शिवजी का धनुष तोड़ने वाले को परशुराम अपना क्या समझते हैं? - shivajee ka dhanush todane vaale ko parashuraam apana kya samajhate hain?

MCQ Online Test 1 for पाठ – 2 राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद – तुलसीदास (Tulsidas) Class 10th Hindi Kshitij-II

प्रश्न :
1. जो सेवा का काम करे वो कौन कहलाता है?
(क) नौकर
(ख) सेवक
(ग) चौकीदार
(घ) इनमें से कोई नहीं

Show

2. शिवजी का धनुष तोड़ने वाले को परशुराम अपना क्या समझते हैं?
(क) शत्रु
(ख) मित्र
(ग) भाई
(घ) पड़ोसी

3. किसके वश में आकर लक्ष्मण के मुँह से होशपूर्वक वचन नहीं निकल रहे हैं?
(क) प्रेम
(ख) मोह
(ग) काल
(घ) लोभ

4. परशुराम का स्वभाव कैसा है?
(क) उदार
(ख) शील
(ग) क्रोधी
(घ) चंचल

5. परशुराम पृथ्वी जीतकर किसे दान कर चुके हैं?
(क) माता-पिता को
(ख) गुरू को
(ग) राजाओं को
(घ) ब्राह्मणों को

6. सहस्रबाहु की भुजाओं को किसने काट डाला था?
(क) लक्ष्मण ने
(ख) परशुराम ने
(ग) विष्णु ने
(घ) शिव ने

7. परशुराम किस कुल के घोर शत्रु हैं?
(क) ब्राह्मण
(ख) वैश्य
(ग) क्षत्रिय
(घ) इनमें से कोई नहीं

8. परशुराम के वचन किसके समान कठोर हैं?
(क) वज्र के
(ख) लोहे के
(ग) पत्थर के
(घ) लोहे के

9. लक्ष्मण ने परशुराम के किस स्वभाव पर व्यंग्य किया है?
(क) चाटुकारिता
(ख) आलसीपन
(ग) मधुर
(घ) बड़बोलापन

10. शूरवीर अपनी वीरता कहाँ दिखाते हैं?
(क) घर में
(ख) युद्ध में
(ग) बातों में
(घ) इनमें से कोई नहीं

पाठ -2 तुलसीदास Quiz - 1 | Class 10th Hindi

Click on ‘Start Quiz’ to Take Test.

विषयसूची

  • 1 शिव धनुष तोड़ने वाले को परशुराम क्या कह रहे हैं?
  • 2 परशुराम के अनुसार लक्ष्मण की विशेषताएं कौन कौन सी थी?
  • 3 परशुराम ने धनुष तोड़ने वाले को क्या कहा है सहस्रबाहु के समान वैरी के समान रिपु के समान उपरोक्त सभी?
  • 4 शिव धनुष टूटने पर परशुराम क्रोधित क्यों हुए MCQ?
  • 5 लक्ष्मण और परशुराम की चारित्रिक विशेषताओं में आप क्या अंतर पाते हैं पाठ के आधार पर लिखिए?
  • 6 राम लक्ष्मण परशुराम संवाद राम चरित मानस के कौन से कांड से लिया गया है?

शिव धनुष तोड़ने वाले को परशुराम क्या कह रहे हैं?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: उत्तर: ‘स्वयंवर’ स्थल पर शिव धनुष तोड़ने वाले को परशुराम ने धमकाते हुए कहा कि जिसने इस धनुष को तोड़ा है वह अब मेरा शत्रु है। सहस्रबाहु के समान अब उसका विनाश निश्चित है।

परशुराम के अनुसार लक्ष्मण की विशेषताएं कौन कौन सी थी?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: इस संवाद में मुझे लक्ष्मण का स्वभाव अधिक अच्छा लगता है। परशुराम क्रोधी, अहंकारी, उग्र प्रतीत होते हैं जबकि लक्ष्मण ने शिष्ट, मृदु किन्तु वीर भाव से उनके प्रश्नों के उत्तर दिए। उन्होंने परशुराम का उपहास भी शालीनता से किया।

राम की कौन सी विशेषता उन्हें परशुराम और लक्ष्मण से अलग दिखाती है?

इसे सुनेंरोकेंराम ने विनम्रतापूर्वक अपराध स्वीकार करने के भाव से यह कहते हुए धनुष तोड़ना स्वीकार किया कि ‘शिव के धनुष को भंग करने वाला आपका ही कोई दास है। ‘ 3. परशुराम ने सेवक और शत्रु के विषय में बताया कि सेवक वह होता है, जो सेवा-कार्य करता है।

अयमय खाँड़ न ऊखमय से क्या अभिप्राय है और यह कथन किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?

इसे सुनेंरोकें’अयमय खाँड़ न ऊखमय’ से क्या अभिप्राय है और यह कथन किसके लिए प्रयुक्त हुआ है। उत्तर: *अयमय खड़ न ऊखमय’ यह कथन मन-ही-मन मुनि विश्वामित्र उस समय सोचते हैं, जब परशुराम बड़बोलेपन में कहते हैं कि वे पलभर में लक्ष्मण को मार डालेंगे।

परशुराम ने धनुष तोड़ने वाले को क्या कहा है सहस्रबाहु के समान वैरी के समान रिपु के समान उपरोक्त सभी?

इसे सुनेंरोकेंपरशुराम ने धनुष तोड़ने वाले को सहस्त्रबाहु के समान अपना शत्रु बताया है। सहस्त्रबाहु एक क्षत्रिय राजा था जिसके पास एक वरदान के कारण एक हज़ार हाथ थे। मुनि परशुराम ने उसका वध किया था और उसके सभी हाथों को काट डाला था।

शिव धनुष टूटने पर परशुराम क्रोधित क्यों हुए MCQ?

इसे सुनेंरोकेंराम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद में किस घटना के कारण विवाद हो रहा है? सीता स्वयंवर में शिवजी का धनुष टूटने के कारण ही परशुराम का क्रोध भड़का था। शिवजी के धनुष तोड़ने वाले की तुलना परशुराम ने अपने किस शत्रु से की है? Answer: (a) सहस्रबाहु।

लक्ष्मण परशुराम संवाद के अनुसार कुठार किसका शस्त्र विशेष है?

इसे सुनेंरोकें➲ परशुराम पुनि पुनि भोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन फूकि पहारू।। अर्थात बार-बार मुझे आप अपना फरसा दिखा कर डराने का प्रयत्न कर रहे हैं, आपको ऐसा लगता है कि आप फूंक मारकर पहाड़ उड़ा देंगे, जो कि आपका भ्रम है।

लक्ष्मण के अनसार ु द्विज देवता कौन है?

इसे सुनेंरोकें➲ ब्राह्मण देवता अपने घर मे श्रेष्ठ है | ✎… ‘द्विज देवता घर में ही बाढ़े’ इन पंक्तियों से लक्ष्मण का कहने का आशय यह है कि ब्राह्मण देवता अपने घर में ही श्रेष्ठ हैं। मिले न कबहुँ सुभट रन गाढ़े। द्विज देवता घरहि के बाढ़े।।

लक्ष्मण और परशुराम की चारित्रिक विशेषताओं में आप क्या अंतर पाते हैं पाठ के आधार पर लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंवे स्वयं को प्रचंड क्रोधी, महापराक्रमी, बाल ब्रह्मचारी एवं क्षत्रिय कुल का घातक बताते हैं। इस बायोलेपन के कारण उन्हें अपने बड़प्पन का भी ध्यान नहीं रहता, तभी वे लक्ष्मण से वाद-विवाद कर बैठते हैं, जबकि बड़प्पन की निशानी यही है कि छोटों के प्रति विनम्र रहा जाए।

राम लक्ष्मण परशुराम संवाद राम चरित मानस के कौन से कांड से लिया गया है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ रामचरितमानस के किस कांड में वर्णित है? यह अंश रामचरितमानस के बालकांड से लिया गया है। सीता स्वयंवर में राम द्वारा शिव धनुष भंग के बाद का यह है।

अयमय खाँड़ न ऊखमय अजहुँ न बूझ अबूझ प्रस्तुत पंक्ति में कौन सा अलंकार है?

इसे सुनेंरोकेंअयमय खाँड़ न ऊखमय अजहुँ न बूझ अबूझ ।। कवि कहना चाहता है कि राधिका की सुंदरता और उज्ज्वलता अपरंपार है। स्वयं चाँद भी उसके सामने इतना तुच्छ और छोटा है कि वह उसकी परछाईं-सा है। इसमें व्यतिरेक अलंकार है।

परशुराम के क्रोध को शांत करने के लिए कौन शीतल जल के समान वाणी बोलने लगे *?

इसे सुनेंरोकेंपरशुराम के क्रोध करने पर-राम शांत भाव से बैठे रहे थे पर लक्ष्मण उन पर व्यंग्य करते हुए उन्हें उकसाते रहे थे। राम ऋषि-मुनियों का आदर-मान करने वाले थे पर लक्ष्मण का स्वभाव ऐसा नहीं था। लक्ष्मण की वाणी तो परशुराम रूपी यज्ञ की अग्नि में आहुति के समान थी तो राम की वाणी शीतल जल के समान उस अग्नि को शांत करने वाली थी।

शिवजी का धनुष तोड़ने वाले को परशुराम अपना क्या समझते थे?

प्रश्न 1. धनुष को तोड़ने वाला कोई आपका ही सेवक होगा-के आधार पर राम के स्वभाव पर टिप्पणी कीजिए। उत्तर: परशुराम के क्रोध को शांत करने का प्रयास करते हुए राम ने कहा कि शिव धनुष को तोड़ने वाला आपका कोई दास होगा-ऐसा कहने से यह पता चलता है कि राम शांत, विनम्र स्वभाव के हैं

शिव धनुष तोड़ने वाले को परशुराम जी ने क्या चेतावनी दी?

1. परशुराम ने चेतावनी दी थी कि यदि शिव का धनुष तोड़ने वाले को सभा से अलग नहीं किया गया, तो वे सभा में उपस्थित सभी राजाओं का वध कर देंगे।

परशुराम ने धनुष तोड़ने वाले को अपना सेवा क्यों नहीं माना?

परशुराम ने धनुष तोड़ने वाले को अपना सेवक क्यों नहीं माना? उत्तर: क्योंकि सेवक वह होता है जो सेवा करता है। गुरु के धनुष को तोड़ने वाला सेवक नहीं शत्रु है।

शिवजी का धनुष टूटने पर क्रोधित परशुराम को शांत करने के लिए लक्ष्मण ने क्या कहा?

तब लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के कारण बताते हुए कहा था कि वह धनुष नहीं था बल्कि धनुही थी। ... इसमें राम का कोई दोष नहीं था।