शुगर फ्री चीनी खाने से क्या होता है? - shugar phree cheenee khaane se kya hota hai?

पहले मिठाई के रूप में गुड़ और शहद का प्रयोग अधिक होता था, वहीं आज मिठास के लिए सफेद चीनी, कृत्रिम मिठास और शुगर फ्री का प्रयोग किया जाता है. जो लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरुक रहते हैं, उनका सफेद चीनी की अपेक्षा शुगर फ्री और उससे बने प्रोडक्ट की ओर अधिक झुकाव हो रहा है. उनका मानना है, एक चम्मच सफेद चीनी में लगभग 18 कैलोरी होती है और वहीं शुगर फ्री में 0 कैलोरी होती है. हो सकता है, शुगर फ्री में कैलोरी न हो, लेकिन वह कई तरह से शरीर को नुकसान पहुंचाती है. अगर आप भी शुगर फ्री या शुगर फ्री वाले फूड्स का सेवन करते हैं, तो ये आर्टिकल जरूर पढ़ें 

सफेद चीनी की जगह मिलाते हैं ये चीजें 

मार्केट में मिलने वाले शुगर फ्री प्रोडक्ट में कृत्रिम मिठास मिलाई जाती है, जो कि रासायनिक रूप से निर्मित अणु के रूप में होती है. कई डाइट सोडा में भी शुगर फ्री मिली होती है. अमेरिका के पर्ड्यू यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के मुताबिक, डाइट सोडा से मोटापा, डायबिटीज और हार्ट संबंधित बीमारियां हो सकती हैं. 

जो लोग वजन कम करने के लिए डाइट सोडा और ड्रिंक्स का सेवन करते हैं, उन चीनी मुक्त ड्रिंक में चीनी दूसरे फॉर्म में रहती है और वह पतला करने के बजाय वजन बढ़ा सकती है और उनके कई नुकसान भी हो सकती हैं. शुगर फ्री या उनसे बने प्रोडक्ट में मिठास इन रूपों में होती है.

एस्पार्टेम (Aspartame)

किन चीजों में पाई जाती है: कोला, ठंडी ड्रिंक, अनाज से बने मीठे प्रोडक्ट

एस्पार्टेम चीनी की अपेक्षा 200 गुना मीठी होती है. इसका प्रयोग कोला, ठंडी ड्रिंक, कृत्रिम अनाज से बने मीठे प्रोडक्ट में होता है. इसे बेकरी और शुगर-कार्ब में हाई वाले फूड्स में मिलाया जाता है. इसे FDA द्वारा मंजूरी दे दी गई है, लेकिन कुछ स्टडी बताती हैं कि एस्पार्टेम के कम से कम 92 साइड इफेक्ट होते हैं. इनमें सिरदर्द, एंग्जाइटी, हार्ट बीट तेज होना, वजन बढ़ना, डिप्रेशन, सिर दर्द, डिप्रेशन, अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर, चक्कर आना, अल्जाइमर, मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसे कई विकार शामिल हैं. इसे सभी कृत्रिम मिठासों में सबसे खतरनाक माना जाता है. 

सुक्रालोज (Sucralose)

किन चीजों में पाई जाती है: चीनी की जगह, बेकरी उत्पाद, डाइट सप्लीमेंट.

सुक्रालोज चीनी से 600 गुना अधिक मीठी होती है. फ्रोजन योगर्ट, च्यूइंग गम के अलावा पके हुए खाद्य पदार्थों और पेस्ट्री में इसका प्रयोग किया जाता है. लंबे समय तक इससे बने प्रोडक्ट का सेवन करने से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. सुक्रालोज के अधिक सेवन से लिवर और किडनी संबंधित समस्याएं बढ़ने के साथ पेट में ऐंठन और दस्त भी हो  सकते हैं. सुक्रालोज से युक्त चीजों का सेवन करने से मीठा खाने की लालसा बढ़ जाती है और फिर मिठाई खाना का मन करता है. अगर आप ऐसा करते हैं, तो वजन बढ़ने के चांस बढ़ जाते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, शुगर फ्री टेबलेट में सुक्रालोज एंटीकिंग एजेंट का प्रयोग होता है. 

ऐसल्फेम के (Acesulfame K)

किन चीजों में पाई जाती है: डाइट्री सप्लीमेंट, डेजर्ट मिक्स

ऐसल्फेम के चीनी की तुलना में 200 गुना अधिक मीठा होता है. इसे केवल सिरदर्द और डिप्रेशन जैसे दुष्प्रभावों के कारण ही असुरक्षित माना जाता है.अमेरिका स्थित सेंटर फॉर साइंस इन पब्लिक इंटरेस्ट के मुताबिक, इस स्वीटनर के कैंसर पैदा करने वाले जोखिम पर अधिक रिसर्च नहीं हुई है. लेकिन यह इंसुलिन को रिलीज करता है, जिससे पेट भरा हुआ नहीं लगता और सामने वाले को भूख लगने लगती है. भूख लगेगी तो अधिक खाएंगे और वजन बढ़ने के चांस बढ़ जाते हैं.

क्या करना चाहिए

एक्सपर्ट कहते हैं कि कभी भी कृत्रिम चीनी वाली ड्रिंक या फूड्स का सेवन नहीं करना चाहिए. चीनी को वैसे भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता. लेकिन अगर खाना ही है, तो थोड़ी मात्रा में गुड़ या शहद का सेवन कर सकते हैं या फिर फलों को खाकर नेचुरल मिठास का आनंंद ले सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए आप किसी न्यूट्रिशन एक्सपर्ट या डाइटीशियन से संपर्क करें, वह आपकी आपकी जरूरत के मुताबिक सलाह दे पाएंगे. 

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Sugar Free Side Effect डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए लोग चीनी की चीजों से परहेज करते हैं लेकिन उसके बदले चाय कॉफी या दूसरी चीजों में शुगर फ्री गोलियां इस्तेमाल करते हैं। ये कृत्रिम मिठास हाई ब्लडप्रेशर और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा देती है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Sugar Free Side Effect: तेजी से बदलता लाइफस्टाइल, तनाव, डिप्रेशन और चिंता ने तमाम बीमारियों को जन्म दिया है, उन्ही में से एक गंभीर बीमारी है डायबिटीज। डायबिटीज तेजी से पनपने वाली ऐसी बीमारी है जिसने कम उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बना लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, आज दुनिया भर में करीब 422 मिलियन लोग डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हैं। डायबिटीज पेशंट के लिए सबसे बड़ी समस्या डाइट कंट्रोल करना है, ताकि शुगर कंट्रोल में रहे। डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए लोग चीनी की चीजों से परहेज करते हैं, लेकिन उसके बदले चाय, कॉफी या दूसरी चीजों में शुगर फ्री गोलियां इस्तेमाल करते हैं। उन्हें लगता है कि शुगर फ्री उनकी सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाएगी साथ ही शुगर भी कंट्रोल रखेगी। लेकिन एक शोध के मुताबिक ये कृत्रिम मिठास हाई ब्लडप्रेशर और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा देती है। 

डायबिटीज के मरीजों के लिए शुगर फ्री चीनी का बेहतरीन विकल्प है, पर किसी को भी इसका इस्तेमाल अधिक नहीं करना चाहिए। अगर आप शुगर फ्री की पैकिंग देखेंगे, तो उसके लेबल पर आपको एस्पार्टेम, सैकरिन, सुक्रोज और रेबियाना जैसे पदार्थों के नाम लिखे हुए दिखाई देंगे।

जिन आर्टिफिशियल स्वीटनर्स को आप स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद समझकर हजम किए जा रहे हैं, वास्तव में वे चीनी से कहीं ज्यादा खतरनाक हैं। भले ही इन पदार्थों को प्राकृतिक उत्पादों के सम्मिश्रण से बनाया जाता है, लेकिन आपके मुंह तक पहुंचने से पहले ये उत्पाद किसी न किसी प्रकार की रासायनिक प्रक्रिया से भी गुजरते हैं। इसलिए इन गोलियों के अत्याधिक इस्तेमाल से बचे। आइए आपको बताते है शुगर फ्री के साइड इफेक्ट के बारे में

शुगर फ्री के साइड इफेक्ट्स

  • आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के लंबे समय तक इस्तेमाल करने से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • लोग सोचते हैं कि शुगर फ्री वजन घटाने में मदद करती हैं। मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल की एक रिसर्च के अनुसार, शुगर फ्री दुबले होने में बिल्कुल भी मदद नहीं करती। यह मेटाबॉलिज्म और एपेटाइट पर विपरीत असर डालती हैं।
  • सिरदर्द, मितली, जोड़ों में दर्द, नींद न आना, घबराहट आदि इसके कुछ साइड एफेक्ट्स हैं, जो कुछ लोगों में नजर आते हैं।
  • चीनी की बजाय आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के इस्तेमाल से पाचन क्रिया पर विपरीत असर पड़ता है। यह आंतों में मौजूद बैक्टीरिया पर नकारात्मक असर डालता है, जिससे भूख कम लगती है।
  • यह मोटापे और दिल संबंधी बीमारियों को जन्म दे सकता है। ऐसे में बेहतर यह होगा कि आप शुगर फ्री की जगह कम मात्रा में सामान्य चीनी का इस्तेमाल करें।
  •  ये गोलियां हृदय के लिए भी नुकसानदायक है। शुगर फ्री की गोलियां आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती है।
  • इन टेबलेट के अधिक प्रयोग से आपकी आंखों की रोशनी भी कम हो सकती है।
  • शुगर फ्री के इस्तेमाल से लोगों के शरीर में पाचन क्रिया पर विपरीत असर पड़ता है। इससे आंतों में मौजूद बैक्टीरिया पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे भूख लगने की आदत प्रभावित होती है। 

                           Written By: Shahina Noor

Edited By: Shilpa Srivastava

शुगर फ्री चीनी क्या होती है?

शुगर फ्री ग्रीन चीनी की तरह मीठा होता है, और चीनी मुक्त हरे रंग के 1 गोली के साथ प्रतिस्थापित प्रत्येक 5 ग्राम चीनी के लिए लगभग 20 कैलोरी बचाने में मदद करता है। शुगर फ्री ग्रीन के साथ, आप अपनी दैनिक कप मीठी चाय में लिप्त होने के दौरान किसी भी अतिरिक्त चीनी-कैलोरी के बारे में चिंता करना बंद कर सकते हैं।

शुगर फ्री के साइड इफेक्ट क्या है?

सिरदर्द, मितली, जोड़ों में दर्द, नींद न आना, घबराहट आदि इसके कुछ साइड एफेक्ट्स हैं, जो कुछ लोगों में नजर आते हैं। चीनी की बजाय आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के इस्तेमाल से पाचन क्रिया पर विपरीत असर पड़ता है। यह आंतों में मौजूद बैक्टीरिया पर नकारात्मक असर डालता है, जिससे भूख कम लगती है।