वन संरक्षण से क्या अभिप्राय है? - van sanrakshan se kya abhipraay hai?

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  7. वन संरक्षण का अर्थ बताइए?

वन संरक्षण(Forest preservation)

वन संरक्षण का अर्थ है-वनों का विवेकपूर्ण उपयोग और वन क्षेत्र मैं वृद्धि करना। प्राचीन काल में भारत में वनों का विस्तार पर्याप्त क्षेत्रफल में था। परंतु जनसंख्या के बढ़ते दबाव के फल स्वरुप आवास, कृषि, सड़कें, रेल मार्ग और उद्योगों की स्थापना के लिए वनों का निर्माता से विनाश किया गया।

वन क्षेत्र का अभाव हो जाने से पर्यावरण असंतुलन के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। वर्तमान में सरकार ने भी इस और ध्यान दिया है तथा राष्ट्रीय वन नीति, 1952 एवं संशोधन राष्ट्रीय वन नीति, 1988 घोषित की है, जिसके अनुसार कल भूमि के एक तिहाई भाग पर वन होने चाहिए। वन महोत्सव और सामाजिक वानिकी कार्यक्रम इसी दिशा में हमारे बढ़ते कदम है।

Table of Contents

  • वन संरक्षण(Forest preservation)
  • वन संरक्षण की आवश्यकता
  • 1. वन संरक्षण की एक आवश्यकता बताएं।

वन संरक्षण की आवश्यकता

वस्तुत वन संपदा हमारी अमूल्य धरोहर है, हमें इसे नष्ट नहीं करना चाहिए। हमारा कर्तव्य होना चाहिए कि हम इसमें वृद्धि कर आगे आने वाली पीढ़ियों को दें।वन संरक्षण की आवश्यकता के निम्नलिखित कारण महत्वपूर्ण है-

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1.लगभग 50 टन भार का एक सामान्य स्वाभाविक रूप से अपने अंत तक पर्यावरण में ऑक्सीजन देकर, मृदा क्षरण को रोककर, प्रदूषण कम करने प्रोटीन तथा अन्य उत्पादों के माध्यम से लगभग 1500000 ₹17000 का लाभ मानव समाज को देता है।

2.वनों का अंधाधुंध कटाव सभ्य समाज का अविवेकपूर्ण कृत्य है। ऐसा करके हम विनाश की ओर अग्रसर हो रहे हैं।

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3.पृथ्वी के बढ़ते तापमान से मौसम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसी कारण देश के हिम क्षेत्रों का निरंतर पीछे हटना और विलुप्त होना भावी संकट का संकेत है जिसके पीछे मूल कारण वनों का विनाश है।

4.अनियंत्रित आखेट, पन बिजली परियोजना, खानो और खेतिहर भूमि के विस्तार के कारण जंगलों का बारी विनाश हुआ है। जिस कारण वन्य जीवो की बहुत सी प्रजातियां विलुप्त हो चुकी है।

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1. वन संरक्षण की एक आवश्यकता बताएं।

लगभग 50 टन भार का एक सामान्य स्वाभाविक रूप से अपने अंत तक पर्यावरण में ऑक्सीजन देकर, मृदा क्षरण को रोककर, प्रदूषण कम करने प्रोटीन तथा अन्य उत्पादों के माध्यम से लगभग 1500000 ₹17000 का लाभ मानव समाज को देता है।

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वन संरक्षण से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंवन संरक्षण(Forest preservation) वन संरक्षण का अर्थ है-वनों का विवेकपूर्ण उपयोग और वन क्षेत्र मैं वृद्धि करना। प्राचीन काल में भारत में वनों का विस्तार पर्याप्त क्षेत्रफल में था। परंतु जनसंख्या के बढ़ते दबाव के फल स्वरुप आवास, कृषि, सड़कें, रेल मार्ग और उद्योगों की स्थापना के लिए वनों का निर्माता से विनाश किया गया

हमें अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए क्या क्या कदम उठाने चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंकचरे को फैलने से रोकें और दूसरों को भी इसे रोकने के लिए प्रोत्साहित करें। रासायनिक उर्वरकों और किटनाशकों के उपयोग से बचे और जैविक पदार्थों का उपयोग करें। वाहनों से निकलने वाले घुएं को कम करे, ये हमारे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुचाते है। जंगलों को बचाएं और पेड़ लगाएं क्योंकि ये पर्यावरण के लिए फेफड़ों जैसा काम करते है

संसाधन संरक्षण की क्या आवश्यकता है केवल तीन बिंदु का उल्लेख करें?

पाठगत प्रश्नों के उत्तर

  • संसाधन वे होते हैं जो उपयोगी हो या फिर मनुष्य को अपनी जरूरतों को पूरी करने हेतु उपयोगी बनाये जा सकते हैं।
  • प्राकृतिक संसाधनों के उदाहरण, शुद्ध हवा, शुद्ध पानी, मृदा, वन, खनिज और जीवाश्मीय ईंधन है।
  • हमारे प्राथमिक ऊर्जा स्रोत अपरिष्कृत तेल (पेट्रोलियम), प्राकृतिक गैस और कोयला है।

वन संसाधन से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंवन एक मूल्यवान संसाधन हैं जो भोजन, आश्रय, वन्यजीवन आवास, ईंधन, और दैनिक आपूर्ति जैसे औषधीय सामग्री और कागज प्रदान करते हैं। वन, पृथ्वी की CO2 आपूर्ति और विनिमय को संतुलित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो वायुमंडल, भू -मंडल और हाइड्रोस्फीयर के बीच एक महत्वपूर्ण लिंक के रूप में कार्य करते हैं।

वन क्यों जरूरी है?

इसे सुनेंरोकेंवनों में विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे, जड़ी-बूटियाँ, झाड़ियाँ आदि होते हैं। उनमें से कई औषधीय मूल्य प्रदान करते हैं। हमें वनों से विभिन्न प्रकार के लकड़ी के उत्पाद भी प्राप्त होते हैं। इसके अलावा, वे वायु में प्रदूषकों को हटाने में भी सहायक होते हैं, इस प्रकार वायु प्रदूषण को कम करने में वन अहम भूमिका निभाते हैं

कैसे हम अपने पर्यावरण की रक्षा करते हैं?

कैसे बचाएं पर्यावरण को

  1. पर्यावरण संरक्षण आम तौर पर पेड़ों और हरियाली के संरक्षण को दर्शाता है लेकिन व्यापक अर्थों में इसका तात्पर्य पेड़ों, पौधों, पशुओं, पक्षियों और पूरे ग्रह की सुरक्षा से है।
  2. अधिक से अधिक पेड़ लगाएं
  3. वन्यजीव और वर्षावन की रक्षा करें
  4. कम उपभोग करें, दोहराएं, फिर से उपयोग करें
  5. पानी की खपत कम करें

संसाधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है कारण देना?

इसे सुनेंरोकेंखनिज संपदा का संरक्षण खनिजों का निरंतर खनन करते रहने पर कुछ वर्षों बाद उनकी समाप्ति हो जाती है। एक बार शोषण होने पर समाप्त होने खनिजों का संरक्षण अति आवश्यक है। विश्व में खनिजों का असमान वितरण मिलता है और उसकी मात्रा सीमित है। अतः उनके संचित भंडार के संरक्षण की और भी अधिक आवश्यकता है।

वन से क्या अभिप्राय है?

भू क्षेत्र जहाँ वृक्षों का घनत्व सामान्य से अधिक है उसे वन (जंगल) कहते हैं। विभिन्न मापदंडों पर आधारित जंगल की कई परिभाषाएँ हैं । वनों ने पृथ्वी के लगभग 9.5% भाग को घेर रखा है जो कुल भूमिक्षेत्र का लगभग 30% भाग है।

वन संरक्षण का मतलब क्या है?

वन संरक्षण(Forest preservation) वन संरक्षण का अर्थ है-वनों का विवेकपूर्ण उपयोग और वन क्षेत्र मैं वृद्धि करना। प्राचीन काल में भारत में वनों का विस्तार पर्याप्त क्षेत्रफल में था। परंतु जनसंख्या के बढ़ते दबाव के फल स्वरुप आवास, कृषि, सड़कें, रेल मार्ग और उद्योगों की स्थापना के लिए वनों का निर्माता से विनाश किया गया।

वन संरक्षण क्या है इसके क्या लाभ हैं?

सामाजिक वन निमार्ण और वन्य कृषि को बढ़ाना चाहिए।

वन संरक्षण क्यों है?

वनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है? Answer: पर्यावरण वैज्ञानिकों के अनुसार एक परिपक्व वन वातावरण को निम्न चीजें प्रदान करते हैं जैसे- ऑक्सीजन आपूर्ति, वायु प्रदूषण रोकने में सहायक, नमी नियंत्रण, जल प्रदूषण रोकने में मददगार, मृदा की उर्वरता बढ़ने के साथ अपरदन रोकना। अतः वनों का संरक्षण आवश्यक है