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घरेलू उपाय उल्टी की समस्या करेंगे दूर. Image Credit/ShutterstockHome Remedies For Vomiting: अगर आप ट्रैवल में या कहीं बाहर हैं और उसी वक़्त आपको उल्टी आने लगे तो इससे बुरा कुछ और हो नहीं सकता. ऐसे में आप तुरंत आराम के लिये आयुर्वेदिक उपायों का सहारा ले सकते हैं.
Home Remedies For Vomiting: अनपच होना, मोशन सिकनेस, गर्भावस्था के दौरान मितली या उल्टी आना एक आम बात है. इसकी वजह से कई बार हम असहज महसूस करते हैं और कई कोशिशों के बाद भी आराम महसूस नहीं कर पाते. अगर आप ट्रैवल में हों या कहीं बाहर हों और उल्टी आने लगे तो परेशानी कहीं ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे में हम उल्टी रोकने के लिए दवा का प्रयोग करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि आयुर्वेद में उल्टी को रोकने के लिए कई घरेलू उपाय (Home Remedies For Vomiting) दिये गए हैं जो आपको तुरंत इससे राहत पहुंचा सकते हैं? आइए जानते हैं कि हम आयुर्वेद के किन घरेलू उपायों को अपनाकर उल्टी की समस्या से बच सकते हैं. ये हैं उल्टी रोकने के 11 घरेलू उपाय 1.अगर आप तुलसी का रस निकालकर पानी में डालकर पिएं तो उल्टी में आराम मिलेगा. तुलसी की पत्तियों के रस में शहद मिलाकर भी पिया जा सकता है. अगर बार-बार उल्टी आ रही हो तो प्याज के रस में शहद मिलाकर पिएं. 2. उल्टी जैसा लगने पर दो चार दाने काली मिर्च लेकर चूसें. इसके अलावा कुछ काली मिर्च लेकर करेले के पत्ते के रस में मिला लें और इसे पिएं. 3. लौंग भी उल्टी रोकने में बहुत मदद करता है. आप अगर मुंह में लौंग रखेंगे या इसे दालचीनी के साथ उबालकर इसे पीएंगे तो उल्टी रुक सकती है. 4. अदरक और नींबू के रस बराबर मात्रा में लें और पानी के साथ पिएं. अदरक में एंटी-एमिटिक गुण होता है, जो पाचन-तंत्र को स्वस्थ बनाने में मदद करता है. इसे भी पढ़ें : सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के दर्द से हैं परेशान, तो करें ये उपाय, तुरंत दिखेगा असर 5.नीम की छाल का रस निकालकर शहद के साथ डालकर पिएं. उल्टी में बहुत आराम मिलेगा. 6.आधा चम्मच कलौंजी का तेल, आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर इसका प्रयोग सुबह-शाम करें. 7.अजवाइन, कपूर और पुदीना के फूल के 10-10 ग्राम की मात्रा को अच्छी तरह मिलाकर एक कांच की बोतल में रखें. इसे धूप में रख दें. थोड़ी देर में वह पिघलकर रस बन जाएगा. इसकी 3-4 बूंदें पिएं. दिन में एक या दो बार इसका प्रयोग करें. 8.हरी धनिया का रस निकालें. इसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक, एक नींबू डालकर एक ग्लास पानी में डालकर पिएं. 9.आधा चम्मच धनिया का पाउडर, आधा चम्मच सौंफ का पाउडर एक ग्लास पानी में डालें और इसमें थोड़ी-सी चीनी या मिश्री घोल कर पीएं. 10. गिलोय के रस में मिश्री मिलाकर दो चम्मच रस पिएं. इसका प्रयोग दिन में तीन बार कर सकते हैं. इससे उल्टी आनी बंद हो जाएगी. गिलोय का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं. इसे भी पढें : आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर हैं सहजन की पत्तियां, कई बीमारियों को रखती हैं दूर 11.पुदीना का रस, नींबू का रस और शहद बराबर मात्रा में लेकर मिला लें. इसका दिन में दो-तीन बार सेवन करें. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)undefined ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी | Tags: Health, Home Remedies, Lifestyle FIRST PUBLISHED : March 07, 2021, 06:24 IST हर समय उल्टी जैसा महसूस होने का कारण ओवरईटिंग, तनाव और डर भी हो सकता हैअपच, गैस्ट्रो-इसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज, पेप्टिक अल्सर आदि भी मतली का कारण हो सकते हैं,एसिडिटी (Acidity), मोशन सिकनेस (चक्कर, बेचैनी), इन्फेक्शन (Infection) आदि के कारण मितली आना और उल्टी का अनुभव होना बहुत असामान्य नहीं है, लेकिन अगर हर समय जी मिचला रहा हो और दिन भर की गतिविधियों में परेशानी खड़ी कर रहा हो, तो इसे गंभीरता से लें.अधिक पढ़ें ...
जी मचलना या मितली होने पर व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि उल्टी (Vomit) आने वाली है, लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है. एसिडिटी (Acidity), मोशन सिकनेस (चक्कर, बेचैनी), इन्फेक्शन (Infection) आदि के कारण मितली आना और उल्टी का अनुभव होना बहुत असामान्य नहीं है, लेकिन अगर हर समय जी मिचला रहा हो और दिनभर की गतिविधियों में परेशानी खड़ी कर रहा हो तो इसे गंभीरता से लेना जरूरी है. myUpchar से जुड़े डॉ. केएम नाधिर का कहना है कि उल्टी एक अनियंत्रित शारीरिक प्रक्रिया है जो पेट के अंदर मौजूद पदार्थ को मुंह के रास्ते बाहर निकाल देती है. मितली होने पर पेट में परेशानी, चक्कर आना, चिंता महसूस होने लगती है. मतली और उल्टी दोनों ही मस्तिष्क के उसी भाग से नियंत्रित की जाती है जो किसी काम को करने के प्रति इच्छा नहीं होने का भाव प्रकट करता है. उल्टी वास्तव में एक ऐसा रिफ्लक्स है जो मस्तिष्क के संकेत पर काम करता है. यह बच्चों, वयस्क और बूढ़े सभी उम्र के लोगों में हो सकता है. यहां जानिए केवल खाने-पीने से ही नहीं इन 8 कारणों से भी हो सकती है मितली की समस्या. ये भी पढ़ें -Irritable Bowel Syndrome: जानिए क्या है इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, कैसे मिलेगी इस दर्द से राहत
अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, सफर में उल्टी आने के कारण, लक्षण, बचाव, इलाज और दवा पढ़ें। न्यूज18 पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं। सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है। myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं। undefined ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी | Tags: Doctor, Health, Lifestyle, News18-MyUpchar FIRST PUBLISHED : September 30, 2020, 06:51 IST उल्टी जैसा महसूस होने पर क्या करें?उल्टी जैसा महसूस होने पर पानी या नींबू पानी पिएं. इसे आराम से थोड़ा-थोड़ा करके पिएं, एकबार में बहुत सारा पीने से उल्टी बढ़ सकती है. गहरी और लंबी सांसें लें और कुछ अच्छे पलों को सोचने की कोशिश करें.
उल्टी का मन क्यों होता है?अपच, गैस्ट्रो-इसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी), पेप्टिक अल्सर रोग या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) जैसे विकार भी मतली और उल्टी का कारण हो सकते हैं, लेकिन ये कभी भी प्राथमिक लक्षण नहीं होते हैं. गैस्ट्रोपैरेसिस के लिए कोई इलाज नहीं है लेकिन कुछ एंटी-इमेटिक दवाएं मतली के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकती हैं.
उल्टी जैसा लगने पर क्या खाना चाहिए?अदरक का रस निकालकर उसे नींबू के साथ या काला नमक मिलाकर पीने से उल्टी में कमी आती है। जीरे में इमली और शहद की बराबर मात्रा में लाएं इसे सुबह खाने से आपको उल्टी महसूस नहीं होगी। कड़ी पत्ता में नींबू और शहद को मिलाकर पीने से आपको फायदा हो सकता है। इसके अलावा आपको नींबू का रस और पुदीने के रस को मिलाकर पीना चाहिए।
पित्त की उल्टी कब होती है?पित्तज : पित्त की गर्मी के कारण होने वाली उल्टी पित्तज की श्रेणी में आती है। इस स्थिति में पीले, हरे रंग की उल्टी आती है और मुंह का स्वाद बेहद बुरा होती है। इसमें भोन नली व गले में जलन हो सकती है। सिर घूमना, बेहोशी भी इसके लक्षणों में शामिल है।
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