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जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं तब श्लेष अलंकार होता है। श्लेष अलंकार के दो भेद होते हैं:[1]
उदाहरण[संपादित करें]उदाहरण १
यहाँ पानी का प्रयोग एक बार किया गया है, किन्तु दूसरी पंक्ति में प्रयुक्त पानी शब्द के तीन अर्थ हैं; मोती के सन्दर्भ में पानी का अर्थ चमक या कान्ति, मनुष्य के सन्दर्भ में पानी का अर्थ इज्जत (सम्मान), चूने के सन्दर्भ में पानी का अर्थ साधारण पानी(जल) है। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
Slesh Alankar Slesh Alankar in Hindi / श्लेष अलंकार: परिभाषा, उदाहरण तथा प्रकार श्लेष अलंकार की परिभाषा (Definition of Slesh Alankar in Hindi)श्लेष का मतलब होता है “चिपका हुआ” या मिला हुआ। जब एक ही शब्द से हमें विभिन्न अर्थ मिलते हों तो उस समय श्लेष अलंकार होता है।
यानि जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है लेकिन उससे अर्थ कई निकलते हैं तो वह श्लेष अलंकार कहलाता है।
इस दोहे में
रहीमदासने पानी को तीन अर्थों में प्रयोग किया है: श्लेष अलंकार के प्रकार (Types of Slesh Alankar)श्लेष अलंकार दो प्रकार का होता है:
अभंग श्लेष: जहाँ शब्दों को बिना तोड़े दो या दो से अधिक अर्थ हो, वहाँ अभंग श्लेष होता है उदाहरण
इस दोहे की दूसरी पंक्ति में सुबरन का प्रयोग किया गया है जिसे कवि, व्यभिचारी, और चोर तीनों ढूंढ रहे हैं. इस प्रकार एक ही शब्द सुबरन के यहां तीन अर्थ है: कवि के लिए सुबरन का अर्थ है: अच्छे शब्द व्यभिचारी के लिए सुबरन का अर्थ है: अच्छा रूप रंग, यौवन और चोर के लिए सुबरन का अर्थ है: स्वर्ण अर्थात सोना अतः यहां श्लेष अलंकार है दूसरा उदाहरण देखिये:
इस पंक्ति में पट के दो अर्थ हैं: वस्त्र और किवाड़ इसमें व्यक्ति किसी याचक को देख कर बार-बार वस्त्र देता है और दूसरा अर्थ है कि इसमें व्यक्ति किसी याचक को देख कर बार-बार दरवाजा बंद कर देता है सभंग श्लेष: जहाँ अर्थ निकालने के लिए शब्द को जोड़ा या तोडा जाए वहाँ सभंग श्लेष होता है
स्पष्टीकरण – यहाँ पर ‘वृषभानुजा’ तथा ‘हलधर’ शब्द के दो अर्थ है। वृषभानुजा के अर्थ:
हलधर के अर्थ:
अतः यहाँ श्लेष अलंकार है। श्लेष अलंकार के उदाहरण (Slesh Alankar ke Udaharan)श्लेष अलंकार के अन्य उदाहरण हैं:
कलियां: खिलने से पूर्व फूल की दशा कलियां: यौवन से पहले की अवस्था
स्पष्टीकरण – यहाँ पर स्यामु के कई अर्थ है – पाप, कालिमा, कृष्ण। अतः यहाँ श्लेष अलंकार है
स्पष्टीकरण – यहाँ ‘विमलाम्बरा’ बहुब्रीहि समास में ‘अम्बर’ शब्द में श्लेष है।
बारे: पहला अर्थ है: बचपन में, और दूसरा अर्थ है: जलाने पर बढ़े: पहला अर्थ है: बड़ा होने पर, और दूसरा अर्थ है: बुझने पर
इस उदाहरण में आप देख सकते हैं कि हरि शब्द का एक बार प्रयोग हुआ है लेकिन उसके दो अर्थ निकलते हैं। पहला अर्थ है बन्दर एवं
दूसरा अर्थ है भगवान।
इस उदाहरण में आप देख सकते हैं कि रज शब्द से दो अर्थ निकल रहे हैं पहला है अहंकार तथा दूसरा धुल। अतः यह उदाहरण श्लेष अलंकार के अंतर्गत आएगा।
स्पष्टीकरण- यहां निरर्थक शब्द के दो अर्थ है – बेकार तथा धनहीन
स्पष्टीकरण- यहां जीवन शब्द के दो अर्थ हैं – पानी, तथा उम्र विपुल धन अनेकों रत्न हो साथ लाए। प्रियतम बता दो लाल मेरा कहां है। स्पष्टीकरण- यहां लाल शब्द के अर्थ हैं – पुत्र, तथा
रत्न
इस उदाहरण में आप देख सकते हैं कि यहाँ घनीभूत शब्द से दो अर्थ निकल रहे हैं। पहला अर्थ है मनुष्य के मन में कुछ समय से इकट्ठी पीड़ा जो अब आँसू के रूप में बह निकली है। दूसरा अर्थ है मेघ बनी हुई अर्थात बादल जो कुछ दिनों से पानी को इकठ्ठा कर रहे थे वे अब उसे बरस रहे हैं। इस उदाहरण में दुर्दिन शब्द से भी दो अर्थ निकल रहे हैं। पहला अर्थ है बुरे दिन जब पीड़ा की वजह से आँसू बह रहे हैं। दूसरा अर्थ है बारिश के दिन जब बादल कुछ दिनों से इकट्ठे किये गए पानी को बरसा रहे हैं। अतः यह उदाहरण श्लेष अलंकार के अंतर्गत आएगा।
इस उदाहरण में आप देख सकते हैं कि यहाँ बौरे शब्द से दो अर्थ निकल रहे हैं। पहला अर्थ भौरे के लिए मस्त होना प्रतीत हुआ है। दूसरा अर्थ आम के प्रसंग में प्रतीत हुआ है यहां आम की मंजरी (आम का बौर) निकलना बताया गया है। अतः यह उदाहरण श्लेष अलंकार के अंतर्गत आएगा।
इस उदाहरण में आप देख सकते हैं कि सिलीमुख शब्द के दो अर्थ निकल रहे हैं। इस शब्द का पहला अर्थ बाण से एवं दूसरा अर्थ भ्रमर से है। अतः यह उदाहरण श्लेष अलंकार के अंतर्गत आएगा। श्लेष अलंकार का अर्थ क्या है?श्लेष अलंकार की परिभाषा
जहाँ एक शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त होता है, वहाँ शब्द-श्लेष होता है। रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुस, चून।। इस एक शब्द के द्वारा अनेक अर्थों का बोध कराए जाने के कारण यहाँ श्लेष अलंकार है।
श्लेष कौन सा अलंकार है?श्लेष अलंकार Shlesh Alankar :-
इस अलंकार में ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है, जिनके एक नहीं वरन् अनेक अर्थ हों। श्लिष्ट पदों से अनेक अर्थों के कथन को 'श्लेष' कहते है। 'श्लेष' का अर्थ होता है- मिला हुआ, चिपका हुआ। जिस शब्द में एकाधिक अर्थ हों, उसे ही श्लेष अलंकार कहते हैं।
Shlesh अलंकार कितने प्रकार के होते हैं?श्लेष अलंकार के दो भेद होते हैं:. सभंग श्लेष. अभंग श्लेष. श्लेष अलंकार में एक शब्द में कितने अर्थ होते हैं?यमक अलंकार में एक ही शब्द एक से अनेक बार आता है और हर बार उसका अर्थ भिन्न होता जबकि श्लेष अलंकार में एक शब्द एक ही बार आता है और एक ही शब्द के दो या दो से अधिक अर्थ निकलते है।
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