हड्डी में दर्द सामान्य समस्या है। महिलाएं सबसे ज्यादा कैल्शियस की कमी से जूझती हैं, ज्यादा दर्द निवारक न लें और न झुकें। बैठकर कोई भी कार्य करने से बचें। फिलहाल दर्द वाले स्थान व उसके आसपास जैल लगाकर सेंकाई करें। लाभ न मिलें तो विशेषज्ञ के पास जाएं। 15-16 वर्ष पूर्व स्कूटर से गिर गया था। उसके बाद पीठ में चुभन सी महसूस होने लगी। कई बार दवा की, फायदा मिला। लेकिन, दवा बंद करते ही फिर से समस्या होने लगती है। - राजीव चंदेल, समनापाड़ा। टेल बोन के पास नस दबी होने से यह समस्या होती है। चोट लगने से ऐसा हो जाता है। बैठते समय नीचे ट्यूब आदि रख सकते हैं, ताकि टेल बोन पर अधिक दबाव में न पड़ें। जैल लगाकर सेंकाई करें। कई बार समस्या बढ़ने पर उक्त स्थान पर इंजेक्शन भी लगाया जाता है। इन्होंने भी लिया परामर्श गभाना से मो. यूनुस खां,, टीकाराम कालोनी की कल्पना सिंह, अलीगढ़ से आशा देवी, इगलास से अंबिका शर्मा, जय गंज से श्वेता माहेश्वरी, एसएन जहीर, नरौरा से नैन सिंह बघेल, चंडौस से चिंटू गुप्ता, गभाना से ओमपाल सिंह आदि। Edited By: Aqib Khan कमर की नस दबने पर क्या करना चाहिए?दबी हुई नस को खोलने के लिए पान वाला चूना लें। इस चूने को पानी, दही, लस्सी या जूस में से किसी के साथ भी ले सकते हैं। आपको एक दिन में चुटकी भर चूना लेना है। इस बात का ध्यान रखें कि सुबह- सुबह खाली पेट इस नुस्खे क आजमाएं, जो आपकी दबी हुई नस को खोलने का काम करेगा।
नस चढ़ जाए तो कैसे ठीक करें?नस चढ़ने पर अपनाएं ये घरेलू उपाय
बर्फ की सिकाई- नस चढ़ने पर उस जगह पर कम से कम 3 से 15 मिनट तक प्रभावित जगह पर बर्फ की सिकाई करें. तेल की मालिश- नस चढ़ने पर किसी भी तेल को हल्का गुनगुना कर लें और उससे हल्के हाथों से प्रभानित जगह की मालिश करें. नमक का करें सेवन- सोडियन की कमी से भी नस चढ़ने की परेशानी हो सकती है.
कमर की नसों में दर्द क्यों होता है?कमर की नसों में खिंचाव के कारण उठने-बैठने में होती है दिक्कत, स्वामी रामदेव से जानें अर्थराइटिस उपचार अर्थराइटिस के कारण कई अंग प्रभावित होते हैं। गांठ, पीठ, कमर, घुटने में सूजन की वजह से होना वाला दर्द अहनीय होता है। कई बार कमर की नसों में खिंचाव भी आ जाता है जिससे काफी तकलीफ होती है।
कमर की नस दबने पर कौन सी एक्सरसाइज करें?जिसके कारण सूजन और गंभीर दर्द की समस्या होती है।. अधोमुख श्वान आसन- Downward Facing Dog Pose. यह आसन नसों, मांसपेशियों को मजबूत बनता है, और ब्लड फ्लो बढ़ाने में मदद करता है। ... . सुप्त पादांगुष्ठासन (Reclined Hand to Big Toe Pose) ... . भुजंगासन (Cobra Pose). |