एक छोटे-से घर में दादी मॉं रहती थीं । यों तो वह निपट अकेली थीं फिर भी घर आबाद था उनका । रोज सुबह दादी मॉं उठतीं । घर बुहारतीं-सँवारतीं । आँगन में आसन धरतीं, खाना बनातीं, खातीं । परिवारजनों से बतियातीं । रात होती, सो जातीं । दिन मजे में गुजर रहे थे । परिवारजन फल-फूल रहे थे । 7th Std Hindi Dadi ma ka Parivaar दादी मॉं का परिवार Show अब सुनो परिवार की कहानी ।दादी मॉं थीं-समझदार,
सयानी । घर के आँगन में बरगद का पेड़ था । उसपर घोंसला बना था । घोंसले में रहती थी चिड़िया । वह दादी मॉं की थी संगिया । चिड़िया का नाम था नीलू । सुबह उठ दादी आँगन बुहारतीं । नीलू फुदकती-चिंचिंयाती । दादी मॉं से बतियाती । ठंडी के दिन थे । उन्हीं दिनों नीलू चिड़िया ने अंडे दिए । उनमें से निकले दो बच्चे । नन्हे, सुंदर, अच्छे – अच्छे । टीनू-मीनू नाम नि काला । सबने मि लकर पोसा-पाला । चिंकी को दो बेटों के उपहार मिले । चुसकू-मुसकू थे बड़े भले । दादी मॉं उनका खयाल रखतीं । उनसे मन बहलातीं । स्नेह-प्यार से वह दुलारतीं । रोने लगते तो पुचकारतीं । चारों बच्चे घर- आँगन में दौड़ लगाते । हँसते-खेलते और खाते-गाते । एकता के उनको लाभ गिनातीं ।खेल-खेल में वे लड़ भी पड़ते । दादी मॉं उन्हें समझातीं । कहतीं, ‘मेरे बच्चो, मत लड़ो । झगड़े-टंटोंमें मत पड़ो । तनि क एकता का ध्यान धरो । सब मिलकर रहा करो । तब ही तो कहते हैं, ‘एकता है जहॉं, खुशहाली है वहॉं ।’ यों दिन कट रहे थे हँसी-खुशी से । परिवार में सब रह रहे थे खुशी-खुशी से । दादी मॉं रोज उन्हें समझातीं । एकता के उनको लाभ गिनातीं । एक बार संकट आ गया । चिड़ियों में मातम छा गया । नीलू दाना चुगने चली गई । संग बच्चों को भी ले गई । अन्य चिड़े-चिड़ियॉं भी थे उसके साथ, खलिहानी में धान उगे हुए थे रात । सूरज की किरणें ढल रही थीं । चिड़ियॉं दाना चुग रही थीं । अचानक मुनमुन को ध्यान आया । उसने सबको बतलाया । सासू माँ आने वाली हैं । घोंसले में कोई नहीं, वह खाली है । घर जाने की उसने विदा ली । सबसे ‘टाटा-टाटा, बाय-बाय’ कर ली । अब वह उड़ने को हुई । बेचारी एकता की ताकत दिखाएँगे ।सिसक-सिसककर रोने लगे । नीलू-टीनू-मीनू थे एकदम शांत । हालॉंकि चिंता से थे वे भी क्लांत । फिर दादी मॉं की सीख सुनाई । दी उन्हें एकता की दुहाई । मुनमुन थी उनकी हमजोली । तुनककर वह यों बोली, ‘‘हममें एकता है, लड़ नहीं रहे हैं । हार गए हैं, जाल में फँसे हुए हैं । चाहे कितनी भी एकता रखो । क्या धरा है, जब कुछ कर न सको ।’’ टीनू बोली, ‘‘बस, इतने में ही डर गई ? हम जरूर जीत जाऍंगे, एकता की ताकत दिखाएँगे ।’’ मुनमुन बोली, ‘‘आखिर चाहते हो कैसी एकता? तनिक खोलो अपनी अक्ल का पत्ता ।’’ टीनू ने समझाई युक्ति । उससे मिल सकती थी मुक्ति । योजना सबके मन को भाई । उसमें थी सबकी भलाई । टीनू बोली, ‘‘मीनू कहेगी-एक, दो, तीन, चार । उड़ने को रहेंगे तैयार । हम एक साथ उड़ पड़ेंगे । एक ही दिशा में चलेंगे।’’ सब हो गए होशियार । उड़ने को थे वे तैयार । मीनू बोली, ‘‘एक, दो, तीन, चार ।’’ उड़ चले सब पंख पसार । जाल सहित वे उड़ लिए । मन में आशा और विश्वास लिए । गजब एकता थी उन सबमें । उमंग हिलोरें ले रही थीं मन में । बहेलिया ठगा-सा रह गया ।बहेलिया ठगा-सा रह गया । सोच रहा था, ‘पंछियों ने यह कि या ?’ क्या करता वह बेचारा ? एकता के आगे था हारा । चिड़े-चिड़ियॉं तनिक न सकुचे । सीधे दादी मॉं के घर पहुँचे । चिंतित दादी बैठी मुँह लटकाए । बुरे विचार मन में आए । चिंकी की आँखों में आँसू थे । उदास हो रहे चुसकू-मुसकू थे । दादी मॉं का चरखा शांत । सबका मन हो रहा क्लांत । अचानक कलरव हुआ आँगन में । सबने देखा आनन -फानन में । चिंचिंया रहे थे पक्षी बहुत सारे । 7th Std Hindi Dadi ma ka Parivaar दादी मॉं का परिवार दादी मॉं तब मुसकाईं । राज की बात उन्हें बताईं ।उँगली उठाकर बोलीं, ‘‘काम करेगी एकता की गोली । एक और एक ग्यारह होते ।दादी माँ ने समझाया । फिर से एकता का पाठपढ़ाया । वह बोलीं, ‘‘एकता पंछियों की ही नहीं, औरों में भी होनी चाहिए वही । यह बात सदैव ध्यान में रखते, एक और एक ग्यारह होते । किसी तरह की तुम झिझक न करो । चिंकी से तनिक याचना करो । वह तुम्हें बंधन से बचाएगी । जाल काट, बाहर ले आएगी ।’’ टीनू-मीनू ने कहा, ‘‘हम आजाद हो रहे, अहा ! मौसी, चुसकू-मुसकू को बुलाओ । सब मिलकर हमें बचाओ ।’’ यही बात नीलू ने कही । भेद किया किसी ने नहीं । बात चिंकी के मन को भाई । दौड़-भाग, झटपट आई । दादी यों बोलीं, ‘‘मिलकर रहो हमजोली । एक रहोगे तुम सब । हार नहीं मिलेगी तब ।’’ चिंकी गई, जाल के पास । चुसकू-मुसकू भी थे आसपास । पैने दॉंतों से काटा जाल । आजाद हुए सब तत्काल । चिड़े-चिड़ियॉं चिंचिंया रहे । दादी मॉं से बतिया रहे । टीनू-मीनू, चुसकू-मुसकू खेलने लगे । सब थे प्रेम-स्नेह में पगे । दादी मॉं की सीख रंग लाई । सबने दी एकता की दुहाई । सबका एक साथ मुँह 7th Std Hindi Dadi ma ka Parivaar दादी मॉं का परिवार ke Question Answer१. घटना के अनुसार क्रम लगाकर लिखोः(क) चिंकी ने भी दो बेटों का उपहार दि या
। उत्तर 2. एक-दो वाक्योंमंे उत्तर लिखोः(च) चिड़िया कहाँ रहती थी ? (छ) बहेलिया कब ठगा-सा रह गया ? (ज) दादी माँ सुबह उठकर क्या करतीं ? (झ) चुसकू-मुसकू ने किससे जाल काटा ? |