दुर्गा पूजा कब और क्यों मनाई जाती है? - durga pooja kab aur kyon manaee jaatee hai?

दुर्गा पूजा
दुर्गा पूजा कब और क्यों मनाई जाती है? - durga pooja kab aur kyon manaee jaatee hai?

दुर्गा ने महिषासुर को अपने सिंह (यहाँ, एक श्वेत सिंह) के साथ वध किया। माँ लक्ष्मी और गणेश जी बाईं ओर हैं और माँ सरस्वती और कार्तिकेय जी दाईं ओर हैं
आधिकारिक नाम दुर्गा पूजा
अनुयायी बंगाली, ओड़िया, मैथिल और असमिया समुदायों द्वारा एक सामाजिक-सांस्कृतिक और धार्मिक त्योहार के रूप में
प्रकार हिन्दू
उत्सव हिंदू देवताओं की पूजा, परिवार और अन्य सामाजिक समारोहों, क्रय-विक्रय करना और उपहार देना, भण्डारा करना, 'पंडाल' का भ्रमण, और सांस्कृतिक कार्यक्रम
अनुष्ठान देवी की औपचारिक पूजा दुर्गा
आरम्भ अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा
समापन अश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी [1]
तिथि आश्विन शुक्ल प्रतिपदा, आश्विन शुक्ल द्वितीया, आश्विन शुक्ल तृतीया, आश्विन शुक्ल चतुर्थी, आश्विन शुक्ल पञ्चमी, आश्विन शुक्ल षष्ठी, आश्विन शुक्ल सप्तमी, आश्विन शुक्ल अष्टमी, आश्विन शुक्ल नवमी, आश्विन शुक्ल दशमी
आवृत्ति वार्षिक
समान पर्व महालय, नवरात्रि, दशहरा

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हिन्दू धर्म
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दुर्गा पूजा कब और क्यों मनाई जाती है? - durga pooja kab aur kyon manaee jaatee hai?

हिन्दू मापन प्रणाली

दुर्गा पूजा, (बांग्ला: দুর্গা পূজা , असमिया: দুৰ্গা পূজা , ओड़िया: ଦୁର୍ଗା ପୂଜା , सुनें सहायता·सूचना, "माँ दुर्गा की पूजा"), अथवा दुर्गोत्सव (बांग्ला: দুর্গোৎসব , ओड़िया: ଦୁର୍ଗୋତ୍ସବ ) अथवा शरदोत्सव भारतीय उपमहाद्वीप व दक्षिण एशिया में मनाया जाने वाला, एक वार्षिक हिन्दू पर्व है जिसमें हिन्दू देवी दुर्गा की पूजा की जाती है।[3]इसमें छः दिनों को महालय, षष्ठी, महा सप्तमी, महा अष्टमी, महा नवमी और विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। दुर्गा पूजा को मनाये जाने की तिथियाँ पारम्परिक हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार आता है तथा इस पर्व से सम्बंधित पखवाड़े को देवी पक्ष, देवी पखवाड़ा के नाम से जाना जाता है।[4]

दुर्गा पूजा का पर्व हिन्दू देवी दुर्गा माता की बुराई के प्रतीक राक्षस महिषासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है।[5] अतः दुर्गा पूजा का पर्व बुराई पर भलाई की विजय के रूप में भी माना जाता है।[6]

पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, झारखण्ड, मणिपुर, ओडिशा और त्रिपुरा आदि भारतीय राज्यों व्यापक रूप से मनाया जाता है जहाँ इस समय पाँच दिन की वार्षिक छुट्टी रहती है।[7] बंगाली हिन्दू और आसामी हिन्दुओं का बाहुल्य वाले क्षेत्रों पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा में यह वर्ष का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। यह न केवल सबसे बड़ा हिन्दू उत्सव है अपितु यह बंगाली-आसामी-ओड़िया हिन्दू समाज में सामाजिक-सांस्कृतिक रूप से सबसे महत्त्वपूर्ण उत्सव भी है। पश्चिमी भारत के अतिरिक्त दुर्गा पूजा का उत्सव दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, कश्मीर, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल समेत पुरे भारत में मनाया जाता है। दुर्गा पूजा का उत्सव 91% हिन्दू जनसंख्या वाले नेपाल और 8% हिन्दू जनसंख्या वाले बांग्लादेश में भी बड़े त्यौंहार के रूप में मनाया जाता है। वर्तमान में विभिन्न प्रवासी आसामी और बंगाली सांस्कृतिक संगठन, संयुक्त राज्य अमेरीका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैण्ड, सिंगापुर और कुवैत सहित विभिन्न देशों में आयोजित करवाते हैं। वर्ष 2006 में ब्रिटिश संग्रहालय में विश्वाल दुर्गापूजा का उत्सव आयोजित किया गया।[8]

दुर्गा पूजा की ख्याति ब्रिटिश राज में बंगाल और भूतपूर्व असम में धीरे-धीरे बढ़ी।[9] हिन्दू सुधारकों ने दुर्गा को भारत में पहचान दिलाई और इसे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों का प्रतीक भी बनाया।

दिसम्बर २०२१ में कोलकाता की दुर्गा पूजा को यूनेस्को की अगोचर सांस्कृतिक धरोहर की सूची में सम्मिलित किया गया।[10]

माँ की पूजा[संपादित करें]

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दुर्गापूजा की सप्तमी की सुबह में नबपत्रिका स्नान

बंगाल, असम, ओडिशा में दुर्गा पूजा को अकालबोधन ("दुर्गा का असामयिक जागरण"), शरदियो पुजो ("शरत्कालीन पूजा"), शरोदोत्सब (बांग्ला: শারদোৎসব ("पतझड़ का उत्सव"), महा पूजो ("महा पूजा"), मायेर पुजो ("माँ की पूजा") या केवल पूजा अथवा पुजो भी कहा जाता है। पूर्वी बंगाल (बांग्लादेश) में, दुर्गा पूजा को भगवती पूजा के रूप में भी मनाया जाता है। इसे पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, ओडिशा, दिल्ली और मध्य प्रदेश में दुर्गा पूजा भी कहा जाता है।[11] दिल्ली-एनसीआर में पिछले कुछ वर्षों में, 250 से अधिक अलग-अलग पंडालों में दुर्गा पूजो आयोजित की जाती है।[12]

रामनाथ निषाद बंगाल, असम, ओडिशा में दुर्गा पूजा को अकालबोधन ("दुर्गा का असामयिक जागरण"), शरदियो पुजो ("शरत्कालीन पूजा"), शरोदोत्सब (बांग्ला: শারদোৎসব ("पतझड़ का उत्सव"), महा पूजो ("महा पूजा"), मायेर पुजो ("माँ की पूजा") या केवल पूजा अथवा पुजो भी कहा जाता है। पूर्वी बंगाल (बांग्लादेश) में, दुर्गा पूजा को भगवती पूजा के रूप में भी मनाया जाता है। इसे पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, ओडिशा, दिल्ली और मध्य प्रदेश में दुर्गा पूजा भी कहा जाता है।[11] दिल्ली-एनसीआर में पिछले कुछ वर्षों में, 250 से अधिक अलग-अलग पंडालों में दुर्गा पूजो आयोजित की जाती है।[13]

पूजा को गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, केरल और महाराष्ट्र में नवरात्रि के रूप में[14] कुल्लू घाटी, हिमाचल प्रदेश में कुल्लू दशहरा,[15] मैसूर, कर्नाटक में मैसूर दशहरा,[16] तमिलनाडु में बोमाई गोलू और आन्ध्र प्रदेश में बोमाला कोलुवू के रूप में भी मनाया जाता है।[17]

पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा[संपादित करें]

दुर्गा पूजा कब और क्यों मनाई जाती है? - durga pooja kab aur kyon manaee jaatee hai?

पतझड़ (शरतकाल) के समय दुर्गा की पूजा बंगाल में सबसे बड़ा हिन्दू पर्व है।[18] दुर्गा पूजा नेपाल और भूटान में भी स्थानीय परम्पराओं और विविधताओं के अनुसार मनाया जाता है। पूजा का अर्थ "आराधना" है और दुर्गा पूजा बंगाली पञ्चाङ्ग के छटे माह अश्विन में बढ़ते चन्द्रमा की छटी तिथि से मनाया जाता है। तथापि कभी-कभी, सौर माह में चन्द्र चक्र के आपेक्षिक परिवर्तन के कारण इसके उपरान्त आने वाले माह कार्तिक में भी मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेण्डर में इससे सम्बन्धित तिथियाँ सितम्बर और अक्टूबर माह में आती हैं। वर्ष 2018 में देश की सबसे महँगी दुर्गा पूजा कोलकाता में हुई, जँहा पद्मावत की थीम पर बना 15 करोड़ से ज्यादा का का पण्डाल लगाया गया था[19]।

रामायण में राम, रावण से युद्ध के समय देवी दुर्गा को आह्वान करते हैं। यद्यपि उन्हें पारम्परिक रूप से वसन्त के समय भी पूजा जाता था। युद्ध की आकस्मिकता के कारण, राम ने देवी दुर्गा का शीतकाल में अकाल बोधन आह्वान किया।[20]

चित्र दीर्घा[संपादित करें]

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    दमदम में दुर्गा पूजा

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    बिधाननगर में दुर्गा पूजा

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    दुर्गा पूजा

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; Durga Puja Tithi and Timing नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  2. ↑ अ आ इ "Durga Puja Dates" [दुर्गा पूजा की तिथियाँ] (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 30 अगस्त 2015.
  3. Verma, Priyanka (2014-10-20). Durga Puja: Festival Of India (अंग्रेज़ी में). Diamond Pocket Books Pvt Ltd. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-5165-433-9.
  4. "shardiya navratri 2020 calendar शारदीय नवरात्रि 2020 कैलेंडर: तिथि और दिन वार पूजा चार्ट यहां देखें". Patrika News (hindi में). अभिगमन तिथि 2020-10-25.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  5. "Durga Ashtami 2020 Hindi: क्या दुर्गा जी ही पूर्ण परमात्मा है या कोई और?". S A NEWS (अंग्रेज़ी में). 2020-10-24. अभिगमन तिथि 2020-10-25.
  6. "shardiya navratri 2020 calendar शारदीय नवरात्रि 2020 कैलेंडर: तिथि और दिन वार पूजा चार्ट यहां देखें". Patrika News (hindi में). अभिगमन तिथि 2020-10-24.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  7. परमिता बोरा (2 अक्टूबर 2011). "Durga Puja – a Celebration of Female Supremacy" [दुर्गा पूजा – महिला प्रभुत्व का उत्सव] (अंग्रेज़ी में). ईएफ न्यूज़ इंटरनेशनल. मूल से 25 अप्रैल 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अगस्त 2015.
  8. सिबा मत्ती (12 सितम्बर 2006). "Durga: Creating An Image Of The Goddess At The British Museum" [दुर्गा: ब्रिटिश संग्राहलय में देवी की तस्वीर बनाते हुये] (अंग्रेज़ी में). कल्चर 24. मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अगस्त 2015.
  9. "Article on Durga Puja" [दुर्गा पूजा पर लेख] (अंग्रेज़ी में). असम ऑनलाइन पोर्टल. मूल से 28 दिसंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अगस्त 2015.
  10. "UNESCO - Durga Puja in Kolkata". ich.unesco.org (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2021-12-15.
  11. ↑ अ आ "Regional Names of Durga Puja: Durga Puja / Durga Pujo" [दुर्गा पूजा के क्षेत्रिय नाम: दुर्गा पूजा / दुर्गा पुजो] (अंग्रेज़ी में). durga-puja.org. 2012-10-06. मूल से 23 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अगस्त 2015.
  12. दिल्ली और आस-पास के राज्यों के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध दुर्गा पूजा पंडाल - https://www.bhaktibharat.com/list/top-famous-kali-bari-in-delhi-ncr Archived 2019-10-03 at the Wayback Machine
  13. दिल्ली और आस-पास के राज्यों के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध दुर्गा पूजा पंडाल - https://www.bhaktibharat.com/list/top-famous-kali-bari-in-delhi-ncr Archived 2019-10-03 at the Wayback Machine
  14. Navratri Puja Archived 2015-09-23 at the Wayback Machine, Durga-puja.org
  15. Kullu Dussehra Archived 2015-09-23 at the Wayback Machine, Durga-puja.org
  16. Mysore Dussehra Archived 2015-09-23 at the Wayback Machine, Durga-puja.org
  17. "Bommai-kolu" Archived 2015-09-23 at the Wayback Machine, Durga-puja.org
  18. Wikipedia, Source (2013-09). Festivals of West Bengal: Durga Puja, Devi Mahatmyam, Durga Puja in Orissa, Asian Paints Sharad Shamman, Kumortuli, Mahisasura Mardini, Durga Puja 200 (अंग्रेज़ी में). General Books. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-230-63624-5.
  19. "संग्रहीत प्रति". मूल से 12 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 अक्तूबर 2018.
  20. "What the epics say - 'Akalbodhan'" (अंग्रेज़ी में). Durga-puja.org. 2012-10-06. मूल से 13 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अगस्त 2015.

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दुर्गा पूजा मनाने का क्या कारण है?

दुर्गा पूजा का पर्व हिन्दू देवी दुर्गा माता की बुराई के प्रतीक राक्षस महिषासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है। अतः दुर्गा पूजा का पर्व बुराई पर भलाई की विजय के रूप में भी माना जाता है।

दुर्गा पूजा कब क्यों और कैसे मनाई जाती है?

दुर्गा पूजा हिंदू धर्म के सबसे पावन और पवित्र त्योहारों में से एक है। इसकी तैयारी में लोग महीनों पहले से लगे होते हैं। इस साल नवरात्र के शुरुआत 26 सितंबर से हुई हैं। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के अलग -अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।

दुर्गा का इतिहास क्या है?

माता का दुर्गा देवी नाम दुर्गम नाम के महान दैत्य का वध करने के कारण पड़ा। माता ने शताक्षी स्वरूप धारण किया और उसके बाद शाकंभरी देवी के नाम से विख्यात हुई शाकंभरी देवी ने ही दुर्गमासुर का वध किया। जिसके कारण वे समस्त ब्रह्मांड में दुर्गा देवी के नाम से भी विख्यात हो गई।

दुर्गा पूजा की शुरुआत कैसे हुई?

कहा जाता है कि 1576 ई में राजा कंस नारायण ने अपने गांव में देवी दुर्गा की पूजा की शुरुआत की थी। कुछ और विद्वानों के अनुसार मनुसंहिता के टीकाकार कुलुकभट्ट के पिता उदयनारायण ने सबसे पहले दुर्गा पूजा की शुरुआत की। उसके बाद उनके पोते कंसनारायण ने की थी।