साँचा:Infobox drug class विटामिन ईसे आशय यौगिकों के एक समूह से है जिनमें टोकोफेरॉल और टोकोट्रॉयनॉल दोनों विद्यमान हों[1] यह खून में रेड बल्ड सेल या लाल रक्त कोशिका (Red Blood Cell) को बनाने के काम आता है। यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि मांस-पेशियां व अन्य कोशिकाएँ। यह शरीर को ऑक्सीजन के एक नुकसानदायक रूप से बचाता है, जिसे ऑक्सीजन रेडिकल्स (oxygen radicals) कहते हैं। इस गुण को एंटीओक्सिडेंट (anti-oxidants) कहा जाता है। विटामिन ई, सेल के अस्तित्व बनाय रखने के लिये, उनके बाहरी कवच या सेल मेमब्रेन को बनाए रखता है। विटामिन ई, शरीर के फैटी एसिड को भी संतुलन में रखता है। Show समय से पहले पैदा हुए नवजात शिशु में, विटामिन ई की कमी से खून की कमी हो जाती है। इससे उनमें रक्ताल्पता (एनेमिया) हो सकता है। बच्चों और वयस्क लोगों में, विटामिन ई की कमी से मस्तिक की तंत्रिकाओं की समस्या हो सकती है। अत्यधिक विटामिन ई लेने से रक्त कणिकाओं पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे की खून बहना या बीमारी होना सम्भव है। विटामिन ई के स्रोत[संपादित करें]कॉड मछली के यकृत के तेल से बने कैप्सूल
सन्दर्भ[संपादित करें]
विटामिन ई की कमी आमतौर पर विटामिन हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी होता है। इन विटामिनों में से विटामिन बी 1, बी 2, बी 3, बी 5, बी 6, बी 9, बी 12, सी, डी, ई और के शामिल हैं। इन विटामिनों में से विटामिन ई काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। चाहे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाए रखने की बात हो या शरीर को एलर्जी से भरपूर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखने में ये विटामिन ई जरूरी माना जाता है। कई लोगों को विटामिन ई की कमी के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शरीर में इसकी पूर्ति के लिए आपको कोई बड़ा काम नहीं करना है बल्कि अपने खानपान का ठीक से ध्यान रखना है। जानिए विटामिन ई की कमी होने के लक्षण और बचाव। विटामिन ईयह वसा में घुलनशील विटामिन है। जो एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। इसकी कमी का असर सीधे इम्यूनिटी सिस्टम, कोलेस्ट्राल और एलर्जी पर पड़ता है। Image Source : INSTRAGRAM/VAISPINEजोड़ों में दर्द विटामिन ई की कमी के लक्षण
विशाखापट्टनम गैस लीक: जहरीली गैस लीक हो जाए तो इन सावधानियों को बरतने से बचेगी जान विटामिन ई की कमी विटामिन ई की कमी के बचाव के उपायऐसी चीजों का अधिक से अधिक सेवन करें जिसमें विटामिन ई की मात्रा अधिक हो। सोयाबीन ऑयल आमतौर पर इसका इस्तेमाल खाना बनाने में किया जाता है। यह विटामिन ई का अच्था स्त्रोत माना जाता है। पालक बादाम बादाम मूंगफली एवोकाडो एवोकाडो सूरजमुखी
के बीज इस फूड्स के अलावा आप अपने आहार में विटामिन ई से भरपूर अंडे, सूखे मेवे, अखरोट, हरी पत्तेदार सब्जियां, शकरकंद, सरसों, शलजम, ब्रोकली, कड लीवर ऑयल, आम, पपीता, कद्दू, पॉपकार्न आदि शामिल कर सकते हैं। सख्त या थुलथुला, जानिए किस तरह का मोटापा है ज्यादा खतरनाक? Image Source : INSTRAGRAM/NUTRIDOCTORKEडायबिटीज विटामिन ई के लाभ
Latest Health News India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें हेल्थ सेक्शन विटामिन ई में कौन सा रोग पाया जाता है?विशेषज्ञ कहते हैं कि विटामिन-ई की कमी से शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता और इस वजह से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें ब्रेन हैमरेज और हार्ट अटैक आदि शामिल हैं। इसके अलावा विटामिन-ई की कमी से मानसिक विकार हो सकते हैं और इम्यूनिटी भी कमजोर हो सकती है।
विटामिन E किसकी कमी से होता है?विटामिन-ई की कमी से इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है.
यह एक मुख्य पोषक तत्व है, जो त्वचा और बालों को स्वस्थ रखता है. साथ ही हड्डियों, टिशूज को भी लंबी उम्र तक हेल्दी बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है. विटामिन-ई एक एंटीऑक्सिडेंट है, जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से भी बचाता है.
विटामिन ई की कमी से क्या परेशानी होती है?आंखों की कमजोरी: अगर आपके शरीर में विटामिन-ई की कमी हो गई है तो आंखों की कमजोरी महसूस होना और आंखों में स्ट्रेस भी पड़ेगा। 5. इम्यून सिस्टम से जुड़ी समस्याएं: अगर आपके शरीर में विटामिन-ई बहुत कम है तो इम्यून सिस्टम से जुड़ी बहुत सारी समस्याएं हो सकती हैं और खासतौर पर बढ़ती हुई उम्र के लोगों को इससे बचना चाहिए।
विटामिन E की अधिकता से क्या होता है?बच्चों और वयस्क लोगों में, विटामिन ई की कमी से मस्तिक की तंत्रिकाओं की समस्या हो सकती है। अत्यधिक विटामिन ई लेने से रक्त कणिकाओं पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे की खून बहना या बीमारी होना सम्भव है।
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