दुनिया सोती थी दुनिया की जीभ जागती थी इस मुहावरे का क्या अर्थ है?दुनिया सोती थी दुनिया की जीभ जगती थी इस मुहावरे का अर्थ है कि दुनिया सोती थी, पर दुनिया की जीभ जागती थी, यानि दुनिया वाले बोलते ही रहते थे। दूसरों के मामलों में अपनी प्रतिक्रिया देना दुनिया वालों का स्वभाव है। 'नमक का दरोगा' पाठ के आधार पर अगर कहे तो दुनिया वालों का काम है, हर किसी बात पर बोलना।
दुनिया सोती थी पर दुनिया की कौन जाती थी?' धर्म ने धन को पैरों तले कुचल डाला।
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