हेलो स्टूडेंट्स प्रेस में विद्युत धारा का मात्रक की परिभाषा लिखें तो यहां में प्रश्न में विद्युत धारा की मात्रा का परिभाषा पूछा गया है ठीक है तो सबसे पहले जान लेते हैं कि विद्युत धारा क्या होता है ठीक है तो हम जानते हैं कि आवेश प्रवाह की दर को ही हम क्या कहते हैं विद्युत धारा कहते हैं क्या कहते हैं आवेश प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं तथा विद्युत धारा आई बराबर क्या होता है होता है क्यों बेटे ठीक है जहां क्यों क्या होता है यह होता है आवेश और क्यों होता है हमारा समय तो यहां से धारा का मात्रक क्या हो जाएगा यहां क्यों क्या है यह है आवेश और आवेश का मात्रक क्या होता है होता है गुलाम ठीक है तो यहां से हो जाएगा गुलाम बटे टिकिया होता ही होता है हमारा समय और समय का मात्रक क्या होता है यह 10 सेकंड टिक है तो कूलाम प्रति सेकंड होता है एंपियर ठीक है तो विद्युत धारा का मात्रक क्या होता है Show
14 एंपियर तो यहां से हमें एंपियर का परिभाषा पूछा गया है ठीक है तो यहां से हम लिख सकते हैं कि एंपियर बराबर क्या हो जाएगा एंपियर बराबर योगा कूलाम प्रति सेकेंड क्या होगा कूलाम प्रति सेकंड तो यहां से हमें लिखना है एंपियर का परिभाषा तो यहां से मान लेते हैं कि यह एक चालक है ठीक है कोई चालक है कुछ इस प्रकार से और मान लेते हैं इस सड़क पर एक विभांतर आरोपित की है कुछ इस प्रकार से ठीक है तो और मालिक है कि इसमें आवेश क्यों प्रवाहित हो रहा है तो यहां से हम एंपियर को किस तरह से परिभाषित कर सकते हैं किसी चालक में 1 सेकंड में एक कूलाम आवेश आवेश प्रवाहित होता है तो उस में बहने वाली धारा को हम क्या 1 एंपियर कैंडी टिकट तो मान लेते हैं कि इस चालक में 1 सेकंड में एक कूलाम आवेश प्रवाहित होता है क्या होता है 1 सेकंड में एक कूलाम आवेश प्रवाहित होता है तो हम क्या कहेंगे इस में बहने वाली जो धारा हो कि उसका वैल्यू कहां 1 एंपियर कहेंगे ठीक है तो यहां से एंपियर का परिभाषा क्या हो जाएगा किसी चालक में 1 सेकंड में एक कूलाम आवेश प्रवाहित होता है तो उस में बहने वाली धारा का मान 1 एंपियर होता है ठीक है तो यह होता है विद्युत धारा का मात्रक एंपियर का परिभाषा जो हमें प्रश्न पूछा गया था धन्यवाद Solution : विद्युत् धारा का S.I. मात्रक ऐम्पियर होता है। <br> ऐम्पियर की परिभाषा-जब एक चालक के अनुप्रस्थ काट में से 1 सेकंड में 1 कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है, तब उस चालक में से प्रवाहित विद्युत्धारा की मात्रा 1 ऐम्पियर कहलाती है।
आवेशों के प्रवाह की दिशा से धारा की दिशा निर्धारित होती है। विद्युत आवेश के गति या प्रवाह में होने पर उसे विद्युत धारा (इलेक्ट्रिक करेण्ट) कहते हैं। मात्रात्मक रूप से, आवेश के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं। इसका SI मात्रक एम्पीयर है। एक कूलांम प्रति सेकेण्ड की दर से प्रवाहित विद्युत आवेश को एक एम्पीयर धारा कहेंगे। परिभाषा[संपादित करें]
किसी सतह, जैसे किसी तांबे के चालक के खंड (cross-section) से प्रवाहित विद्युत धारा की मात्रा (एम्पीयर में मापी गई) को परिभाषित किया जा सकता है। यदि किसी चालक के किसी अनुप्रस्थ काट से Q कूलम्ब का आवेश t समय में निकला; तो औसत धारा मापन का समय t को शून्य (rending to zero) बनाकर, हमें तत्क्षण धारा i(t) मिलती है : I = Q / t (यदि धारा समय के साथ अपरिवर्ती हो)विद्युत धारा की SI इकाई एम्पीयर है। परिपथों की विद्युत धारा मापने के लिए जिस यंत्र का उपयोग करते हैं उसे एमीटर कहते हैं। एम्पीयर की परिभाषा: किसी विद्युत परिपथ में 1 कूलॉम आवेश 1 सेकण्ड में प्रवाहित होता है तो उस परिपथ में विद्युत धारा का मान 1 एम्पीयर होता है। उदाहरणकिसी तार में 10 सेकण्ड में 50 कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है तो उस तार में प्रवाहित विद्युत धारा का मान 50 कूलॉम / 10 सेकण्ड = 5 एम्पीयर एक धात्विक तार विद्युत चालन हेतु अनेक तारों में बंटा हुआ तांबे का तार धारा घनत्व[संपादित करें]इकाई क्षेत्रफल से प्रवाहित होने वाली धारा की मात्रा को धारा घनत्व (करेंट डेन्सिटी) कहते हैं। इससे J से प्रदर्शित करते हैं। यदि किसी चालक से I धारा प्रवाहित हो रही है और धारा के प्रवाह के लम्बवत उस चालक का क्षेत्रफल A हो तो, धारा घनत्व इसकी इकाई एम्पीयर / वर्ग मीटर होती है। यहाँ यह मान लिया गया है कि धारा घनत्व, चालक के पूरे अनुप्रस्थ क्षेत्रफल पर एक समान है। किन्तु अधिकांश स्थितियों में ऐसा नहीं होता है। उदाहरण के लिये जब ही चालक से बहुत अधिक आवृति की प्रत्यावर्ती धारा (जैसे १ मेगा हर्ट्स की प्रत्यावर्ती धारा) प्रवाहित होती है तो उसके बाहरी सतक के पास धारा घनत्व अधिक होता है तथा ज्यों-ज्यों सतह से भीतर केन्द्र की ओर जाते हैं, धारा घनत्व कम होता जाता है। इसी कारण अधिक आवृति की धारा के लिये मोटे चालक बनाने के बजाय बहुत ही कम मोटाइ के तार बनाये जाते हैं। इससे तार में नम्यता (फ्लेक्सिबिलिटी) भी आती है। ओम का नियम[संपादित करें]ओम के नियम के अनुसार, एक आदर्श प्रतिरोधक में प्रवाहित धारा, विभवान्तर के समानुपाती होती है। दूसरे शब्दों में, जहाँ I धारा, (एम्पीयर में)V विभवांतर, (वोल्ट में)R प्रतिरोध, (ओह्म में)है। परम्परागत धारा[संपादित करें]विद्युत धारा की दिशा : परम्परागत रूप से धनात्मक आवेश को प्रवाह की दिशा में माना जाता है। अतः इलेक्ट्रानों के प्रवाह की दिशा के विपरीत दिशा ही धारा की दिशा है। धारा के उदाहरण[संपादित करें]प्राकृतिक उदाहरण हैं आकाशीय विद्युत या तड़ित (दामिनी) एवं सौर वायु, जो उत्तरीय ध्रुवप्रभा एवं दक्षिणीय ध्रुवप्रभा का कि स्रोत है। धारा का मानवनिर्मित रूप है- धात्वक चालकों में आवेशित इलेक्ट्रॉन का प्रवाह, जैसे शिरोपरि विद्युत प्रसारण तार लम्बे दूरी हेतु, एवं छोटे विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में विद्युत तार। बैटरी के अंदर भी इलैक्ट्रॉन का प्रवाह होता है। विद्युतचुम्बकत्व[संपादित करें]विद्युत प्रवाह चुम्बकीय क्षेत्र बनाता है। चुम्बकीय क्षेत्र को चालक तार को घेरे हुए, घुमावदार क्षेत्रीय रेखाओं द्वारा आभासित किया जा सकता है। विद्युत धारा को सीधे एमीटर से मापा जा सकता है। परंतु इस प्रक्रिया में परिपथ को तोड़ना पड़ता है। धारा को बिना परिपथ को तोड़े भी, उसके चुम्बकीय क्षेत्र को माप कर, नापा जा सकता है। ये उपकरण हैं, हॉल प्रभाव संवेदक, करंट क्लैम्प, रोगोव्स्की कुण्डली। विद्युत सुरक्षा[संपादित करें]सन्दर्भ[संपादित करें]इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कङियाँ[संपादित करें]
विद्युत धारा किसे कहते हैं इसका मात्रक क्या है?विद्युत धारा की SI इकाई एम्पीयर है। परिपथों की विद्युत धारा मापने के लिए जिस यंत्र का उपयोग करते हैं उसे एमीटर कहते हैं। एम्पीयर की परिभाषा: किसी विद्युत परिपथ में 1 कूलॉम आवेश 1 सेकण्ड में प्रवाहित होता है तो उस परिपथ में विद्युत धारा का मान 1 एम्पीयर होता है।
विद्युत की परिभाषा क्या है?विद्युत चल अथवा अचल इलेक्ट्रान या प्रोटान से सम्बद्ध एक भौतिक घटना है। किसी चालक में विद्युत आवेशों के बहाव से उत्पन्न उर्जा को विद्युत कहते हैं। विद्युत-आवेश के प्रवाह अर्थात विद्युत-आवेशित कणों के किसी निश्चित दिशा मे गति करने को 'विद्युत-धारा' कहते हैं ।
विद्युत धारा से क्या तात्पर्य है इसका सूत्र एवं मात्रक लिखिए?एक एम्पियर विधुत धारा की परिभाषा ( vidhut dhara ki paribhasa ) vidyut dhara kise kahate hain. यदि किसी परिपथ में एक सेकेंड में एक कुलाम आवेश का प्रवाह हो तो प्रवाहित विधुत धारा का मान एक एम्पियर होगा। तब अतः जब 1sec में 6.25×10¹⁸ इलेक्ट्रॉन का प्रवाह होता है तो विधुत धारा का मान एक एम्पियर होगा।
विद्युत धारा कितने प्रकार के होते हैं?Solution : दो प्रकार की - (i) ए सी (प्रत्यावर्ती धारा) (ii) डी सी (दिष्ट धारा)।
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