उल्टी जैसा मन होने पर क्या करें - ultee jaisa man hone par kya karen

उल्टी जैसा मन होने पर क्या करें - ultee jaisa man hone par kya karen

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घरेलू उपाय उल्‍टी की समस्‍या करेंगे दूर. Image Credit/Shutterstock

Home Remedies For Vomiting: अगर आप ट्रैवल में या कहीं बाहर हैं और उसी वक़्त आपको उल्‍टी आने लगे तो इससे बुरा कुछ और हो नहीं सकता. ऐसे में आप तुरंत आराम के लिये आयुर्वेदिक उपायों का सहारा ले सकते हैं.

  • News18Hindi
  • Last Updated : March 07, 2021, 06:24 IST

    Home Remedies For Vomiting: अनपच होना, मोशन सिकनेस, गर्भावस्‍था के दौरान मितली या उल्‍टी आना एक आम बात है. इसकी वजह से कई बार हम असहज महसूस करते हैं और कई कोशिशों के बाद भी आराम महसूस नहीं कर पाते. अगर आप ट्रैवल में हों या कहीं बाहर हों और उल्‍टी आने लगे तो परेशानी कहीं ज्‍यादा बढ़ जाती है. ऐसे में हम उल्‍टी रोकने के लिए दवा का प्रयोग करते हैं. लेकिन क्‍या आपको पता है कि आयुर्वेद में उल्टी को रोकने के लिए कई घरेलू उपाय (Home Remedies For Vomiting) दिये गए हैं जो आपको तुरंत इससे राहत पहुंचा सकते हैं? आइए जानते हैं कि हम आयुर्वेद के किन घरेलू उपायों को अपनाकर उल्‍टी की समस्‍या से बच सकते हैं.

    ये हैं उल्‍टी रोकने के 11 घरेलू उपाय

    1.अगर आप तुलसी का रस निकालकर पानी में डालकर पिएं तो उल्टी में आराम मिलेगा. तुलसी की पत्तियों के रस में शहद मिलाकर भी पिया जा सकता है. अगर बार-बार उल्टी आ रही हो तो प्याज के रस में शहद मिलाकर पिएं.

    2. उल्‍टी जैसा लगने पर दो चार दाने काली मिर्च लेकर चूसें. इसके अलावा कुछ काली मिर्च लेकर करेले के पत्ते के रस में मिला लें और इसे पिएं.

    3. लौंग भी उल्टी रोकने में बहुत मदद करता है. आप अगर मुंह में लौंग रखेंगे या इसे दालचीनी के साथ उबालकर इसे पीएंगे तो उल्‍टी रुक सकती है.

    4. अदरक और नींबू के रस बराबर मात्रा में लें और पानी के साथ पिएं. अदरक में एंटी-एमिटिक गुण होता है, जो पाचन-तंत्र को स्वस्थ बनाने में मदद करता है.

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    5.नीम की छाल का रस निकालकर शहद के साथ डालकर पिएं. उल्टी में बहुत आराम मिलेगा.

    6.आधा चम्मच कलौंजी का तेल, आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर इसका प्रयोग सुबह-शाम करें.

    7.अजवाइन, कपूर और पुदीना के फूल के 10-10 ग्राम की मात्रा को अच्छी तरह मिलाकर एक कांच की बोतल में रखें. इसे धूप में रख दें. थोड़ी देर में वह पिघलकर रस बन जाएगा. इसकी 3-4 बूंदें पिएं. दिन में एक या दो बार इसका प्रयोग करें.

    8.हरी धनिया का रस निकालें. इसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक, एक नींबू डालकर एक ग्‍लास पानी में डालकर पिएं.

    9.आधा चम्मच धनिया का पाउडर, आधा चम्मच सौंफ का पाउडर एक ग्‍लास पानी में डालें और इसमें थोड़ी-सी चीनी या मिश्री घोल कर पीएं.

    10. गिलोय के रस में मिश्री मिलाकर दो चम्मच रस पिएं. इसका प्रयोग दिन में तीन बार कर सकते हैं. इससे उल्टी आनी बंद हो जाएगी. गिलोय का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं.

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    11.पुदीना का रस, नींबू का रस और शहद बराबर मात्रा में लेकर मिला लें. इसका दिन में दो-तीन बार सेवन करें. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)undefined

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    Tags: Health, Home Remedies, Lifestyle

    FIRST PUBLISHED : March 07, 2021, 06:24 IST

    हर समय उल्टी जैसा महसूस होने का कारण ओवरईटिंग, तनाव और डर भी हो सकता है

    उल्टी जैसा मन होने पर क्या करें - ultee jaisa man hone par kya karen

    अपच, गैस्ट्रो-इसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज, पेप्टिक अल्सर आदि भी मतली का कारण हो सकते हैं,

    एसिडिटी (Acidity), मोशन सिकनेस (चक्कर, बेचैनी), इन्फेक्शन (Infection) आदि के कारण मितली आना और उल्टी का अनुभव होना बहुत असामान्य नहीं है, लेकिन अगर हर समय जी मिचला रहा हो और दिन भर की गतिविधियों में परेशानी खड़ी कर रहा हो, तो इसे गंभीरता से लें.

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    • Myupchar
    • Last Updated : September 30, 2020, 06:51 IST

      जी मचलना या मितली होने पर व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि उल्टी (Vomit) आने वाली है, लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है. एसिडिटी (Acidity), मोशन सिकनेस (चक्कर, बेचैनी), इन्फेक्शन (Infection) आदि के कारण मितली आना और उल्टी का अनुभव होना बहुत असामान्य नहीं है, लेकिन अगर हर समय जी मिचला रहा हो और दिनभर की गतिविधियों में परेशानी खड़ी कर रहा हो तो इसे गंभीरता से लेना जरूरी है. myUpchar से जुड़े डॉ. केएम नाधिर का कहना है कि उल्टी एक अनियंत्रित शारीरिक प्रक्रिया है जो पेट के अंदर मौजूद पदार्थ को मुंह के रास्ते बाहर निकाल देती है. मितली होने पर पेट में परेशानी, चक्कर आना, चिंता महसूस होने लगती है.

      मतली और उल्टी दोनों ही मस्तिष्क के उसी भाग से नियंत्रित की जाती है जो किसी काम को करने के प्रति इच्छा नहीं होने का भाव प्रकट करता है. उल्टी वास्तव में एक ऐसा रिफ्लक्स है जो मस्तिष्क के संकेत पर काम करता है. यह बच्चों, वयस्क और बूढ़े सभी उम्र के लोगों में हो सकता है. यहां जानिए केवल खाने-पीने से ही नहीं इन 8 कारणों से भी हो सकती है मितली की समस्या.

      ये भी पढ़ें -Irritable Bowel Syndrome: जानिए क्‍या है इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, कैसे मिलेगी इस दर्द से राहत


      • ओवरईटिंग : ओवरईटिंग भी मितली पैदा करती है, क्योंकि पाचन प्रणाली भोजन को ठीक से पचा नहीं पाती है. यह उन लोगों में बहुत आम है जिनका पाचन तंत्र कमजोर है या जिनकी सर्जरी हुई है. सर्जरी का कारण भी पाचन तंत्र के कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है. बेहतर होगा कि ओवरईटिंग से बचें. घरेलू उपचार में पुदीना का किसी भी रूप में सेवन करें. अजवाइन, इलाइची या सौंफ भी खा सकते हैं.

      • फूड पॉइजनिंग : myUpchar से जुड़े डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला का कहना है कि फूड पॉइजनिंग तब होती है जब बैक्टीरिया से संक्रमित भोजन खा लिया हो. फूड पॉइजनिंग के आम लक्षणों में बुखार, पेट दर्द, दस्त, असहजता, जी मिचलना और उल्टी आना है. चूंकि, फूड पॉइजनिंग के कारण गंभीर डिहाइड्रेशन होता है तो खुद को फ्लूइड्स और इलेक्ट्रॉलाइट्स से हाइड्रेटेड रखें. यानी पानी व अन्य तरल पदार्थ अधिक पिएं. फैटी फूड्स, डेयरी प्रोडक्ट्स, कैफीन और एल्कोहल से दूर रहें. डॉक्टर फूड पॉइजनिंग को नियंत्रित करने के लिए एंटीबायोटिक्स देंगे.

      • तनाव, भय और चिंता: किसी भी व्यक्ति को तनाव हो, किसी बात का डर हो या फिर चिंता से लगातार घिरा हुआ हो तो उसका शरीर अलग तरह से काम करता है. नतीजा पेट और आंत से जुड़ी समस्याओं जैसे मतली या उल्टी, ब्लोटिंग, दस्त, कब्ज और यहां तक कि इरिटेबल बाउल सिंड्रोम भी शामिल है. तनाव और डर के कारण शरीर में अतिरिक्त एड्रेनालाईन रिलीज होता है जो पाचन तंत्र में असंतुलन पैदा करता है.

      • डर: किसी डर के कारण पैदा हुई मितली की स्थिति अस्थायी होती है और इसके लिए कुछ करने की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि जब परिस्थिति ठीक होती है तो यह अपने आप ठीक हो जाता है. सहज और आराम से रहने की कोशिश करें. अगर तनाव या चिंता गंभीर है तो लक्षणों से छुटकारा पाने के लिए उस पर काम करना होगा. बेहतर होगा कि स्थिति गंभीर हो तो डॉक्टर की मदद लें.

      • गैस्ट्रोपैरेसिस: यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पेट की मांसपेशियां किसी कारण से ठीक से कार्य नहीं करती हैं और इसलिए यह पेट को ठीक से खाली करने से रोकता है. अपच, गैस्ट्रो-इसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी), पेप्टिक अल्सर रोग या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) जैसे विकार भी मतली और उल्टी का कारण हो सकते हैं, लेकिन ये कभी भी प्राथमिक लक्षण नहीं होते हैं. गैस्ट्रोपैरेसिस के लिए कोई इलाज नहीं है लेकिन कुछ एंटी-इमेटिक दवाएं मतली के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकती हैं.

      • कीमोथैरेपी और कैंसर: अक्सर कैंसर का इलाज करने के लिए इस्तेमाल होने वाली कीमोथेरेपी का दुष्प्रभाव मितली और कई मामलों में उल्टी होता है. हालांकि यह इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं पर निर्भर करता है. साथ ही इस पर भी कि कौन-सा रेडिएशन उपचार के लिए उपयोग किया गया है.

      • पित्ताशय और अग्नाशय की सूजन: पित्त की पथरी और अग्नाशय के परिणामस्वरूप मितली और उल्टी हो सकती है. अग्नाशय की समस्या में ऊपरी पेट में दर्द होता है, जबकि पित्त की पथरी में ऊपरी दाएं पेट में दर्द होता है जो गंभीर और निरंतर होता है और यह दिनों तक रह सकता है. मधुमेह वाले लोगों में यह स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है.

      • माइग्रेन: ऐसी कोई भी स्थिति जो स्कल (खोपड़ी) के अंदर दबाव बढ़ाती है, जिससे सेरेब्रल-स्पाइनल फ्यूइड प्रभावित होता है, मितली और उल्टी का कारण बन सकता है. माइग्रेन एक भयंकर सिरदर्द है जो कि आमतौर पर मितली, उल्टी का कारण बनता है. इस असहज स्थिति से बचने के लिए घर से बाहर निकलें या खिड़की खोलकर गहरी सांस लेकर ताजी हवा लें. अपने कपड़े ढीले करें. हाइड्रेटेड रहें, लेकिन एक साथ बहुत अधिक पानी न पिएं.

      अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, सफर में उल्टी आने के कारण, लक्षण, बचाव, इलाज और दवा पढ़ें।

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      FIRST PUBLISHED : September 30, 2020, 06:51 IST

      उल्टी जैसा महसूस होने पर क्या करें?

      उल्टी जैसा महसूस होने पर पानी या नींबू पानी पिएं. इसे आराम से थोड़ा-थोड़ा करके पिएं, एकबार में बहुत सारा पीने से उल्टी बढ़ सकती है. गहरी और लंबी सांसें लें और कुछ अच्छे पलों को सोचने की कोशिश करें.

      उल्टी का मन क्यों होता है?

      अपच, गैस्ट्रो-इसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी), पेप्टिक अल्सर रोग या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) जैसे विकार भी मतली और उल्टी का कारण हो सकते हैं, लेकिन ये कभी भी प्राथमिक लक्षण नहीं होते हैं. गैस्ट्रोपैरेसिस के लिए कोई इलाज नहीं है लेकिन कुछ एंटी-इमेटिक दवाएं मतली के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकती हैं.

      उल्टी जैसा लगने पर क्या खाना चाहिए?

      अदरक का रस निकालकर उसे नींबू के साथ या काला नमक मिलाकर पीने से उल्टी में कमी आती है। जीरे में इमली और शहद की बराबर मात्रा में लाएं इसे सुबह खाने से आपको उल्टी महसूस नहीं होगी। कड़ी पत्ता में नींबू और शहद को मिलाकर पीने से आपको फायदा हो सकता है। इसके अलावा आपको नींबू का रस और पुदीने के रस को मिलाकर पीना चाहिए

      पित्त की उल्टी कब होती है?

      पित्तज : पित्त की गर्मी के कारण होने वाली उल्टी पित्तज की श्रेणी में आती है। इस स्थिति में पीले, हरे रंग की उल्टी आती है और मुंह का स्वाद बेहद बुरा होती है। इसमें भोन नली व गले में जलन हो सकती है। सिर घूमना, बेहोशी भी इसके लक्षणों में शामिल है।