उत्तर बच्चे की दंतुरित मुस्कान का कवि के मन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। कवि उस बच्चे की दंतुरित मुसकान से अंदर तक आह्लादित हो जाता है। उसकी मुस्कान मनभावन है। उसे देखकर कवि को लगता है कि मानो उसके मृतक शरीर में प्राणों का संचार हो गया हो। उसे लगता है कि वह उस बच्चे की सुंदरता को देखकर धन्य हो गया है।कवि के मन में बच्चे की माँ के प्रति कृतज्ञता का भाव उत्पन्न होता है, क्योंकि उसी के माध्यम से वह बच्चे की दंतुरित मुस्कान को देख पाया है। यह मुस्कान कठोर-से-कठोर हृदय को भी पिघला देती है। कवि को लगता है, मानो कमल तालाब छोड़कर उसकी झोंपड़ी में खिल उठे हैं। पत्थर हृदय पिघलकर जलधारा में बदल गया हो और बबूल या बाँस के वृक्षों से शेफालिका के फूल झड़ने लगे हों। Show प्रश्न 2. बच्चे की मुस्कान और एक बड़े व्यक्ति की मुस्कान में क्या अंतर है?
उत्तर कवि ने बच्चे की मुसकान के सौंदर्य को व्यक्त करने के लिए प्राणदायी, कमल के फूल इत्यादि बिंबों का प्रयोग किया है, जिसका विस्तारपूर्वक वर्णन इस प्रकार हैं :- (1) बच्चे की मुस्कान से मृतक में भी जान डाल देने संबंधी बिंब द्वारा। (2) तालाब छोड़कर झोंपड़ी में कमल के खिलने संबंधी बिंब द्वारा। (3) कठोर पत्थर पिघल कर जलधारा बनने संबंधी बिंब द्वारा। (4) बाँस या बबूल के वृक्षों से शेफालिका के फूल झड़ने संबंधी बिंब द्वारा।
(क) छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जलजात। (ख) छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेफालिका के बाँस था कि बबूल?
(ख) शिशु को छू देने मात्र से आनंद की इतनी अनुभूति होती है, मानों बाँस या बबूल से शेफालिका के फूल झड़ने लगे हों, अर्थात् कठोर, नीरस हृदय भी अबोध बालक के स्पर्श से सरस हो जाता है। रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न 5. मुस्कान और क्रोध भिन्न-भिन्न भाव हैं। इनकी उपस्थिति से बने वातावरण की भिन्नता का चित्रण कीजिए। उत्तर मुस्कान और क्रोध सर्वथा भिन्न भाव हैं। ‘मुस्कान’ सबका मन मोह लेती है तथा सभी को अपनी तरफ़ आकर्षित कर अपना बना लेती है, जिससे वातावरण सुखद हो जाता है। एक मधुर मुस्कान अनेक कार्य संपन्न कर सकती है। यह मन के सभी मैल मिटा देती है। ‘क्रोध’ मन की उग्रता को दर्शाने वाला भाव है। क्रोध वातावरण को दूषित और बोझिल बना देता है, व्यक्तियों में दूरी पैदा करता है। क्रोधी स्वभाव के व्यक्ति या बच्चों को कोई पसंद नहीं करता। प्रश्न 6. ‘दंतुरित मुस्कान’ से बच्चे की उम्र का अनुमान लगाइए और तर्क सहित उत्तर दीजिए। उत्तर बच्चे की उम्र लगभग 5 या 6 महीने की है क्योंकि इसी उम्र में बच्चों के दाँत निकलते हैं। जब उसके ऊपर के या नीचे के दो दाँत निकलते हैं और जब बच्चा हँसता है, तो बहुत सुंदर लगता है। उसकी सुंदरता अद्वितीय हो जाती है। शिशु के सौंदर्य से कठोर हृदय व्यक्ति भी प्रभावित हुए बिना नहीं रहता। निर्जीव हृदय में भी जीवन का संचार होने लगता है। प्रश्न 7. बच्चे से कवि की मुलाकात का जो शब्द-चित्र उपस्थित हुआ है, उसे अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर कवि और वह बच्चा दोनों एक-दूसरे से पहली बार मिले हैं इसीलिए बच्चा उन्हें एकटक देखता रहता है। बच्चे से मुलाकात कर कवि को जो सुखद अनुभूति हुई, वह उसे कहीं और नहीं मिल सकती। शिशु की दूधिया मुस्कान कवि के नीरस जीवन में प्राणों का संचार करने वाली लगी। कवि को शिशु का धूल-धूसरित शरीर देखकर ऐसा लगा जैसे कमल के फूल तालाब छोड़कर उसकी झोंपड़ी में खिल रहे हों। नन्हे बच्चे के कोमल शरीर को छूने से पत्थर भी जलधारा बन गया हो। कठोर, नीरस और शुष्क लोग भी शेफालिका के फूल के समान झरने (प्रफुल्लित) लगते हैं। बच्चे की मुसकान कवि के हृदय को प्रसन्नता से भर देती है। उन्हें ऐसा लगता है जैसे कमल के फूल तालाब को छोड़कर उसके झोंपड़ें में खिल उठे हैं। उन्हें लगता है कि बच्चा कहीं उन्हें देखते-देखते थक ना जाए इसीलिए वह आँख फेर लेते हैं। अपलक निहारने के कारण बच्चे की आँखें थक न जाएँ इसलिए कवि अपनी आँखें फेरने की अनुमति चाहते हैं। माँ के माध्यम से कवि का परिचय बच्चे से हुआ और वह बच्चे की दंतुरित मुस्कान देख पाया इसलिए वह माँ के प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट करता है। लंबे समय से प्रवासी होने के कारण बच्चे से उसका संपर्क नहीं रहा। वह माँ से ही परिचित है क्योंकि माँ ही उस पर ममता लुटाती रही है। कवि से आँखें चार होने पर उसकी दंतुरित मुस्कान और भी सुंदर लगने लगती है। फ़सल प्रश्न 1. कवि के अनुसार फ़सल क्या है? उत्तर कवि नागार्जुन फ़सल को प्रकृति व मनुष्य के श्रम का प्रतिफल मानते हैं। कवि के अनुसार फसल नदियों के पानी का जादू है, हाथों के स्पर्श की महिमा है, मिट्टी का गुण धर्म है सूर्य की किरणों का तेज है और हवा की थिरकन है। फ़सल कोई एक या दो नदियों के जल से नहीं, अपितु अनेकानेक नदियों के जल से उत्पन्न होती है। फ़सल को उगाने में धरती की मिट्टी का गुण-धर्म तथा नदियों का जल अपना-अपना सहयोग देते हैं। सूरज की किरणें तथा वायु की थिरकन इसमें समाई हुई है। साथ ही इसमें किसानों का कठोर परिश्रम भी सम्मिलित है। प्रश्न2. कविता में फ़सल उपजाने के लिए आवश्यक तत्वों की बात कही गई है। वे आवश्यक तत्व कौन-कौन से हैं? उत्तर मिट्टी में उपस्थित पोषक, सूर्य की किरणें, पानी, नदियों का जल और हवा, ये सभी फसल उपजाने के लिए आवश्यक तत्व हैं। इनके साथ ही किसानों का कठोर परिश्रम भी उतनी ही जरूरी है। प्रश्न 4. भाव स्पष्ट कीजिए- (क) रूपांतर है सूरज की किरणों का
रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न 5. कवि ने फसल को हजार-हजार खेतों की मिट्टी का गुण-धर्म कहा है- (क) मिट्टी के गुण-धर्म को आप किस तरह परिभाषित करेंगे? (ख) वर्तमान जीवन शैली मिट्टी के गुण-धर्म को किस-किस तरह प्रभावित करती है? (ग) मिट्टी द्वारा अपना गुण-धर्म छोड़ने की स्थिति में क्या किसी भी प्रकार के जीवन की कल्पना की जा सकती है?
(ग) अगर मिट्टी ने अपना गुण-धर्म छोड़ दिया तो धरती से हरियाली का, पेड़-पौधे और फ़सल आदि का नामोनिशान मिट जाएगा। इनके अभाव में धरती पर जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकतीऔर इस कल्पना में भी जीवन का स्वरूप इतना विकृत होगा कि उसे शब्दबद्ध ही नहीं किया जा सकता। (घ) मिट्टी के गुण-धर्म पोषित करने में हमारी भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण हो सकती है जैसे सर्वप्रथम हम मिट्टी के गुण-धर्म को जाने और उसकी जानकारी अपने से जुड़े लोगों की भी दें। हम मिट्टी को वृक्षारोपण कर, प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग बंद कर, कारखानों को सीमित कर, रासायनिक तत्वों का उपयोग काम कर हम मिट्टी के गुण-धर्म को पोषित कर सकते हैं। बच्चे की दंतुरित मुस्कान का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है?बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर अत्यंत गहरा प्रभाव पड़ता है। कवि को बच्चे की मुसकान बहुत मनमोहक लगती है जो मृत शरीर में भी प्राण डाल देती है।
बच्चे की मुसकान और एक बड़े व्यक्ति की मुसकान में क्या अंतर है?Solution : बच्चे की मुसकान सरल, निश्छल, भोली और निष्काम होती है । उसमें कोई स्वार्थ नहीं होता। वह सहज स्वाभाविक होती है। बड़ों की मुस्कान कुटिल, अर्थपूर्ण, सोची –समझी, सकामी और सस्वार्थ होता हैं वे तभी मुसकराते है जबकि वे सामने वाले में कोई रूचि रखते हो।
दंतुरित मुस्कान का आप पर क्या प्रभाव पड़ा?बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर गहरा प्रभाव पड़ा था। वह उसके सुंदर और मोहक मुख पर छाई मनोहारी मुसकान से प्रसन्नता में भर उठा था। उसे ऐसा लगा था कि वह धूल-धूसरित चेहरा किसी तालाब में खिले सुंदर कमल के फूल के समान था जो उसकी झोपड़ी में आ गया था। कवि उसे एकटक देखता ही रह गया था।
दंतुरित मुस्कान कविता में कवि बच्चे के प्रति क्यों आकर्षित होता है?कवि के मन में बच्चे की माँ के प्रति कृतज्ञता का भाव उत्पन्न होता है, क्योंकि उसी के माध्यम से वह बच्चे की दंतुरित मुस्कान को देख पाया है। यह मुस्कान कठोर-से-कठोर हृदय को भी पिघला देती है। कवि को लगता है, मानो कमल तालाब छोड़कर उसकी झोंपड़ी में खिल उठे हैं।
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