तीज व्रत को कैसे किया जाता है? - teej vrat ko kaise kiya jaata hai?

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Hartalika Teej 2022 Vrat Katha, Aarti And Puja Vidhi In Hindi: आज अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त करने के लिए सुहागिन महिलाएं हरतालिका तीज व्रत रख रही हैं। सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज के त्योहार का विशेष महत्व है। इस तीज में महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। तीज की शाम के समय महिलाएं श्रृंगार करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा करती हैं। हरतालिका तीज व्रत रखने और पूजा करने से सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

जीवनसाथी की लंबी आयु, सुख और सौभाग्य की कामना के लिए किए जाने वाले हरतालिका तीज व्रत की पूजा का शुभ समय, धार्मिक महत्व और संपूर्ण विधि जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

हिंदू धर्म में भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की तृतीया के दिन भगवान शिव और माता पाार्वती पूजा से जुड़ा हरितालिका तीज व्रत का बहुत ज्यादा महत्व है. पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी कठिन व्रत को विधि-विधान से करके माता पार्वती ने महादेव को दोबारा प्राप्त किया था. वर्तमान में इसी व्रत को कुंवारी महिलाएं जहां मनचाहा सुयोग्य वर पाने के लिए तो वहीं विवाहित महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु, सुख और सौभाग्य की कामना लिए करती हैं. पौराणिक ग्रंथों में जिस हरतालिका व्रत की अनंत महिमा बताई गई है उसे आज किस समय और किस विधि और नियम का पालन करते हुए करें, आइए इसे विस्तार से जानते हैं.

किस समय करें हरतालिका तीज की पूजा

सनातन परंपरा में किसी भी व्रत या पूजा आदि के शुभ समय को जानने के लिए पंचांग की मदद ली जाती है. पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की तृतीया आज 30 अगस्त 2022 को दोपहर 03:33 बजे तक रहेगी. चूंकि हिंदू धर्म में उदया तिथि को ही मान्यता दी गई है, इसलिए आज हरतालिका तीज का व्रत पूरे विधि-विधान से प्रदोष मुहूर्त में सायंकाल 06.33 से रात्रि 08.51 के बीच करना अत्यंत ही शुभ रहेगा.

  1. प्रात:काल स्नान-ध्यान करने के बाद सबसे भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करके इस व्रत को विधि-विधान से करने का संकल्प लें. इसके बाद शिव और पार्वती का पूजन करें.
  2. इसके बाद पूरे दिन भगवान शिव के मंत्रों का मन में जप करते रहें और शाम के समय प्रदोष काल में एक बार फिर से स्नान करने के बाद मिट्टी या बालू से बने भगवान शिव और पार्वती की मूर्ति को स्नान आदि कराकर एक चौकी पर स्थापित करें.
  3. इसके बाद एक कलश के ऊपर नारियल रखकर सबसे पहले उसकी पूजा करें. इसके बाद कलश और गौरा-पार्वती की क्रमानुुसार पुष्प, शमीपत्र, बेलपत्र, रोली, चंदन, मौली आदि चढ़ाकर पूजा करें. पूजा में शंकर और पार्वती को पांच फूल से बना फुलेरा और माता पार्वती को सुहाग से जुड़ी वस्तुएं जरूर चढ़ाएं.
  4. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती को फल एवं मिष्ठान आदि का भोग लगाएंं. इसके बाद हरतालिका व्रत की कथा पढ़ें और अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें.
  5. अगले दिन स्नान-ध्यान करने के बाद गौरा-पार्वती की पूजा करने के बाद उनकी मूर्ति का किसी पवित्र जल जल में विसर्जन करने के बाद व्रत का पारण करें.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Hariyali Teej Vrat 2022: हरियाली तीज का विशेष महत्व होता है। महिलाएं इस दिन माता पार्वती की पूजा अर्चना कर उनसे अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगती हैं। साथ ही इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन भी खुशहाल बना रहता है। वहीं, कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की कामना कर इस व्रत का पालन करती थी। इस बार हरियाली तीज का व्रत 31 जुलाई को रखा जाएगा। हिंदू धर्म के अनुसार, सावन माह की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। दरअसल, तृतीया तिथि वाले दिन ही माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए विशेष पूजा की थी। इसलिए ही यह दिन बेहद खास माना जाता है। आइए जानते हैं हरियाली तीज की पूजा विधि और अगर किसी महिला का हरियाली तीज का व्रत छूट जाए तो क्या करें।

हरियाली तीज व्रत
सुहागन महिलाएं इस दिन जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद साफ वस्त्र पहन लें। इसके बाद पूजा की तैयारी शुरू करें। सबसे पहले पूजा का स्थान अच्छे से साफ कर लें और माता पार्वती, भगवान शिव और गणेशजी की प्रतिमा स्थापित कर लें। आप चाहें तो पूरे शिव परिवार की प्रतिमा भी पूजा स्थान पर स्थापित कर सकते हैं। इसके बाद भगवान गणेश जी का पूजन करें और साथ ही माता पार्वती और भगवान शिव की आराधना करें। पूजा के दौरान माता पार्वती को श्रृंगार की सामान जैसा चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी, मेहंदी और बाकी सामान अर्पित करें। साथ में भगवान शिव को भी वस्त्र भई आर्तिपत कर दें। इसके बाद घी का दीपक जलाकर हरियाली तीज व्रत कथा सुने और अंत में माता पार्वती की आरती कर। सुहागन महिलाएं अपनी सास या नन्द को श्रृंगार का सामान भेट स्वरुप दें।

व्रत टूटने या छूटने पर करें ये उपाय
अगर कभी स्वास्थ्य समस्या या गर्भावस्था के कारण महिलाएं हरियाली तीज का व्रत नहीं रख पाती हैं तो पुराणों में कुछ उपाय बताए गए हैं। किसी कारणवश अगर आप इस साल हरियाली तीज व्रत नहीं रख पाती हैं तो आप अपनी जगह अपने घर की किसी महिला से व्रत रखने के लिए कह सकती है। इसके बदले आप उन्हें सुहाग का सामान और दक्षिणा दें और आप माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करके उनसे क्षमा मांगे। अगले साल आप इस व्रत को रखें और श्रद्धा के साथ माता पार्वती और भगवान शिव की उपासना करें और उनसे क्षमा भी मांगे। साथ ही इस बार सुहागन महिलाओं को सुहाग की सामग्री भी भेंट करें।

तीज व्रत की पूजा कैसे की जाती है?

सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज के त्योहार का विशेष महत्व है। इस तीज में महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैंतीज की शाम के समय महिलाएं श्रृंगार करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा करती हैं। हरतालिका तीज व्रत रखने और पूजा करने से सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

तीज व्रत में क्या क्या चढ़ाया जाता है?

हरतालिका तीज व्रत पूजन सामग्री- सुहाग का पिटारा तैयार करने के लिए सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, काजल। इसके अलावा तुलसी, केला का पत्ता, आंक का फूल, मंजरी, शमी पत्र, जनैऊ, वस्त्र, फूल, अबीर, वस्त्र, फल, कुमकुम, चंदन, घी-तेल, दीपक, नारियल, माता की चुनरी, लकड़ी का पाटा, पीला कपड़ा, सुहाग पिटारा और तुलसी आदि।

तीज व्रत में पानी कब किया जाता है?

6. इस व्रत में हरतालिका तीज के सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक निर्जला रहा जाता है क्योंकि अगले दिन सूर्योदय पूर्व तक तृतीया तिथि होती है. उसके बाद पारण करते हैं. हालांकि जिन लोगों से बर्दाश्त नहीं हो पाता है, वे रात्रि में 12 बजे के बाद पानी पी लेते हैं.