तलाक के बिना दूसरी शादी कैसे करें? - talaak ke bina doosaree shaadee kaise karen?

शादी-विवाह को लेकर देश में हर धर्म के अलग कानून हैं। इसमें बिना तलाक दूसरी शादी को लेकर भी भिन्न भिन्न प्रावधान किए गए हैं। जहां मुस्लिम विवाह अधिनियम पुरुष को बिना तलाक दूसरी शादी करने की इजाजत देता है, वहीं हिंदू विवाह अधिनियम -1955 के अनुसार किसी हिंदू, बौद्ध अथवा सिख को बिना तलाक दूसरी शादी करने का अधिकार नहीं है। इसके बावजूद कभी प्रेम संबंधों के चलते अथवा कई बार विवशता में लोग दूसरा विवाह कर लेते हैं।

Show

कानूनी रूप से इस विवाह को शून्य माना जाता है। कुछ मामलों में अवश्य हिंदू बिना तलाक शादी कर सकते हैं। इन स्थितियों के बारे में कानून में साफ़-साफ़ उल्लेख किया गया है। आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि बिना तलाक लिए दूसरी शादी कैसे कर सकते हैं।

बिना तलाक दूसरी शादी किन परिस्थितियों में कर सकते हैं? [Under what circumstances can a second marriage take place without divorce?]

मित्रों, अब हम आपको यह बताएंगे कि किन स्थितियों में बिना तलाक दूसरी शादी की जा सकती है। ये इस प्रकार से हैं-

  • 1. किसी स्त्री अथवा पुरुष के जीवन साथी की मृत्यु होने पर।
  • 2. यदि विवाह योग्य आयु न होने या किसी अन्य कारण से कोर्ट ने पहले विवाह को रद्द कर दिया हो।
  • 3. यदि किसी स्त्री अथवा पुरुष का जीवन साथी लगातार 7 वर्ष से अनुपस्थित हो और उसके जिंदा रहने की कोई सूचना ना हो।
  • 4. यदि धर्म परिवर्तन कर लिया गया हो।

1. किसी स्त्री अथवा पुरुष के जीवन साथी की मृत्यु होने पर –

यदि दुर्भाग्यवश किसी स्त्री अथवा पुरुष के जीवन साथी की मृत्यु हो जाती है, तो ऐसी परिस्थिति में किसी तलाक की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसी परिस्थिति में स्त्री या पुरुष फिर से शादी कर सकते हैं। कुछ समय पहले समाज में विधवा स्त्रियों का पुनर्विवाह करना सम्मान पूर्ण दृष्टि से नहीं देखा जाता था। लेकिन आज परिस्थितियों में काफी परिवर्तन आ चुका है।

आज समाज में विधवाओं का पुनर्विवाह कराया जा रहा है। इसमें सरकार भी सहायता प्रदान कर रही है। एवं विधवा महिलाओं का पुनर्विवाह कराने के लिए आर्थिक सहायता एवं पुरस्कार भी प्रदान कर रही है। इसके साथ ही कुछ संगठन भी समाज में विधवा पुनर्विवाह कराने में सहायता प्रदान कर रहे हैं।

2. यदि किसी कारणवश कोर्ट द्वारा विवाह रद्द कर दिया गया हो –

ऐसी परिस्थितियां जिनमें तलाक लिए बिना विवाह करना संभव है, उनमें दूसरी परिस्थित यह है कि यदि किसी कारणवश कोर्ट द्वारा किसी जोड़े का विवाह रद्द कर दिया जाता है। तो ऐसी परिस्थिति में बिना तलाक लिए दूसरा विवाह करना संभव है। ऐसी परिस्थितियों में पहले से ही कोर्ट द्वारा विवाह रद्द कर दिया जाता है। जिसके कारण तलाक लेने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। जिसके कारण आप बिना तलाक दूसरी शादी कर सकते हैं। कोर्ट द्वारा विवाह रद्द करने की के कई कारण हो सकते हैं जैसे – नाबालिक का विवाह करना, पति पत्नी दोनों में से कोई एक का मानसिक संतुलन ठीक ना होना आदि।

3. पति पत्नी दोनों में से कोई एक का 7 सालों से लापता होना –

यदि किसी स्त्री पुरुष का जीवन साथी लगाता 7 सालों से लापता होता है तो उसे भी तलाक लेने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। ऐसी परिस्थिति में स्त्री पुरुष बिना तलाक दूसरी शादी कर सकते हैं। लेकिन ध्यान दें कि आपका जीवन साथी लगातार 7 सालों से लापता हो। और उसे खोजने की सभी कोशिशें नाकाम हो चुकी हो तभी आप बिना तलाक लिए दूसरे शादी कर सकते हैं।

4. पति पत्नी दोनों में से किसी एक ने धर्म परिवर्तन कर लिया हो –

बिना तलाक लिए दूसरी शादी करने की परिस्थिति में धर्म परिवर्तन भी शामिल है। समाज में आपको अनेकों ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे। जिनमें धर्म परिवर्तन करने के बाद बिना तलाक दूसरी शादी की गई है अलग-अलग धर्म में शादी करने के अलग-अलग नियम है। इसके साथ ही भारतीय संविधान में भी अलग-अलग धर्मों में शादी के लिए अलग-अलग कानून बनाए गए हैं। जैसे हिंदू धर्म में केवल एक समय में एक ही शादी की जा सकती है।

तलाक के बिना दूसरी शादी कैसे करें? - talaak ke bina doosaree shaadee kaise karen?

एक जीवन साथी के रहते हुए दूसरी शादी करना गैर-कानूनी है। लेकिन वह दूसरी तरफ मुस्लिम समाज में भारतीय संविधान के अनुसार भी चार शादियां करने की अनुमति प्राप्त है। इसलिए यदि किसी का जीवन साथी धर्म परिवर्तन कर लेता है तो वह बिना तलाक लिए दूसरी शादी कर सकता है।

तलाक बिना दूसरी शादी करने के उदाहरण – [Examples of remarrying without divorce]

दोस्तों, हम जिस समाज में रहते हैं उसमें बिना तलाक दूसरी शादी के अनेक उदाहरण हैं। सबसे बड़ा उदाहरण फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र और ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी की शादी का है। धर्मेंद्र क्योंकि हिंदू और पहली पत्नी के साथ होने की वजह से दूसरा विवाह नहीं कर सकते थे। ऐसे में उन्होंने धर्म परिवर्तन कर और मुस्लिम बनकर हेमा मालिनी से शादी रचाई। कई मामलों में यह भी हुआ कि पहली पत्नी के कोई ऐतराज न करने पर पतियों ने दूसरी शादी कर ली।

  • तलाक के बाद बच्चे की कस्टडी कैसे मिलती है? बच्चे की कस्टडी कैसे प्राप्त करें? Child Custody In India

ऐसा चलन बालीवुड फिल्म इंडस्ट्री में अधिक है। बिना शिकायत पत्नियां पति की दूसरी शादी को स्वीकार कर लेती हैं, जिससे पति कानूनी कार्रवाई से बचा रहता है। इतना ही नहीं, फिल्म इंडस्ट्री में तलाक का चलन भी बेहद आम है। बालीवुड अभिनेता-अभिनेत्रियां कई कई विवाह करते हैं।

जैसे-किशोर कुमार ने चार शादियां की। विनोद मेहरा व विनोद खन्ना ने दो शादियां कीं। फिल्म अभिनेता कमल हासन ने भी दो शादी की। कुछ ऐसे भी हैं, जो पहली पत्नी को तलाक देकर अब लिव इन रिलेशनशिप में हैं। जैसे-फिल्म अभिनेता, निर्माता फरहान अख्तर, अर्जुन रामपाल आदि।

हिंदू विवाह अधिनियम में बिना तलाक दूसरी शादी पर सजा का प्रावधान –

जिन परिस्थितियों का हमने पोस्ट में ऊपर जिक्र किया, इसके अलावा और किसी भी तरीके से हिंदू विवाह अधिनियम में पति को दूसरी शादी का अधिकार नहीं है। यदि वह ऐसा करता है तो इस शादी को शून्य माना जाएगा। आईपीसी यानी इंडियन पेनल कोड (Indian penal code) की धारा 494 के तहत इसे दंडनीय अपराध घोषित किया गया है। कोर्ट ऐसे मामले में दोषी को 7 साल की सजा और जुर्माना दोनों सुना सकती है।

  • घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 क्या है? Domestic Violence Act में क्या क्या शामिल है? महिलाओं के अधिकार क्या हैं?

आपको बता दें दोस्तों कि संतान न होने पर अथवा पुत्र की चाह में गांव गली में आज भी लोग दूसरी शादी से गुरेज नहीं करते। यह अलग बात है कि यदि शिकायत हो जाए तो यह शादी अवैध मानी जाएगी एवं दूसरी पत्नी व उसकी संतान को पैतृक संपत्ति में कोई अधिकार भी नहीं होगा।

मुस्लिम विवाह कानून में पुरुष को छूट –

दोस्तों, आपको बता दें कि मुस्लिम विवाह कानून -1939 मुस्लिम पुरुष को बिना तलाक लिए दूसरी शादी का अधिकार देता है, लेकिन खास बात यह है कि मुस्लिम महिला को यह अधिकार नहीं है। मुस्लिम महिला पहले पति के होते हुए दूसरा निकाह नहीं कर सकती। उसे दूसरी शादी के लिए हाल में पहले पति से तलाक लेना ही होगा। इससे साफ है कि दावे बेशक स्त्री व पुरुष की बराबरी के किए जाएं, परंतु महिलाओं को पुरुषों जितनी छूट कतई हासिल नहीं।

  • प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना, नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट (NIP), उद्देश्य, योजना के लाभ

शादी के कितने साल बाद तलाक लिया जा सकता है?

दोस्तों, आपको बता दें कि साथ रहने के अनिच्छुक किसी भी पति-पत्नी द्वारा शादी के एक साल पूरे होने के पश्चात ही तलाक के लिए आवेदन किया जा सकता है। इसके पश्चात छह महीने का कूलिंग पीरियड भी निर्धारित किया गया था, लेकिन बाद में इसे आवश्यक की श्रेणी से बाहर कर दिया गया।

सरकारी कर्मचारियों को विवाह संबंधी जानकारी देना आवश्यक –

साथियों, आपको बता दें कि केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को सरकार के नए प्रस्ताव के अनुसार अपनी सर्विस बुक (service book) में अपनी दूसरी शादी के बारे में अवश्य जानकारी देनी होगी। आपको यह भी जानकारी दे दें कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व केंद सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग यानी डीओपीटी (DOPT) ने कर्मचारियों की सर्विस बुक का आधुनिकीकरण (modernization) करने का फैसला लिया था।

  • एकतरफा तलाक कैसे लिया जाता है? तलाक लेने का प्रोसेस क्या है? तलाक के नये नियम

इसका उद्देश्य सर्विस बुक को इस्तेमाल करने वालों के अनुकूल बनाना था। आपको बता दें मित्रों कि वर्तमान मानदंडों के मुताबिक कोई भी सरकारी कर्मचारी ऐसे किसी व्यक्ति के साथ विवाह नहीं करेगा, जिसकी पति अथवा पत्नी जीवित हो। इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति की बाध्यता रखी गई।

भारत में प्राचीन काल में रहा बहु-विवाह का प्रचलन –

मित्रों, इस बात को आप भी अवश्य जानते होंगे कि भारत में प्राचीन काल में बहु-विवाह का प्रचलन रहा है। प्राचीन काल में राजा-महाराजा कई-कई शादियां करते थे। स्वयं भगवान श्रीराम के पिता राजा दशरथ की चार रानियां थीं। और रामचंद्र उनकी सबसे बड़ी रानी कौशल्या के पुत्र थे। राजा-महाराजाओं के पहली पत्नी के रहते दूसरे विवाह करने के कई कारण होते थे, जिनमें सबसे बड़ा राजनीतिक कारण होता था।

  • PM Modi Yojana 2022: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी योजना | सरकारी योजना सूची 2022

दुश्मन राजा से संधि, अपने राज्य की सीमाओं को सुरक्षित व मजबूत रखने के उद्देश्य से भी राजा संबंधित राज्यों की राजकुमारियों को अपनी रानी बनाया करते थे। किसी राजा की कई रानियों में से किसी एक रानी को ही पटरानी का दर्जा मिलता था। इसके अतिरिक्त किसी रानी से संतान अथवा पुत्र उत्पन्न न होने पर दूसरा विवाह करने का प्रचलन भी बेहद आम था।

धीरे-धीरे इस चलन में कमी आई। महिलाओं के अधिकारों की बात उठी। शादी विवाह को कानूनी दायरे में लाया गया। और हम आपको बता चुके हैं कि यदि हिंदू विवाह अधिनियम की बात करें तो वह केवल एक विवाह की अनुमति देता है।

वेस्ट यूपी में रुपया रखने तो पंजाब में चादर डालने का चलन रहा है? दो गिलास

हमने आपको अभी बताया कि बिना तलाक लिए दूसरी शादी जीवन साथी की मौत की स्थिति में संभव है। वेस्ट यूपी में ऐसी स्थिति में रुपया रखने का चलन रहा है तो पंजाब में चादर डालने का। इसे ऐसे समझा जा सकता है-मान लीजिए कि किसी महिला के पति की मृत्यु हो जाती है तथा यदि पति के परिवार में उसका छोटा भाई अथवा अन्य कोई युवक विवाह योग्य है तो महिला का रुपया संबंधित युवक के यहां रखा जाता है। यानी महिला का विवाह उक्त युवक से करा दिया जाता है।

  • भूमि अधिनियम की धारा 143 क्या है? जमीन की 143 क्या है?

कई परिवारों में विधवा भाभी की शादी विवाह योग्य देवर से करा दी जाती है। इसके पीछे परिवार का उद्देश्य महिला का घर बसाने के साथ ही यदि पहली शादी से कोई बच्चा है तो उसकी उचित देख-रेख से है। यह माना जाता है कि परिवार से अच्छी परवरिश बच्चे को कोई दूसरा नहीं दे सकता।

इसी तरह पंजाब में पहले पति के न रहने पर महिला की परिवार के किसी दूसरे युवक से शादी को चादर डालना कहते हैं। इस रस्म को लेकर एक बहुत मशहूर उपन्यास एक चादर मैली सी लिखा गया है। जिस पर इसी नाम से एक फिल्म भी बनी है। उसमें मुख्य भूमिका मशहूर फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी ने अदा की थी।

तलाक बिना दूसरे विवाह के कई मामले सामने आते हैं?

तलाक बिना शादी के कई मामले सामने आते हैं। कोर्ट के सामने संपत्ति से जुड़े विवादों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जब किसी व्यक्ति की संपत्ति पर उत्तराधिकार के हक के लिए दावेदार के माध्यम से व्यक्ति के पहली पत्नी के जीवित होते व उसे तलाक बिना दूसरी शादी कर लेने की बात का खुलासा हुआ। टूरिंग जाब या घर से बहुत दिनों तक दूर रहने वाले लोगों में तलाक बिना दूसरी शादी के मामले भी देखने को मिले हैं। ज्यादातर वहीं मामले खुल पाते हैं अथवा कोर्ट पहुंचते हैं, जहां महिला अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होती है। एवं पति को उसके इस कदम के लिए दंडित करने को तत्पर होती हैं।

  • अदालत की पेशी में शामिल ना होने पर क्या होगा? नियम-कानून, सज़ा, जुर्माना | अदालत की अवमानना

कई महिलाएं वित्तीय अथवा आर्थिक रूप से पति पर इतनी निर्भर होती हैं कि वे इसे अपना घरेलू मामला मान शिकायत करने तक नौबत नहीं उठातीं। राजनेताओं के भी ऐसे कई मामले देखने को मिले, जहां पति ने बिना पत्नी को तलाक दिए दूसरी शादी रचा ली। जैसे-रामविलास पासवान, मुलायम सिंह यादव आदि।

रामविलास पासवान की पहली पत्नी गांव में रह रही थीं। रामविलास दिल्ली आए तो यहां उन्होंने दूसरा विवाह कर लिया। हालांकि जब चुनाव लड़ने की बात आती है तो डिक्लेरेशन में ऐसा करने वाले नेता अपनी वैध पत्नी की ही जानकारी देते हैं। यह बात अलग है कि सार्वजनिक जीवन में होने की वजह से उनकी सच्चाई लोगों से छिपी नहीं रहती।

बिना तलाक दूसरा विवाह करने से जुड़े सवाल जवाब –

क्या हिंदू विवाह अधिनियम बिना तलाक दूसरी शादी की इजाजत देता है?

जी नहीं, एक पत्नी के होते बिना तलाक दूसरी शादी की इजाजत नहीं।

किन परिस्थितियों में बिना तलाक दूसरी शादी हो सकती है?

यदि कोर्ट ने पहली शादी को रद्द कर दिया हो अथवा जीवनसाथी सात वर्ष से लगातार अनुपस्थित हो तथा उसके जीवित होने के संबंध में कोई सूचना न हो ऐसी स्थिति में बिना तलाक दूसरी शादी संभव है।

शादी के कितने समय बाद तलाक के लिए आवेदन किया जा सकता है?

शादी के एक साल के पश्चात तलाक के लिए आवेदन किया जा सकता है।

क्या मुस्लिम विवाह कानून महिला को बिना तलाक दूसरे निकाह की इजाजत देता है?

जी नहीं, मुस्लिम विवाह कानून-1939 में महिलाओं को यह अधिकार नहीं दिया गया है।

क्या मुस्लिम पुरुष बिना तलाक दूसरी शादी कर सकते हैं?

जी हां, मुस्लिम विवाह कानून में पुरुषों को ऐसा करने की छूट दी गई है।

दोस्तों, इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बिना तलाक दूसरी शादी किए जाने के संबंध में अहम जानकारी दी। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। इस पोस्ट को लेकर आपका कोई सुझाव अथवा सवाल है तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके उसे हम तक पहुंचा सकते हैं। इस जानकारी को आप अधिक से अधिक शेयर कर महिलाओं को उनके हक के प्रति जागरूक करें। ।।धन्यवाद।।

अगर पति तलाक चाहता है और पत्नी नहीं चाहती तो क्या करें?

जो कहता है- तलाक के डिक्री द्वारा विवाह के विघटन के लिए एक याचिका दोनों पक्षों द्वारा एक साथ विवाह के लिए जिला न्यायालय में प्रस्तुत की जा सकती है, इस आधार पर कि वे एक साल या उससे अधिक अवधि के लिए अलग से रह रहे हैं, कि वे एक साथ रहने में सक्षम नहीं हैं और उन्होंने पारस्परिक रूप से सहमति व्यक्त की है कि विवाह को भंग ...

दूसरी शादी me कौन सी धारा लगती है?

हिंदू धर्म में दूसरी शादी का कानून- आईपीसी की धारा 494 के तहत दूसरी शादी अपराध है. ऐसे मामले में 7 साल की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है.

एक पुरुष कितनी शादी कर सकता है?

अगर इस तरह पहली पत्नी के बच्चा ना हुआ हो तो हिंदू व्यक्ति को दूसरी शादी करने का अधिकार है। हालांकि, इसके लिए उक्त पुरुष को पहली पत्नी से लिखित में इस बात की अनुमति लेनी होगी कि वो दूसरी शादी कर सकता है। अगर पहली पत्नी दूसरी शादी करने के लिए लिखित में अनुमति देती है तो ही दूसरी शादी को कानूनी माना जाएगा।

पति पत्नी को कब तलाक दे सकता है?

विवाह को समाप्त करने के इच्छुक पार्टियों को शादी की तारीख से कम से कम एक वर्ष तक इंतजार करना पड़ता है। जोड़े को यह सबूत दिखाना पड़ता है कि वे तलाक के लिए याचिका दायर करने से पहले एक साल या उससे अधिक अवधि के लिए अलग से रह रहे हैं और इस वर्ष के अलगाव के दौरान वे पति और पत्नी के रूप में एक साथ रहने में सक्षम नहीं हैं।