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Typhoid Fever Kitne Din Rehta Hai: टाइफाइड एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जिसका प्रमुख लक्षण बुखार है। यह पाचन तंत्र और ब्लडस्ट्रीम में बैक्टीरिया की वजह से होता है। जब साल्मोनेला बैक्टीरिया (Salmonella Bacteria) शरीर के अंदर प्रवेश करता है, तो टाइफाइड के लक्षण महसूस होते हैं। यह बैक्टीरिया तरल पदार्थों के माध्यम से शरीर में जा सकता है। इस स्थिति में व्यक्ति को बुखार, कमजोरी, थकान और सिरदर्द जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। टाइफाइड फीवर का पता लगाने के लिए विडाल टेस्ट (Widal Test) किया जाता है। जब कोई व्यक्ति टाइफाइड से संक्रमित होता है, तो उसके मन में अकसर सवाल रहता है कि टाइफाइड बुखार का असर कितने दिन तक रह सकता है? इस सवाल का जबाव जानने के लिए हमने फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉक्टर रमन कुमार से बातचीत की- टाइफाइड बुखार कितने दिन तक रहता है? (How Long Does Typhoid Last)टाइफाइड आंतों का एक संक्रमण है। साल्मोनेला बैक्टीरिया के संपर्क में आने के 1 से 2 सप्ताह बाद टाइफाइड के लक्षण दिखना शुरू होने लगते हैं। इसका सबसे आम लक्षण तेज बुखार होता है। इस स्थिति में बुखार 104 डिग्री तक भी पहुंच सकता है। लेकिन टाइफाइड में बुखार कितने दिन तक रहता है, इस पर डॉक्टर रमन कुमार बताते हैं कि अगर टाइफाइड के लक्षण नजर आते ही इसका इलाज शुरू करवा दिया जाए तो बुखार 3 से 5 दिनों के बाद धीरे-धीरे कम होने लगेगा। टाइफाइड रोग की अवधि 3-4 सप्ताह की हो सकती है। इसके अलावा अगर टाइफाइड का समय पर इलाज न करवाया जाए, तो यह फीवर कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक रह सकता है। इलाज के बिना टाइफाइड गंभीर हो सकता है, जोखिम को बढ़ा सकता है। इसे भी पढ़ें- बार-बार बुखार क्यों आता है? जानें इसके 3 कारण और बचाव के उपाय टाइफाइड फीवर के लक्षण (Typhoid Fever Symptoms in Hindi)बुखार टाइफाइड का मुख्य लक्षण होता है। इसके अलावा टाइफाइड फीवर होने पर व्यक्ति को पाचन से संबंधित समस्याएं भी महसूस हो सकती हैं क्योंकि टाइफाइड का बैक्टीरिया आंतों को प्रभावित करता है। टाइफाइड के लक्षणों में शामिल हैं-
टाइफाइड के स्टेज (Typhoid Stages in Hindi)First Stage of Typhoid Fever: टाइफाइड के पहले स्टेज में आपको सूखी खांसी, आलस, सिरदर्द जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। शरीर का तापमान थोड़ा बढ़ सकता है। Second Stage of Typhoid Fever: टाइफाइड के दूसरे स्टेज में आपको तेज बुखार महसूस हो सकता है। इसके अलावा फूला हुआ पेट, वजन कम भी होने की समस्या भी हो सकती है। Third Stage of Typhoid Fever: टाइफाइड का तीसरा चरण थोड़ा गंभीर हो सकता है। इस स्टेज में रक्तस्त्राव हो सकता है। बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है। Fourth Stage of Typhoid Fever: टाइफाइड के चौथे चरण में तेज बुखार होता है। यह स्थिति गंभीर संक्रमण, निमोनिया, किडनी फेलियर जैसी जटिलाओं का कारण बन सकती है। इसे भी पढ़ें- डेंगू में पेट दर्द क्यों होता है? जानें इसके कारण और बचाव के उपाय Typhoid Fever: अगर आपको भी टाइफाइड के लक्षण नजर आते हैं, तो इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। टाइफाइड के लक्षण शुरू होते ही तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें। क्योंकि जैसे-जैसे समय बढ़ता है, टाइफाइड के लक्षण भी बढ़ने लगते हैं और स्थिति गंभीर रूप ले सकती है। टाइफाइड एक गंभीर बीमारी है, यह साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया से होता है! यह साल्मोनेला पैराटाइफी बैक्टीरियम से भी फैलता है! यह बैक्टीरिया पानी और खाने के जरिए लोगों के अन्दर जाता है और इसके द्वारा बहुत से लोगों में यह फ़ैल जाता है! टाइफाइड को दूषित पानी या भोजन को जीतने वाले बैक्टीरिया को पीने या खाने से अनुबंधित किया जाता है। तीव्र बीमारी वाले लोग मल के माध्यम से आसपास के पानी की आपूर्ति को संभावित रूप से दूषित कर सकते हैं, क्योंकि इसमें बैक्टीरिया की उच्च एकाग्रता होती है। बैक्टीरिया पानी या सूखे सीवेज में हफ्तों तक जीवित रह सकते हैं। टाइफाइड के लिए ऊष्मायन अवधि लगभग 1-2 सप्ताह है और बीमारी लगभग 3-4 सप्ताह तक रहती है। टाइफाइड के लक्षणों में शामिल हैं:
अगर समय पर इसका इलाज किया जाए तो इसके लक्षण ३ से ५ दिन में ठीक किये जा सकते हैं, हालांकि, यह आमतौर पर कुछ हफ्तों के दौरान खराब हो सकता है, और कुछ मामलों में टाइफाइड बुखार के विकास की जटिलता एक महत्वपूर्ण जोखिम है। कई लोगों को सीने में जमाव और पेट में दर्द का भी अनुभव होता है। बुखार स्थिर हो जाता है। जटिलताओं के बिना मामलों में तीसरे और चौथे सप्ताह में सुधार देखा जा सकता है। लगभग 10% लोगों में एक से दो सप्ताह तक बेहतर महसूस करने के बाद भी बार-बार लक्षण होते हैं। एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज किए गए लोगों में रिलैप्स अधिक आम हैं। टाइफाइड यदि समय पर पता न चले तो स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं और इसलिए जैसा कि वे कहते हैं कि रोकथाम इलाज से बेहतर है ’टाइफाइड फैलाने वाले वायरस से अप्रभावित रहने के लिए आदिम उपायों से सुरक्षित रहना बेहतर है।पहले स्थान पर टाइफाइड को रोकने के लिए, आपको निम्नलिखित कार्य करने होंगे:
हाथ की अच्छी स्वच्छता रखें: अपने हाथों को नियमित रूप से रोगाणु संरक्षण हैंडवॉश या डेटॉल बार साबुन जैसे रोगाणु सुरक्षा समाधान से धोना याद रखें। टाइफाइड का असर कितने दिन में होता है?टाइफाइड की बीमारी शरीर में 7 से 14 दिनों के बीच रहती है लेकिन 3 दिन या 30 दिन तक की हो सकती है। अगर इलाज नहीं किया जाता है, तो बीमारी 3 से 4 सप्ताह तक चल सकती है।
टाइफाइड के बाद आई कमजोरी को कैसे दूर करें?टाइफाइड में अत्यधिक कमजोरी आ जाती है इसके लिए रोगी को हाई कैलोरी डाइट की आवश्यकता होती है। रोगी को शहद, मीठे फल, फलों के रस, छेने की मिठाई, सुपाच्य ओट्स, साबूदाने की खीर, सूजी का हलवा, मूंग दाल की खिचड़ी, दूध के साथ बिस्किट, ब्रेड व रस्क आदि दे सकते हैं।
क्या टाइफाइड में कमजोरी होती है?जब टाइफाइड पूरी तरह से ठीक भी हो जाता है तो शरीर में काफी कमजोरी आ जाती है. यह कमजोरी खाने-पीने और पोषण की कमी के कारण हो सकती है. रिकवर होने में पर्याप्त केयर की आवश्यकता होती है.
टाइफाइड में कमजोरी क्यों महसूस होती है?टाइफाइड पाचन-तंत्र और ब्लडस्ट्रीम में बैक्टीरिया के इंफेक्शन की वजह से होता है। गंदे पानी, संक्रमित जूस या पेय के साथ साल्मोनेला बैक्टीरिया शरीर के अन्दर प्रवेश कर जाता है। बैक्टीरिया के शरीर में घुसने के बाद टाइफाइड के लक्षण महसूस होने लगते हैं। रोगी को टाइफाइड में कमजोरी महसूस होने लगती है।
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