==बाहरी कड़ियाँ====इन्हें भी देखें=दोहे ऐसे हैं संसार में , कुछ -एक धन-कुबेर !जिनकी नजरों एक से , तुलसी और कनेर !![मृत कड़ियाँ] Show
दोहावली तुलसीदास द्वारा रचित दोहों का एक संग्रह ग्रंथ है। दोहावली में 573 दोहे संकलित हैं। इनमें से रामचरित मानस के ८५ दोहे और रामाज्ञा प्रश्न के ३५ दोहे मिलते हैं।
दोहावली के इस संस्करण में वर्तनी (Spellings) की त्रुटियाँ होने का अनुमान है। अत: इसे प्रूफ़ रीडिंग की आवश्यकता है। यदि आप कोई त्रुटि पाते हैं तो कृपया गीता प्रेस को मानक मान कर उसे संपादित कर दें। गीताप्रेस की साइट का पता है http://www.gitapress.org
तुलसीदास »
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है। भाग-1 दोहा संख्या 1 से 50 तक
भाग-2 दोहा संख्या 51 से 100 तक
भाग-3 दोहा संख्या 101 से 150 तक
भाग-4 दोहा संख्या 151 से 200 तक
भाग-5 दोहा संख्या 201 से 250 तक
भाग-6 दोहा संख्या 251 से 300 तक
भाग-7 दोहा संख्या 301 से 350 तक
भाग-8 दोहा संख्या 351 से 400 तक
भाग-9 दोहा संख्या 401 से 450 तक
भाग-10 दोहा संख्या 451 से 500 तक
भाग-11 दोहा संख्या 501 से 550 तक
भाग-12 दोहा संख्या 551 से 573 तक
कवितावली की भाषा कौन सी है?रामचरितमानस के जैसे ही कवितावली में भी सात खंड (खण्ड) हैं। ये छंद (छन्द) ब्रजभाषा में लिखे गये हैं और इनकी रचना प्राय: उसी परिपाटी पर की गयी है जिस परिपाटी पर रीतिकाल का अधिकतर रीति-मुक्त काव्य लिखा गया।
दोहावली के लेखक कौन हैं?हनुमान बाहुकतुलसी दोहावली / लेखकnull
कवि तावली में कौन सा छंद प्रयोग हुआ है?कवित्त, चौपाई, सवैया आदि छंदों में की गई है।
दोहावली में कितने दोहे है?दोहावली में 573 दोहे संकलित हैं। इनमें से रामचरित मानस के ८५ दोहे और रामाज्ञा प्रश्न के ३५ दोहे मिलते हैं।
|