15 अगस्त को झंडा कब उतारना चाहिए? - 15 agast ko jhanda kab utaarana chaahie?

Flag Hoisting: भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो चुके हैं. 15 अगस्त 2022 को देश अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2022) मना रहा है. पूरा देश जश्न में डूबा है. आजादी के इस पर्व पर लाल किले (Red Fort) से लेकर सरकारी भवन, स्कूल-कॉलेज और कई जगह ध्वजारोहण (Flag Hoisting) होता है. ऐसे में एक सवाल है कि आजादी के 75 साल बाद अपने तिरंगे को कितना जानते हैं आप? क्या आपको ध्वजारोहण से जुड़े नियम-कानून के बारे में जानकारी है? अगर नहीं तो आइए इस स्वतंत्रता दिवस से पहले जानते हैं तिरंगे से जुड़ा नियम-कानून...

ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने में होता है अंतर

सबसे पहले और अहम बात आपको यह जान लेना चाहिए कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के दिन झंडा फहराने में बड़ा अंतर होता है. स्वतंत्रता दिवस के दिन झंडे को नीचे से रस्सी के सहारे खींचकर ऊपर ले जाया जाता है. इसके बाद इसे खोलकर फहराया जाता है. इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहते हैं. वहीं, गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी के मौके पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है और इसे खोलकर फहराया जाता है. इसे झंडा फहराना (Flag Unfurling) कहते हैं.

क्या कहता है ध्वजारोहण का नियम

  • तिरंगा हाथ से काते गए सूती, सिल्क या खादी के कपड़े से बना होना चाहिए. इसकी लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए.
  • अशोक चक्र का कोई तय माप नही है. इसमें सिर्फ 24 तिल्लियां होनी चाहिए.
  • झंडे को आधा झुकाकर कभी भी ध्वजारोहण नहीं करना चाहिए. बिना आदेश तिरंगा आधा नहीं फहराया जा सकता.
  • किसी को भी सलामी देने के लिए तिरंगे को झुकाया नहीं जा सकता.
  • तिरंगे में किसी तरह की तस्वीर, पेंटिंग या फोटोग्राफ्स का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.
  • राष्ट्रीय ध्वज के साथ किसी तरह की झेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. यह फटा या मैला नहीं होना चाहिए.
  • कागज का तिरंगा इस्तेमाल करने के बाद उसे किसी एकांत जगह पर रख दें, क्योंकि इसे इस्तेमाल के बाद कूड़े  या सड़क पर फेंकने से इसका अपमान माना जाता है.
  • पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी. अब हर घर तिरंगा अभियान के तहत सरकार ने 20 जुलाई 2022 को कानून में संशोधन करते हुए इस बार तिरंगे को किसी भी वक्त फहराने की अनुमति दी है. अब इसे दिन रात 24 घंटे फहराया जा सकता है. 
  • अगर कोई भी कोई व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते, इसे जलाते, गंदा करते, कुचलते या नियम के खिलाफ ध्वजारोहण करते पाया जाता है तो उसे 3 साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है. 

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लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवानी अवस्थी Updated Mon, 15 Aug 2022 12:12 AM IST

Independence Day 2022: भारत की आजादी का जश्न देशवासी धूमधाम से मना रहे हैं। 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजी हुकूमत की गुलामी से आजाद हो गया था। देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराना आसान नहीं था। इस स्वतंत्रता के लिए देश के कई वीर सपूतों ने अपनी जान हंसते हंसते गवां दी। कई आंदोलनों को अंग्रेजों को देश से निकालने के लिए चलाया गया, जिसमें राष्ट्र का बच्चा, बूढ़ा और औरतें भी शामिल हुईं। उसके बाद जब ब्रिटिश हुकूमत ने भारत सरकार को अस्तित्व में आने की मंजूरी देते हुए अपने देश लौटने का फैसला किया तो हर भारतीय ने अपने लक्ष्य को पा लिया। 15 अगस्त 1947 के दिन भारत आजाद हुआ। लाल किले से तिरंगा फहराकर देश ने खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया। इसके बाद से हर साल लाल किले से प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। इसके अलावा 15 अगस्त को सरकारी, गैर सरकारी कार्यालयों, स्कूलों में भी ध्वजारोहण किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि ध्वजारोहण करने का सही तरीका और नियम क्या है? ध्वजारोहण कैसे किया जाता है? आइए जानते हैं 15 अगस्त पर ध्वजारोहण के नियम कानून के बारे में।

कैसा है भारत का राष्ट्रीय ध्वज?

भारत का राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों का है। इसे तिरंगा कहते हैं। तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में श्वेत और सबसे नीचे हरा रंग होता है। श्वेत रंग पर नीले रंग का अशोक चक्र का चिन्ह होता है। अशोक चक्र में 24 तीलियां होती हैं। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के निर्माता पिंगली वेंकैया थे।

ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने में अंतर

सबसे पहले तो आपको ये पता होना चाहिए कि 15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाता है और 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाता है। ध्वजारोहण और झंडा फहराने के बीच एक बड़ा अंतर है। जब तिरंगे को नीचे से रस्सी के माध्यम से खींचकर फहराया जाता है, तो इसे ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहते हैं। लेकिन 26 जनवरी में तिरंगा ऊपर ही बंधा होता है, जिसे पूरा खोलकर फहराया जाता है। इसे झंडा फहराना (Flag Unfurling)  कहते हैं।

ध्वजारोहण के नियम कानून
 

  • भारतीय झंडा हाथ से काते गए, हाथ से बुने गए ऊनी/ सूती/ सिल्क या खादी के कपड़े से बना होना चाहिए। झंडे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 ही होना चाहिए।
  • ध्वजारोहण करते समय झंडे को आधा झुकाकर नहीं फहराना चाहिए। बिना आदेश तिरंगे को आधा नहीं फहराया जा सकता।
  • किसी को सलामी देने के लिए तिरंगे को झुकाया नहीं जा सकता।
  • राष्ट्रीय ध्वज में किसी तरह की तस्वीर, पेंटिंग या फोटोग्राफ का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
  • फटा हुआ और मैला झंडा प्रदर्शित नहीं कर सकते। ध्वज के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए।
  • राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए नहीं किया जा सकता है।
  • कागज के झंडे का चलन है लेकिन इस तरह के झंडे बाद में लोग फेंक देते हैं, ये पैरों के नीचे या कूड़े के ढेर में दिखाई देते हैं, जो राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है।कागज का तिरंगा उपयोग कर रहे हैं तो बाद में उसे मर्यादित तरीके से एकांत में रख दें।

तिरंगा फहराने का सही समय

राष्ट्रीय ध्वज को फहराने का एक समय होता है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही ध्वजारोहण कर सकते हैं। सूर्यास्त यानी शाम होने के बाद तिरंगे को उतार देना चाहिए। तिरंगे को हमेशा ऐसी जगह फहराएं, जहां से वह स्पष्ट दिखाई दे सके।

झंडा फहराने के बाद कब उतारना चाहिए?

हर घर तिरंगा अभियान ने हर व्यक्ति को मौका दिया कि वे अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सके। लेकिन, ध्वज को फहराते वक्त जितना सम्मान दिया जाता है, उतना ही उतारते वक्त भी दिया जाना चाहिए। तिरंगे को सम्मानपूर्वक उतारना चाहिए और उसके बाद उसे समेट कर सुरक्षित जगह रखा जाता है।

15 अगस्त के बाद झंडा कब उतारना चाहिए?

पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी. अब हर घर तिरंगा अभियान के तहत सरकार ने 20 जुलाई 2022 को कानून में संशोधन करते हुए इस बार तिरंगे को किसी भी वक्त फहराने की अनुमति दी है. अब इसे दिन रात 24 घंटे फहराया जा सकता है.

15 अगस्त का झंडा कितने बजे उतारा जाता है?

स्वतंत्रता दिवस 2022: ध्वजारोहण का समय गृह मंत्रालय के अनुसार स्वतंत्रता दिवस के फहराने का समय घोषित कर दिया गया है. सुबह 7.30 बजे पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण से पहले ध्वजारोहण समारोह होगा.

राष्ट्रीय ध्वज उतारने का समय क्या है?

तिरंगा फहराने का सही समय राष्ट्रीय ध्वज को फहराने का एक समय होता है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही ध्वजारोहण कर सकते हैं। सूर्यास्त यानी शाम होने के बाद तिरंगे को उतार देना चाहिए। तिरंगे को हमेशा ऐसी जगह फहराएं, जहां से वह स्पष्ट दिखाई दे सके।