६ वेतन आयोग वेतन निर्धारण फार्मूला - 6 vetan aayog vetan nirdhaaran phaarmoola

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छठे वेतन आयोग ने अपनी सिफारिशें सौंपी

ेन्द्रीय कर्मियों के लिए छठे वेतन आयोग की शिफारिशें आज वित्तमंत्री को सौंप दी गई हैं। न्यायमूर्ति वीएन श्रीकृष्ण ने सोमवार को यह रिपोर्ट वित्त मंत्री पी चिदम्बरम को सौंप दी है। संभावना व्यक्त की जा...

६ वेतन आयोग वेतन निर्धारण फार्मूला - 6 vetan aayog vetan nirdhaaran phaarmoola

लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM

ेन्द्रीय कर्मियों के लिए छठे वेतन आयोग की शिफारिशें आज वित्तमंत्री को सौंप दी गई हैं। न्यायमूर्ति वीएन श्रीकृष्ण ने सोमवार को यह रिपोर्ट वित्त मंत्री पी चिदम्बरम को सौंप दी है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि वेतन आयोग की सिफारिश केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आयेगी। इस सिफारिश को लागू करने के बाद सरकार पर 22 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ने की संभावना है। आशा व्यक्त की जा रही है कि इन सिफारिशों से कर्मचारियों के एचआरए और यातायात भत्ता में बढ़ोत्तरी होगी। वहीं नगर भत्ते में किसी प्रकार के इजाफे की उम्मीद नहीं की जा रही है। सेक्रेटरी रैंक के अधिकारियों की बेसिक तनख्वाह 80 हजार, ग्रुप डी के कर्मचारियों की 8 हजार तथा ग्रुप सी के कर्मचारियों की 20 हजार होने की उम्मीद है। सरकार इस सिफारिश के जरिए निजी क्षेत्र को टक्कर देना चाहती है, जिससे लोगों का रूझान सरकारी नौकरियों की तरफ सकारात्मक हो सके। गौरतलब है कि निजी क्षेत्र में कर्मचारियों की आय और सरकारी कर्मचारियों की आय में एक बड़ा अंतर है, सरकार इसी को पाटना चाहती है। कई बार ऐसी खबरें आई हैं जिसमें बड़े प्रशासनिक अधिकारियों ने ज्यादा आय के लिए सरकारी नौकरी छोड़कर निजी क्षेत्र की आेर पलायन किया है। छठे वेतन आयोग ने केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नए वेतनमानों की सिफारिश करते हुए न्यूनतम वेतनमान 6660 रुपए और अधिकतम 80000 रुपए मासिक तय किया है। न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाले छठे वेतन आयोग ने नए वेतनमानों को जनवरी 2006 से लागू करने की सिफारिश अपनी रिपोर्ट में दी है। केन्द्र सरकार के अधिकारियों में सचिव और केबिनेट सचिव को अलग-अलग वेतनमान दिए गए हैं। कैबिनेट सचिव के लिए 0000 रुपए मासिक फिक्सड वेतन तय किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ए-1 श्रेणी के शहरों के लिए आवास भत्ता मौजूदा दर 30 प्रतिशत पर ही रहेगा लेकिन ए बी 1, बी 2 कैबिनेट श्रेणी के शहरों में यह भत्ता बढ़ाकर 20 प्रतिशत तथा सी श्रेणी तथा अन्य शहर जो किसी श्रेणी में नहीं आते उनके लिए आवास भत्ता 10 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक नए वेतनमान लागू करने से 2008-0में सरकार पर 12561 करोड़ रुपए का बोझ आएगा। आयोग ने कहा है कि यदि उसके द्वारा सुझाए गए उपायों को लागू किया गया तो 4586 करोड़ रुपए की बचत होगी और सरकार पर 7रोड़ रुपए का ही बोझ पड़ेगा। आयोग के अनुसार एरिअर के भुगतान पर 18060 करोड़ रुपए की एकबारगी अदायगी का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा।छठे वेतन आयोग ने केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नए वेतनमानों की सिफारिश करते हुए न्यूनतम वेतनमान 6660 रुपए और अधिकतम 80000 रुपए मासिक तय किया है। न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाले छठे वेतन आयोग ने नए वेतनमानों को जनवरी 2006 से लागू करने की सिफारिश अपनी रिपोर्ट में दी है। केन्द्र सरकार के अधिकारियों में सचिव और केबिनेट सचिव को अलग-अलग वेतनमान दिए गए हैं। कैबिनेट सचिव के लिए 0000 रुपए मासिक फिक्सड वेतन तय किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ए-1 श्रेणी के शहरों के लिए आवास भत्ता मौजूदा दर 30 प्रतिशत पर ही रहेगा लेकिन ए बी 1, बी 2 कैबिनेट श्रेणी के शहरों में यह भत्ता बढ़ाकर 20 प्रतिशत तथा सी श्रेणी तथा अन्य शहर जो किसी श्रेणी में नहीं आते उनके लिए आवास भत्ता 10 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक नए वेतनमान लागू करने से 2008-0में सरकार पर 12561 करोड़ रुपए का बोझ आएगा। आयोग ने कहा है कि यदि उसके द्वारा सुझाए गए उपायों को लागू किया गया तो 4586 करोड़ रुपए की बचत होगी और सरकार पर 7रोड़ रुपए का ही बोझ पड़ेगा। आयोग के अनुसार एरिअर के भुगतान पर 18060 करोड़ रुपए की एकबारगी अदायगी का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा।छठे वेतन आयोग ने केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नए वेतनमानों की सिफारिश करते हुए न्यूनतम वेतनमान 6660 रुपए और अधिकतम 80000 रुपए मासिक तय किया है। रिपोर्ट के मुताबिक छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक नए वेतनमान लागू करने से 2008-0में सरकार पर 12561 करोड़ रुपए का बोझ आएगा। आयोग ने कहा है कि यदि उसके द्वारा सुझाए गए उपायों को लागू किया गया तो 4586 करोड़ रुपए की बचत होगी और सरकार पर 7रोड़ रुपए का ही बोझ पड़ेगा। आयोग के अनुसार एरिअर के भुगतान पर 18060 करोड़ रुपए की एकबारगी अदायगी का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा। छठे वेतन आयोग ने केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नए वेतनमानों की सिफारिश करते हुए न्यूनतम वेतनमान 6660 रुपए और अधिकतम 80000 रुपए मासिक तय किया है। न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाले छठे वेतन आयोग ने नए वेतनमानों को जनवरी 2006 से लागू करने की सिफारिश अपनी रिपोर्ट में दी है। केन्द्र सरकार के अधिकारियों में सचिव और केबिनेट सचिव को अलग-अलग वेतनमान दिए गए हैं। कैबिनेट सचिव के लिए 0000 रुपए मासिक फिक्सड वेतन तय किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ए-1 श्रेणी के शहरों के लिए आवास भत्ता मौजूदा दर 30 प्रतिशत पर ही रहेगा लेकिन ए बी 1, बी 2 कैबिनेट श्रेणी के शहरों में यह भत्ता बढ़ाकर 20 प्रतिशत तथा सी श्रेणी तथा अन्य शहर जो किसी श्रेणी में नहीं आते उनके लिए आवास भत्ता 10 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक नए वेतनमान लागू करने से 2008-0में सरकार पर 12561 करोड़ रुपए का बोझ आएगा। आयोग ने कहा है कि यदि उसके द्वारा सुझाए गए उपायों को लागू किया गया तो 4586 करोड़ रुपए की बचत होगी और सरकार पर 7रोड़ रुपए का ही बोझ पड़ेगा। आयोग के अनुसार एरिअर के भुगतान पर 18060 करोड़ रुपए की एकबारगी अदायगी का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा।छठे वेतन आयोग ने केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नए वेतनमानों की सिफारिश करते हुए न्यूनतम वेतनमान 6660 रुपए और अधिकतम 80000 रुपए मासिक तय किया है। न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाले छठे वेतन आयोग ने नए वेतनमानों को जनवरी 2006 से लागू करने की सिफारिश अपनी रिपोर्ट में दी है। केन्द्र सरकार के अधिकारियों में सचिव और केबिनेट सचिव को अलग-अलग वेतनमान दिए गए हैं। कैबिनेट सचिव के लिए 0000 रुपए मासिक फिक्सड वेतन तय किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ए-1 श्रेणी के शहरों के लिए आवास भत्ता मौजूदा दर 30 प्रतिशत पर ही रहेगा लेकिन ए बी 1, बी 2 कैबिनेट श्रेणी के शहरों में यह भत्ता बढ़ाकर 20 प्रतिशत तथा सी श्रेणी तथा अन्य शहर जो किसी श्रेणी में नहीं आते उनके लिए आवास भत्ता 10 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक नए वेतनमान लागू करने से 2008-0में सरकार पर 12561 करोड़ रुपए का बोझ आएगा। आयोग ने कहा है कि यदि उसके द्वारा सुझाए गए उपायों को लागू किया गया तो 4586 करोड़ रुपए की बचत होगी और सरकार पर 7रोड़ रुपए का ही बोझ पड़ेगा। आयोग के अनुसार एरिअर के भुगतान पर 18060 करोड़ रुपए की एकबारगी अदायगी का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा। केन्द्रीय कर्मचारियों के वेतनमान ग्रेड भी 35 से घटाकर 20 कर दिए गए हैं। इन 20 ग्रेडों को चार अलग-अलग पे बैंड- पीबी-1, पीबी-2, पीबी-3, पीबी-4 में बांटा गया हैं। पे बैंड के साथ पद के हिसाब से अलग-अलग ग्रेड पे भी रखी गई है। इससे ऊपर शीर्ष वेतनमान फिक्सड सचिव के लिए और इससे भी ऊपर एक अलग वेतनमान फिक्सड कैबिनेट सचिव के लिए रखा गया है। इस तरह नए वेतनमान के हिसाब से सरकारी नौकरी में सबसे निचले पद पर भर्ती के समय पीबी-एक के लिए 4860 रुपए का पे बैंक वेतन और 1800 रुपए की ग्रेड पे सहित कुल वेतनमान 6660 रुपए होगा। इसके ऊपर महंगाई और आवास भत्ता अलग से देय होगा और सालाना वेतनवृद्धि भी इसी वेतनमान के हिसाब से तय की जाएगी। पे बैंड और उसके साथ लागू पे ग्रेड को मिलाकर उसका ढाई प्रतिशत सालाना वेतनवृद्धि के रूप में लिया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी मामलों में सालाना वेतनवृद्धि का समय एक जुलाई होगा। किसी भी स्केल में छह महीने अथवा इससे अधिक रहने वाले कर्मचारी एक जुलाई को सालाना वेतनवृद्धि के योग्य होंगे। किसी भी श्रेणी के कर्मचारियों की पदोन्नति होने पर उसी पे बैंड में नए पद के हिसाब से ग्रेड पे बदल जाएगी।केन्द्रीय कर्मचारियों के वेतनमान ग्रेड भी 35 से घटाकर 20 कर दिए गए हैं। इन 20 ग्रेडों को चार अलग-अलग पे बैंड- पीबी-1, पीबी-2, पीबी-3, पीबी-4 में बांटा गया हैं। पे बैंड के साथ पद के हिसाब से अलग-अलग ग्रेड पे भी रखी गई है। इससे ऊपर शीर्ष वेतनमान फिक्सड सचिव के लिए और इससे भी ऊपर एक अलग वेतनमान फिक्सड कैबिनेट सचिव के लिए रखा गया है। इस तरह नए वेतनमान के हिसाब से सरकारी नौकरी में सबसे निचले पद पर भर्ती के समय पीबी-एक के लिए 4860 रुपए का पे बैंक वेतन और 1800 रुपए की ग्रेड पे सहित कुल वेतनमान 6660 रुपए होगा। इसके ऊपर महंगाई और आवास भत्ता अलग से देय होगा और सालाना वेतनवृद्धि भी इसी वेतनमान के हिसाब से तय की जाएगी। पे बैंड और उसके साथ लागू पे ग्रेड को मिलाकर उसका ढाई प्रतिशत सालाना वेतनवृद्धि के रूप में लिया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी मामलों में सालाना वेतनवृद्धि का समय एक जुलाई होगा। किसी भी स्केल में छह महीने अथवा इससे अधिक रहने वाले कर्मचारी एक जुलाई को सालाना वेतनवृद्धि के योग्य होंगे। किसी भी श्रेणी के कर्मचारियों की पदोन्नति होने पर उसी पे बैंड में नए पद के हिसाब से ग्रेड पे बदल जाएगी। केन्द्रीय कर्मचारियों के वेतनमान ग्रेड भी 35 से घटाकर 20 कर दिए गए हैं। इन 20 ग्रेडों को चार अलग-अलग पे बैंड- पीबी-1, पीबी-2, पीबी-3, पीबी-4 में बांटा गया हैं। पे बैंड के साथ पद के हिसाब से अलग-अलग ग्रेड पे भी रखी गई है। इससे ऊपर शीर्ष वेतनमान फिक्सड सचिव के लिए और इससे भी ऊपर एक अलग वेतनमान फिक्सड कैबिनेट सचिव के लिए रखा गया है। इस तरह नए वेतनमान के हिसाब से सरकारी नौकरी में सबसे निचले पद पर भर्ती के समय पीबी-एक के लिए 4860 रुपए का पे बैंक वेतन और 1800 रुपए की ग्रेड पे सहित कुल वेतनमान 6660 रुपए होगा। इसके ऊपर महंगाई और आवास भत्ता अलग से देय होगा और सालाना वेतनवृद्धि भी इसी वेतनमान के हिसाब से तय की जाएगी। पे बैंड और उसके साथ लागू पे ग्रेड को मिलाकर उसका ढाई प्रतिशत सालाना वेतनवृद्धि के रूप में लिया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी मामलों में सालाना वेतनवृद्धि का समय एक जुलाई होगा। किसी भी स्केल में छह महीने अथवा इससे अधिक रहने वाले कर्मचारी एक जुलाई को सालाना वेतनवृद्धि के योग्य होंगे। किसी भी श्रेणी के कर्मचारियों की पदोन्नति होने पर उसी पे बैंड में नए पद के हिसाब से ग्रेड पे बदल जाएगी।केन्द्रीय कर्मचारियों के वेतनमान ग्रेड भी 35 से घटाकर 20 कर दिए गए हैं। इन 20 ग्रेडों को चार अलग-अलग पे बैंड- पीबी-1, पीबी-2, पीबी-3, पीबी-4 में बांटा गया हैं। पे बैंड के साथ पद के हिसाब से अलग-अलग ग्रेड पे भी रखी गई है। इससे ऊपर शीर्ष वेतनमान फिक्सड सचिव के लिए और इससे भी ऊपर एक अलग वेतनमान फिक्सड कैबिनेट सचिव के लिए रखा गया है। इस तरह नए वेतनमान के हिसाब से सरकारी नौकरी में सबसे निचले पद पर भर्ती के समय पीबी-एक के लिए 4860 रुपए का पे बैंक वेतन और 1800 रुपए की ग्रेड पे सहित कुल वेतनमान 6660 रुपए होगा। इसके ऊपर महंगाई और आवास भत्ता अलग से देय होगा और सालाना वेतनवृद्धि भी इसी वेतनमान के हिसाब से तय की जाएगी। पे बैंड और उसके साथ लागू पे ग्रेड को मिलाकर उसका ढाई प्रतिशत सालाना वेतनवृद्धि के रूप में लिया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी मामलों में सालाना वेतनवृद्धि का समय एक जुलाई होगा। किसी भी स्केल में छह महीने अथवा इससे अधिक रहने वाले कर्मचारी एक जुलाई को सालाना वेतनवृद्धि के योग्य होंगे। किसी भी श्रेणी के कर्मचारियों की पदोन्नति होने पर उसी पे बैंड में नए पद के हिसाब से ग्रेड पे बदल जाएगी।

६ वेतन आयोग वेतन निर्धारण फार्मूला - 6 vetan aayog vetan nirdhaaran phaarmoola

MP वेतन निर्धारण कैसे किया जाता है?

उदाहरण के लिये समयमान वेतनमान की तारीख से पहले मूल वेतन 100/- रूपये ( बैंड वेतन 90 रूपये + ग्रेड वेतन 10 रूपये) है तो पहली वेतन वृद्धि की गणना 100/- रूपये पर की जायेगी, तथा दूसरी वेतन वृद्वि की राशि की गणना 93 /- रूपये पर की जायेगी । उदाहरण कमांक - 1 संलग्न है ।

छठा वेतन आयोग कब लागू किया गया?

भारत का 6वा केंद्रीय वेतन आयोग केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 20 जुलाई 2006 को मंजुर किया गया।

छठे वेतन आयोग का गठन किसकी अध्यक्षता में किया गया है?

जस्टिस बी. एन. श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में छठे वेतन आयोग ने मार्च में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी थीं जिसके मुताबिक केंद्र सरकार और सेना के सभी कर्मचारियों के वेतन में औसतन 28 फीसदी के इजाफे की सिफारिश की थी.

राजस्थान में कौन सा वेतन आयोग चल रहा है?

7 वें वेतन आयोग के कार्मिकों को पहले बढ़ाया था सीएम गहलोत के निर्णय से राज्य कर्मचारियों और पेशनर्स को 1 जुलाई 2022 से बढ़ा हुई डीए मिलेगा। जबकि महंगाई राहत का पेंशनर्स को एक जुलाई से नगद भुगतान होगा। बता दें गहलोत सरकार ने 7 वें वेतन आयोग के अतंर्गत कर्मचारियों को महंगाई भत्ता बढ़ाया था।