तीज के दिन पानी पीने से क्या होता है? - teej ke din paanee peene se kya hota hai?

Hartalika Teej 2022हरतालिका तीज के दिन पानी या दूध पीने के गंभीर परिणाम जानिए, भुगतना पड़ेगा अगले जन्म में भी दण्ड

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तीज के दिन पानी पीने से क्या होता है? - teej ke din paanee peene se kya hota hai?

File Photo

    -सीमा कुमारी

    ‘हरतालिका तीज’ (Hartalika Teej) इस साल 30 अगस्त, मंगलवार को है। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ‘हरतालिका तीज’ व्रत रखा जाता है।

    यह व्रत सुहागिन महिलाएं पति के स्वस्थ जीवन और दीर्घायु की कामना के लिए रखती है। वहीं कुंवारी कन्याएं मनचाहा और योग्य वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत  रखती हैं।

    करवा चौथ, हरियाली तीज, कजरी तीज और वट सावित्री जैसे सभी व्रतों में हरतालिका तीज का व्रत सबसे कठिन व्रत माना जाता है। महिलाएं इस व्रत को निर्जला रखती हैं। यानी पूरे 24 घंटे वह अन्न-जल का त्याग करती हैं। इस व्रत को करने के दौरान कई नियमों का पालन करना पड़ता है, तभी व्रत और पूजा सफल मानी जाता है। आइए जानें हरतालिका तीज व्रत के नियम के बारे में।

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, ‘हरतालिका तीज’ (Hartalika Teej) के कठोर व्रत में अन्न-जल का पूरी तरह से त्याग करना पड़ता है। इसलिए इस दिन व्रती महिलाओं को भूलकर भी जल ग्रहण नहीं करना चाहिए। हरतालिका तीज की कथा के अनुसार, जो महिलाएं इस दिन व्रत के दौरान भूलवश भी कुछ खा लेती है, या पानी पी लेती है उसे अगले जन्म में बंदर के रूप में अपना जीवन व्यतीत करना पडता है। वहीं, इस दिन व्रत के दौरान यदि व्रती महिला दूध पीती है, तो वह अगले जन्म में सर्प की योनि में जन्म लेती है।

    इस व्रत के दौरान सोने पर भी मनाही होती है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन ना सोएं और रात में भी सोना वर्जित माना जाता है। महिलाएं एक साथ मिलकर हरतालिका तीज पर रात्रि जागरण करती है। मान्यता है कि, इस व्रत को करने वाली महिलाएं यदि सोती है तो उन्हें अगले जन्म में अजगर के रूप में जन्म लेना पड़ता है।

    कहा जाता है कि, हरतालिका तीज व्रत के दिन महिला को घर पर कलह-क्लेश नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दिन बड़े बुजुर्गों का भी अपमान नहीं करना चाहिए। इससे व्रत का लाभ नहीं मिलता।

    हरतालिका तीज व्रत महिलाएं पति के लिए रखती हैं। इसलिए इस दिन पति से झूठ न बोलें और कोई ऐसी बात न कहें, जिससे उनका मन दुखी हो।

    Authored by

    Rakesh Jha

    | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Apr 23, 2022, 4:29 PM

    भाद्र शुक्ल तृतीय तिथि को हरतालिका तीज के नाम से जाना जाता है। सुहागन स्त्रियों में इस व्रत का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इसी व्रत से माता पार्वती को भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए थे। भविष्य पुराण में बताया गया है कि इस व्रत के दिन व्रत रखने वालों को कुछ नियमों का विशेष ध्यना रखना चाहिए नहीं तो इसका प्रभाव अगले जन्म पर होता है।

    • तीज के दिन पानी पीने से क्या होता है? - teej ke din paanee peene se kya hota hai?

      इसलिए हरतालिका व्रत में पानी पीने की है मनाही

      भविष्य पुराण कहता है कि इस दिन व्रत करने वाली महिला यदि पानी ग्रहण करती है तो वह अगले जन्म में मछली बनती है।

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      हरतालिका व्रत में इसलिए फल नहीं खाना चाहिए

      हरतालिका व्रत निर्जला रखा जाता है। यानी व्रत धारक इस दिन पानी भी नहीं पीता है और फल भी नहीं खा सकता है। कहते हैं, व्रत धारण कर फल खाने वाला व्यक्ति अगले जन्म में बंदर बनता है।

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      हरतालिका तीज व्रत के नियम हैं बहुत कठोर

      कहते हैं व्रत रखकर जो स्त्री इस दिन शक्कर खा लेती है, उन्हें अगले जन्म में मधुमक्खी का शरीर प्राप्त होता है।

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      हरतालिका व्रत में मांसाहार का परिणाम

      इस दिन मांस-मछली खाने वाले लोग अगले जन्म में मांसाहारी जानवर बनते हैं। जबकि व्रत न करने वाली महिलाओं को अगले जन्म में दांपत्य जीवन का पूर्ण सुख नहीं मिलता है।

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      इसलिए हरतालिका व्रत में दूध पीना भी वर्जित

      जो महिला इस दिन व्रत करने के बाद दूध पी लेती हैं, वह अगले जन्म में नागिन बनती है। ऐसी पुराण की मान्यता है।

    तीज व्रत में पानी पीने से क्या होता है?

    हरतालिका तीज की कथा के अनुसार, जो महिलाएं इस दिन व्रत के दौरान भूलवश भी कुछ खा लेती है, या पानी पी लेती है उसे अगले जन्म में बंदर के रूप में अपना जीवन व्यतीत करना पडता है। वहीं, इस दिन व्रत के दौरान यदि व्रती महिला दूध पीती है, तो वह अगले जन्म में सर्प की योनि में जन्म लेती है।

    तीज में पानी कब पी सकते हैं?

    इस व्रत में हरतालिका तीज के सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक निर्जला रहा जाता है क्योंकि अगले दिन सूर्योदय पूर्व तक तृतीया तिथि होती है.

    तीज के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

    फल व पानी का भी सेवन नहीं किया जाता है। वहीं व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद होता है। ऐसे में इस दिन गलती से भी अन्न जल ग्रहण नहीं करना चाहिए। हरतालिका तीज व्रत के दौरान दिन में सोना वर्जित माना गया है।

    तीज व्रत में सोने से क्या होता है?

    अगर आप हरतालिका तीज का व्रत कर रही हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इस व्रत में दिन व रात में सोना वर्जित होता है. हरतालिका तीज के दिन रात भर जागकर भगवान शिव व माता पार्वती का पूजन व भजन किया जाता है. कहते हैं कि यदि व्रत करने वाली महिला इस दिन सो जाती है तो उसे अगले जन्म में अगगर का रूप मिलता है.