चांदी का निष्कर्षण: चांदी धातु का निष्कर्षण मुख्यत: अर्जेण्टाइट अयस्क से किया जाता है। (मैकआर्थर सायनाइड विधि द्वारा)। Show चांदी के भौतिक गुण: यह एक चमकदार नीलापन लिए हुए श्वेत धातु है। यह बहुत ही आघातवर्ध्य और तन्य होता है। इसके इसी गुण के कारण इसका उपयोग आभूषण निर्माण में होता है। इसका द्रवणांक (गलनांक) 960.7°C, क्वथनांक 1954.9°C तथा आपेक्षिक घनत्व 10.47 होता है। यह ऊष्मा एवं विद्युत् का सुचालक होता है। धातुओं में चांदी सबसे अच्छा सुचालक होता है। चांदी के रासायनिक गुण: यह शुष्क और हाइड्रोजन सल्फाइड रहित हवा से कोई प्रतिक्रिया नहीं करता है। खुले हवा में छोड़ देने पर इसके ऊपर Ag2S की एक पतली परत बनने के कारण यह काला अथवा धूमिल हो जाता है। यह क्षार से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं करता है। यह हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ कोई प्रतिक्रिया नहीं करता है। यह सोडियम सायनाइड के साथ घुलकर सोडियम अर्जेण्टी सायनाइड बनाता है। यह 50% तनु (Dilute) नाइट्रिक अम्ल के साथ नाइट्रिक ऑक्साइड गैस देता है। इसे सान्द्र नाइट्रिक अम्ल के साथ गर्म करने पर NO2 गैस निकलती है। यह तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से कोई प्रतिक्रिया नहीं करता है। यह सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म करने पर SO2 गैस देता है। चांदी के उपयोग: (i) आभूषण व सिक्का बनाने में (ii) विद्युत् लेपन तथा दर्पण की कलई करने में (iii) मिश्रधातु बनाने में (iv) चांदी के वर्क (पतली पन्नी) का प्रयोग औषधि निर्माण में (v) दांतों के छिद्रों को भरने में। चांदी के यौगिक
नोट: चांदी के चम्मच से अंडा खाना वर्जित रहता है, क्योंकि चांदी अंडे में उपस्थित गंधक से प्रतिक्रिया कर काले रंग का सिल्वर सल्फाइड बनाती है और चम्मच नष्ट हो जाता है। सिल्वर क्लोराइड को हार्न सिल्वर के नाम से भी जाना जाता है और यह जब सूर्य के प्रकाश के सम्पर्क में आता है तो पहले बैंगनी फिर बाद में काला हो जाता है और इसका उपयोग आमतौर पर फोटोग्राफी एवं फोटोक्रोमेटिक काँच बनाने में किया जाता है। चाँदी के चम्मच से कभी भी अण्डा को नहीं खाना चाहिए इसका कारण यह है कि चाँदी अण्डे में उपस्थित गन्धक जो होते है उससे क्रिया कर के काले रंग का सिल्वर सल्फाइड को बनाती है और इसके कारण चम्मच जो होता है वो नष्ट हो जाता है। चाँदी एक चमकीली व बहुमूल्य धातु है। इसका परमाणु क्रमांक 47 व परमाणु द्रव्यमान 107.9 है यह एक तन्य धातु है,अतः इसका उपयोग तार व आभूषण बनाने में होता है। इसका परमाण्विक इलेक्ट्रोन विन्यास-1s22s22p63s23p63d104s24p64d105s1 है। चाँदी सर्वाधिक विद्युतचालक व ऊष्माचालक धातु है। इसमे जल व कार्बन डाई ऑक्साइड व सल्फर डाई ऑक्साइड से अभिक्रिया से जंग उत्पन्न होती है, जो काले रंग की होती है।
चाँदी के आभूषण पर काली परत किसकी होती है?Solution : चांदी की वस्तुएँ खुली वायु में छोड़ने पर काली पड़ जाती हैं क्योंकि चांदी की वायु में उपस्थित सल्फर के साथ अभिक्रिया कर सिल्वर सल्फाइड की परत बन जाती है जो काले रंग की होती है।
चांदी का रासायनिक नाम क्या है?Detailed Solution. सही उत्तर Ag है। Ag परमाणु संख्या 47 के साथ चांदी का रासायनिक प्रतीक है।
चांदी के ऊपर काली पर चढ़ने को क्या कहते हैं?1(ख) वह प्रक्रिया जिसके कारण चाँदी के ऊपर काली परत व ताँबे के ऊपर हरी परत चढ़ जाती है, कही जाती है (i) उदासीनीकरण
चांदी का दूसरा नाम क्या है?चाँदी
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