Class 12 Hindi NCERT Solution for (i) आत्मपरिचय, (ii) एक गीत MCQ Question Answer. CCL Chapter Provide Class 1 to 12 all Subjects Solution With Notes, Question Answer, Summary and Important Questions for HBSE, CBSE, UP Board, Mp Board, RBSE Students. Class 12 Hindi MCQ Question Answer 2021 of आरोह भाग 2 Book. Also Read: –
Class 12 Hindi आरोह भाग 2 NCERT Solution NCERT Class 12 Hindi (i) आत्मपरिचय, (ii) एक गीत / aatamparichay ek geet MCQ Question Answer of Aroh Bhag 2
Solution 1. ‘मुझसे मिलने को कौन विकल’ – दिन जल्दी-जल्दी ढलता है। गीत का यह प्रश्न उर में क्या भरता है ? उत्तर :- (ग) विह्वलता। 2. दिन ढलने के साथ ही बच्चे कहाँ से झाँकने लगे होंगे ? उत्तर :- (ख) नीड़ों से। 3. आत्मपरिचय कविता किसके द्वारा लिखित है? उत्तर :- (क) हरिवंश राय बच्चन। 4. किसके बच्चे प्रत्याशा में है? उत्तर :- (ग) चिड़िया के। 5. दिन जल्दी-जल्दी ढलता है कविता में दिन का पंथी किसे माना गया है? उत्तर :- (ख) सूर्य को। 6. पथ में होने वाली रात की आशंका से कौन भयभीत रहता है? उत्तर :- (घ) थका पंथी। 7. समाज ने कवि के फूट पड़ने को क्या कहा है? उत्तर :- (ख) छंद बनाना। 8. एक गीत कविता में समय को कैसा माना गया है? उत्तर :- (घ) परिवर्तनशील। 9. दिन जल्दी जल्दी ढलता है कविता में कवि की हताशा और निराशा का कारण है- उत्तर :- (ग) परिवार से बिछड़ना। 10. कवि के हृदय में
कैसे भाव भरे हुए हैं? उत्तर :- (ग) विह्वलता। दिन जल्दी जल्दी ढलता है कविता में कवि की हताशा निराशा का कारण क्या है?उत्तर:- कवि हरिवंशराय बच्चन तथा कविता का नाम दिन जल्दी – जल्दी ढलता है। (ख) प्रथक के मन में क्या आशंका है। उत्तर:- प्रथक के मन में आशंका है कि घर पहुंचने से पहले कहीं रात ना हो जाए।
दिन जल्दी जल्दी ढलता है कविता में कवि हताश और दुखी क्यों है 1 Point?18 'दिन जल्दी-जल्दी ढलता है' कविता में कवि हताश और दुखी क्यों है ? (घ) परिवार से बिछुड़ने के कारण।
निराशा रूपी रात्रि के भय से कौन भयभीत है?जयशंकर प्रसाद. मधुर विश्रांत और एकांत—. जगत का सुलझा हुआ रहस्य,. एक करुणामय सुंदर मौन. और चंचल मन का आलस्य!”. दिन जल्दी जल्दी ढलता है कवि का क्या आशय है?- - उत्तर कविता एक ओर 'जग जीवन का भार लिए घूमने की बात करती है और दूसरी ओर मैं न जग का ध्यान किया करता हूँ की बात करती है। ये दोनों भाव एक दूसरे के विपरीत हैं । कवि स्वयं को जग से अलग रहकर भी उसे यह बात अच्छी तरह मालूम है कि वह संसार से अलग रहकर अपना जीवन नहीं जी सकता भले ही दुनिया उसे कितनी ही तकलीफ क्यों न दे।
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