दारा सिंह पहलवान क्या खाता था? - daara sinh pahalavaan kya khaata tha?

500 में से एक भी कुश्ती नहीं हार थे दारा सिंह, जानिए कैसे उन्होंने पहलवानी निकलकर सीधा बॉलीवुड की दुनिया में रखा कदम।

दारा सिंह पहलवान क्या खाता था? - daara sinh pahalavaan kya khaata tha?
Deepakshi Delhi, 19 November 2020 ( Updated 19, November, 2020 05:29 PM IST )

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दारा सिंह पहलवान क्या खाता था? - daara sinh pahalavaan kya khaata tha?
दारा सिंह (क्रेडिट-इंस्टाग्राम)

हिंदी सिनेमा में कई ऐसे अभिनेता जिनकी जितनी तारीफ की जाए उतना कम है। कम में नंबर वन, दमदार आवाज, अच्छी-खासी बॉडी और एक्शन सीन करके लोगों का दिल खुश कर देने वाले बहुत कम स्टार्स बॉलीवुड में नजर आए हैं। उन्ही खास और बड़े दिल वाले लोगों में से एक रहे हैं हम सबके एक्टर दारा सिंह। जी हां, हिंदी से लेकर पंजाबी सिनेमा में एक्टिंग से लोगों का दिल खुश कर देने वाले दारा सिंह का आज जन्मदिन है। 

दिग्गज एक्टर दारा सिंह की जितनी तारीफ की जाए न उतना काम है। वो एक एक्टर होने के साथ-साथ प्रसिद्ध निर्मात-निर्देशक और यहां तक की पहलवानी में भी कई लोगों को धूल चटा चुके हैं। आइए क्यों न जानते हैं एक्टर की जिंदगी से जुड़े ऐसे कई बातें जिनसे उनके फैंस तक शायद ही रूबरू होंगे।

1 - 19 नवंबर 1928 के दिन एक्टर दारा सिंह का जन्म अमृतसर के पंजाब के एक गांव धरमूचक में हुआ था। बहुत कम लोगों को पता है कि उनका असली नाम है दीदार सिंह रंधावा।

2 - एक्टर को असली पहचान रामयाण शो से मिलती थी जिसमें उन्होंने भगवान हनुमान का शानदार किरदार निभाकर लोगों का दिल जीत लिया था। इस शो को रामानंद सागर घर-घर तक पहुंचाया था।

3 - बहुत कम लोगों को ये पता है कि भारत से नहीं बल्कि दारा सिंह ने तो 1949 में सिंगापुर से अपनी पहलवानी की शुरुआत की। 6 फीट और दो इंच कद वाले इस पहलवान ने विश्व स्तर पर कई चैम्पियनों को धूल चटाने का काम किया। यहीं वजह है कि उन्हें रुस्तम- ए- हिंद और रुस्तम-ए-पंजाब का खिताब तक दिया गया था। इसके साथ ही उन्होंने बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखा था।

4- इसके बाद एक्टर दारा सिंह मेरा नाम जोकर, राम भरोसे जैसे कई शानदार फिल्मों में अपनी एक्टिंग और एक्शन सीन का नमून दिखाया और अपनी छाप छोड़ी। दारा सिंह 100 से ज्यादा फिल्में कर चुके थे।

5-आपको ये जानकार हैरानी हुई कि उन्होंने पहलवानी करते हुए 500 मुकाबले में से वो एक भी नहीं हारे थे। 1983 में दारा सिंह ने अपना आखिरी मुकाबला जीता था और इसके बाद वो कुश्ती से संन्यास लेते हुए नजर आए।

6-  इसके अलावा पंजाबी फिल्म नानक दुखिया सब संसार को 1970 में दारा सिंह ने प्रोड्यूस किया था। 

7- एक्टर दारा सिंह पूरे 6 साल 2003 से लेकर 2009 तक राज्य सभा के सांसद के तौर पर लोगों के बीच नजर आए।

8-  एक्टर को असली पहचान उस वक्त मिली थी जब उन्होंने 1959 में पूर्व विश्व चैंपियन जार्ज गारडियान्का हो मता दी  और कॉमनवेल्थ की विश्व चैपियनशिप अपने नाम कर ली।

9- 12 जुलाई 2012 का वो दिन था जब भारत ने अपने इतने बहेतरीन और शानदार एक्टर को खो दिया था।

10 - दरअसल 7 जुलाई को उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। एक्टर को मुंबई मौजूद धीरू भाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

पुराने समय से ही भारत में कुश्ती का क्रेज है। कुश्ती के कारण भारतीय पहलवान दुनियाभर में मशहूर हैं। देश की माटी (मिट्टी) ने कई ऐसे पहलवान दिए, जिन्होंने अपने हुनर के दम पर दुनियाभर में भारत का नाम रोशन किया और खुद भी नाम कमाया।

भारत में पहलवानी की शुरुआत मल्ल -युद्ध (Malla-yuddha) की प्राचीन परंपरा से हुई। प्राचीन काल में मशहूर मल्ल -युद्ध की धीरे-धीरे विभिन्न शैलियां (styles) जैसे, पहलवानी और कुश्ती विकसित हुईं। मॉडर्न जमाने में लोग इसे बॉडी बिल्डिंग कहने लगे। पहलवानों जैसी बॉडी चाहते हैं, तो पहले उनकी लाइफस्टाइल जानना जरूरी है।

देश में जब कुश्ती का बोलबाला था, तो उस दौरान लोगों के पास आज जैसी सुविधाओं का अभाव था। उस समय के पहलवानों ने कसरत कर और अखाड़े में अभ्यास कर शरीर को फौलादी बनाया। साथ ही पहलवान के रूप में अपनी पहचान बनाई। इन पहलवानों का नाम आज भी लोग बड़े सम्मान से लेते हैं।

5 बॉडी बिल्डर IPS और कांस्टेबल जिनकी फिटनेस बॉलीवुड एक्टर्स को टक्कर देती है। उनके बारे में जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।

नया साल शुरू हो गया है, हो सकता है आपने भी फिटनेस गोल प्लान किया हो। लेकिन आपके फिटनेस गोल के बीच आज मैं आपको भारत के कुछ ऐसे ही देसी पहलवानों के बारे में बता रहा हूं, जिन्होंने अपनी मेहनत की दम पर तगड़ी बॉडी बनाई और देश-विदेश में खूब नाम कमाया। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि बिना सप्लीमेंट के बॉडी नहीं बन सकती, देसी पहलवानों के ये नाम उनकी भी सोच बदल सकते हैं।

1. गामा पहलवान (Gama Pahlwan)

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© indiatimes.com

गुलाम मोहम्मद बक्श यानी गामा पहलवान का नाम भारतीय कुश्ती के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। वह मशहूर देसी पहलवानों में से एक हैं। उनके जन्म स्थान को लेकर लोगों की अलग-अलग धारणाएं हैं। कुछ लोगों का कहना है कि उनकी पैदाइश मध्य प्रदेश के दतिया (होलीपुरा) की थी। वहीं इंडिया टाइम्स के अनुसार वह पंजाब में जन्मे थे और बंटवारे के बाद लाहौर चले गए।

कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि वह एक दिन में 5 हजार दंड बैठक और 1 हजार पुशअप (Pushup) लगाते थे। 23 दिसंबर 1902 को उन्होंने 1200 किलो का पत्थर उठाकर लोगों को हैरान कर दिया। यह पत्थर आज भी बड़ौदा म्यूजियम (Baroda Museum) में रखा हुआ है।

हमारी सहयोगी इंडिया टाइम्स वेबसाइट के अनुसार वह एक दिन में 6 देसी मुर्गे, 10 लीटर दूध 500 ग्राम घी के अलावा ड्राई फ्रूट्स भी खाते थे। अखाड़े में कभी भी उन्हें हार का सामना नहीं करना पड़ा।

यह भी कहा जाता है कि उनकी डाइट का खर्च दतिया के तत्कालीन राजा भवानी सिंह उठाया करते थे। उनका अंतिम समय काफी परेशानी में गुजरा। उम्र बढ़ने के साथ उन्हें कई बीमारियों ने घेर लिया। इलाज के लिए उन्हें अपने सोने-चांदी के मेडल भी बेचने पड़े। 23 मई 1960 को उनका देहांत हो गया।

2. दारा सिंह (Dara Singh)

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© Google Image

भारतीय पहलवानों की बात होती है तो दारा सिंह का नाम सबसे पहले आता है। जी हां, वहीं दारा सिंह जिन्हें आपने रामायण में “हनुमान जी” के किरदार में देखा था।

दारा सिंह ने अपनी जिंदगी में 500 से ज्यादा कुश्ती में हिस्सा लिया था। 1968 में विश्व चैम्पियनशिप जीतने पर उन्हें रुस्तम-ए-हिंद का खिताब दिया गया था।

दारा सिंह का वजन 115 किलो था। कुश्ती के दिनों में उनकी डाइट हैवी हुआ करती थी। टाइम्स ऑफ इंडिया वेबसाइट के अनुसार वह एक दिन में 4-5 लीटर दूध, 250 ग्राम घी, 250 ग्राम नट्स और आधा किलो चिकन, रोटियां और फल खाते थे।

3. टाइगर जीत सिंह (Tiger Jeet Singh)

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© Google image

टाइगर जीत सिंह का असली नाम जगजीत सिंह हंस (Jagjeet Singh Hans) था। वह पहले ऐसे पहलवान हैं जिन्होंने दूसरे देशों में जाकर नाम कमाया। उनका जन्म 3 अप्रैल 1948 में पंजाब में हुआ था।

$ 6 (6 डॉलर) और रेसलर बनने की इच्छा लेकर वह 17 साल की उम्र में कनाडा चले गए थे। उनकी रेसलिंग टेक्निक और मैथड देखकर उन्हें "टाइगर" निक नेम मिला।

यूएस चैंपियनशिप में जॉनी वेलेंटाइन (Johnny Valentine) को हराने के बाद वह चर्चा में आए थे। 6 फीट 3 इंच की लंबाई वाले टाइगर जीत सिंह का वजन लगभग 120 किलो है।

WWE स्टार रिक फ्लेयर (Ric Flair) और हल्क हॉगन (Hulk Hogan) आदि उनके फैन हैं।

4. द ग्रेट खली (The Great Khali)

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© Facebook/khali

दलीप सिंह राणा, जिन्हें रिंग में द ग्रेट खली (The Great Khali) के नाम से जाना जाता है। WWE से फेमस हुए खली फिटनेस प्रमोटर, पॉवर लिफ्टर और पेशेवर पहलवान हैं।

कुश्ती में करियर शुरू करने से पहले वह पंजाब पुलिस में थे। उन्होंने 4 हॉलीवुड और 2 बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है।

2014 में उन्हें आठवें सबसे बड़े पेशेवर पहलवान के रूप में दिखाया गया था। वह WWE के वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन भी बने। फिलहाल वह देश में रेसलिंग सिखाने के साथ उसे प्रमोट भी करते हैं।

मीडिया को दिए गए इंटरव्यू खली ने बताया था कि वह नाश्ते में 10 अंडे, 1 लीटर दूध और ब्रेड खाते हैं। लंच और डिनर में 2 किलो चिकन खाते हैं। इसके अलावा दाल, चावल और रोटी भी उनकी डाइट में शामिल है।

5. सुशील कुमार (Sushil kumar)

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© Facebook/Sushil kumar

सुशील कुमार सोलंकी ऐसा नाम है, जिसे काफी यंगस्टर जानते हैं। 15 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार वर्ल्ड कैडेट गेम्स में गोल्ड जीता था। उनका जन्म 26 मई, 1983 को दिल्ली के नजफगढ़ के एक गांव में हुआ था। उन्होंने 14 साल की उम्र से कुश्ती शुरू कर दी थी।

2010 में दिल्ली में हुए कॉमन वेल्थ गेम्स (2010 Commonwealth Games) में वह मोस्ट पॉपुलर एथलीट में से एक थे। ग्रामीण बैकग्राउंड (Rural Background) से आने वाले सुशील ने कुश्ती के मैदान (Traditional Wrestling Grounds) या 'अखाड़े' (Akhada) में ही पहलवानी के गुर सीखे थे।

29 साल की उम्र में उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (Rajiv Gandhi Khel Ratna Award) मिला था। 2010 में वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप (World Wrestling Championship 2010) में गोल्ड जीता था।

एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि वह हफ्ते में 3 दिन एक्सरसाइज और एंड्यूरेंस के लिए 2-3 Km रनिंग करते हैं। इसके अलावा वह सिटअप्स और स्क्वॉट्स भी करते हैं। एक्टिविटी के लिए वह वॉलीबॉल, बॉस्केटबॉल और फुटबॉल भी खेलते हैं।

उनके गुरु के अनुसार सुशील ने डाइट और मेहनत से खुद को इस काबिल बनाया है। वह लगभग 3700 कैलोरी लेते थे। जिसमें, एग व्हाइट, 400-450 ग्राम बादाम, 3-4 लीटर दूध, ग्रीन सलाद, स्प्राउट, ड्राई फ्रूट और फल शामिल होते थे।

निष्कर्ष (Conclusion): आप समझ गए होंगे कि इन पहलवानों ने बिना किसी संसाधनों के अपने शरीर को ताकतवर बनाया था। मुझे लगता है आप भी इनसे इंस्पायर हो सकते हैं और अपनी फिटनेस जर्नी शुरू कर सकते हैं। 

यदि आपको फिटनेस से जुड़ी कोई जानकारी चाहिए, तो हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए MensXP हिंदी के हेल्थ सेक्शन को पढ़ते रहें।

दारा सिंह क्या खाते थे?

डाइट में क्या लेते थे दारा सिंह वे रोजाना 100 ग्राम बादाम खाते थे। मुरब्बा और शुद्ध घी भी उनकी डाइट में शामिल था। वे रोजाना दो लीटर दूध पीया करते थे। आधा किलो मीट खाते थे।

दारा सिंह पहलवान में कितना वजन था?

1954 में भारतीय कुश्ती चैम्पियन बने... - दारा सिंह की लंबाई 6 फुट 2 इंच, 130 किलो वजन और 54 इंच छाती थी। 20 साल की उम्र में सन् 1948 में वो सिंगापुर चले गए थे।

दारा सिंह कितना ताकतवर था?

उन्होंने 1959 में पूर्व विश्व चैम्पियन जार्ज गारडियान्का को पराजित करके कामनवेल्थ की विश्व चैम्पियनशिप जीती थी। 1968 में वे अमरीका के विश्व चैम्पियन लाऊ थेज को पराजित कर फ्रीस्टाइल कुश्ती के विश्व चैम्पियन बन गये। उन्होंने पचपन वर्ष की आयु तक पहलवानी की और पाँच सौ मुकाबलों में किसी एक में भी पराजय का मुँह नहीं देखा।

दारा सिंह जेल में क्यों है?

दारा सिंह 1999 में मिशनरी ग्राहम स्टेन्स और उनके दो नाबालिग बेटों और एक मुस्लिम व्यापारी की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.