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डेली न्यूज़
भारत में प्रवास, शुद्ध-प्रवास दर भारत में प्रवास का स्थानिक वितरण हाल ही में COVID- 19 महामारी के चलते लगाए गए 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद शहरों से भारी संख्या में प्रस्थान करने वाले उन प्रवासी कामगारों को चर्चा में ला दिया है, जो काम के लिये अपने गृह राज्यों से बाहर रहते हैं। मुख्य बिंदु:
भारत की जनगणना में प्रवास की गणना दो आधारों पर की जाती है:
प्रवास तथा व्यवसाय:
प्रवास का स्थानिक वितरण:
प्रवासी श्रमिकों की आय:
प्रवास एवं नगर:
शुद्ध-प्रवास दर(Net Migration Rate- NMR):
प्रवास तथा लैंगिकता में संबंध:
निष्कर्ष:
स्रोत: द हिंदू× भारत में प्रवास के आर्थिक परिणाम क्या है?प्रवास में क्रमिक वृद्धि: आर्थिक दृष्टिकोण से पिछले कई वर्षों में प्रवासन उत्पादन प्रक्रियाओं, प्रदान की गई सेवाओं के प्रतिमान में बदलाव और विभिन्न आर्थिक क्षेत्राधिकारों में मांग और अवसरों में वृद्धि के कारण देखा जाता है।
प्रवास क्या होता है भारत में प्रवास के कारणों और परिणामों की विस्तृत विवेचना कीजिए?pravas kise kahate hain -किसी कारण बस व्यक्ति अपने पूर्व निवास स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर जाकर बसने की प्रक्रिया को प्रवास कहा जाता है। इसमें कुछ दुरी तय करना तथा निवास स्थान में परिवर्तन प्रमुख प्रक्रिया होता है। जन्म दर और मृत्यु दर के अतिरिक्त एक और कारक या घटक है। जो जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करता है।
प्रवास के परिणाम क्या है?प्रवास के परिणामस्वरूप सामाजिक परिवर्तन घटित होता है। किसी भी समाज की जनसंख्या तीन आधारों पर परिवर्तित होती है, जन्म, मृत्यु, प्रवास। जन्म और मृत्यु जैविक कारक है। लेकिन प्रवास ऐसा कारक है जो सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक आधारों पर प्रभावित होता हैं।
प्रवास के सामाजिक परिणाम कौन से हैं?प्रवास के सकारात्मक सामाजिक-जनसांख्यिकीय परिणाम:
प्रवासन सामाजिक परिवर्तन के एजेंट के रूप में कार्य करता है, यह ग्रामीण क्षेत्रों में नए विचार, नई तकनीक, बालिका शिक्षा आदि लाता है। प्रवासन से विविध संस्कृतियों के लोगों का आपस में मिलन होता है जिससे एक मिश्रित संस्कृति का विकास होता है।
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