सिगरेट में मौजूद निकोटिन का प्रभाव शरीर में सिर्फ 40 मिनट तक रहता है। यह असर खत्म होते ही फिर तलब उठने लगती है। नशे के स्तर को बनाये रखने के लिए व्यक्ति बार-बार धूम्रपान करता है। पर बिना डॉक्टरी... Show
Gauravtiwariस्वाति गौड़Thu, 25 May 2017 10:32 PM हमें फॉलो करें ऐप पर पढ़ें सिगरेट में मौजूद निकोटिन का प्रभाव शरीर में सिर्फ 40 मिनट तक रहता है। यह असर खत्म होते ही फिर तलब उठने लगती है। नशे के स्तर को बनाये रखने के लिए व्यक्ति बार-बार धूम्रपान करता है। पर बिना डॉक्टरी परामर्श एक साथ तंबाकू की लत छोड़ने से भी कई बार बुरा असर देखने को मिलता है। जानें स्वाति गौड़ से... दुनियाभर में कैंसर से होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है तम्बाकू। इसके सेवन से शरीर के विभिन्न हिस्सों पर कैंसर की जकड़ मजबूत होने लगती है। ऐसा अनुमान है कि धूम्रपान या चबाने वाला तम्बाकू कम से कम 13 अलग-अलग प्रकार के कैंसर को बढ़ावा देता है। इनमें फेफड़े, गला, किडनी, लिवर, मुंह और पेट का कैंसर प्रमुख हैं। इतना ही नहीं, धूम्रपान करने वाले माता-पिता के बच्चों में फेफड़े और साइनस के संक्रमण की आशंका भी अधिक होती है। तंबाकू शरीर के लिए धीमा जहर है। धीरे-धीरे व्यक्ति इसका आदी हो जाता है। उसके बाद चाहते हुए भी इस लत से छुटकारा पाने में दिक्कत होती है। लेकिन चिकित्सकों की मानें तो इससे छुटकारा पाया जा सकता है। इसलिए तंबाकू को सेवन पूरी तरह बंद करें। इसके लिए सबसे पहले खुद की इच्छा शक्ति को मजबूत करना होगा। यह तभी संभव हो सकता है, जब हम इसके नुकसान को जानें। इसके अलावा रोजाना सुबह उठकर दो ग्लास गुनगुना पानी पीएं। चाहे तो उसमें सेंधा नमक या अजवाइन मिला सकते हैं। यह फेफड़ों में तंबाकू के टार को चिपकने नहीं देगा। और आप कैंसर से बच सकते हैं। यह जानकारी सुपेला में तंबाकू निषेध दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में डॉ. सुरेश शर्मा ने दी। समाजसेवी संस्था प्रनाम ने युवाओं को नशा न करने की शपथ दिलाई तंबाकू के उपभोग और बीमारियों में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है भारत पोस्टर प्रदर्शनी में युवाओं को तंबाकू के दुष्परिणाम दिखाए, रैली निकाली पुलगांव वृद्धाश्रम में कराया गया योग: दुर्ग। धुम्रपान निषेध दिवस पर वृद्धाश्रम पुलगांव में योगाभ्यास कराया गया। महावीर प्राकृतिक एवं योग विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय के छात्र नितिश दुबे व अभिषेक साहू ने बुजुर्गों को योग का महत्व समझाया। शिविर में समाज कल्याण विभाग दुर्ग के डिप्टी डायरेक्टर धर्मेंद्र साहू, प्रबंधक दीपक चापिरा व सदस्य उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि योग हमारी प्राचीन धरोहर है। इससे तन ही नहीं बल्कि मन भी स्वस्थ रहता है। धुम्रपान से मुक्त रहने संकल्प दिलाया। नशा नहीं करने वाले कर्मियों का हुआ सम्मान जागरण संवाददाता, बरेली: तंबाकू का इस्तेमाल शरीर के जर्रे-जर्रे को खोखला कर देता है। फेफड़े फूलने लगते हैं, धमनियां सिकुड़ने लगती हैं। रक्त का प्रवाह कमजोर हो जाता है और दिल दिमाग के साथ हाथ-पैर भी कांपने लगते हैं। इतने पर भी छल्ले बनाना बंद नहीं किया तो सबसे मजबूत हड्डियां तक इसके नशे में घुलने लगती हैं। कैंसर का कीड़ा हड्डियों तक को कमजोर कर देता है। तंबाकू में पाया जाने वाला निकोटीन आपकी हड्डियों, मसल और जोड़ों को भी कमजोर कर देता है। इसकी वजह से शरीर में विटामिन सी और ई की कमी शरीर में होने लगती है। वहीं विटामिन डी को तो बनने ही नहीं देता। इतना ही नहीं इसकी वजह से बॉडी कैल्शियम तक आसानी से ऑब्जर्व करना बंद कर देती है। इससे हड्डियों के निर्माण और विकास की प्रक्रिया बाधित हो जाती है। ये समस्या जब हद से ज्यादा बढ़ जाती है तो हड्डियां में टूटन बढ़ जाती है और तो और इनमें कैंसर भी हो सकता है। क्या कहते हैं शोध - धूमपान करने वाले व्यक्तियों में सामान्य व्यक्तियों के मुकाबले कई तरह की डिस्क की समस्याएं रहती हैं। - धूमपान के कारण रीढ़ की हड्डी कमजोर होना और मास-पेशियों में कमजोरी आना आम बात है। - अधिक धूमपान से हड्डियों में दर्द की समस्या बहुत बढ़ जाती है। - मीनोपोज से पहले ही धूमपान करने वाली महिलाओं में जोड़ों में दर्द की समस्या समय से पहले ही शुरू हो जाती है। - यदि आप कम उम्र में ही नशीले पदाथरें या धूमपान का सेवन करने लग जाते हैं तो आपकी हड्डियों का विकास बीच में ही रुक जाता है और हड्डिया टूटने लगती हैं। अन्य बीमारिया - तंबाकू मुंह, गले, फेफड़ों, पेट, गुर्दे, मूत्राशय आदि जैसे शरीर के विभिन्न भागों के कैंसर के लिए जिम्मेदार होता है। - तंबाकू की वजह से हृदय एवं धमनियों के रोग, दिल का दौरा, सीने में दर्द, अचानक हृदय गति रुकने से (कार्डिएक) मृत्यु, स्ट्रोक (दिमागी नस फटना) व पैरों का गैंग्रीन हो सकता है। - तंबाकू पैरों का रक्त प्रवाह भी कम कर देता है, जिससे पैरों के मास में सड़न पैदा हो सकती है। हानिकारक तत्व तंबाकू के अंदर 7000 से भी अधिक रसायन होते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और कैंसर जैसे जानलेवा रोग की वजह बनते हैं। कुछ खतरनाक रसायन और उनसे होने वाले रोग: निकोटिन तंबाकू के धुएं में पाया जाने वाला एक ऐसा तत्व है, जो कि तंबाकू की लत डालने में मुख्य भूमिका अदा करता है। निकोटिन हृदय पर प्रभाव डालता है, जिसके कारण हार्ट बीट और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। हृदय का कार्य सारे शरीर में रक्त पहुंचाना है। निकोटिन के कारण हृदय की नलिकाओं में सिकुड़न पैदा होती है। जिसके कारण शरीर के अंगों में रक्त का प्रवाह ठीक प्रकार से नहीं हो पाता। टार ये हमारे फेफड़ों के अंदर कालिख की परत पोत देता है। इस कारण से फेफड़ों को सांस लेने में दिक्कत होती है। टार में मौजूद रासायनिक तत्व ही कैंसर का कारण बनते हैं। कार्बन मोनो ऑक्साइड तंबाकू के धुएं में कार्बन मोनो ऑक्साइड होने से रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। जिसकी वजह से तंत्रिका तंत्र फेल होने लगता है और पार्किसंस (हाथ-पैर कांपना) बीमारी शरीर को जकड़ लेती है। इसी के साथ कैंसर के लिए जिम्मेदार माने जाने वाला आर्सेनिक, नाइट्रोजन ऑक्साइड, हाइड्रोजन सायनाइड, अमोनिया, नेफ्थलीन , केडमियम, युरेथेन, एसीटोन, ब्यूटेन जैसे हजारों विषाक्त तत्व शरीर के अंदर सिगरेट के धुएं के साथ पहुंच जाते हैं। ----------------- ----- तंबाकू हड्डियों को कमजोर कर देता है। इसकी वजह से शरीर के विभिन्न हिस्सों की बात तो दूर हड्डियों तक में कैंसर हो सकता है। तम्बाकू में क्या पाया जाता है?तंबाकू में निकोटिन समेत 60 तरह के विषैले पदार्थ होते हैं। बीड़ी, सिगरेट, गुटखा के माध्यम से यह खून में फेफड़ों तक पहुंचता है और टार (कार्बनिक रसायन) बनकर उससे चिपक जाता है। इससे फेफड़ों की कोशिकाओं में ऑक्सीजन ग्रहण करने और कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने की क्षमता कम होती जाती है।
तंबाकू में कौन सा प्रोटीन पाया जाता है?निकोटीन. तंबाकू खाने का फायदा क्या है?तम्बाकू की पत्तियों को नमक के साथ बारीक पीसकर रख लें. इस मंजन से प्रतिदिन सुबह-शाम मुंह धोने से दांतों का दर्द ठीक हो जाता है तथा इससे मसूढ़ों की सूजन भी खत्म होती है. तम्बाकू को जलाकर राख बना लें. इस राख की 250 मिलीग्राम की मात्रा को पान के पत्ते में रखकर प्रतिदिन खाने से दमा रोग ठीक हो जाता है.
रोज तंबाकू खाने से क्या होता है?लेकिन तंबाकू का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। अगर इस पर कंट्रोल न किया जाए तो ये आपकी जान भी ले सकता हैं। तंबाकू का सेवन शरीर में समस्याओं के अलावा कुछ देता ही नहीं है। तंबाकू का सेवन मुंह, गला, फेफड़ा, गला, कंठ, खाद नली, गुर्दे आदि स्थानों में कैंसर पैदा कर सकता है।
|