What is Buoyant Force ?कुएं से जल की भरी बाल्टी खींचते समय जब तक बाल्टी जल के अन्दर रहती है तब तक वह हल्की लगती है, परन्तु जैसे ही वह जल के ऊपर वायु में आती है तो भारी लगने लगती है। इसका अर्थ यह है, कि जब बाल्टी जल में डूबी रहती है तो उसके भार में कुछ कमी आ जाती है। भार की यह कमी जल द्वारा बाल्टी पर ऊपर की ओर लगाए गए बल के कारण होती है। इस बल को ‘उत्प्लावक बल‘ अथवा ‘उत्क्षेप‘ (Buoyant force or upthrust) कहते हैं। यह उत्क्षेप बाल्टी द्वारा हटाए गए जल के गुरुत्व-केन्द्र पर कार्य करता है जिसे ‘उत्प्लावन केन्द्र’ (Centre of buoyancy) कहते हैं। Show सरल भाषा में किसी तरल (द्रव या गैस) में आंशिक या पूर्ण रूप से डूबी किसी वस्तु पर उपर की ओर लगने वाला बल उत्प्लावन बल कहलाता है। नावों, जलयानों, गुब्बारों आदि के कार्य के लिये उत्प्लावन बल ही जिम्मेदार है। जल के उत्क्षेप का अध्ययन सर्वप्रथम आर्किमीडिज़ ने किया था। जिसके कारण इसे ‘आर्किमीडिज़ का सिद्धान्त‘ भी कहा जाता है। उत्प्लावन बल पर तापमान का प्रभावहम जानते हैं कि जब भी किसी ठोस वस्तु को किसी द्रव में आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से डुबोया जाता है, तो हवा में उसके वजन की तुलना में द्रव में इसका वजन कम प्रतीत होता है। इसका कारण द्रव द्वारा वस्तु पर ऊर्ध्वाधर ऊपर की दिशा (भार के विपरीत दिशा में) में लगाया जाने वाला बल है, जिसे उत्प्लावन बल कहते हैं। उत्प्लावन बल :- F = Vs ρL g ……….(1) जहाँ Vs = ठोस वस्तु का आयतन (द्रव में डूबा हुआ आयतन ) ρL = द्रव का घनत्व & g = गुरुत्वीय त्वरण। ठोस वस्तु का आभासी भार(वह भार जब वस्तु को द्रव में डुबोया जाता है), Wapp निम्न समीकरण द्वारा दिया जाता है :- Wapp = W – F ……….(2) जहाँ W वस्तु का वायु में भार है। अब जैसे-जैसे तापमान बढ़ाया जाता है, Vs बढ़ता है ( आयतन प्रसार ) और ρL घटता है ( तापमान के साथ घनत्व में परिवर्तन )। अतः उत्प्लावन बल F , बढ़ भी सकता है , घट भी सकता है और अपरिवर्तित भी रह सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सा घटक अधिक प्रभावी है [समीकरण (1) से ]। आइये एक-एक करके इन सब घटकों पर विचार करते हैं, समीकरण (1) से :- ……….(3) माना तापमान में ΔT की वृद्धि होती है, तब उत्प्लावन बल का नया मान F’ ……….(4) समीकरण (4) को समीकरण (3) से भाग करने पर :- ……….(5) अब यदि [समीकरण (5) व (2) से] (a) γS > γL , then F’ > F ⇒ W’app < Wapp (b) γS < γL , then F’ < F ⇒ W’app > Wapp and if (c) γS = γL , then F’ = F ⇒ W’app = Wapp उपरोक्त लेख का विडियो लेक्चर :- Next Topic :- द्विधातु पट्टी (Bimetallic strip) का थर्मोस्टैट्स में प्रयोग Previous Topic :- तापीय प्रतिबल (Thermal Stress) Class 11th NCERT Hindi, Videosउत्प्लावन बल का मात्रक क्या होता है?उत्प्लावक बल का मात्रक क्या है? UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW! Solution : न्यूटन।
उत्प्लावन बल का दूसरा नाम क्या है?किसी वस्तु को तरल में आंशिक या पूर्ण रूप से डूबोने पर , तरल द्वारा वस्तु पर एक बल ऊपर की तरफ लगाया जाता है , तरल द्वारा वस्तु पर लगाया गया यह बल ही उत्प्लावन बल या उत्पेक्ष बल कहलाता है।
उत्प्लावन का क्या अर्थ है?उत्प्लावन बल जब हम किसी वस्तु को पानी में डुबोते हैं तब उस वस्तु पर पानी के द्वारा ऊपर की ओर एक बल लगता है , जिसे उत्प्लावन बल (Buoyant Force) या उत्क्षेप कहते हैं ।
|