वह कौन सा ग्रामीण वास्तु का प्रतिरूप है जहां का मार्ग आकार एक स्थान पर मिलते हैं? - vah kaun sa graameen vaastu ka pratiroop hai jahaan ka maarg aakaar ek sthaan par milate hain?

उत्तर :

उत्तर की रूपरेखा

  • प्रभावी भूमिका में ग्रामीण बस्तियों को स्पष्ट करें।
  • तार्किक एवं संतुलित विषय-वस्तु में ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप तथा इनसे संबंधित समस्याओं के बारे में लिखें।
  • प्रश्नानुसार संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।

ग्रामीण बस्ती का तात्पर्य एक ऐसे प्रदेश से है जहाँ सामान्यतः प्राथमिक क्रियाकलापों में संलग्न अपेक्षाकृत छोटे जनसंख्या समूह एक साथ निवास करते हैं। ग्रामीण बस्तियों का प्रतिरूप इन क्षेत्रों में मकानों की स्थिति तथा उनके अंतर्संबंध को दर्शाता है। यह गाँव की आकृति तथा वहाँ की पर्यावरणीय एवं भौगोलिक स्थिति पर निर्भर करता है। ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप को निम्नलिखित प्रकार से देखा जा सकता है-

  • रैखिक प्रतिरूप- इसमें मानव बस्तियों का निर्माण सड़कों, रेल लाइनों तथा  नदियों आदि के किनारे होता है।
  • आयताकार प्रतिरूप- इनका निर्माण समतल क्षेत्रों में होता है यहाँ सड़कें एक दूसरे को समकोण पर काटती हैं।
  • वृत्ताकार प्रतिरूप- इसमें किसी तालाब अथवा झील के चारों ओर बस्तियों का निर्माण होता है।
  • तारे के आकार का प्रतिरूप- इनका निर्माण उन प्रदेशों में होता है जहाँ बहुत सारी सड़कें एक साथ एक स्थान पर मिलती हैं। इस प्रकार इन सड़कों के किनारे मकानों के निर्माण होने से ये तारे की आकृति के प्रतीत होते हैं।
  • टी अथवा वाई आकार के प्रतिरूप-  टी आकार की बस्तियाँ सड़कों के तिराहे पर विकसित होती हैं, जबकि वाई आकार की बस्तियों का निर्माण उन क्षेत्रों में होता है जहाँ दो मार्ग आकर तीसरे मार्ग से मिलते हैं।
  • दोहरे ग्राम- नदी अथवा पुल के दोनों किनारों पर बस्तियों के निर्माण से दोहरे ग्राम प्रतिरूप का निर्माण होता है।

ग्रामीण बस्तियों की समस्याएँ

अपेक्षाकृत कम जनसंख्या के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था विकसित नहीं हो पाती। साथ ही यहाँ रोज़गार के साधनों का अभाव होता है जिससे अधिकांश जनसंख्या कृषि से संबंधित कुछ सीमित कार्यों में ही लगी रहती है। इससे यहाँ छिपी बेरोज़गारी, गरीबी तथा प्रवास की समस्या उभरती है। इसका प्रत्यक्ष परिणाम खाद्य सुरक्षा तथा कुपोषण की समस्या के रूप में दिखाई देता है। कुपोषण के कारण लोगों की प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है और वे बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। साथ ही शौचालय एवं कूड़ा-कचरा निस्तारण की सुविधाओं के अभाव के कारण इन  क्षेत्रों में हैजा, पीलिया जैसी स्वास्थ्य समस्याएँ और भी बढ़ जाती हैं। स्वास्थ्य के कमज़ोर होने से लोग आर्थिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो पाते जिससे गरीबी के कुचक्र का निर्माण होता है।

सड़क, चिकित्सा तथा शिक्षा से संबंधित अवसंरचना का अभाव इन समस्याओं को और भी बढ़ा देता है। शिक्षा के अभाव के कारण यहाँ अंधविश्वास तथा सामाजिक रूढ़ियों की समस्याओं को देखा जा सकता है। पितृसत्तात्मक व्यवस्था, डायन प्रथा, विधवा महिला से विभेद तथा जाति के नाम पर छुआछूत जैसी सामाजिक समस्याएँ ग्रामीण बस्तियों में देखी जा सकती हैं। अंधविश्वास जैसी समस्याओं से स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। अपने रोगों के इलाज के लिये डॉक्टर के स्थान पर ये ओझाओं पर अधिक विश्वास करते हैं जिससे समय पर इलाज न हो पाने के कारण कई बार लोगों की मृत्यु भी हो जाती है। उदाहरण के लिये, 2017 में उड़ीसा के जगतसिंहपुर जिले में 9 लोगों की मृत्यु साँप के काटने से हुई, जबकि इस स्थान से ज़िला अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 1 घंटे से अधिक की दूरी पर नहीं है। ध्यातव्य है कि भारत में पाया जाने वाला कोई भी साँप इतना विषैला नहीं होता कि 1 घंटे से कम समय में व्यक्ति की मृत्यु हो जाए।

स्पष्ट है कि गरीबी, बेरोज़गारी तथा आर्थिक एवं सामाजिक संरचना का अभाव ग्रामीण बस्तियों की सबसे बड़ी समस्याओं में शामिल है। इसमें सुधार के लिये जनभागीदारी से युक्त एक समन्वित नीति की आवश्यकता है।

वह कौनसा ग्रामीण बस्तियों का प्रतिरूप है जहां कहीं मार्ग आकार एक स्थान पर मिलते हैं?

इनका आकार बड़ा होता है तथा जनसंख्या अधिक होती है। इनका आकार छोटा होता है तथा जनसंख्या कम पाई जाती है ।

कौनसी ग्रामीण बस्तियों का आकार जेमिति होता है?

यह कार्यक्रम मूलतः एक भूगोल वार्ता है जिसके द्वारा भूगोल का विषय विस्तार समझाया गया है तथा उससे सम्बंधित अनेकानेक विषयों पर चर्चा की गयी है .

समतल क्षेत्रों में ग्रामीण बस्तियों का क्या प्रतिरूप दिखाई देता है?

(ii) आयताकार प्रतिरूपग्रामीण बस्तियों का यह प्रतिरूप समतल क्षेत्रों अथवा चौड़ी अन्तरा पर्वतीय घाटियों में पाया जाता है। इसमें सड़कें आयताकार होती हैं जो एक-दूसरे को समकोण पर काटती हैं। (iii) वृत्ताकार प्रतिरूप – इस प्रतिरूप के गाँव झीलों व तालाबों आदि क्षेत्रों के चारों तरफ बस्ती बस जाने से विकसित होते हैं।

नगरीकरण के प्रतिरूप क्या है?

इसी भाग में यह आकलन करने का प्रयास भी किया गया है कि शहरीकरण और अधोसंरचना सहित बुनियादी सुविधाओं के प्रावधान के बदलते हुए प्रतिरूप ( आपस में इनकी निर्भरता के विश्लेषण के आधार पर) राज्य में संतुलित मानव विकास की प्रक्रिया को किस प्रकार प्रभावित कर रहे हैं।