उत्तर :- मुद्रा विनिमय का वह माध्यम है जो वस्तुओं के मूल्य चुकाने तथा अन्य व्यावसायिक दायित्वों को निपटाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसे सरकार द्वार किया जाता है और यह सर्वमान्य होती है। Show 3. मुद्रा की वैधानिक परिभाषा दें ? उत्तर :- वैधानिक परिभाषा के अनुसार मद्रा वह है जिसे सरकार कानूनी रूप से मुद्रा की मान्यता प्रदान करती है। भारत में रुपया इसका उदाहरण है। 4. प्लास्टिक मुद्रा क्या है ? उत्तर :- यह मद्रा का आधनिकतम रूप है जिसके माध्यम से महानगरों में खरीददारी की जाती है अथवा ए० टी ० एम० से पैसे की निकासी की जाती इसका सबसे बड़ा लाभ है कि ढेर सारी कागजी मुद्रा ढोने की जरूरत नहीं पड़ती। जरूरत के हिसाब से इसका प्रयोग कर भुगतान किया जा सकता है एवं वस्तुओ एवं वस्तुओ का क्रय किया जा सकता है। छोटे शहरों में भी इसका प्रचलन तेजी से बढ़ा हैं ए०टी०एम० कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि इसी के उदाहरण हैं। 5. वस्तु मुद्रा क्या है ? उत्तर :- प्राचीनकाल में जब आधुनिक मुद्रा अर्थात् कागजी मुद्रा, धातु के मुद्रा के आगमन नहीं हुआ था तब पशुओं, खाद्यान्न इत्यादि को विनिमय का माध्यम बनाया जाता था जिसे वस्तु मुद्रा कहा जाता था। 6. धात्विक मुद्रा से आप क्या समझते हैं ? उत्तर :- वे मद्राएँ जिनके निर्माण के लिए विभिन्न प्रकार के धातुओं का प्रयोग किया जाता है धात्विक मुद्रा कहलाती है। प्राचीन काल में सोने एवं चाँदी से बनी धात्विक मद्रा का प्रचलन सबसे अधिक था। 7. मुद्रा किस प्रकार विनिमय का कार्य करती है ? उत्तर :- मद्रा. पास में रहने पर व्यक्ति कोई भी वस्त अथवा सेवा को अपनी जरूरत के अनुसार मात्रा तय करके मुद्रा के बदले प्राप्त कर लेता है। इस प्रकार मुद्रा विनिमय के माध्यम के रूप में कार्य करती है। 8. मुद्रा के आकस्मिक कार्यों का वर्णन करें ? उत्तर :- मुद्रा के आकस्मिक कार्य इस प्रकार से हैं (i) मुद्रा साख का आधार है क्योंकि इसी को आधार बनाकर साख-पत्र जारी होता है। 9 मदा आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की समस्या का समाधान कैसे करता है ? उदाहरण देकर समझावें । उत्तर :- मुद्रा के माध्यम से हम कोई भी वस्तु की खरीदारी अपनी जरूरत के अनुसार मूल्य का भुगतान करके कर सकते हैं। 10. राबर्टसन ने मुद्रा की सबसे बड़ी सफलता किसे बताया है ? उत्तर :- राबर्टसन के अनुसार, मुद्रा की सबसे बड़ी सफलता इस बात में है कि इसने उपभोक्ता के रूप में मनुष्य के क्रयशक्ति का सामान्यीकरण कर दिया है, जिससे समाज के प्रति वह अपनी स्वत्व भावना जिस रूप में उचित समझे व्यक्त कर सकता है। इससे मनुष्य अपनी आय को विभिन्न मदों में इस प्रकार व्यक्त करता है, जिससे कि उसे अधिकतम संतुष्टि प्राप्त हो। 11. मुद्रा देश कल्याण में कैसे मदद करती है ? उत्तर :- चूँकि मुद्रा द्वारा किसी देश की राष्ट्रीय आय से प्रति व्यक्ति आय की माप होती है। इस तरह मुद्रा कल्याण में मदद करती है। 12. मुद्रा के दो दोषों को बतावें। उत्तर :- मुद्रा के दो प्रमुख दोष हैं 13. वस्तु विनिमय क्या है ? उत्तर :- जब किसी वस्तु या सेवा का विनिमय किसी अन्य वस्तु या सेवा के साथ प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है तब इसे वस्तु विनिमय कहते हैं। इसके अंतगर्त वस्तुओं की प्रत्यक्ष अदला-बदली होती है। उदाहरण के लिए जब किसान गेंहू देकर जुलाहे से कपड़ा लेता है तब इसे वस्तु विनिमय कहेंगे। 14. विनिमय के सामान्यतः कितने रूप होते हैं ? उत्तर :- विनिमय के सामान्यतः दो रूप होते हैं (i) वस्तु विनिमय प्रणाली 15. वस्तु विनिमय प्रणाली की सबसे बड़ी समस्या क्या थी ? उत्तर :- इसकी सबसे बड़ी समस्या थी कि जब एक वस्तु को दूसरे वस्तु के बदले दिया जाता था तो उसका मूल्य निर्धारण कठिन होता था। अवसक्ता का दोहरा संयोग भी एक बड़ी समस्या थी। 16. विनिमय बिल क्या है ? उत्तर :- विनिमय बिल बिना शर्त का ऐसा लिखा आज्ञा-पत्र है जिसमें लिखे व्यक्ति को या उसके कि आदेशानुसार या उसके वाहक को उसमें लिखी रकम माँगने पर या एक निशिचत अवधि के बाद दे दे। 17. प्रो० हार्टले विदर्स ने मुद्रा को कैसे परिभाषित किया है ? उत्तर :- प्रो० हार्टले विदर्स के अनुसार “मुद्रा वह है जो मुद्रा का कार्य करती है।” मुद्रा विनिमय का माध्यम, ऋण भुगतान, संचय का साधन इत्यादि के रूप में कार्य करती है। 18. उपभोग किसे कहते हैं ? उत्तर :- कुल आय का वह भाग जो चालू वस्तुओं पर खर्च किया जाता है की उसे उपभोग (consumption) कहते हैं। 19. मूल्य के मापन में मुद्रा की भूमिका का उल्लेख करें ? उत्तर :- प्रारंभ से ही ऐसा कोई सर्वमान्य मापक नहीं होने के कारण मुद्रा कीआवश्यकता थी, जिसकी सहायता से सभी प्रकार के वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य को ठीक मापा जा सके। इस प्रकार मुद्रा के आविष्कार से वस्तु विनिमय की सारी कठिनाई दूर हो गई। 20. बचत क्या है ? उत्तर :- बचत आय का वह भाग है जिसका वर्तमान में उपभोग नहीं किया जाता है। उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति की मासिक आय 25000 रुपये है जिसमें से यदि 20000 रुपये वह वस्तुओं एवं सेवाओं के उपभोग पर खर्च करता है तो शेष 5000 रुपये उसकी बचत है। सूत्र के रूप में कुल आय उपभोग व्यय = बचत है। 21. साख क्या है ? उत्तर :- साख का अर्थ विशवास या भरोसा करना है। परंतु साख शब्द का यह व्यापक अर्थ है। जब हम किसी व्यक्ति या संस्था की साख का उल्लेख करते हैं तब इससे उसकी ईमानदारी तथा ऋण लौटाने की क्षमता का बोध होता है। जिस व्यक्ति को आसानी से ऋण या उधार मिल जाता है, हम कहते हैं कि उसकी साख अच्छी है। 22. क्रेडिट कार्ड क्या है ? उत्तर :- क्रेडिट कार्ड भी प्लास्टिक मुद्रा का एक रूप है। इसके माध्यम से कार्डधारक अतिरिक्त मुद्रा का भी निष्कासन अल्प अवधि के लिए कुछ शर्तों के साथ कर सकता है। जैसे—वीसा कार्ड, मास्टर कार्ड इत्यादि इसके उदाहरण हैं। 23. बैंक ड्राफ्ट क्या है ? उत्तर :- बैंक डाफ्ट वह पत्र है जो एक बैंक अपनी किसी शाखा या अन्य किसी बैंक को आदेश देता है कि पत्र में लिखी हुई राशि उसमें अंकित व्यक्ति को दे दी जाए। बैंक ड्राफ्ट के द्वारा आसानी से कम खर्च में ही एक रुपया एक स्थान से दूसरे स्थान भेजा जा सकता है। 24. चेक क्या है ? चेक साख पत्र है। कैसे ? उत्तर :- चेक एक प्रकार का लिखित आदेश है, जो बैंक में रुपया जमा करनेवाला अपने बैंक को देता है। साख की तरह ही मुद्रा का कार्य करता है। 25. ए० टी० एम० और क्रेडिट कार्ड के आगमन से उपभोक्ताओं को बहुत लाभ हुआ है, कैसे ? उत्तर :- इसने वस्तुओं की खरीददारी को अत्यंत सुलभ कर दिया है। उपभोक्ता अपनी आवश्यकता के अनुसार भुगतान कर सकता है। वह कहीं भी ए० टी० एम० बूथों की सहायता से मुद्रा की निकासी कर सकता है। उसकी बैंक के ऊपर निर्भरता कम हो गई है, क्रेडिट कार्ड ने भुगतान एवं खरीद को अत्यंत सुलभ कर दिया है। 26. क्रेडिट कार्ड एवं ए०टी०एम० सह डेबिट कार्ड में क्या अंतर है ? उत्तर :- क्रेडिट कार्ड धारकों को बैंक द्वारा सुविधा प्रदान की जाती है कि वह एक निशिचत धन राशि के भीतर वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीददारी कर सकता है। इसमें जमा राशि से अधिक खर्च की कुछ शर्तों के साथ करने की सुविधा होती है। ए०टी०एम० सह डेबिट कार्ड धारक ग्राहक उतनी ही राशि बैंक से निकाल सकता है अथवा सेवा एवं वस्तुओं को खरीद सकता है जो उसके खाते में जमा है। 27. किसानों को साख अथवा ऋण की आवश्यकता क्यों होती है ? उत्तर :- बिहर की अर्थव्यवस्ता मुख्त: कूषि पर आधरित है यँहा लगभग 75 प्रतिशत लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि एवं इससे संबंधित लघु-कुटीर उद्योग से जुड़ हुए है। यहाँ के अधिकांश किसान छोटे या सीमांत किसान है इसलिए कृषि एवं उससे संबंधित उद्योगों के लिए पूँजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए साख या ऋण की आवश्यकता होती है। 28. साख के कौन-कौन से पक्ष होते हैं ? समझावें। उत्तर :- साख के दो पक्ष होते हैं ऋणी तथा ऋण देने वाला। 29. शिकारी युग में कौन-सी मुद्रा का प्रचलन था ? उत्तर :- शिकारी युग में किसी मद्रा का प्रचलन नहीं था, परंतु उस समय मानव ने मुद्रा के स्थान पर वस्तुओं का प्रयोग किया था इसलिए उसे वस्तु मुद्रा की संज्ञा दी गई है। शिकारी युग में जानवरों की खाल, पशुओं को भी मुद्रा के रूप में प्रयोग किया गया था। वस्तु मुद्रा क्या है?जब किसी एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु का लेना या देना होता है वह वस्तु विनिमय (Bartering) कहलाते हैं। जैसे एक गाय लेकर 10 बकरियाँ देना। इस पद्धति में विनिमय की सार्वजनिक (सर्वमान्य) इकाई अर्थात मुद्रा (रूपये-पैसे) का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
मुद्रा का वस्तु मूल्य क्या है?मुद्रा की इकाई के बदले में कितनी वस्तुओं और सेवाओं का क्रय किया जा सकता है, यही मुद्रा की क्रयशक्ति है और यही मुद्रा का मूल्य है।
मुद्रा से आप क्या समझते हैं इसके कार्यों को समझाइए?मुद्रा एक ऐसा मूल्यवान रिकॉर्ड है या आमतौर पर वस्तुओं और सेवाओं के लिए भुगतान के रूप में स्वीकार किया जाने वाला तथ्य है. यह सामाजिक-आर्थिक संदर्भ के अनुसार ऋण के पुनर्भुगतान के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. मुद्रा का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है लेनदेन को सुविधाजनक बनाना.
मुद्रा के प्रकार क्या है?मुद्रा - प्रणाली कसौटी मुद्रा का तीन प्रकार से वर्गीकरण करती है: 1. धातु मुद्रा; 2. कागज मुद्रा; और 3. साख मुद्रा ।
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